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पुरानी हिन्दी की मशहूर कहनियाँ
#59
उसके लण्ड का कुछ भाग मेरे होठों पर था और मैंने अपने होठ बन्द कर लिया था और धीरे से वीर्य को थूकने की कोशिश कर रही थी जो मेरे मुँह के अन्दर चला गया था अब मैंने खुद को फ़र्श पर ढीला छोड़ दिया और मेरा भान्जाभी उतर आया और बाथरूम जाने से पहले एक बार अपने आगोश में भर कर आलिगंन किया उसकी शार्ट तथा अण्डरवियर मेरे सामने फ़र्श पर मेरी साड़ी और ब्लाउज के पास ही पड़े थे
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: पुरानी हिन्दी की मशहूर कहनियाँ - by neerathemall - 16-01-2019, 12:59 AM
Pahli bar bahan k sath picnic - by neerathemall - 14-02-2019, 03:18 AM
RE: Soni Didi Ke Sath Suhagraat - by neerathemall - 26-04-2019, 12:23 AM
didi in waterfall - by neerathemall - 04-06-2019, 01:34 PM
Meri Didi Ki Garam Jawani - by neerathemall - 29-01-2020, 11:22 AM



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