16-01-2019, 12:49 AM
जल्द ही, वह बग़ल में आ गया और मुझ से चिपक गया . अब, वह मेरे
बिल्कुल पास ,थोड़ा झुक के मेरे स्तनों को चूसना का प्रयास करने लगा. धीरे धीरे वह नीचे की ओर चला गया
वह मेरी nightie के ऊपर से मेरे पेट और मेरे दोनो ओर चुंबन करने लगा.,
अपने हाथों को मोटे तौर पर मेरे स्तनों को बेरहमी से मसले जा रहा था l
मेरा हाथ उसके सिर को धीरे धीरे नीचे की ओर धकेलने में लगे थे l
इतना जद्दोजहद की वजह से, मेरी nightie खिसक कर मेरी कमर के नीचे आ गई थी l
l और मेरा भान्जा अब मेरे पैर और मेरी जांघों के भीतर की ओर अपना हाथ चलाने लगा l
मैं तो सेक्स से इतनी भरी हुई थीकि मैं अपने कूल्हों के ऊपर उछालने लगती जब भी उसका हाथ मेरा अन्दरूनी जाघँ पर होता l
मैं अब भी उसके सिर को अब भी नीचे की ओर ही धकेल रही थी धीरे धीरे वह मेरी कमर तक पहुंच गया l
और मेरी कमर, मेरे पेट को चूमने लगा ,और मेरी nightie और पैंटी के ऊपर से ही मेरी चूत को रगड़ना शुरू किया l
अब वह पूरी तरह से नीचे था, जबकि उसके हाथ मेरे स्तनों को रगड़ रहे थे और कभी कभी मेरे मुँह में अपनी उंगलियों डाल
कर मुझे जोर जोर से कमोत्तेजना वश कराहने सो रोकने की कोशिश कर रहा था l
अब मेरे दोनों पैर उसकी गर्दन के पार ,उसके कन्धों पर इस तरह से थे कि मेरी योनि सामने थी और वह उसमें गहराई तक घुसा जा
रहा था
उफ़्फ़ ! अब उसने मेरे भगाकुंर पर जीभ से प्रहार करने लगा l
जो मुझे कामोत्तेजना से बेकाबू किये जा रहा था मेरी सांसों की गति बढ़्ती जा रही थी मेरी सिसकारियों भी बढ़्ती जा रहीं थी l
जैसे ही मैंने अपनी नाइटी हटाई जिससे उसे मेरी पैंटी दिख गई उसने तुरंत पैंटी खिसका कर जगह बनाई और अपनी एक उँगली मेरे अन्दर घुसा दी और उँगली से घर्षण करने लगा l मेरे अब मैंने खुद पर से अपना नियन्त्रण खोता हुआ महसूस कर रही थी अओर मैंने उत्तेजित हो कर उसके मुँह को अपनी चूत पर और जोर से दबा लिया l
बिल्कुल पास ,थोड़ा झुक के मेरे स्तनों को चूसना का प्रयास करने लगा. धीरे धीरे वह नीचे की ओर चला गया
वह मेरी nightie के ऊपर से मेरे पेट और मेरे दोनो ओर चुंबन करने लगा.,
अपने हाथों को मोटे तौर पर मेरे स्तनों को बेरहमी से मसले जा रहा था l
मेरा हाथ उसके सिर को धीरे धीरे नीचे की ओर धकेलने में लगे थे l
इतना जद्दोजहद की वजह से, मेरी nightie खिसक कर मेरी कमर के नीचे आ गई थी l
l और मेरा भान्जा अब मेरे पैर और मेरी जांघों के भीतर की ओर अपना हाथ चलाने लगा l
मैं तो सेक्स से इतनी भरी हुई थीकि मैं अपने कूल्हों के ऊपर उछालने लगती जब भी उसका हाथ मेरा अन्दरूनी जाघँ पर होता l
मैं अब भी उसके सिर को अब भी नीचे की ओर ही धकेल रही थी धीरे धीरे वह मेरी कमर तक पहुंच गया l
और मेरी कमर, मेरे पेट को चूमने लगा ,और मेरी nightie और पैंटी के ऊपर से ही मेरी चूत को रगड़ना शुरू किया l
अब वह पूरी तरह से नीचे था, जबकि उसके हाथ मेरे स्तनों को रगड़ रहे थे और कभी कभी मेरे मुँह में अपनी उंगलियों डाल
कर मुझे जोर जोर से कमोत्तेजना वश कराहने सो रोकने की कोशिश कर रहा था l
अब मेरे दोनों पैर उसकी गर्दन के पार ,उसके कन्धों पर इस तरह से थे कि मेरी योनि सामने थी और वह उसमें गहराई तक घुसा जा
रहा था
उफ़्फ़ ! अब उसने मेरे भगाकुंर पर जीभ से प्रहार करने लगा l
जो मुझे कामोत्तेजना से बेकाबू किये जा रहा था मेरी सांसों की गति बढ़्ती जा रही थी मेरी सिसकारियों भी बढ़्ती जा रहीं थी l
जैसे ही मैंने अपनी नाइटी हटाई जिससे उसे मेरी पैंटी दिख गई उसने तुरंत पैंटी खिसका कर जगह बनाई और अपनी एक उँगली मेरे अन्दर घुसा दी और उँगली से घर्षण करने लगा l मेरे अब मैंने खुद पर से अपना नियन्त्रण खोता हुआ महसूस कर रही थी अओर मैंने उत्तेजित हो कर उसके मुँह को अपनी चूत पर और जोर से दबा लिया l
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
