14-10-2019, 06:18 PM
(This post was last modified: 14-10-2019, 07:56 PM by komaalrani. Edited 2 times in total. Edited 2 times in total.)
कन्या काम क्रीड़ा
![[Image: tumblr-mcrxbq5-GXB1qdlc39o1-500.gif]](https://i.ibb.co/bFSmRM3/tumblr-mcrxbq5-GXB1qdlc39o1-500.gif)
अब गीता और मंजू बाई एकदूसरे से संवाद में मगन हो गयीं थीं।
…………
" बुरचोदी , तेरे इन थनो से बहुत दूध छलकता रहता है न ,बहुत जुबना उठा उठा के चलती है न छिनार , देख आज अपने बेटे से कैसे इन्हें रगड़वाती मसलवाती हूँ .... दबा दबा के चूस चूस के ये सारा रस निकाल देगा तेरा। "
मंजू बाई ने गीता की कड़ी कड़ी किशोर चूँचियों को दबाते मसलते छेड़ा ,
फिर गीता क्यों छोड़ती उसने भी अपनी माँ की बड़ी बड़ी मस्त चूँचियों को पकड़ के रगड़ना शुरू कर दिया और चिढाया
![[Image: lez-nip-tumblr-oebe4m-D7-DS1u36wjlo1-500.gif]](https://i.ibb.co/x8qBhBW/lez-nip-tumblr-oebe4m-D7-DS1u36wjlo1-500.gif)
" अरी माँ सच में ज़माना हो गया किसी मर्द का हाथ पड़े इन छातियों पे ,तरस गयी थी मैं , लेकिन अब देख आज तेरे बेटे से क्या क्या करवाती हूँ ,
क्या क्या कहाँ कहाँ का रस उसे पिलाती हूँ ,सीधे से नहीं पियेगा तो हाथ पैर बाँध कर , छोटी बहन हूँ थोड़ा जबरदस्ती का हक़ तो बनता है ,
लेकिन माँ मेरा भाई तेरी इन बड़ी बड़ी चूचियों का दीवाना है आज देख कैसे रगड़ रगड़ के इसका रस निकालता है वो ,
और वो तो बाद में रगड़ेगा पहले उसकी छोटी बहन से तो रगड़वा ले ,बचपन की सब चूची मसलाई भूल जायेगी। "
और गीता ने सचमुच इत्ती जोर जोर से ,
और जवाब में मंजू ने भी
क्या मस्त कन्या काम क्रीड़ा शुरू हो गयी थी।
![[Image: lez-action-G.gif]](https://i.ibb.co/bHb0YzZ/lez-action-G.gif)
किसी भी नीली पीली फिल्म से हॉट ,मस्त
फिल्मो में तो बहुत कुछ मशीनी ,व्यवसायिक ढंग से , ये फिर ,ये फिर ये ,...
लेकिन जो पैशन , जो जोश ,जो राग ,जो अनुराग ,जो आग यहाँ दिख रही थी ,न कहीं देखा न सूना।
गीता -नए नए आये जोबन से मदमाती , छरहरी ,किशोर,जोश में डूबी ,तगड़ी ,रस की पुतली।
मंजू बाई - बचपन की खेली खायी ,प्रौढा, भरी भरी देह ,गदराये ३८ डी डी वाले जोबन वाली , हर दांव पेंच में माहिर।
दोनों ने एक दूसरे को पकड़ रखा था ,दबोच रखा था इस ताकत से की लग रहा था की बस सारी हड्डी पसली टूट जायेगी।
देह से देह रगड़ती ,होंठ से होंठ रगड़ते ,
पहल गीता ने की ,
उसके नाजुक किशोर गुलाबी रस से छलकते होंठ , मंजू बाई के होंठों से सरकते फिसलते , सीधे बड़े बड़े कड़े कड़े जोबन पर
जोबन के उभारो के नीचे ,
होंठों ने पहले उन मांसल रस कलशों की परिक्रमा की ,चुम्बन अर्चन किया और फिर धीमे धीमे ऊपर की ओर ,
मंजू बाई के कंचे ऐसे निपल एकदम कड़े खड़े मस्ताए ,
![[Image: lez-hot-22.gif]](https://i.ibb.co/D4GGKg2/lez-hot-22.gif)
कुछ देर तक गीता की जीभ मंजू बाई के निपल्स फ्लिक करती रही ,उसके चारों ओर घूमती तड़पाती रही फिर एक झटके में ,
गीता के बाज ऐसे होंठों ने निपल झट से और पूरा निपल गीता के मखमली शोले ऐसे मुंह में ,
गीता जोर जोर से चूस रही थी ,चुभला रही थी।
गीता की देह भले जवान हो गयी हो ,उसके उभारो का कटाव ,कड़ापन आग लगाता हो पर उसके चेहरे पे अभी भी ,
वही भोलापन वही इनोसेंस ,
उरोजों की रगड़ा रगड़ी से कम मस्त नहीं था ,गीता -मंजू बाई के बीच चार आँखों का खेल ,
गीता की बड़ी बड़ी भोली भोली आँखे मंजू बाई को ललचा रही थीं ,उकसा रही थी।
और अपने छोटे कड़े जुबना वो मंजू बाई के होंठों के पास उचका रही थी ,ललचा रही थी ,
मंजू पास आती तो वो सरक जाती , कन्नी काट लेती चपल हिरनी की तरह ,
लेकिन मंजू बाई को इस लुका छिपी की आदत नहीं थी ,बचपन से वो खुला खेल फर्रुखाबादी खेलती थी ,
एक झटके में उसने गीता को पकड़ के निहुरा दिया जैसे कोई लौंडेबाज किसी लौंडे को जबरन निहुरा रहा हो गांड मारने को
या फिर डॉगी पोज में , कोई लड़की झुकी इन्तजार कर रही हो लन्ड खाने को
मंजू बाई के बड़े बड़े गदराये जोबन अब गीता की चिकनी पीठ पर फिसल रहे थे ,
![[Image: boobs-tumblr-nctllu2-Ge-W1s9hyixo1-500.jpg]](https://i.ibb.co/mBZ8jJ8/boobs-tumblr-nctllu2-Ge-W1s9hyixo1-500.jpg)
शोल्डर ब्लेड्स से गीता के भारी भारी नितम्बो तक ,
और एक झटके से मंजू बाई ने निहुरी झुकी , गीता के उभार पकड़ लिए ,
क्या कोई मरद मसलेगा , जिस तरह मंजू बाई गीता की किशोर छोटी छोटी कड़ी कड़ी चूंचियां मसल रही थीं।
![[Image: boobs-massage-11944010.gif]](https://i.ibb.co/2MpZSPC/boobs-massage-11944010.gif)
और ये कन्या क्रीड़ा देख कर उनका औजार कब से एक दम पत्थर का हुआ तना खड़ा था।
मंजू बाई ने अपना दूसरा हाथ गीता की फैली मखमली खुली जाँघों के बीच घुसेड़ा और सीधे गीता की चूत भींच ली।
मंजू बाई की हथेली उसे मसल रही थी ,रगड़ रही थी , गीता की कच्ची किशोर चूत पिघल रही थी
और एक झटके में मंजू बाई बाई ने पेल दी ,एक नहीं दो उँगलियाँ एक साथ
![[Image: pussy-fingering-J-15880638.gif]](https://i.ibb.co/XLKkdgR/pussy-fingering-J-15880638.gif)
गीता चीख उठी ,फिर सिसकने लगी ,
मंजू बाई की उँगलियाँ जड़ तक धंसी ,कभी अंदर बाहर तो कभी गोल
उनकी निगाहैं बस गीता की चूत और मंजू बाई की उँगलियों से चिपकी।
सटासट गपागप ,सटासट गपागप
और अचानक मंजू बाई ने मीठे शीरे से डूबी ऊँगली निकाल कर उनके भूखे होंठों पर रगड़ दी ,
"ले साल्ले गांडू ,चाट अपनी बहन की चूत का रस , पक्का बहनचोद बनाउंगी तुझे मैं। बहन के रस से मीठा कुछ भी नहीं ,... "
और कुछ ही देर में वो रस से भीगी ऊँगली उनके मुंह में थी ,वो सपड़ सपड़
लेकिन मौके का फायदा उठाने में गीता का सानी नहीं था ,मछली की तरह वो फिसल निकली ,
अब मंजू बाई नीचे
गीता ऊपर
![[Image: sixty-nine-th.gif]](https://i.ibb.co/0tvNBh1/sixty-nine-th.gif)
क्लासिक 69 .
मंजू बाई की बुर में मुंह मारते , गीता बोली
" और माँ के भोंसडे का रस , ... "
" अरे पूछ ले न अपने यार से ,अपने भइय्या से अभी तो चूस चाट रहा था। "
मंजू बाई कौन मौका छोड़ने वाली थी ,नीचे से गीता की चूत चाटती वो बोली।
और साथ ही मौक़ा पा के मंजू बाई ने बाजी पलट दी थी ,अब वो ऊपर और गीता नीचे ,
लेकिन 69 के पोज में चूत चुसाई चल रही थी।
वो गीता के मुंह की ओर बैठे , अब मंजू बाई के खूब भारी बड़े बड़े ४० + चूतड़ एकदम उनके पास
![[Image: ass-hole-tumblr-p6ca6gv-BGE1qk09roo1-1280.jpg]](https://i.ibb.co/55pNDCF/ass-hole-tumblr-p6ca6gv-BGE1qk09roo1-1280.jpg)
और मंजू बाई की बुर के नीचे दबी गीता ने मदद की गुहार लगाई।
" भैया आओ न मेरा साथ दो ,चल हम दोनों मिल के माँ को झाड़ देते है। ये छिनार अभी झड़ी है इत्ता जल्दी नहीं झड़ेगी ,आओ न भईया "
वो बोली।
और गीता ने उनका हाथ पकड़ कर सीधे उनकी ऊँगली मंजू बाई की बुर में ,एक साथ दो उँगलियाँ ,
अब वो मंजू बाई की बुर में ऊँगली कर रहे थे और गीता मंजू बाई की बुर को पूरी ताकत से चूस रही थी। डबल अटैक।
उंगलिया उनकी मंजू बाई की बुर में घसर घसर अंदर बाहर हो रही थीं ,
लेकिन निगाहे उनकी मंजू बाई के गदराये भरे भरे मोटे नितम्बो से ही चिपकी थी ,ललचाती ,ललकती।
एकदम परफेक्ट , परफेक्ट ४० +
![[Image: tumblr-mcrxbq5-GXB1qdlc39o1-500.gif]](https://i.ibb.co/bFSmRM3/tumblr-mcrxbq5-GXB1qdlc39o1-500.gif)
अब गीता और मंजू बाई एकदूसरे से संवाद में मगन हो गयीं थीं।
…………
" बुरचोदी , तेरे इन थनो से बहुत दूध छलकता रहता है न ,बहुत जुबना उठा उठा के चलती है न छिनार , देख आज अपने बेटे से कैसे इन्हें रगड़वाती मसलवाती हूँ .... दबा दबा के चूस चूस के ये सारा रस निकाल देगा तेरा। "
मंजू बाई ने गीता की कड़ी कड़ी किशोर चूँचियों को दबाते मसलते छेड़ा ,
फिर गीता क्यों छोड़ती उसने भी अपनी माँ की बड़ी बड़ी मस्त चूँचियों को पकड़ के रगड़ना शुरू कर दिया और चिढाया
![[Image: lez-nip-tumblr-oebe4m-D7-DS1u36wjlo1-500.gif]](https://i.ibb.co/x8qBhBW/lez-nip-tumblr-oebe4m-D7-DS1u36wjlo1-500.gif)
" अरी माँ सच में ज़माना हो गया किसी मर्द का हाथ पड़े इन छातियों पे ,तरस गयी थी मैं , लेकिन अब देख आज तेरे बेटे से क्या क्या करवाती हूँ ,
क्या क्या कहाँ कहाँ का रस उसे पिलाती हूँ ,सीधे से नहीं पियेगा तो हाथ पैर बाँध कर , छोटी बहन हूँ थोड़ा जबरदस्ती का हक़ तो बनता है ,
लेकिन माँ मेरा भाई तेरी इन बड़ी बड़ी चूचियों का दीवाना है आज देख कैसे रगड़ रगड़ के इसका रस निकालता है वो ,
और वो तो बाद में रगड़ेगा पहले उसकी छोटी बहन से तो रगड़वा ले ,बचपन की सब चूची मसलाई भूल जायेगी। "
और गीता ने सचमुच इत्ती जोर जोर से ,
और जवाब में मंजू ने भी
क्या मस्त कन्या काम क्रीड़ा शुरू हो गयी थी।
![[Image: lez-action-G.gif]](https://i.ibb.co/bHb0YzZ/lez-action-G.gif)
किसी भी नीली पीली फिल्म से हॉट ,मस्त
फिल्मो में तो बहुत कुछ मशीनी ,व्यवसायिक ढंग से , ये फिर ,ये फिर ये ,...
लेकिन जो पैशन , जो जोश ,जो राग ,जो अनुराग ,जो आग यहाँ दिख रही थी ,न कहीं देखा न सूना।
गीता -नए नए आये जोबन से मदमाती , छरहरी ,किशोर,जोश में डूबी ,तगड़ी ,रस की पुतली।
मंजू बाई - बचपन की खेली खायी ,प्रौढा, भरी भरी देह ,गदराये ३८ डी डी वाले जोबन वाली , हर दांव पेंच में माहिर।
दोनों ने एक दूसरे को पकड़ रखा था ,दबोच रखा था इस ताकत से की लग रहा था की बस सारी हड्डी पसली टूट जायेगी।
देह से देह रगड़ती ,होंठ से होंठ रगड़ते ,
पहल गीता ने की ,
उसके नाजुक किशोर गुलाबी रस से छलकते होंठ , मंजू बाई के होंठों से सरकते फिसलते , सीधे बड़े बड़े कड़े कड़े जोबन पर
जोबन के उभारो के नीचे ,
होंठों ने पहले उन मांसल रस कलशों की परिक्रमा की ,चुम्बन अर्चन किया और फिर धीमे धीमे ऊपर की ओर ,
मंजू बाई के कंचे ऐसे निपल एकदम कड़े खड़े मस्ताए ,
![[Image: lez-hot-22.gif]](https://i.ibb.co/D4GGKg2/lez-hot-22.gif)
कुछ देर तक गीता की जीभ मंजू बाई के निपल्स फ्लिक करती रही ,उसके चारों ओर घूमती तड़पाती रही फिर एक झटके में ,
गीता के बाज ऐसे होंठों ने निपल झट से और पूरा निपल गीता के मखमली शोले ऐसे मुंह में ,
गीता जोर जोर से चूस रही थी ,चुभला रही थी।
गीता की देह भले जवान हो गयी हो ,उसके उभारो का कटाव ,कड़ापन आग लगाता हो पर उसके चेहरे पे अभी भी ,
वही भोलापन वही इनोसेंस ,
उरोजों की रगड़ा रगड़ी से कम मस्त नहीं था ,गीता -मंजू बाई के बीच चार आँखों का खेल ,
गीता की बड़ी बड़ी भोली भोली आँखे मंजू बाई को ललचा रही थीं ,उकसा रही थी।
और अपने छोटे कड़े जुबना वो मंजू बाई के होंठों के पास उचका रही थी ,ललचा रही थी ,
मंजू पास आती तो वो सरक जाती , कन्नी काट लेती चपल हिरनी की तरह ,
लेकिन मंजू बाई को इस लुका छिपी की आदत नहीं थी ,बचपन से वो खुला खेल फर्रुखाबादी खेलती थी ,
एक झटके में उसने गीता को पकड़ के निहुरा दिया जैसे कोई लौंडेबाज किसी लौंडे को जबरन निहुरा रहा हो गांड मारने को
या फिर डॉगी पोज में , कोई लड़की झुकी इन्तजार कर रही हो लन्ड खाने को
मंजू बाई के बड़े बड़े गदराये जोबन अब गीता की चिकनी पीठ पर फिसल रहे थे ,
![[Image: boobs-tumblr-nctllu2-Ge-W1s9hyixo1-500.jpg]](https://i.ibb.co/mBZ8jJ8/boobs-tumblr-nctllu2-Ge-W1s9hyixo1-500.jpg)
शोल्डर ब्लेड्स से गीता के भारी भारी नितम्बो तक ,
और एक झटके से मंजू बाई ने निहुरी झुकी , गीता के उभार पकड़ लिए ,
क्या कोई मरद मसलेगा , जिस तरह मंजू बाई गीता की किशोर छोटी छोटी कड़ी कड़ी चूंचियां मसल रही थीं।
![[Image: boobs-massage-11944010.gif]](https://i.ibb.co/2MpZSPC/boobs-massage-11944010.gif)
और ये कन्या क्रीड़ा देख कर उनका औजार कब से एक दम पत्थर का हुआ तना खड़ा था।
मंजू बाई ने अपना दूसरा हाथ गीता की फैली मखमली खुली जाँघों के बीच घुसेड़ा और सीधे गीता की चूत भींच ली।
मंजू बाई की हथेली उसे मसल रही थी ,रगड़ रही थी , गीता की कच्ची किशोर चूत पिघल रही थी
और एक झटके में मंजू बाई बाई ने पेल दी ,एक नहीं दो उँगलियाँ एक साथ
![[Image: pussy-fingering-J-15880638.gif]](https://i.ibb.co/XLKkdgR/pussy-fingering-J-15880638.gif)
गीता चीख उठी ,फिर सिसकने लगी ,
मंजू बाई की उँगलियाँ जड़ तक धंसी ,कभी अंदर बाहर तो कभी गोल
उनकी निगाहैं बस गीता की चूत और मंजू बाई की उँगलियों से चिपकी।
सटासट गपागप ,सटासट गपागप
और अचानक मंजू बाई ने मीठे शीरे से डूबी ऊँगली निकाल कर उनके भूखे होंठों पर रगड़ दी ,
"ले साल्ले गांडू ,चाट अपनी बहन की चूत का रस , पक्का बहनचोद बनाउंगी तुझे मैं। बहन के रस से मीठा कुछ भी नहीं ,... "
और कुछ ही देर में वो रस से भीगी ऊँगली उनके मुंह में थी ,वो सपड़ सपड़
लेकिन मौके का फायदा उठाने में गीता का सानी नहीं था ,मछली की तरह वो फिसल निकली ,
अब मंजू बाई नीचे
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![[Image: sixty-nine-th.gif]](https://i.ibb.co/0tvNBh1/sixty-nine-th.gif)
क्लासिक 69 .
मंजू बाई की बुर में मुंह मारते , गीता बोली
" और माँ के भोंसडे का रस , ... "
" अरे पूछ ले न अपने यार से ,अपने भइय्या से अभी तो चूस चाट रहा था। "
मंजू बाई कौन मौका छोड़ने वाली थी ,नीचे से गीता की चूत चाटती वो बोली।
और साथ ही मौक़ा पा के मंजू बाई ने बाजी पलट दी थी ,अब वो ऊपर और गीता नीचे ,
लेकिन 69 के पोज में चूत चुसाई चल रही थी।
वो गीता के मुंह की ओर बैठे , अब मंजू बाई के खूब भारी बड़े बड़े ४० + चूतड़ एकदम उनके पास
![[Image: ass-hole-tumblr-p6ca6gv-BGE1qk09roo1-1280.jpg]](https://i.ibb.co/55pNDCF/ass-hole-tumblr-p6ca6gv-BGE1qk09roo1-1280.jpg)
और मंजू बाई की बुर के नीचे दबी गीता ने मदद की गुहार लगाई।
" भैया आओ न मेरा साथ दो ,चल हम दोनों मिल के माँ को झाड़ देते है। ये छिनार अभी झड़ी है इत्ता जल्दी नहीं झड़ेगी ,आओ न भईया "
वो बोली।
और गीता ने उनका हाथ पकड़ कर सीधे उनकी ऊँगली मंजू बाई की बुर में ,एक साथ दो उँगलियाँ ,
अब वो मंजू बाई की बुर में ऊँगली कर रहे थे और गीता मंजू बाई की बुर को पूरी ताकत से चूस रही थी। डबल अटैक।
उंगलिया उनकी मंजू बाई की बुर में घसर घसर अंदर बाहर हो रही थीं ,
लेकिन निगाहे उनकी मंजू बाई के गदराये भरे भरे मोटे नितम्बो से ही चिपकी थी ,ललचाती ,ललकती।
एकदम परफेक्ट , परफेक्ट ४० +