15-01-2019, 11:52 PM
सलमा की देख रेख मे कोई कमी नहीं आनी चाहिये,बाप बनने के बाद उसे ऐसे ही न छोड़ देना
समीर जानता था कि अपनी किसियाहट छुपाने के लिए वह एस तरह का दिखावा कर रही है
उसने सोचा कि उसे दिलासा दिलाना ठीक रहेगा-
’"तुम हितेन के बारे में, ऐसा ख्याल दिल मे न लाओ आखिरकार वह तुम्हारे परिवार की खुशी के लिये ही तो ये सब कर रहे हैं
अच्छा ठीक है ,औपचारिकत्त की आव्श्य्कता नहीं है,खड़े होते हुए समीर ने कहा,तुम्हे गरमागरम काफ़ी पिलाता हूँ l
अस्मा ने उसकी बाँह पकड़्कर सोफ़े में खींचते हुए कहा, अब तुम औपचारिक हो रहे हो l
तुम्हे ठंड नहीं लग रही है,समीर ने प्रश्न किया ,मुझे लगता है कि एक क्प काफ़ी हो जाए l
इतनी दूर से मैं यहाँ सिर्फ एक कप कॉफी, के लिए नहीं आई हूँ "Asma
शरारत से मुस्कुराई. "मैं सालगिरह अपने भाई को अच्छा नाश्ता खिलाने आई हूँ l
. " नाश्ते के लिए बहुत जल्दी है" समीर ने कहा यह सोच कर है कि उसकी
बहन पैकेट के बारे मे बात कर रही है जो वह लेकर आई है l
तुम भी हितेन की तरह कददू(बुद्धू) हो,अस्मा ने उसके निकट आते हुए फ़ुसफ़ुसाते हुए कहा ,तुम्हारे सामने खड़ी हूँ,जिन्दा ! इससे बढ़िया नाश्ता क्या होगा?
समीर उसकी इस बात से अचंभित रह गया l निश्चित रूप से उसकी इस बात का मतलब समझकर हैरान नहीं था यह सच है कि सलमा से शादी से पहले उसके उभारों पर उसकी नजर रहती थीऔर वे सपने अब भी कहीं दिल की गहराइयों में ताजा थे कि काश एक बार वह अपनी बहन को ...
समीर जानता था कि अपनी किसियाहट छुपाने के लिए वह एस तरह का दिखावा कर रही है
उसने सोचा कि उसे दिलासा दिलाना ठीक रहेगा-
’"तुम हितेन के बारे में, ऐसा ख्याल दिल मे न लाओ आखिरकार वह तुम्हारे परिवार की खुशी के लिये ही तो ये सब कर रहे हैं
अच्छा ठीक है ,औपचारिकत्त की आव्श्य्कता नहीं है,खड़े होते हुए समीर ने कहा,तुम्हे गरमागरम काफ़ी पिलाता हूँ l
अस्मा ने उसकी बाँह पकड़्कर सोफ़े में खींचते हुए कहा, अब तुम औपचारिक हो रहे हो l
तुम्हे ठंड नहीं लग रही है,समीर ने प्रश्न किया ,मुझे लगता है कि एक क्प काफ़ी हो जाए l
इतनी दूर से मैं यहाँ सिर्फ एक कप कॉफी, के लिए नहीं आई हूँ "Asma
शरारत से मुस्कुराई. "मैं सालगिरह अपने भाई को अच्छा नाश्ता खिलाने आई हूँ l
. " नाश्ते के लिए बहुत जल्दी है" समीर ने कहा यह सोच कर है कि उसकी
बहन पैकेट के बारे मे बात कर रही है जो वह लेकर आई है l
तुम भी हितेन की तरह कददू(बुद्धू) हो,अस्मा ने उसके निकट आते हुए फ़ुसफ़ुसाते हुए कहा ,तुम्हारे सामने खड़ी हूँ,जिन्दा ! इससे बढ़िया नाश्ता क्या होगा?
समीर उसकी इस बात से अचंभित रह गया l निश्चित रूप से उसकी इस बात का मतलब समझकर हैरान नहीं था यह सच है कि सलमा से शादी से पहले उसके उभारों पर उसकी नजर रहती थीऔर वे सपने अब भी कहीं दिल की गहराइयों में ताजा थे कि काश एक बार वह अपनी बहन को ...
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
