16-01-2019, 12:54 AM
अब वह मेरे पीछे अपने घुटनो के बल हो कर मेरे स्तनों को मसले जा रहा था और उसकी जीभ मेरे कटि प्रदेश पर भ्रमण कर रही थी जहाँ मेरी साड़ी पेटीकोट पर लिपटी थी अब उसने मेरे पीछे से कमर पर जीभ और होठ फ़ेरते हुए मेरे नितम्बों को
मेरी साड़ी के ऊपर से दबाना और कचोटना शुरू कर दिया l एक हाथ से वह मेरी कमर को अप्ने नजदीक रखने मे इस्तेमाल कर रहा था और दूसरे से क्रम बदल कर मेरे चूतड़ों को दबा और निचोड़ रहा था l
मुझे लगता है कि शायद मैं भी उसके स्पर्श का प्रतिरोध न कर के उसका साथ अपने नितम्बों को उसकी ओर झुका कर देने लगी थी l उसने मेरी साड़ी को मेरी कमर से अलग करने का प्रयास किया .....
मेरी साड़ी के ऊपर से दबाना और कचोटना शुरू कर दिया l एक हाथ से वह मेरी कमर को अप्ने नजदीक रखने मे इस्तेमाल कर रहा था और दूसरे से क्रम बदल कर मेरे चूतड़ों को दबा और निचोड़ रहा था l
मुझे लगता है कि शायद मैं भी उसके स्पर्श का प्रतिरोध न कर के उसका साथ अपने नितम्बों को उसकी ओर झुका कर देने लगी थी l उसने मेरी साड़ी को मेरी कमर से अलग करने का प्रयास किया .....
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
