15-01-2019, 11:45 PM
शादी की सालगिरह मुबारक Asma दूसरे छोर पर लगभग चिल्लाकर बोली
"धन्यवाद" समीर एक मुस्कानके साथ कह कर बधाई स्वीकार की
संयोग से मैं सिर्फ मिनट पहले तुम्हारे के बारे में सोच रहा था!
"मुझसे झूठ मत बोलो? " उसकी आवाज उसी उत्साह में लथपथ थी
"अरे ऎसा दिन है जब आपको अपनी बहन को याद नहीं करना चाहिए."
"अजीब बात है", समीर कुछ हद तकहल्के तौर पर वह हँसा l "असल में मैं,
तुम्हें बुलाना चाह रहा था lमुझे आशंका है कि शायद हम लोग डिनर मे न मिल सके l
मुझे आपसे इसी तरह है कि उम्मीद है Asma ने हँसी से कहाl "मैं जानती हूँ कि अपनी नौकरी
आपकी दूसरी पत्नी हैl
लेकिन, क्या आपको नहीं लगता है कि कम से कम महीने में एक बार तो मिल ही सकते हैं?
हम पास होकर भी दूर हैं. "
"सच है" समीर ने अपराध भावना के साथ स्वीकार किया. "मैं तुमसे नही मिल सका l
"
"इसी कारण मैं यहाँ हूँ" Asma दूसरे छोर पर हँसी "मुड़ कर बाहर देखो l
समीर खिड़की की तरफ़ रवाना हुआ फिर गेट से अस्मा को सेलुलर फोन पकड़े, आते हुए देखा . उनकी आँखों एक बार मिली और
गर्म मुस्कान का आदान - प्रदान कियाl समीर ने अपने
हैंडसेट बंद किया और दरवाजे की ओर भागा कि उसकी बहन अंदर आ जाओ उसे
दाहिने हाथ आगे बढ़ाकर पहले दरवाजा खोला.
" सुखद आश्चर्य है!" समीर ने अपनी भावनाओ को प्रकट किए बिना ही मुस्कराया
वह अपनी बहन की विनम्र भाव अति प्रसन्न हुआ l घर
अचानक Asma की उपस्थिति के साथ जीवंत हो गया और
जल्द ही भाई बहन कुछ अजीब विचार विमर्श में तल्लीन हो गय
ज़ोर जोर से हँसी कह्कहे गूँजने लगे ,माहौल मे रौनक सी छागई l
"आप अपने नाश्ते के बारे मे क्या विचार है?Asma नेहँसी में पूछा l
वह जानती थी कि उसके भाई में रसोईघर मेंखड़े होने का धैर्य कभी नहीं था l
.
"धन्यवाद" समीर एक मुस्कानके साथ कह कर बधाई स्वीकार की
संयोग से मैं सिर्फ मिनट पहले तुम्हारे के बारे में सोच रहा था!
"मुझसे झूठ मत बोलो? " उसकी आवाज उसी उत्साह में लथपथ थी
"अरे ऎसा दिन है जब आपको अपनी बहन को याद नहीं करना चाहिए."
"अजीब बात है", समीर कुछ हद तकहल्के तौर पर वह हँसा l "असल में मैं,
तुम्हें बुलाना चाह रहा था lमुझे आशंका है कि शायद हम लोग डिनर मे न मिल सके l
मुझे आपसे इसी तरह है कि उम्मीद है Asma ने हँसी से कहाl "मैं जानती हूँ कि अपनी नौकरी
आपकी दूसरी पत्नी हैl
लेकिन, क्या आपको नहीं लगता है कि कम से कम महीने में एक बार तो मिल ही सकते हैं?
हम पास होकर भी दूर हैं. "
"सच है" समीर ने अपराध भावना के साथ स्वीकार किया. "मैं तुमसे नही मिल सका l
"
"इसी कारण मैं यहाँ हूँ" Asma दूसरे छोर पर हँसी "मुड़ कर बाहर देखो l
समीर खिड़की की तरफ़ रवाना हुआ फिर गेट से अस्मा को सेलुलर फोन पकड़े, आते हुए देखा . उनकी आँखों एक बार मिली और
गर्म मुस्कान का आदान - प्रदान कियाl समीर ने अपने
हैंडसेट बंद किया और दरवाजे की ओर भागा कि उसकी बहन अंदर आ जाओ उसे
दाहिने हाथ आगे बढ़ाकर पहले दरवाजा खोला.
" सुखद आश्चर्य है!" समीर ने अपनी भावनाओ को प्रकट किए बिना ही मुस्कराया
वह अपनी बहन की विनम्र भाव अति प्रसन्न हुआ l घर
अचानक Asma की उपस्थिति के साथ जीवंत हो गया और
जल्द ही भाई बहन कुछ अजीब विचार विमर्श में तल्लीन हो गय
ज़ोर जोर से हँसी कह्कहे गूँजने लगे ,माहौल मे रौनक सी छागई l
"आप अपने नाश्ते के बारे मे क्या विचार है?Asma नेहँसी में पूछा l
वह जानती थी कि उसके भाई में रसोईघर मेंखड़े होने का धैर्य कभी नहीं था l
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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
