Thread Rating:
  • 7 Vote(s) - 2 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
पुरानी हिन्दी की मशहूर कहनियाँ
#20
समीर उसकी बहन के विपरीत स्थिर बैठा हुआ था. उसने अपने पैरों से उसके पैरों के पार डाल कर
वह उसके सीने् पर झुकती चली गई और कहा कि "मैं चाहती हूँ कि
आप मुझे एक दिन के लिए सलमा मान लें

समीर तुरंत पशु प्रवृत्ति द्वारा जीत लिया गया. जैसे ही उसने उसकी ओर अपना सिर झुकाना शुरू किया समीर नेअपने हाथों से उसके सिर को पकड़ा

और अपनी ओर खींच लिया.


उनके होंठ एक्क दूसरे के होंठो मे दब रहे थे और समीर की जीभ उसके मुँह के भीतर भ्रमण कर रही थी
तभी समीर ने झट्का खाया और अपनी बहन को साथ में खींच कर फर्श पर पसर गया
वह समीर के सीने से चिपकी हुई थी , समीर का उभार उसके जघन- प्रदेश में घुस जाना चाहता था वे एक दूसरे से आलिंगन्बद्ध फ़र्श पर लोट रहे थे
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply


Messages In This Thread
RE: पुरानी हिन्दी की मशहूर कहनियाँ - by neerathemall - 15-01-2019, 11:53 PM
Pahli bar bahan k sath picnic - by neerathemall - 14-02-2019, 03:18 AM
RE: Soni Didi Ke Sath Suhagraat - by neerathemall - 26-04-2019, 12:23 AM
didi in waterfall - by neerathemall - 04-06-2019, 01:34 PM
Meri Didi Ki Garam Jawani - by neerathemall - 29-01-2020, 11:22 AM



Users browsing this thread: