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पुरानी हिन्दी की मशहूर कहनियाँ
#19
अच्छा होगा कि मैं पार्सल खोल दूँ,कह कर अजीब तरह से मुस्कराते हुए कन्धे से खींच कर शाल उतार दिया अच्छी तरह से ढ्की गोलाइयों का अद्भुत नजारा समीर को पेश करते किया जो भाव शून्य रूप से स्थिर हो कर बैठा था l
वह आलिव ग्रीन रंग का लो कट गले वाला चूड़ीदार सूट पहने थी जिसका 'v' कट गला कृत्रिम पत्थरों से सजा था l अद्भुत रेशम कढ़ाई आस्तीन और कंधों बाहोँ पर गजब ढा रही थी ,इन कपड़ो मे वह गजब की सुन्दर लग रही थी l उसके कुर्ते के दो बटन खुले थे जिनसे स्तनो के बीच की दरार की झलक मिलती थी l उसके सुडौल आकार के स्तन के तीक्ष्ण किनारे इस बात की चुगली कर रहे थे कि उसने एकदम सही आकार की ब्रा पहन रखी है l
क्षणांश के लिए उसकी नजरें हवा में भटकने के बाद साहसपूर्वक उसके स्तनों पर जाकर ठहर गईं l यह असामान्य क्षण उन दोनों के लिये रोमांचक क्षण था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: पुरानी हिन्दी की मशहूर कहनियाँ - by neerathemall - 15-01-2019, 11:53 PM
Pahli bar bahan k sath picnic - by neerathemall - 14-02-2019, 03:18 AM
RE: Soni Didi Ke Sath Suhagraat - by neerathemall - 26-04-2019, 12:23 AM
didi in waterfall - by neerathemall - 04-06-2019, 01:34 PM
Meri Didi Ki Garam Jawani - by neerathemall - 29-01-2020, 11:22 AM



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