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पुरानी हिन्दी की मशहूर कहनियाँ
#75
लेकिन वह बहुत अधीर था और इससे पहले कि मेरे स्तनों को पूरी तरह से मेरी ब्रा में से आजाद कराता , मेरे ब्लाउज के दो बटन तोड़ दिया . हाँ, मैं एक ब्रा पहने हुए थी. उसने मेरे कंधे तक मेरे ब्लाउज को खिसकाया और मेरे ब्लाउज को पूरी तरह से उतार दिया अब मैं अपनी ब्रा में थी मेरे स्तनों के निरंतर मर्दन (निचोड़) और मालिश के कारण एक गहरी दरार दिख जाती थी l


बस गया था.उसके हाथ मेरे स्तनों के नंगेपन की खोजकर रहे थेऔर फिर उसने अपना एक हाथ मेरी ब्रा के अंदर डाल दिया और मेरे निपल्सका स्पर्श करना शुरू किया.l मेरा निपल्स कड़े होकर तन गए और वह अपनी उंगली मेरे कड़े होकर तन हुए निपल्स पर चल रहा था अब, मैं उसे पूरी तरह से अपने कब्जे मे लेना चाह रही थी और मैं उसकी कमर से अपना हाथ अपनी पीठ और उसके शरीर के बीच से ले जा कर उसके लण्ड को अपने हाथ ले लिया और और उसके शॉर्ट्स के ऊपर से दबा दिया .मैं अपने हाथ ऊपर ले गई और धीरे - धीरे उसके शॉर्ट्स के अंदर और उसके अंडरवियर के अंदर अपना हाथ ले गई और उसके नग्न गर्म लिंग का स्पर्श किया और साथ ही उसे पकड़ लिया और दूसरे हाथ से , मैंने उसके शार्ट्स को नीचे खींच लिया l अब उसका
खड़ा और गीला लण्ड मेरे हाथ में उसके शॉर्ट्स के बाहर था l
अमित ने एक पल के लिए मेरी ब्रा के अंदर से अपना हाथ हटा लिया और जल्दी से अपने शॉर्ट्स को पूरी तरह से उतार दिया. अब वह सिर्फ मेरे पीछे अपनी baniyaan में था, जबकि मैं अपनी ब्रा और पेटीकोट में थी. इसी लियेउसने मेरे पेटीकोट भी उतारने की कोशिश की. दुर्भाग्य से मेरे पेटीकोट गाँठ भी मजबूत थी और वह इसे खोलने में असमर्थ था. उसने मेरी कमर के नीचे मेरे पेटीकोट खींचने की कोशिश की, लेकिनउतार न सका l


तब मैंने अपनी कमर से अपना पेटीकोट उतारने की कोशिशा की और कमोत्तेजना के आधिक्य के कारण (or rather sexcitement - ) मैं अपने पेटीकोट को उतार न पाई l तब अमित ने मेरी कमर से मेरा पेटीकोट खींचना शुरू किया और अपने हाथों और उंगलियों से मेरी जांघों और भीतरी जांघों की नग्नता का आनंद ले रहा था l मैंने उसके लंड पर ,जो कल रात से भी बड़ा लग रहा था ,अपने हाथ से हल्के - हल्के प्रहार करना आरम्भ किया
उसके लंड ने उत्तेजना के कारण यौन रस प्रवाहित करना आरम्भ कर दिया था l और जिसके चलते मेरा हाथ उसके रस से चिपचिपा हो रहा था l.मेरी हथेली पर ढेर सारा रस इकठ्ठा हो गया था कभी कभी, मैं उसके लंड और उसकी नोक पर और उसके आसपास यौन रस का अनुभव अपने हाथ पर उसे सहलाते हुए पा रही थी l



इस दौरान, वह मेरी कमर से मेरी पेटीकोट को ऊपर उठा पाने में कामयाब रहा और अब अचानक वह अपने घुटनों पर फिर से चला गया (और मेरे हाथ से बाहर अपने मुर्गा) और मेरी नितम्ब को चूमने लगा. अब उसने मेरे नितम्ब को चूमनाऔर चाटना और धीरे धीरे काटने लगा . मैं उत्तेजनावश गीली हो रही थी.अवचेतन रूप से (Subconsciously)
, मैंने अपनी ब्रा नीचे खींच कर पूरी तरह से अपने दोनों स्तनों को बेनकाब कर दियाl
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: पुरानी हिन्दी की मशहूर कहनियाँ - by neerathemall - 16-01-2019, 12:57 AM
Pahli bar bahan k sath picnic - by neerathemall - 14-02-2019, 03:18 AM
RE: Soni Didi Ke Sath Suhagraat - by neerathemall - 26-04-2019, 12:23 AM
didi in waterfall - by neerathemall - 04-06-2019, 01:34 PM
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