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Adultery रीमा की दबी वासना
सूर्यदेव बौखला  गया उसे पता था रीमा ही एक ऐसी चाबी है जो उसे जग्गू के बाप विलास के कहर से बचा सकती हैं अगर वो नहीं मिली तो विलास उसको जिन्दा नहीं छोड़े | आखिरकार अपने आदमियों को गली देता हुआ वो  खुद ही घटनास्थल की तरफ चल पड़ा| 


इधर अनिल और उनकी सिक्युरिटी फोर्स  फैक्ट्री के गेट पर पहुंच गई थी लेकिन वहां पर गार्डों ने उन्हें अंदर घुसने नहीं दिया क्योंकि सभी के सभी सिक्युरिटीवाले सादी वर्दी में थे अनिल  ने धमकाने की भी कोशिश करी लेकिन गार्ड  टस से मस नहीं हुए उसके बाद अनिल को लगा अब तो समस्या हो जाएगी उसके बाद में उन्होंने रोहित को फोन किया और सिक्युरिटी वाले ने अपने साहब को फोन किया काफी देर तक फोन पर इधर-उधर लोगों को फोन नंबर मिलाते रहे आखिरकार अनिल की वहां के कमिश्नर साहब से बात हो गई और उसके बाद कमिश्नर के फोन पर लोकल सिक्युरिटी अनिल की मदद करने के लिए आई | उन्होंने गार्डों को धमकाया, गार्डो ने सीधे सूर्यदेव को फ़ोन मिला दिया | सूर्यदेव ने फ़ोन नहीं उठाया | गार्ड अपनी जगह पर अड़ गए और पोलिस को मजबूरन अपने असली रूप में आना पड़ा | गार्डो को पकड़ने और काबू करने के बाद  अंदर जाकर के जब उन्होंने पूरी फैक्ट्री की तलाशी ली तो उन्हें कुछ नहीं मिला हालांकि जिस जगह से सिग्नल आया था अनिल सीधे वही गए बाकी सिक्युरिटीवाले पूरी फैक्ट्री की तलाशी लेने लगे | अनिल को वह सैंडल रीमा की मिल गई थी लेकिन रीमा वहां नहीं थी | | अनिल  ने काफी देर तक सब कुछ बारीकी से देखने के बाद  वहां से लौट आए वो पूरी तरह से निराश हो चुके थे आखिर रीमा यहां थी तो कहां गई | गार्डो को पता होना चाहिए | गार्डो को नहीं पता होगा तो किसको पता होगा | गार्डो पर पोलिस के लाठी डंडे बरसने लगे | कुछ ही देर में गार्डो ने मुहँ खोल दिया | 

अनिल हैरान थे रीमा यहाँ से इतनी खतरनाक जगह से भाग निकली | उस गार्ड को पकड़कर लाने के लिए पोलिस ने छापे मारने शुरु कर दिए |  इधर सूर्यदेव को फैक्ट्री में पोलिस के छापे की खबर लग गयी | जब सूर्य देव को पता चला कि सिक्युरिटी जो है वह किसी बाहर के आदमी को उसकी फैक्ट्री में लेकर गई है तो वह आगबबूला हो गया था  पूरी बात पता चलने के बाद में उसका गुस्सा कुछ कम हुआ लेकिन उसने गुस्से में आकर के गार्ड और महिला गार्ड दोनों को मौत का फरमान सुना दिया था क्योंकि उन्हीं दोनों के कारण यहां से रीमा भाग कर गई थी आखिरकार गार्ड को सूर्य देव के आदमियों ने धर दबोचा और उससे पूछताछ करने पर जब नहीं ज्यादा कुछ जानकारी नहीं मिली तो उसे गोली मार दी | गार्ड मौत के घाट उतार दिया गया | उसे समझ आ गया था अगर रीमा पोलिस के हाथ लग गयी तो उसका खेल ख़त्म है | 


अनिल के अंदर आशा की एक उम्मीद जगी और वो रीमा को ढूढ़ने निकल पड़े | उन्होंने सिक्युरिटी से कहा  कि पूरे शहर की नाकाबंदी कर दो और इस  कस्बे से आने जाने वाले सभी के ऊपर पूरी तरह से निगरानी रखो | कस्बे के चारों तरफ बहुत ही सिक्युरिटी का पहरा कड़ा हो गया था बाहर जा पाना लगभग असंभव था | 


 इधर सूर्यदेव भी घटनास्थल पर पहुंच गया था वह हैरान था रीमा  के दुस्साहस को देखकर हैरान था किस औरत से पंगा ले लिया है अब तो वह धीरे-धीरे मुसीबत के दलदल में फंसता हुआ जा रहा था इधर अनिल ने रोहित से लंबी चौड़ी बात करी और उसके बाद फैसला किया कि रीमा  की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखा दिया जाना चाहिए और उसकी फोटो टीवी चैनल पर प्रसारित कर देनी चाहिए रोहित ने भी इससे हामी भरी और अब उसे रीमा की सचमुच में चिंता होने लगी थी अब तक वह सिर्फ इस बात से चिंतित था कि रीमा कहां एकदम से गायब हो गई लेकिन अब तो से लग रहा था कहीं ऐसा तो नहीं कि उसने रीमा    को हमेशा के लिए खो दिया है उसने अपने ऑफिस से छुट्टी ली और फ्लाइट पकड़कर के देश  वापस आ गया | 

[Image: landscape-1461874977-stocksy-sleep-naked-160428.jpg]

इधर रीमा एक कमरे में लेटी हुई थी जब उसको होश आया तो उसने देखा कि वह एक कमरे में लेटी हुई है उसके ऊपर एक चद्दर पड़ी हुई है उसका सिर में बहुत तेज दर्द हो रहा है उसकी कमर और बदन में  भी बहुत बहुत तेज दर्द हो रहा है  पूरे शरीर में दर्द से बुरा हाल था | ऐसा लग रहा था उसे चक्दिकर आ रहे है | आंखे खुलते ही दिमाग भी सक्रीय हो गया | उसे समझ नहीं आया अभी वो कहाँ है | उसने इधर-उधर गर्दन घुमाकर देखा तो उसे कुछ पता नहीं चला कि आखिर वह इस कमरे में क्या कर रही है उसने अपने दिमाग पर जोर डाला और आखरी चीज जो उसे याद आई है उसका स्कूटर सड़क से उतरकर सड़क के पटान की ढलान पर उतर गया था उसके बाद वह पत्थरों पर स्कूटर को संभाल नहीं पाई थी और लुढ़क गई थी | रीमा के व्यथित  मन में एक ही सवाल था  मैं कहां हूं क्या  मै फिर से  सूर्य देव के चंगुल में फंस गई | नहीं अब फिर से नहीं, नहीं  अब और नहीं आखिर कितनी बार ..................क्या उन पीछा करने वाले लडको ने मुझे पकड़ लिया........................  वह सूर्य देव के चंगुल में फंस गई  है | आखिरकार मै हूँ कहाँ ..................... तभी उसका ध्यान    अपने ऊपर पड़ी चद्दर पर गया  तो उसे एहसास हुआ है चादर के नीचे वह पूरी तरह से नंगी लेटी हुई है, हाययय वो नंगी, उसने आइस्ते से अपने ऊपर पड़ी चादर को उठाया  और देखा | उसकी चोटों पर  एक लाल रंग की दवाई लगी हुई थी उसे समझ में नहीं आया यह सब क्या है, उसे लगा कि फिर से सूर्य देव के आदमियों के चंगुल में फंस गई है और चोट लगने के कारण उन्होंने उसकी मरहम पट्टी की |  यही सब समझ कर उसका दिल बैठा जा रहा था उसकी आंखों में अंधेरा छाने लगा था और वह सिबुक सिबुक कर  करके रोने लगी


कुछ ही देर बाद में जिस कमरे में रीमा लेती थी उसके दरवाजे पर एक दस्तक हुई रीमा चौकन्नी हो   गई | उसने तेजी से अपने हाथों से आँखों से बह रहे आंसू पोंछ लिए |  हालांकि उसकी कोहनी भी दुख रही थी लेकिन उसने किसी तरह मोड़ कर अपने आंसू पोंचे  ताकि सामने वाले को वह  लाचार और बेबस ना दिखे | उसने देखा दरवाजा खोलकर एक छ फीट  हट्टा कट्टा आदमी अंदर आया उसके हाथ में दो थैले थे उसने आते ही सबसे पहले रीमा की तरफ देखा | रीमा ने जानबूझकर आंखें बंद कर दी थी | उसने एक मेज पर दोनों थैले रखे उसके बाद में उसने पास आकर के रीमा के माथे पर उंगलियों से उसके तापमान का जायजा लिया | 

खुद ही बुदबुदाया - बुखार तो नहीं है | 
[Image: preview.jpg]

फिर उसने कन्धा हिलाकर रीमा को जगाने की कोशिश की - उठो मैडम, दवाइयाँ खाने का वक्त हो गया है | एक दो बार उसके कंधे हिलाने के बाद  रीमा ने धीरे से आंखें खोल दी और उसके मन में हजारों सवाल थे कौन से सवाल पहले पूछे से समझ में नहीं आया था रीमा ने सबसे पहले उससे पूछा - मैं कहां हूं |

वह आदमी काफी ही गंभीर आवाज में बोला - मैडम आपको चोट लगी है आप चिंता ना करें आप जहां भी हैं पूरी तरह से सुरक्षित  हैं |
रीमा - तुम सूर्यदेव के आदमी हो |
सूर्यदेव  का नाम सुनते ही वो चौंक गया - सूर्यदेव को कैसे जानती हो |  
रीवा के मुंह से फिर वही  सवाल  निकला -  मैं कहां हूं | 
आदमी थोड़ा भरोसा दिलाने वाले अंदाज में बोला -  मैडम आप जहां भी हैं पूरी तरह से  सुरक्षित हैं आपको चोट लगी है आपको आराम करना चाहिए और दिमाग पर जोर नहीं डालना चाहिए |
रीमा अन्दर से डर और दहशत से भरी हुई थी लेकिन उसी डर ने उसको हिम्मत भी दी | उसने दृढ़ता से पूछा - मै जानती हूँ  तुम सूर्यदेव के आदमी हो | 
रीमा के मुंह से सूर्य देव का दुबारा नाम सुनते ही वो आदमी हैरान रह गया - पहले ये बताओ सूर्य देव को आप कैसे जानती हैं | 
रीमा भी हैरान रह गई क्या कि सूर्य देव का नाम सुनते ही वह क्यों चौका रीमा ने फिर से उस आदमी को जवाब दिया - सवाल पहले मैंने पूछा है मुझे जवाब चाहिए तुम सूर्य देव के आदमी हो ?
वह आदमी बोला - नहीं मैं सूर्यदेव का आदमी नहीं हूं | 
रीमा - फिर तुम कौन हो | 
आदमी - मैडम आप ज्यादा दिमाग पर जोर मत डालिए मैं कह रहा हूं ना आप पूरी तरह से सेफ है | 
रीमा बोली - मुझे बताओ तुम कौन हो | 
आदमी -  यूं समझ लीजिए कि मैं सूर्यदेव का दुश्मन हूँ | 
रीमा चौंकी ....... उसके सिर में और बदन में तेज दर्द हो रहा था | उस गबरू मर्द के जवाब से रीमा थोड़ा निश्चिंत हुई लेकिन वो सच बोल रहा है इसका कोई भरोसा नहीं था | रीमा का बदन दुःख रहा था वो दर्द से कराहने लगी | 
 वह आदमी बोला - मैडम मैंने कहा था ना आप अपने दिमाग पर ज्यादा जोर मत दो आप पूरी तरह से सुरक्षित  हो ,  मैं आपके लिए पेन किलर स्प्रे और मरहम पट्टी और दवाइयां लाया हूं | आप को जब यहाँ लाया था तब आप बेहोश थी इसीलिए  आपके ऊपर लाल दवाई लगा दी थी | तब  मैं आपको दवा नहीं खिला सकता था | अब आप उठ गए हो तो आप पहले यह दवाइयां खा लो | उसके बाद में आपको जो पूछना है आप पूछ लेना | 
[Image: the-guy-with-the-girl-woke-up-in-the-mor...KHXG77.jpg]

रीमा ने अपने को उठाने की कोशिश करी लेकिन वह उठ नहीं पाई, वह आदमी आया और उसने रीमा को बिस्तर पर उठाकर बैठाया | लेकिन जैसे ही रीमा बिस्तर पर उठ कर बैठी उसके ऊपर की चद्दर नीचे खिसक कर के कमर तक पहुंच गई और उसके बड़े बड़े उन्नत  ठोस तने हुए  उरोज  नुमाया हो गए रीमा शर्म से दोहरी होकर रह गयी|  एक अनजाने मर्द के सामने उसकी चूचियां बिलकुल निवस्त्र नंगी बेपर्दा  लेकिन फिर जल्दी ही उसके दिमाग में सवाल आया आखिर मेरे  कपड़े कहां गए | 

रीमा ने अगला सवाल  करते हुए - मेरे कपड़े कहां है | 
आदमी के चेहरे पर हल्की सी मुस्कान है - मैडम आप बहुत खूबसूरत हो, कमाल का गोरा गुलाबी बदन  है आपका लेकिन आप सवाल बहुत पूछती हो मैंने कहा ना आप आराम करो  मैं आपके हर सवाल का जवाब दूंगा | 
रीमा बोली - मेरे कपड़े कहां है पहले ये बताओ तुमने मेरे कपड़े उतारे, तुमने मुझे नंगा किया  | 
आदमी बोला - मैडम आप जितनी ऊंचाई से लुढ़कते गिरी थी बहुत ही किस्मत वाली है जो जिन्दा है  वरना वहां से गिरने के बाद कोई बचता नहीं है इतने बड़े-बड़े पत्थर जो ढलान पर पड़े हैं उसमें से  कोई से भी आप टकरा जाती ना तो आपका काम तमाम हो जाता | 
रीमा को उस पर गुस्सा आ रहा था -  मेरे कपड़े कहां है आखिर तुमने मुझे नंगा क्यों किया | 
आदमी - मैडम जब आप नीचे गिरी तो आपके कपड़े धूल मिट्टी से पूरी तरह से गए थे आपके शरीर से निकलने वाला खून भी उन कपड़ों में लग गया था  और कपड़े जगह-जगह से फट गए थे तो आपके बदन पर जो कपड़े थे वो  धुल मिट्टी  खून से पूरी तरह से सने हुए थे और फटे हुए भी थे इसीलिए मैंने उतार दिया था ताकि मैं आपके शरीर पर चोटों पर दवाइयां लगा सकूं | अब आप बतावो आपके कपड़े उतारे बिना मै आपके चुताड़ो या सीने पर लाल मलहम कैसे लगा सकता था | आपकी जान बचाने के लिए ही आपको नंगा किया था, आपके हुस्न का दीदार करने के लिए नहीं |
रीमा चुप हो गयी | 
वो आदमी आगे बोला -  मैडम अगर आप की परमिशन हो तो मैं आपके चोटों पर मरहम पट्टी कर दूं और आपकी कमर पर यह स्प्रे  ताकि आप यह  जो  दर्द से कराह रही है इससे आपको राहत मिलेगी | 
रीमा ताना मारते हुए -  तुमने मेरे सारे कपड़े उतारे तुमने मुझे नंगा किया तुमने  मुझे पूरी तरह से देख लिया, सर से लेकर पैर तक | अब परमिशन क्यों मांग रहे हो | 
आदमी मुस्कुराया - लगता है मैडम नाराज है  मैडम आपकी जान बचाने के लिए जो जरूरी था मैंने वही किया अभी भी मैं वही कर रहा हूं | 
रीमा क्या कहती है अब आखिरकार उसने जो उसके लिए किया है उसके आगे रीमा के पास कोई सवाल बचा ही नहीं था | 
रीमा ने भी अपने खुले सीने को नहीं ढका, वही वैसे ही बैठी रही | वो आदमी रीमा के लिए कुछ गोलियां लेकर आया, रीमा ने गोली खा ली | उसके बाद वो रीमा की मरहम पट्टी करने लगा | उसने रीमा की कोहनियों पर दवाई लगायी और टेप से पट्टी लगा दी , फिर कमर और कंधे पर भी यही किया | रीमा उसी तरह से बैठी रही | 
आदमी - आप वैक्सिंग करती हो, तभी आपका जिस्म इतना गोरा और चिकना है | 
रीमा कुछ नहीं बोली | 
आदमी - मै ही जानता हूँ मैंने खुद को कैसे काबू कर रखा है | 
रीमा - मेरी इस लाचारी का फायदा उठाओगे ,  मेरी इज्जत लूटोगे, मेरे साथ बलात्कार करोगे | 
आदमी रीमा की पीठ पर दवाई मलता हुआ - मैडम अगर बिना आपकी मर्जी के कुछ करना होता तो अब तक कर चूका होता | मैडम मर्द जेंटलमैन भी होते है | बिना औरत की मर्जी के उन्हें नहीं चोदते | 
रीमा - मेरे से ऐसी बाते न करो | 
आदमी - क्या करी मैडम, आपको देखकर जो अन्दर गुबार उठ रहा है, वो आचा है बातो से निकल जाये कही और से  बहकर पंहुच गया तो मै भी खुद को संभल नहीं पाउँगा | 
रीमा - तुम सब मर्द एक जैसे ही होते हो | 
आदमी - आपकी कमर पर स्प्रे करना है उलटा होना पड़ेगा आपको | 
रीमा ने झटके से बाकि बची चादर भी खुद के जिस्म से हटा कर दूर का दी, और हल्की नाराजगी से - लो करो स्प्रे | 
रीमा को फिर से नंगा देख अब उसके लिए खुद को काबू में रख पाना बहुत मुश्किल था | उसने के गहरी साँस ली | 
रीमा - अब खुस , करो स्प्रे | 
उसने रीमा को हाथ पकड़कर आराम से उल्टा लिटाया और स्प्रे कर दिया |  

 रीमा अंदर ही अंदर दर्द दहशत और और संशय से भरी हुई थी वह उसे इस समय दर्द के अलावा और कुछ महसूस नहीं हो रहा था हालांकि वह यह समझ रही थी वह पूरी तरह से नंगी है और वह आदमी उसे देख रहा है लेकिन इस समय दर्द की पीड़ा से दिमाग बहुत परेशान थी उस आदमी ने दवा लगाने के बाद  उसने रीमा को  उसी तरह से लेटे रहने दिया वह ट्यूब स्कप्ररे उठकर थैले में रखने चला गया |  उसके बाद में वह रीमा के लिए एक गिलास जूस लेकर आया - इसे पी लो मैडम | 

रीमा ने उल्वोटा लेटे लेटे ही थोडा सा सर उठाकर गिलास का जूस  पी लिया उसके बाद वही चादर से रीमा का नंगा जिस्म ढक दिया | 
|  रीमा उस आदमी की शराफत से उसकी कायल हो गई कितना शरीफ आदमी है एक नंगी औरत की न  केवल मरहम पट्टी कर रहा है बल्कि उसे उसने चादर ओढ़ा दी है मर्द ऐसे भी होते हैं क्या इसके अंदर इच्छा नहीं है मुझे देख कर के मुझे चोदने की | 
आदमी बोला - मैडम आप जिसके चंगुल   से निकल कर आई हैं वह बहुत ही पावरफुल आदमी है मैं कुछ देर के लिए कुछ काम से बाहर जा रहा हूं और बाहर से  में ताला लगा दूंगा आपको दवा दे दी अब आप आराम करो | 
पानी नीचे आपके पास रख दिया है   अगर आपको भूख लगती हो तो किचन फल  रखे हुए हैं और मैं तो 3 घंटे बाद आऊंगा तब तक आप आराम से सो जाइये | 
 इतना कहकर  उस आदमी ने एक जैकेट अपने शरीर पर डाला और एक रुमाल से अपने मुंह को बांध लिया  और एक गन निकाल कर अपनी कमर में लगा ली |  तेजी से कमरे की लाइट बंद करके बाहर निकल गया | 
रीमा गन देखकर डर गयी थी लेकिन जैसे ही वह बाहर निकल गया रीमा सोचने लगी कौन है यह यहां में मुझे यहां उठाकर क्यों लाया है आखिर इसको क्या जरूरत थी मुझे यहां लाने की .............................................रीमा के दिमाग में हजारों थे  और साथ ही साथ में वह भगवान को शुक्रिया भी अदा कर रही थी  कि आज इतने बड़े हादसे के बाद वह जिंदा भी बच गई थी इसी तरह की उधेड़बुन में खोई हुई थी रीमा की आंख बंद होने लगी | दवाएं अपना असर करने लगी थी और दवाओं के असर के कारण रीमा धीरे-धीरे गहरी नींद के आगोश में चली गई | 


इधर अनिल के कहने पर सिक्युरिटी ने पूरे शहर पूरे कस्बे में नाकाबंदी कर दी थी हर आने-जाने वाले पर निगाह रखी जा रही थी और उसको चेक किया जा रहा था लेकिन फिर भी रीमा कोई अता-पता नहीं था इधर सूर्यदेव हैरान था जब स्कूटर यहीं पड़ा है तो फिर रीमा अचानक यहां से कहां गायब हो गई जब सिक्युरिटी वालों ने उसे बताया कि यहां पर एक भालू रहता है जो लोगों को यहां से उठा ले जाता है रात में तो वह बहुत जोर से ठहाका  मार के हंसा - मुझे क्या चुतिया समझ रखा है लेकिन रात में जंगल की छानबीन नहीं करवा सकता था आखिरकार उसने सुबह तक इंतजार करने का फैसला किया | 

इधर रीमा काफी देर तक गहरी नींद में सोती रही लेकिन उसके बाद में एकदम से दरवाजे पर जोर जोर से दरवाजे को पीटने की आवाज आई | दरवाजा इतनी जोर से पीता जा रहा था कि घहरी नीद में सो रही  रीमा की आंखों से खुल गई वह अभी भी  दवाओं के गहरी नशे में थी इसलिए उसे कुछ समझ में नहीं आया क्या हुआ लेकिन उसे पता चला कि दरवाजे पर कोई तेजी से पीट रहा है  उसकी नशे की नींद जल्दी से टूट गई | कुछ देर तक दरवाजे को पीटने के बाद में वह आवाजें आनी बंद हो गई ऐसा लग रहा था जैसे वह कहीं आगे बढ़ गए थे | 

रीमा हैरान थी कि सूर्य देव के आदमी क्या यहां भी पहुंच गए इतना ताकतवर है आदमी इस कस्बे में | रीमा डर गई क्या सूर्यदेव के आदमी तो नहीं आ गए, उनको मेरी जगह का पता चल गया .....वह काफी डर गई थी उसने अपने आपको चद्दर के अंदर ढक लिया था लेकिन अगले ही पल उसके मन में संतोष था कि दरवाजा तो बाहर से बंद था उन आदमियों की आवाज धीरे-धीरे कम होती गई और थोड़ी ही देर बाद में दरवाजे पर फिर से दस्तक हुई और दरवाजा खुला तेजी से वह आदमी जो रीमा को यहां लेकर आया था अंदर आया उसने एक चाबी निकाली और फिर से दरवाजा बंद करके बाहर निकल गया और ताला लगा दिया | रीमा को कुछ समझ में नहीं आया वह इधर-उधर दिमाग दौड़ाती रही  लेकिन उसके कुछ पल्ले पढ़ा ही नहीं|  काफी देर बाद जब फिर से पीछे से हल्की सी आवाज आई तो रीमा ने गर्दन घुमाकर कर देखा तो वही आदमी फर्श की दरी को खिसकाकर  के नीचे से निकल कर के ऊपर आ रहा था |
रीमा हैरान थी उसके आंखे ये नजारा देखकर पलक झपकाना भूल गयी | 
आदमी - मैडम जी हैरान मत होइए पीछे मैंने ४ फुट की सुरंग बना रखी है इमरजेंसी के लिए, ये मेरे घर के 50 मीटर दूर पीछे खुलती है  वही से आ रहा हूं | सूर्य देव के आदमी पूरी बस्ती में कुत्तों की तरह घूम रहे हैं और हर जगह आपको सूंघ रहे हैं  आप बिल्कुल चिंता मत करो आप पूरी तरह से आराम करो आप यहां पूरी तरह से हो सुरक्षित हो आज रात में लाइट नहीं जलाएंगे कैंडल में ही सारा काम चलाएंगे | बाहर से लगे ताले के बाद अन्दर बल्ब जलाना ठीक नहीं होगा | कही से भी रौशनी की झलक पाकर भी वो आ सकते है | चारो ओर खतरा ही खतरा है, कोई भी गलती जानलेवा हो सकती है | 
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RE: रीमा की दबी वासना - by vijayveg - 13-10-2019, 10:54 AM



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