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Adultery सोलवां सावन
#10
तीसरी फुहार 

[Image: Guddi-cute-1dd9620e1b65f582aa6117aa4c51448b.jpg]




कौन है वो 


“किसका…” उत्सुकता से भरकर मैंने पूछा। 










आगे 


“जानती हो अब तक सबसे मोटा और मस्त लण्ड किसका देखा है मैंने…” चन्दा ने कहा। 
“किसका…” उत्सुकता से भरकर मैंने पूछा। 
[Image: lez-pussy-rubbing-18264568.gif]
मेरी चूत पर अपनी चूत हल्के से रगड़ते हुये, चन्दा बोली- 
“तुम्हारे कजिन कम आशिक का… रवीन्द्र का…” 

“उसका… पर वह तो बहुत सीधा… शर्मीला… और तुमने उसका कैसे देखा… फिर वह मेरा आशिक कहां से हो गया…” 
“बताती हूं…” 
मेरी चूत की रगड़ाई अपनी चूत से करते हुए उसने बताना शुरू किया- 


[Image: lez-xxx-2.gif]

“तुम्हें याद है, अभी जब मैं मुन्ने के होने पे गयी थी, मैंने रवीन्द्र पे बहुत डोरे डालने की कोशिश की… 


[Image: male-hunk-G3.gif]
मुझे लगता था कि भले ही वह सीधा हो पर बहुत मस्त चुदक्कड़ होगा, उसका बाडी-बिल्ड मुझे बहुत आकर्षक लगता था… 
पर उसने मुझे लिफ्ट नहीं दी… 

मैं समझ गयी कि उसका किसी से चक्कर है… पर एक दिन दरवाजे के छेद से मैंने उसे मुट्ठ मारते देखा… मैं तो देखती ही रह गयी, कम से कम बित्ते भर लंबा लण्ड होगा और मोटा इतना कि मुट्ठी में ना समाये… और वह किसी फोटो को देखकर मुट्ठ मार रहा था… कम से कम आधे घंटे बाद झड़ा होगा… 


[Image: jerking.gif]
और बाद में अंदर जाकर मैंने देखा तो… 

जानती हो वह फोटो किसकी थी…” 
“किसकी… विपाशा बसु या ऐश की…” मेरी आँखों के सामने तो उसकी मुट्ठ मारती हुई तस्वीर घूम रही थी। 

“जी नहीं… तुम्हारी… और मुझे लगा की पहले भी वह तुम्हारी फोटो के साथ कई बार मुट्ठ मार चुका है… यहां मैं अपनी चूत लिये लिये घूम रही हूँ वहां वह बेचारा… तुम्हारी याद में मुट्ठ मार रहा… अगर तुम दे देती तो…” 



मुझे याद आ रहा था कि कई बार मैं उसको अपने उभारों को घूरते देख चुकी हूँ और जैसे ही हमारी निगाहें चार होती हैं वह आँखें हटा लेता है… 

और एक बार तो मैं सोने वाली थी कि मैंने पाया कि वह हल्के-हल्के मेरे सीने के उभारों को छू रहा है… मैं आँख बंद किये रही और वह हल्के-हल्के सहलाता रहा… पर उसे लगा कि शायद मैं जगने वाली हूँ तो उसने अपना हाथ हटा लिया। मुझे भी वह बहुत अच्छा लगता था। 
[Image: lezgif-17987887.gif]

“क्यों नहीं चुदवा लेती उससे…” मेरी चूत पर कसकर घिस्सा मारते हुये, चन्दा ने पूछा। 
“आखिर… कैसे… मेरा कजिन है…” मैंने कुछ झिझकते कुछ लजाते पूछा।
[Image: Guddi-cute-4b077095439e3eea17c44a08558baf12.jpg]
“अरे लोग सगे को नहीं छोड़ते… तुम कजिन की बात कर रही हो, तुम्हें कुछ ख्याल है कि नहीं उसका, अगर कहीं इधर-उधर जाना शुरू कर दिया… कोई ऐसा वैसा रोग लगा बैठा…” चंदा ने जोर देकर समझाया।

मुझे भी उसकी बात में दम लग रहा था ,लेकिन चंदा से कैसे हामी भरती ?

चन्दा ने फिर मुझे पहली बार की तरह कगार पे ले जाके छोड़ना शुरू कर दिया, और जब मैंने खुलके कसम खाकर ये प्रामिस किया कि न मैं सिर्फ रवीन्द्र से चुदवाऊँगी बल की रवीन्द्र से उसकी भी चूत चुदवाऊँगी तभी उसने मुझे झड़ने दिया। 

जब सुबह होने को थी तब जाकर हम दोनों सोये। 
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Messages In This Thread
सोलवां सावन - by komaalrani - 10-01-2019, 10:36 PM
RE: सोलवां सावन - by Bregs - 10-01-2019, 11:31 PM
RE: सोलवां सावन - by komaalrani - 16-01-2019, 01:27 PM
RE: सोलवां सावन - by Kumkum - 01-02-2019, 02:50 PM
RE: सोलवां सावन - by Logan555 - 13-02-2019, 06:40 PM
RE: सोलवां सावन - by Kumkum - 19-02-2019, 01:09 PM
RE: सोलवां सावन - by Logan555 - 26-02-2019, 11:10 AM
RE: सोलवां सावन - by Badstar - 04-05-2019, 08:44 PM
RE: सोलवां सावन - by Badstar - 04-05-2019, 11:46 PM
RE: सोलवां सावन - by Badstar - 19-05-2019, 11:15 AM
RE: सोलवां सावन - by Theflash - 03-07-2019, 10:31 AM
RE: सोलवां सावन - by Badstar - 14-07-2019, 04:07 PM
RE: सोलवां सावन - by usaiha2 - 09-07-2021, 05:54 PM



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