16-01-2019, 12:58 AM
(This post was last modified: 16-01-2019, 03:26 PM by neerathemall.)
हम एक दूसरे का हस्त मैथुन कर रहे थेऔर (masturbating) हमारी जीभ एक दूसरे के मुंह में थी. फिर उसने मुझे रसोई के प्लेट्फ़ार्म की ओर धक्का दिया जिस पर मैं ने खाना तैयार किया थाउसने कुछ बर्तन दूर धकेल दिया और मुझे किनारे पर ले आया मुझे पता था कि यह अब जंगली चुदाई का समय आ गया है. और मैं वास्तव में अपने खुद के 18 वर्षीय भान्जे द्वारा फ़हाशा फूहड़ की तरह चुदना चाहती थी
मैं उसके तन्नाए लंड को इस कदर चाह रही थी कि वह मेरे शरीर को चाहे चोद के बरबाद ही कर दे और मुझे चाहे तो इसके लिए अपना गुलाम ही बना ले ,इसमे मुझे लेश मात्र भी सन्देह नहीं रह गया था
अब उसने मुझे किचन के प्लेट्फ़ार्म के किनारे पर ढकेल कर लगा दिया था और मैंने भी उसका लंड अपने हाथ में पकड़ कर अपनी टांगों के बीच ले आई थी मेरे पैर उसके दोनो ओर फ़ैले थे और उसकी कमर से लिपटे हुए थे
वह थोड़ा अनाड़ी लग रहा था और इस बारे में निश्चित नहीं लग रहा था कि वह कैसे योनि भेदन कर प्रविष्ट होगा अतः मैं ने उसके लंड को पकड़ कर योनिमुख पर रखा और उसकी कमर को पकड़ कर अपनी ओर खींचा आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह.....
मैं गर्मी से भर उठी थी और उसके लण्ड ने मेरी चूत को भर दिया था उसका चेहरा करीब -करीब मेरे चेहरे पर था और वह बहुत लम्बी लम्बी साँस ले रहा था. वह मुझे चूम रहा था, लेकिन लण्ड मुझेजंगली बनाने के लिय अंदर था. मैं चाहती थी कि वह मुझे एक जंगली कुत्ते की तरहचोद डाले l
पहले वह मुझे धीरे धीरे चोद रहा था कुछ सेकंड के बाद अचानक मुझे बहुत तेजी से चोदना शुरू कर दिया l जब वह मुझे बहुत बहुत बहुत तेजी से बिना किसी चेतावनी के अचानक चोदना शुरू करता तो मुझे अपनी सांस को सम्भालने के लिए प्रयास करना पड़ता l यह मुझे और भी अधिक जंगली बना रहाथा . सबसे पहले, एक हाथ से उसके सिर के पार हाथ डाल कर उसे अपने करीब खींच लिया. मेरा दूसरा हाथ उस के धक्कों को सम्भालने के लिये उसकी कमर के पार था अब, मैं पूरी तरह से बेपरवाह थी और मेरे दोनों हाथ पीछे रसोई के प्लेट्फ़ार्म पर टिके थे और मेरे शरीर को सहारा दे रहे थे l मैंनेअपनी पीठ को मोड़्कर धनुषाकार किया जिससे मेरे स्तन मेरे मेरे भतीजे अमित के चेहरे की ओर निकल कर आ रहे रहे थे. अमित मेरे स्तनों को उसके चेहरे की ओर झुका हुआ देखा और मेरे खड़े हुए चुचूक अपने मुँह के करीब पाकर उन्हे चूसना आरम्भ कर और उसी समय ,मुझे जंगली कुत्ते की तरह चोदना शुरू कार दिया..l......
कई बार गीला और चिपचिपा होने के कारण उसका लण्ड फ़िसल कर चूत से निकल जा रहा था क्योंकि मेरी चूत लगातार योनिरस छोड़ रही थी किन्तु वह उसे पुनः चूत में घुसेड़ देता और चोदने लगता और हम लगातार एक दूसरे को चोद रहे थे हर बार वह और तेजी से धक्का मारता जो मेरे आनन्द को बढ़ा देता ,मेरीसाँसे मेरा साथ छोड़ने को उद्धत लगती थी जिसके कारण मैं उठी हुई (चुदाने को आतुर)कुतिया की तरह कराह रही थी (कमोन्माद से) l
मेरी कमोन्माद से उठने वाली कराहट को बन्द करने के लिए वह अपनी उँग्लियाँ मेरे मुँह में घुसेड़ दे रहा था और मैं तुरन्त अपना मुँह बन्द करके उसकी उँगलियों को लण्ड की तरह चूसने लगती
एकाएक उसने चोदना रोक दिया...l.
22
और मुझे कमर से पकड़ लिया और किचन के प्लेट्फ़ार्म के किनारे से खींचाऔर मुझे फ़र्श पर घुट्नों के बल खड़ा कर दिया ह्ड़्बडा कर मैंने उसका गीला लण्ड पकड़ कर अपने मुँह मे रख लिया और अपना सिर आगे - पीछे कर उसे चूसना आरम्भ कर दिया कई बार तो उसके पेल्हड़ो को चूसा और अपनी जीभ लण्ड पर ऊपर नीचे फ़िराई अब उसका लण्ड मेरे मुँह मे था और अचानक मैंने भी उसका लण्ड अपने मुँह से बाहर निकाल दिया और जैसे ही उसने अपना लण्ड हाथ में पकड़ कर आगे पीछे करते ही एक तेज धार मेरे चेहरे पर पड़ीऔर मैंने हड़बड़ा कर अपना मुँह हटाने की कोशिश की किन्तु तब तक उसने मेरे माथे ,मेरे बालों ,मेरे गालों पर बौछार कर दी जो धीरे धीरे मेरे गालों .ठोढ़ी होंठों से बहता हुआ मेरे नग्न स्तनों पर बहने लगा झड़ने के बाद भी उसका झड़ा हुआ लण्ड मेरे मुँह के सामने था मैंने प्यार से चूम लिया और उसका सारा वीर्य अपने चेहरे पर मल लिया ,अब तक मेरा चेहरा उसके वीर्य से पूरी तरह से लथपथ हो चुका था .मैंने कभी सोचा नहीं था कि कोई नौजवान इतना अधिक वीर्य भरे घूमता होगा ,मेरे पति ने कई बार मेरे स्तनोंपर ,पेट पर वीर्य त्याग किया था किन्तु चेहरे पर कभी नहीं जो इस लड़्के ने पहली बार ऐसा कर के मुझे और अधिक उत्तेजित कर दिया था
मैं उसके तन्नाए लंड को इस कदर चाह रही थी कि वह मेरे शरीर को चाहे चोद के बरबाद ही कर दे और मुझे चाहे तो इसके लिए अपना गुलाम ही बना ले ,इसमे मुझे लेश मात्र भी सन्देह नहीं रह गया था
अब उसने मुझे किचन के प्लेट्फ़ार्म के किनारे पर ढकेल कर लगा दिया था और मैंने भी उसका लंड अपने हाथ में पकड़ कर अपनी टांगों के बीच ले आई थी मेरे पैर उसके दोनो ओर फ़ैले थे और उसकी कमर से लिपटे हुए थे
वह थोड़ा अनाड़ी लग रहा था और इस बारे में निश्चित नहीं लग रहा था कि वह कैसे योनि भेदन कर प्रविष्ट होगा अतः मैं ने उसके लंड को पकड़ कर योनिमुख पर रखा और उसकी कमर को पकड़ कर अपनी ओर खींचा आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह.....
मैं गर्मी से भर उठी थी और उसके लण्ड ने मेरी चूत को भर दिया था उसका चेहरा करीब -करीब मेरे चेहरे पर था और वह बहुत लम्बी लम्बी साँस ले रहा था. वह मुझे चूम रहा था, लेकिन लण्ड मुझेजंगली बनाने के लिय अंदर था. मैं चाहती थी कि वह मुझे एक जंगली कुत्ते की तरहचोद डाले l
पहले वह मुझे धीरे धीरे चोद रहा था कुछ सेकंड के बाद अचानक मुझे बहुत तेजी से चोदना शुरू कर दिया l जब वह मुझे बहुत बहुत बहुत तेजी से बिना किसी चेतावनी के अचानक चोदना शुरू करता तो मुझे अपनी सांस को सम्भालने के लिए प्रयास करना पड़ता l यह मुझे और भी अधिक जंगली बना रहाथा . सबसे पहले, एक हाथ से उसके सिर के पार हाथ डाल कर उसे अपने करीब खींच लिया. मेरा दूसरा हाथ उस के धक्कों को सम्भालने के लिये उसकी कमर के पार था अब, मैं पूरी तरह से बेपरवाह थी और मेरे दोनों हाथ पीछे रसोई के प्लेट्फ़ार्म पर टिके थे और मेरे शरीर को सहारा दे रहे थे l मैंनेअपनी पीठ को मोड़्कर धनुषाकार किया जिससे मेरे स्तन मेरे मेरे भतीजे अमित के चेहरे की ओर निकल कर आ रहे रहे थे. अमित मेरे स्तनों को उसके चेहरे की ओर झुका हुआ देखा और मेरे खड़े हुए चुचूक अपने मुँह के करीब पाकर उन्हे चूसना आरम्भ कर और उसी समय ,मुझे जंगली कुत्ते की तरह चोदना शुरू कार दिया..l......
कई बार गीला और चिपचिपा होने के कारण उसका लण्ड फ़िसल कर चूत से निकल जा रहा था क्योंकि मेरी चूत लगातार योनिरस छोड़ रही थी किन्तु वह उसे पुनः चूत में घुसेड़ देता और चोदने लगता और हम लगातार एक दूसरे को चोद रहे थे हर बार वह और तेजी से धक्का मारता जो मेरे आनन्द को बढ़ा देता ,मेरीसाँसे मेरा साथ छोड़ने को उद्धत लगती थी जिसके कारण मैं उठी हुई (चुदाने को आतुर)कुतिया की तरह कराह रही थी (कमोन्माद से) l
मेरी कमोन्माद से उठने वाली कराहट को बन्द करने के लिए वह अपनी उँग्लियाँ मेरे मुँह में घुसेड़ दे रहा था और मैं तुरन्त अपना मुँह बन्द करके उसकी उँगलियों को लण्ड की तरह चूसने लगती
एकाएक उसने चोदना रोक दिया...l.
22
और मुझे कमर से पकड़ लिया और किचन के प्लेट्फ़ार्म के किनारे से खींचाऔर मुझे फ़र्श पर घुट्नों के बल खड़ा कर दिया ह्ड़्बडा कर मैंने उसका गीला लण्ड पकड़ कर अपने मुँह मे रख लिया और अपना सिर आगे - पीछे कर उसे चूसना आरम्भ कर दिया कई बार तो उसके पेल्हड़ो को चूसा और अपनी जीभ लण्ड पर ऊपर नीचे फ़िराई अब उसका लण्ड मेरे मुँह मे था और अचानक मैंने भी उसका लण्ड अपने मुँह से बाहर निकाल दिया और जैसे ही उसने अपना लण्ड हाथ में पकड़ कर आगे पीछे करते ही एक तेज धार मेरे चेहरे पर पड़ीऔर मैंने हड़बड़ा कर अपना मुँह हटाने की कोशिश की किन्तु तब तक उसने मेरे माथे ,मेरे बालों ,मेरे गालों पर बौछार कर दी जो धीरे धीरे मेरे गालों .ठोढ़ी होंठों से बहता हुआ मेरे नग्न स्तनों पर बहने लगा झड़ने के बाद भी उसका झड़ा हुआ लण्ड मेरे मुँह के सामने था मैंने प्यार से चूम लिया और उसका सारा वीर्य अपने चेहरे पर मल लिया ,अब तक मेरा चेहरा उसके वीर्य से पूरी तरह से लथपथ हो चुका था .मैंने कभी सोचा नहीं था कि कोई नौजवान इतना अधिक वीर्य भरे घूमता होगा ,मेरे पति ने कई बार मेरे स्तनोंपर ,पेट पर वीर्य त्याग किया था किन्तु चेहरे पर कभी नहीं जो इस लड़्के ने पहली बार ऐसा कर के मुझे और अधिक उत्तेजित कर दिया था
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.