16-01-2019, 09:25 PM
काजल की तरफ से चाल चलने और पत्ते देखने का काम केशव का ही था...इसलिए 2-2 ब्लाइंड के बाद केशव ने एकदम से डबल ब्लाइंड चल दी..उसकी देखा देखी बिल्लू और गणेश ने भी डबल ब्लाइंड चल दी..वो तो बस काजल को घूरने में लगे थे...
केशव ने फिर से ब्लाइंड का अमाउंट बड़ा दिया और 600 रुपय बीच मे फेंक दिए...अब गणेश की फटने लगी..उसने अपने पत्ते उठा लिए..और फिर कुछ सोचकर उसने 1200 बीच मे फेंके और चाल चल दी..
अब चाल बीच मे आ चुकी थी, इसलिए गणेश ने भी अपने पत्ते देख लिए..वो काफ़ी देर तक सोचता रहा और आख़िर मे जाकर उसने पेक ही कर दिया..
अब बारी थी काजल की...उसने केशव की तरफ़ देखा तो केशव ने 600 की ब्लाइंड फिर से चल दी..
बिल्लू ने भी 1200 की चाल रिपीट कर दी..
अब थी असली इम्तिहान की घड़ी...काजल के इम्तिहान की घड़ी...उसकी किस्मत के इम्तिहान की घड़ी..
केशव ने पत्ते उठाए ...उन्हे चूमा...और फिर एक-एक करते हुए उन्हे देखा..
पहला हुकुम का पत्ता था 10 नंबर..
दूसरा भी हुकुम का ही निकला ...बेगम...
अब तो केशव को पक्का विश्वास हो गया की उसके पास हुकुम का कलर आया है..
पर जैसे ही उसने तीसरा पत्ता देखा, लाल रंग देखकर उसका दिल टूट गया...
पर अगले ही पल वो खुशी से उछाल पड़ा...क्योंकि वो लाल रंग मे ही सही पर गुलाम था...
यानी उसके पास सीक़ुवेंस आया था...10,11,12..
उसने वो सब शो नही होने दिया...और बड़े ही आराम से बिल्लू की चाल से डबल चाल चलते हुए 2400 रुपय बीच मे फेंक दिए..
अब बिल्लू भी समझ चुका था की केशव के पास बाड़िया वाले पत्ते आए हैं...इसलिए उसने एकदम से डबल की चाल चली है...पर उसके पास भी पत्ते चाल चलने लायक थे, इसलिए वो अभी तक खेल रहा था...वो आगे चाल तो चलना नही चाहता था पर शो ज़रूर माँग लिया उसने...
केशव ने शो करते हुए अपने पत्ते सलीके से उसके सामने फेंक दिए...
उन्हे देखकर एक दर्द सा उभर आया बिल्लू के चेहरे पर...जैसे अक्सर जुआ हारने वाले के चेहरे पर आ जाता है..
उसने भी अपने पत्ते फेंक दिए..
उसके पास 9 का पेयर था..
और केशव ने हंसते हुए सारे पैसे अपनी तरफ खिसका लिए..
इतने सारे पैसे अपने सामने देखकर काजल खुशी से चिल्ला पड़ी..
वो लगभग 10 हज़ार थे , जो एक ही बार मे उनके पास आ गये थे..
हारने का गम मनाते हुए बिल्लू को काजल के उछलते हुए मुम्मो को देखकर कुछ देर के लिए सांत्वना ज़रूर मिली...पर उसका मूड खराब हो चुका था.
एकदम से काजल बोली : "मैं कुछ खाने के लिए लाती हूं अंदर से...''
और वो उठकर अंदर चली गयी..
उसके जाते ही केशव उसकी सीट पर आकर बैठ गया...ये सोचकर की एक गेम वो भी खेल ले, और हार जाए, ताकि वो खेलने के लिए बैठे रहे...वरना जुआरियों को हमेशा यही लगा रहता है की अगर कोई बड़ी गेम हार जाते हैं तो उसके बाद निकलने की सोचते हैं..
पर उसके बैठते ही बिल्लू एकदम से बोला : "अब तुम काजल को ही खेलने दो...ऐसे बीच मे बदल-2 कर मत खेलो...''
केशव चुपचाप उठ गया...और वापिस सोफे के हत्थे पर बैठ गया..
बिल्लू और गणेश एक तरफ ही बैठे थे...दोनो एक दूसरे के पास मुँह लेजाकर ख़ुसर फुसर करने लगे..
बिल्लू : "यार...ये तो मेरा बैठे-2 निकलवा कर रहेगी आज...साली बिना ब्रा के बैठी है सामने...मन तो कर रहा है की इसके मोटे-2 निप्पल पकड़कर ज़ोर से दबा दूं...''
गणेश फुसफुसाया : "हाँ यार...साली बिल्कुल सामने बैठकर ऐसे हिला रही है अपने दूधों को की मन कर रहा है उन्हे दबोचने का...साली रंडी लग रही है बिल्कुल....एक बार बस मिल जाए इसकी...ये सारे पैसे हारने का भी गम नही रहेगा...''
और दोनो खी-2 करते हुए हँसने लगे...
केशव उनकी बातें सुनने की कोशिश कर रहा था पर उसे कुछ सुनाई ही नही दे रहा था..
पर ये तो वो समझ ही चुका था की वो दोनो काजल के बारे मे ही बात कर रहे हैं..
केशव ने फिर से ब्लाइंड का अमाउंट बड़ा दिया और 600 रुपय बीच मे फेंक दिए...अब गणेश की फटने लगी..उसने अपने पत्ते उठा लिए..और फिर कुछ सोचकर उसने 1200 बीच मे फेंके और चाल चल दी..
अब चाल बीच मे आ चुकी थी, इसलिए गणेश ने भी अपने पत्ते देख लिए..वो काफ़ी देर तक सोचता रहा और आख़िर मे जाकर उसने पेक ही कर दिया..
अब बारी थी काजल की...उसने केशव की तरफ़ देखा तो केशव ने 600 की ब्लाइंड फिर से चल दी..
बिल्लू ने भी 1200 की चाल रिपीट कर दी..
अब थी असली इम्तिहान की घड़ी...काजल के इम्तिहान की घड़ी...उसकी किस्मत के इम्तिहान की घड़ी..
केशव ने पत्ते उठाए ...उन्हे चूमा...और फिर एक-एक करते हुए उन्हे देखा..
पहला हुकुम का पत्ता था 10 नंबर..
दूसरा भी हुकुम का ही निकला ...बेगम...
अब तो केशव को पक्का विश्वास हो गया की उसके पास हुकुम का कलर आया है..
पर जैसे ही उसने तीसरा पत्ता देखा, लाल रंग देखकर उसका दिल टूट गया...
पर अगले ही पल वो खुशी से उछाल पड़ा...क्योंकि वो लाल रंग मे ही सही पर गुलाम था...
यानी उसके पास सीक़ुवेंस आया था...10,11,12..
उसने वो सब शो नही होने दिया...और बड़े ही आराम से बिल्लू की चाल से डबल चाल चलते हुए 2400 रुपय बीच मे फेंक दिए..
अब बिल्लू भी समझ चुका था की केशव के पास बाड़िया वाले पत्ते आए हैं...इसलिए उसने एकदम से डबल की चाल चली है...पर उसके पास भी पत्ते चाल चलने लायक थे, इसलिए वो अभी तक खेल रहा था...वो आगे चाल तो चलना नही चाहता था पर शो ज़रूर माँग लिया उसने...
केशव ने शो करते हुए अपने पत्ते सलीके से उसके सामने फेंक दिए...
उन्हे देखकर एक दर्द सा उभर आया बिल्लू के चेहरे पर...जैसे अक्सर जुआ हारने वाले के चेहरे पर आ जाता है..
उसने भी अपने पत्ते फेंक दिए..
उसके पास 9 का पेयर था..
और केशव ने हंसते हुए सारे पैसे अपनी तरफ खिसका लिए..
इतने सारे पैसे अपने सामने देखकर काजल खुशी से चिल्ला पड़ी..
वो लगभग 10 हज़ार थे , जो एक ही बार मे उनके पास आ गये थे..
हारने का गम मनाते हुए बिल्लू को काजल के उछलते हुए मुम्मो को देखकर कुछ देर के लिए सांत्वना ज़रूर मिली...पर उसका मूड खराब हो चुका था.
एकदम से काजल बोली : "मैं कुछ खाने के लिए लाती हूं अंदर से...''
और वो उठकर अंदर चली गयी..
उसके जाते ही केशव उसकी सीट पर आकर बैठ गया...ये सोचकर की एक गेम वो भी खेल ले, और हार जाए, ताकि वो खेलने के लिए बैठे रहे...वरना जुआरियों को हमेशा यही लगा रहता है की अगर कोई बड़ी गेम हार जाते हैं तो उसके बाद निकलने की सोचते हैं..
पर उसके बैठते ही बिल्लू एकदम से बोला : "अब तुम काजल को ही खेलने दो...ऐसे बीच मे बदल-2 कर मत खेलो...''
केशव चुपचाप उठ गया...और वापिस सोफे के हत्थे पर बैठ गया..
बिल्लू और गणेश एक तरफ ही बैठे थे...दोनो एक दूसरे के पास मुँह लेजाकर ख़ुसर फुसर करने लगे..
बिल्लू : "यार...ये तो मेरा बैठे-2 निकलवा कर रहेगी आज...साली बिना ब्रा के बैठी है सामने...मन तो कर रहा है की इसके मोटे-2 निप्पल पकड़कर ज़ोर से दबा दूं...''
गणेश फुसफुसाया : "हाँ यार...साली बिल्कुल सामने बैठकर ऐसे हिला रही है अपने दूधों को की मन कर रहा है उन्हे दबोचने का...साली रंडी लग रही है बिल्कुल....एक बार बस मिल जाए इसकी...ये सारे पैसे हारने का भी गम नही रहेगा...''
और दोनो खी-2 करते हुए हँसने लगे...
केशव उनकी बातें सुनने की कोशिश कर रहा था पर उसे कुछ सुनाई ही नही दे रहा था..
पर ये तो वो समझ ही चुका था की वो दोनो काजल के बारे मे ही बात कर रहे हैं..