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पुरानी हिन्दी की मशहूर कहनियाँ
#33
समीर स्वाभाविक रूप से दोनो में से मजबूत था और अब यह उसकी बारी थी कि कुछ प्रभाव दिखा सके उसका शरीर इस तरह से ऊपर नीचे हो रहा था कि मानो हाइड्रोलिक मशीन हो जो उसकी बहन को आन्नद से पागल करे जा रहा था l
उसने और त्तेजी से धक्के लगाने चालू कर दियेजिससे उसका शरीर गति से तारतम्य बनाने केलिये उछल रहा था इससे उसकी बहन के उरोज उछल -उछ्ल कर उसके भाई के लिये अद्भुत नजारा प्रस्तुत कर रहे थे यद्यपि अस्मा के घुटने दर्द से दुखने लगे थे फ़िर भी उसने गति धीमी कर आन्नद मे कमी न आने दी
समीर की कमर की नसों मे धीमी सुरसुराहट शुरू हो गई थी जो मष्तिषक में पहुँचने से पहले उसके मेरु दण्ड तक जाती थी जिससे उसे यह आभास हो रहा था कि वह किसी भी पल स्खलित हो सकता है l
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: पुरानी हिन्दी की मशहूर कहनियाँ - by neerathemall - 16-01-2019, 12:16 AM
Pahli bar bahan k sath picnic - by neerathemall - 14-02-2019, 03:18 AM
RE: Soni Didi Ke Sath Suhagraat - by neerathemall - 26-04-2019, 12:23 AM
didi in waterfall - by neerathemall - 04-06-2019, 01:34 PM
Meri Didi Ki Garam Jawani - by neerathemall - 29-01-2020, 11:22 AM



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