16-01-2019, 01:04 PM
(This post was last modified: 28-05-2021, 12:07 PM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
धक्के पे धक्का
मैंने गाडी का गियर चेंज किया और मेरे दोनों हाथ उनके कंधे पे , मेरी शेरनी ऐसी पतली कमर के जोर से , पूरे ताकत के साथ धक्का मारा।
वो पूरा अंदर था , एकदम जड़ था मेरी गहराई में धंसा।
और अब में कभी जोर जोर से धक्के लगाती , तो कभी बस उसे अपने अंदर लिए निचोड़ती , अपनी योनि को हलके से एकदम पूरी ताकत से सिकोड़ने की कला और ताकत दोनों मेरे पास थी।
जो 'नट क्रैकर 'कहते हैं न वही.जैसे रैटल स्नेक किसी जानवर को पकड़ कर सिर्फ दबा दबा कर कड़कड़ा कर उसके अस्थि पंजर तोड़ के चूर चूर कर देता है , बिलकुल वैसे ही। मेरे 'गुलाबी सहेली ' उनके ' खूंटे ' के साथ वैसा ही कर रही थी।
मेरे दोनों हाथ उनके कंधे पर जमे थे और होंठ कभी हलके से उन्हें चूम लेते तो कभी कचकचा के , उनके निप्स , उनके गाल काट लेते।
और वो भी अब नीचे से मेरे सुर ताल पे साथ साथ धक्का लगा रहे थे। कभी मैं बहुत 'सॉफ्ट ' हो जाती तो कभी बहुत' ब्रूट' .
लेकिन आज उनमें भी एक नयी ताकत आगयी थी एक नया जोश ,
जैसे घुड़दौड़ में मचल रहे घोड़े को दौड़ने के लिए खुला छोड़ दिया जाय ,
जैसे कोई तूफान कहीं किसी डिब्बे में कैद पड़ा हो
कोई जिन्न किसी बोतल में सदियों से बंद पड़ा हो , और उसे आके कोई आजाद कर दे।
यही तो मैं चाहती थी ,खुल कर मस्ती , बिना किसी रोक टोक के एकदम वाइल्ड ,
ऐसी ताकत आज तक उन के धक्कों में मैंने कभी नहीं महसूस की थी।
और साथ में उनके हाथ जोर जोर से मेरे जोबन मसल रहे थे , रगड़ रहे थे। उनके होंठ मेरे निपल काट रहे थे। और आज वो कोशिश कर रहे थे की मेरी जांघों के बीच जादुई बटन को , मेरे क्लिट को हाथ लगाएं , लेकिन वो उनके लिए मुश्किल हो रहा था क्योंकि धक्के मैं ही कंट्रोल कर रही थी .
कुछ देर बाद वो आलमोस्ट कगार पर पहुँच गए , और मैं भी बस वहां पहुँचने वाले थी।
बाजी किसी के भी हाथ लग सकती थी , लेकिन उन्होंने बेईमानी शुरू कर दी।
भेड़ गिनने वाली , यानी सेक्स से ध्यान हटा कर किसी और चीज के बारे में सोचना ,गिनती गिनना , या कुछ भी।
लेकिन उनकी कोई चीज मुझसे छुपती कैसे और इसका जवाब मेरे पास था। हथियारों का पूरा खजाना था मेरे पास , मेरे होंठ ,मेरे रसीले जोबन , मेरी उंगलिया।
मैंने गाडी का गियर चेंज किया और मेरे दोनों हाथ उनके कंधे पे , मेरी शेरनी ऐसी पतली कमर के जोर से , पूरे ताकत के साथ धक्का मारा।
वो पूरा अंदर था , एकदम जड़ था मेरी गहराई में धंसा।
और अब में कभी जोर जोर से धक्के लगाती , तो कभी बस उसे अपने अंदर लिए निचोड़ती , अपनी योनि को हलके से एकदम पूरी ताकत से सिकोड़ने की कला और ताकत दोनों मेरे पास थी।
जो 'नट क्रैकर 'कहते हैं न वही.जैसे रैटल स्नेक किसी जानवर को पकड़ कर सिर्फ दबा दबा कर कड़कड़ा कर उसके अस्थि पंजर तोड़ के चूर चूर कर देता है , बिलकुल वैसे ही। मेरे 'गुलाबी सहेली ' उनके ' खूंटे ' के साथ वैसा ही कर रही थी।
मेरे दोनों हाथ उनके कंधे पर जमे थे और होंठ कभी हलके से उन्हें चूम लेते तो कभी कचकचा के , उनके निप्स , उनके गाल काट लेते।
और वो भी अब नीचे से मेरे सुर ताल पे साथ साथ धक्का लगा रहे थे। कभी मैं बहुत 'सॉफ्ट ' हो जाती तो कभी बहुत' ब्रूट' .
लेकिन आज उनमें भी एक नयी ताकत आगयी थी एक नया जोश ,
जैसे घुड़दौड़ में मचल रहे घोड़े को दौड़ने के लिए खुला छोड़ दिया जाय ,
जैसे कोई तूफान कहीं किसी डिब्बे में कैद पड़ा हो
कोई जिन्न किसी बोतल में सदियों से बंद पड़ा हो , और उसे आके कोई आजाद कर दे।
यही तो मैं चाहती थी ,खुल कर मस्ती , बिना किसी रोक टोक के एकदम वाइल्ड ,
ऐसी ताकत आज तक उन के धक्कों में मैंने कभी नहीं महसूस की थी।
और साथ में उनके हाथ जोर जोर से मेरे जोबन मसल रहे थे , रगड़ रहे थे। उनके होंठ मेरे निपल काट रहे थे। और आज वो कोशिश कर रहे थे की मेरी जांघों के बीच जादुई बटन को , मेरे क्लिट को हाथ लगाएं , लेकिन वो उनके लिए मुश्किल हो रहा था क्योंकि धक्के मैं ही कंट्रोल कर रही थी .
कुछ देर बाद वो आलमोस्ट कगार पर पहुँच गए , और मैं भी बस वहां पहुँचने वाले थी।
बाजी किसी के भी हाथ लग सकती थी , लेकिन उन्होंने बेईमानी शुरू कर दी।
भेड़ गिनने वाली , यानी सेक्स से ध्यान हटा कर किसी और चीज के बारे में सोचना ,गिनती गिनना , या कुछ भी।
लेकिन उनकी कोई चीज मुझसे छुपती कैसे और इसका जवाब मेरे पास था। हथियारों का पूरा खजाना था मेरे पास , मेरे होंठ ,मेरे रसीले जोबन , मेरी उंगलिया।