16-01-2019, 12:11 AM
वह जल्दी से उठ खडी हुई और उसके अच्छी तरह से फैले पैरों के बीच में भाई को पाकर वह रोमांचित थी समीर अपनी शरारती बहन को अपने लण्ड पर बैठा पाकर बहुत ही खुशः हुआ वह आगे पीछे हो रही थी
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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
