16-01-2019, 12:05 AM
उसे अपनी बीबी की याद ताजा हो गई जो समागम से पूर्व इस तरह के उँगल चुदाई का आन्न्द लेने से नहीं चूकती थी l
उसकी उंगलियाँ तब तक उसकी चूत में खल्बली मचाती रही जब तक कामोन्माद के चरम शिखर पर पहुँच कर उसने आन्नद से चिल्ला कर योनिरस नहीं छोड़ दिया और उस रस की फ़ुहार की कुछ छींटे उसके चेहरे पर आ गिरींl
"ओह ! समीर ! कितना प्यारा था ", अब पता चला कि पिछ्ले कितने दिनों से इस सुख से वंचित थी और समीर के ने जैसे ही झुक कर उसके चेहरे के समीप आने काप्रयास किया उसने अपने होठ उसके होठो पर रख दियेl
समीर ने अपने शरीर को तिरछा कर अपने ब्रीफ़ से छुट्कारा पाया इस बीच उसकी बहन उसके ने उसके मीनार के समान खडे लण्ड का दीदार किया l
उसकी उंगलियाँ तब तक उसकी चूत में खल्बली मचाती रही जब तक कामोन्माद के चरम शिखर पर पहुँच कर उसने आन्नद से चिल्ला कर योनिरस नहीं छोड़ दिया और उस रस की फ़ुहार की कुछ छींटे उसके चेहरे पर आ गिरींl
"ओह ! समीर ! कितना प्यारा था ", अब पता चला कि पिछ्ले कितने दिनों से इस सुख से वंचित थी और समीर के ने जैसे ही झुक कर उसके चेहरे के समीप आने काप्रयास किया उसने अपने होठ उसके होठो पर रख दियेl
समीर ने अपने शरीर को तिरछा कर अपने ब्रीफ़ से छुट्कारा पाया इस बीच उसकी बहन उसके ने उसके मीनार के समान खडे लण्ड का दीदार किया l
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
