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Adultery बर्बादी को निमंत्रण
अपडेट - 10




चंचल: (खुश होते हुए) स्योर सुरेश यु डोंट वरि अबाउट देट। माँ से तो में रेगुलेट टच में रहूंगी।

सुरेश : ओके बाय जान, आई लव यू।

चंचल: मूssssवाह ,लव यू टू

फ़ोन कट

दोनो आने वाले कल से बेफिक्र नींद के आगोश में चली जाती है।



अब आगे.....



वहीं सुरेश भी कई ख्यालों में गुम था। सबसे बढ़कर सुरेश को लग रहा था कि पता नही चंचल बिज़नेस हेंडल कर भी पाएगी की नहीं।

( 2 हफ्ते मतलब 15 दिन का चंचल आफिस में )

पहला दिल सुबह:- सुबह चंचल जल्दी उठ कर तैयार होती है और आफिस के लिए निकल जाती है। 

[Image: 5c3ee99439f0f.jpg] 


सरिता भी उसे विदा करते हुए विश करती है। चंचल का सभी आफिस स्टाफ फूलों से और गुलदस्तों से स्वागत करता है। करीब दस मिनट बाद चंचल के सामने एक 6 फुट का आदमी आता है। एक जबरदस्त पर्सनालिटी का आदमी। नाम रघुनाथ। 

[Image: 5c3ee93685a12.jpg] 

चंचल और रघुनाथ का इंट्रो होता है। इंट्रो के बाद रघुनाथ चंचल को उसका अपोइन्टमेन्ट लैटर और और एग्रीमेंट दोनों सौंप देता है। चंचल दोनों को साइन करके सुरेश को मेल करने को बोल देती है। करेब 4 से 5 दिन तक चंचल आफिस का काम समझने में लगते है। हालांकि चंचल एक बी ए की टॉप स्टूडेंट रह चुकी है जिससे भी उसे बिज़नेस समझने में कोई खास परेशानी नहीं हुई। इन्हीं 4-5 दिनों में चंचल ने एक नौकरानी भी घर में रख ली।जिसका नाम लता था।

[Image: 5c3eea0457f18.jpg] 

लता दिखने में थोड़ी सी मासूम थी लेकिन वास्तव में वो क्या थी ये तो वही जानती थी। लता एक नशा थी। और मुसीबतों की जड़ भी।दरअसल लता का बड़ा भाई एक दलाल था। लड़कियों को इधर से उधर करने के साथ साथ उन्हीं लड़कियों से लोगो को ठगने का काम करता था। पुलिस में लाता के भाई के खिलाफ तकरीबन 20-25 केस दर्ज थे, धोखाधड़ी, बलात्कार, चोरी, जालसाजी, ब्लैकमेलिंग, किडनेप के साथ साथ उसपर ड्रग और गाँझा बेचने का भी केस चल रहा था। लता के भाई के बारे में बाद में बताता हूँ। 


लता जबसे चंचल के यहां काम करने आई थी तबसे ही लता पूरे घर का जायजा लेने में लगी थी। लता हर एक चीज को बारीकी से देखती और फिर उसी हिसाब से उस घर के आव भाव भांप लेती। इन्हीं 4-5 दिनों में लता को ये बात पता चली की चंचल और सरिता दोनों अकेली रहती है। उनका परिवार उनके साथ नहीं है। लेकिन फिर भी संभाल कर काम करना ही लता ने सही समझा। लता शायद किसी जालसाजी का हिस्सा थी। जिसके तहत वो फिलहाल उस घर का और घरवालों का जायजा ले रही थी।

करीब 7 से 10 दिन बाद चंचल अपनी कंपनी के अलग अलग पार्टनर्स और टेंडेरेर से बातें करने लगी। उन्हें कन्वेंस करने लगी और कंपनी को उसी लेवल पर मेन्टेन रखा जहां सुरेश ने छोड़ा था। इन 7-10 दिनों में चंचल ने खुद ही कई इम्पोर्टेन्ट निर्णय लिए जो कि कंपनी के बेहद फायदे मंद रहे। और कंपनी के शेयर भी नीचे नहीं गिरे बल्कि 2% ज्यादा बढ़ गए। 

चंचल के दिमाग और उसकी मेहनत से प्रभावित होकर सुरेश ने अपना काम चंचल के हाथों में सौंप दिया। अब चंचल हर रोज कभी किसी पार्टनर तो कभी कोई क्लाइंट तो कभी कोई टेंडरेर से मीटिंग में व्यस्त रहने लगी। इन्हीं मीटिंग के दौरान चंचल की किसी से मुलाकात हुई। ये मुलाकात साधारण थी। लेकिन चंचल उससे काफी प्रभावित थी। 


दरअसल  चंचल की मिस्टर  अरोड़ा के साथ एक मीटिंग थी। उनकी मीटिंग होटल सात सितारा में बुक थी। इस मीटिंग के दौरान मिस्टर अरोड़ा ने पूरी होटल में पार्टी ऑर्गनाइज करवाई थी। इसी पार्टी में चंचल की मुलाकात समीर से हुई। समीर बेहद हैंडसम और मस्कलर बॉडी का मालिक। हाथ में रेड वाइन का गिलास लेकर दूर एक कुर्सी पर हल्की मुस्कान के साथ सभी को देख रहा था। वहीं चंचल की नज़र समीर पर पड़ी। 

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लेकिन चंचल उससे अभी प्रभावित नही हुई थी। चंचल प्रभावित तब हुई जब उसकी बात समीर से हुई।


दरअसल चंचल और मिस्टर अरोड़ा की मीटिंग तकरीबन 2 -2.3० घंटे चली होगी। इस दौरान चंचल और समीर की नज़र बार बार टकरा रही थी। ये बात 100% सच है कि समीर चंचल को अच्छा लगा लेकिन इतना भी नहीं कि वो अपनी मालिकाना हैसियत को छोड़ कर उससे बात करने लगे। इसलिए चंचल बस बार बार समीर की तरफ देलहति और समीर की नज़र सीधे चंचल की नज़रों से तकराती। जब मीटिंग खत्म हुई तो चंचल और मिस्टर अरोड़ा एक दूसरे से हाथ मिलाते हुए खड़े हुए। और जाने लगे। ठीक उसी समय जब चंचल ने मिस्टर अरोड़ा को अलविदा किया सरिता का फोन चंचल के फ़ोन पर आया। 

सरिता: हेलो दीदी...?

चंचल: हैं सरिता बोलो क्या हुआ?

सरिता : वो दीदी मैंने ड्राइवर को मेरे पास बुलाया है । एक्चुअली मेरी एक  सहेली  रेलवे स्टेशन है। वो उन्हें वह से यहाँ अपने घर छोड़ कर तुरन्त आपके पास आ जाएगा।

चंचल एक बार तो सरिता से ड्राइवर को फिर बुलाना चाहती थी । लेकिन फिर उसने सोचा कोई बात नही पूरे दिन काम कर रहें है थोड़ा रेस्ट भी हो जाएगा ।ये पार्टी  एन्जॉय करते है। चंचल ने ऐसा सोच कर सरिता को बोल दिया कि ईट्स ओके।

सरिता फ़ोन रख देती है। सरिता के फ़ोन को रखते ही चंचल एक बार फिर समीर की तरफ देखती है और एक बार फिर से समीर और सरोता की नज़र एक दूसरे से टकराती है। चंचल को समीर की ये स्माइल बहुत परेशान कर रही थी। इस स्माइल से चंचल समीर से बात करने को बेचैन होने लगी। चंचल तुरंत समीर के पास जाकर....

चंचल: एक्सक्यूज़ मी... क्या मैं आपको जानती हूँ।

समीर: (मुस्कुराता हुआ) जी नहीं आप मुझे नहीं जानती।

चंचलbananaथोड़ा उदास होते हुए) तो फिर आप मुझे कब से देख कर स्माइल कर रहै थे। ऐसा क्यों?

समीर: (मुस्कुराता हुआ) वो क्या है ना मैं भी कब से आपको देख रहा था कि आप बार बार मुझे देख रही है शायद आप मुझे जानती हो, इस लिए स्माइल कर रहा था।


[Image: 5c3eeadf25493.jpg] 

चंचल: ( मन ही मन) गधा कहीं का , कोई इसे देखेगा तो जय स्माइल देगा।

समीर: बिल्कुल गधा हूँ न में।

चंचल: (चौंकते  हुए) जीssss क्या मतलब,

समीरbananaरेड वाइन का एक गिलास चंचल की और बढ़ते हुए)  जी आपको जाने बिना आपकी तरफ देख कर स्माइल कर दिया। बूत रीज़न आपको जानने का ही है।

चंचल: सॉरी , मैं ड्रिंक नहीं करती, और ये जानने का क्या रीज़न है।

समीर:जी मैं जानता तो नहीं हूं बूत जान तो सकता हूँ ना आपको। अगर आप की इजाजत हो तो?

चंचल: (मुस्कुरागे हुए) तो जान लीजिए।

समीर: जी जान तो लूंगा लेकिन आप बताइए कैसे जानूँ आपको, क्या मुझे आपके बारे में जानना चाहिए या आपको?

चंचल: ये कैसा सवाल है? जानना तो दोनों ही चाहिए।

समीर: जी बिज़नेस मैन हूँ। डील तो डील होती है।

चंचल: बिज़नेस मैन? (चंचल मन ही मन समीर से डील करने का एक नया तरीका सीखने का मन बनाती है, क्योंकि चंचल को समीर की हाजिर जवाबी पसंद आ रही थी)

चंचल:अच्छा चलो आपकी डील मंज़ूर, फिलहाल तो आप मेरे बारे में ही जान लीजिए।

अभी समीर और चंचल की बातें चलते हुए आधा घंटा ही हुआ था कि चंचल का ड्राइवर वापस आकर चंचल को कॉल करता है। चंचल तुरंत कॉल काट कर उठ जाती है।

चंचल: सॉरी टाइम अप, अब मेरा ड्राइवर आ गया मुझे जाना होगा और आपके जानने का टाइम भी खत्म हुआ अब।

समीर: जी इतने टाइम में तो  मैंने आपमे बारे में से। जान लिया।

चंचल: अच्छा ! इंटरेस्टिंग,  ऐसा क्या जान लिया। 

समीर: जी जब आप मीटिंग में थी तब आपका ड्राइवर  कहीं चला गया था। और आपके आने Sके पहले मिस्टर अरोड़ा किसी कंपनी की असिस्टेन्ट डायरेक्टर की बात कर रहे थे मतलब आप एक बिज़नेस वीमेन है । गले में मंगलसूत्र और माथे मैं सिंदूर मतलब शादी शुदा है। और आप साड़ी में है मतलब की आपकी कमपनी के बॉस या तो आपके पति है या आपमे ससुर।, या फिर आपके डैड।

चंचल:हाऊ? कैसे इतना सब कुछ।

समीर : अब तो ये ड्रिंक ले लीजिये हमारी दोस्ती के नाम? ये ड्रिंक नही है। और हां ये रहा मेरा कार्ड इसके पीछे मेरे पर्सनल नम्बर है। अगर दिल करे हमसे बात करने का तो कॉल करना। वैसे तुम हो बहुत खूब सूरत।

समीर चंचल से इतना बोलकर तुरंत वहां से निकल गया लेकिन चंचल वहीं खड़े खड़े समीर के बारे में सोचती रही। उसे एक और समीर से हुई ये पहली मुलाकात इंटरेस्टिंग लगी वही दूसरी और वो डर  ही रही थी। ये तो खुद चंचल को भी पता नही था कि वो डर क्यों रही है। इसी डर के चलते चंचल कुछ भी समझ नहीं पा रही थी। चंचल ने समीर के दिये हुए कार्ड को फेंकने चाहा लेकिन उसी वक़्त उसके ड्राइवर का कॉल आ गया। ड्राइवर का कॉल देख कर चंचल ने तुरंत समीर का कार्ड अपने पर्स में रखा और ड्राइवर के साथ कार में बैठ कर आफिस गयी। करीब 2 घण्टे बाद चंचल आफिस से सीधे घर निकल गयी।
बर्बादी को निमंत्रण
https://xossipy.com/thread-1515.html

[b]द मैजिक मिरर (THE MAGIC MIRROR) {A Tale of Tilism}[/b]
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Hawas ka ghulam
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RE: बर्बादी को निमंत्रण - by Rocksanna999 - 16-01-2019, 10:55 AM



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