17-01-2019, 07:44 PM
रोहन ने बिंदिया से कहा- “आइसक्रीम को एक तरफ से तुम खाओ दूसरी तरफ से मैं खाता हूँ..”
बिंदिया एक तरफ से आइसक्रीम को अपनी जीभ से चाटने लगी, रोहन दूसरी तरफ से उसे चाटने लगा। ऐसे चाटते हुए दोनों की जीभे कभी-कभी एक दूसरे से टकरा रही थी। अचानक रोहन ने बची हुई आइसक्रीम से अपना हाथ हटा दिया और वो नीचे गिर गई। बिंदिया की जीभ सीधे आकर रोहन के मुँह में घुस गई। रोहन उसकी नाजुक जीभ को अपने होंठों से चूसने लगा। बिंदिया ने अपने हाथ रोहन के बालों में डाल दिए और दोनों न जाने कितनी देर तक एक दूसरे के होंठों को चूसते रहे। वो एक दूसरे में खो चुके थे।
कुछ देर बाद बिंदिया की साँस अटकने लगी और उसने अपना मुँह रोहन से जुदा किया। वो बुरी तरह हाँफ रही थी और उसकी चूचियां ऊपर-नीचे हो रही थीं। रोहन शरारत से अपनी जीभ निकालकर अपने होंठों पर फेरने लगा। बिंदिया का चेहरा उत्तेजना के मारे लाल हो चुका था।
बिंदिया ने अपनी साँसें ठीक करते हुए रोहन से कहा- “अब चलो बहुत देर हो गई है...”
रोहन ने बिंदिया को बाइक पर लेजाकर उसे शापिंग कराई और घर पर छोड़ दिया।
बिंदिया के आते ही मैं उसके कमरे में चली गई और उसे छेड़ने लगी- “वाह... बिंदिया आज तो आपने बड़ी शापिंग की है, सिर्फ शापिंग ही की या कुछ और भी किया है?”
बिंदिया ने गुस्से से मुझे मुक्का मारते हुए कहा- “तुम सुधरोगी नहीं, हमने सिर्फ शापिंग की है.”
हम कुछ देर बातें करते रहे और ऐसे ही टाइम गुजरता गया और रात हो गई। खाना खाकर सब अपने कमरे में सोने चले गये। मैं बाथरूम में जाकर नहाने लगी। मैं सोच रही थी की पार्टी में न जाने क्या होगा? मैं आज तक किसी पार्टी में नहीं गई थी। मेरा सारा जिश्म तपकर आग बन चुका था। शावर ओन करते ही ठंडा पानी मेरे बालों पर गिरकर चूचियों से होता हुआ मेरे सारे जिश्म को भिगोने लगा। मेरा गर्म जिश्म ठंडा पानी पड़ने से उत्तेजना के मारे और गर्म होने लगा। मैं अपना हाथ नीचे लेजाकर अपनी चूत को सहलाने लगी और दूसरे हाथ से अपनी चूचियों को दबाने लगी।
मेरी चूचियों के दाने तनकर पत्थर की तरह सख़्त हो गये थे। मैंने अपनी एक उंगली चूत में डाल दी और आगेपीछे करने लगी। मैं बहुत ज्यादा गरम हो चुकी थी। मेरे सारे जिम में आग लगी हुई थी। अब मैं अपनी दो उंगलियां चूत में डालकर आगे-पीछे करने लगी।
बिंदिया एक तरफ से आइसक्रीम को अपनी जीभ से चाटने लगी, रोहन दूसरी तरफ से उसे चाटने लगा। ऐसे चाटते हुए दोनों की जीभे कभी-कभी एक दूसरे से टकरा रही थी। अचानक रोहन ने बची हुई आइसक्रीम से अपना हाथ हटा दिया और वो नीचे गिर गई। बिंदिया की जीभ सीधे आकर रोहन के मुँह में घुस गई। रोहन उसकी नाजुक जीभ को अपने होंठों से चूसने लगा। बिंदिया ने अपने हाथ रोहन के बालों में डाल दिए और दोनों न जाने कितनी देर तक एक दूसरे के होंठों को चूसते रहे। वो एक दूसरे में खो चुके थे।
कुछ देर बाद बिंदिया की साँस अटकने लगी और उसने अपना मुँह रोहन से जुदा किया। वो बुरी तरह हाँफ रही थी और उसकी चूचियां ऊपर-नीचे हो रही थीं। रोहन शरारत से अपनी जीभ निकालकर अपने होंठों पर फेरने लगा। बिंदिया का चेहरा उत्तेजना के मारे लाल हो चुका था।
बिंदिया ने अपनी साँसें ठीक करते हुए रोहन से कहा- “अब चलो बहुत देर हो गई है...”
रोहन ने बिंदिया को बाइक पर लेजाकर उसे शापिंग कराई और घर पर छोड़ दिया।
बिंदिया के आते ही मैं उसके कमरे में चली गई और उसे छेड़ने लगी- “वाह... बिंदिया आज तो आपने बड़ी शापिंग की है, सिर्फ शापिंग ही की या कुछ और भी किया है?”
बिंदिया ने गुस्से से मुझे मुक्का मारते हुए कहा- “तुम सुधरोगी नहीं, हमने सिर्फ शापिंग की है.”
हम कुछ देर बातें करते रहे और ऐसे ही टाइम गुजरता गया और रात हो गई। खाना खाकर सब अपने कमरे में सोने चले गये। मैं बाथरूम में जाकर नहाने लगी। मैं सोच रही थी की पार्टी में न जाने क्या होगा? मैं आज तक किसी पार्टी में नहीं गई थी। मेरा सारा जिश्म तपकर आग बन चुका था। शावर ओन करते ही ठंडा पानी मेरे बालों पर गिरकर चूचियों से होता हुआ मेरे सारे जिश्म को भिगोने लगा। मेरा गर्म जिश्म ठंडा पानी पड़ने से उत्तेजना के मारे और गर्म होने लगा। मैं अपना हाथ नीचे लेजाकर अपनी चूत को सहलाने लगी और दूसरे हाथ से अपनी चूचियों को दबाने लगी।
मेरी चूचियों के दाने तनकर पत्थर की तरह सख़्त हो गये थे। मैंने अपनी एक उंगली चूत में डाल दी और आगेपीछे करने लगी। मैं बहुत ज्यादा गरम हो चुकी थी। मेरे सारे जिम में आग लगी हुई थी। अब मैं अपनी दो उंगलियां चूत में डालकर आगे-पीछे करने लगी।


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