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Romance काला इश्क़!
#3
update 2 

इधर कॉलेज के पहले ही साल मेरे कुछ 'काँड़ी' दोस्त बन गए जिनकी वजह से मुझे गांजा मिल गया और उस गांजे ने मेरी जिंदगी ही बदल दी| रोज रात को पढ़ाई के बाद में गांजा सिग्रेटे में भर के फूँकता और फ़ूँकते-फ़ूँकते ही सो जाया करता| सारे दिन की टेंशन लुप्त हो जाती और नींद बड़ी जबरदस्त आती| पर अब दिक्कत ये थी की गांजा फूँकने के लिए पैसे की जर्रूरत थी और वो मैं लाता कहाँ से? घर से तो गिनती के पैसे मिलते थे, तभी एक दोस्त ने मुझे कहा की तू कोई पार्ट टाइम काम कर ले! आईडिया बहुत अच्छा था पर करूँ क्या? तभी याद ख्याल आया की मेरी एकाउंट्स बहुत अच्छी थी, सोचा क्यों न किसी को टूशन दूँ? पर इतनी आसानी से छडे लौंडे को कोई काम कहाँ देता है? एक दिन मैं दोस्तों के साथ बैठ चाय पी रहा था की मैंने अखबार में एक इश्तिहार पढ़ा: 'जर्रूरत है एक टीचर की' ये पढ़ते ही मैं तुरंत उस जगह पहुँच गया और वहाँ मेरा बाकायदा इंटरव्यू लिया गया की मैं कहाँ से हूँ और क्या करता हूँ? जब मैंने उन्हें अपने बारे में विस्तार से बताया और अपनी बारहवीं की मार्कशीट दिखाई तो साहब बड़े खुश हुए| फिर उन्होंने अपनी बेटी, जिसके लिए वो इश्तिहार दिया गया था उससे मिलवाया| एक दम सुशील लड़की थी और कोई देख के कह नहीं सकता की उसका बाप इतने पैसे वाला है| उसका नाम शालिनी था, उसने आके मुझे नमस्ते कहा और सर झुकाये सिकुड़ के सामने सोफे पर बैठ गई| उसके पिताजी ने उससे से मेरा तार्रुफ़ करवाया और फिर उसे अंदर से किताबें लाने को कहा| जैसे ही वो अंदर गई उसके पिताजी ने मेरे सामने एक शर्त साफ़ रख दी की मुझे उनकी बेटी को उनके सामने बैठ के ही पढ़ाना होगा| मैंने तुरंत उनकी बात मान ली और उसके बाद उन्होंने मुझे सीधे ही फीस के लिए पूछा! अब मैं क्या बोलूं क्या नहीं ये नहीं जानता था| वो मेरी इस दुविधा को समझ गए और बोले; १००/- प्रति घंटा| ये सुन के मेरे कान खड़े हो गए और मैंने तुरंत हाँ भर दी| इधर उनकी बेटी किताब ले के आई और मेरे सामने रख दी| ये किताब एकाउंट्स की थी जो मेरे लिए बहुत आसान था| उस दिन के बाद से मैं उसे रोज पाँच बजे पढ़ाने पहुँच जाता और एक घंटा या कभी कभी डेढ़-घंटा पढ़ा दिया करता| वो पढ़ने में इतनी अच्छी थी की कभी-कभी तो मैं उसे डेढ़-घंटा पढ़ा के भी एक ही घंटा लिख दिया करता था|  शालिनी के पहले क्लास टेस्ट में उसके सबसे अच्छे नंबर आये और ये देख उसके पिताजी भी बहुत खुश हुए और उसी दिन उन्होंने मुझे मेरी कमाई की पहली तनख्वा दी, पूरे ३०००/- रुपये! मेरी तनख्वा मेरे हाथों में देख मैं बहुत खुश हुआ और अगले दिन चूँकि शुक्रवार था तो मैंने सबसे पहले कॉलेज से बंक मारा और रितिका के लिए नए कपडे खरीदे और उसके बाद एक चॉकलेट का बॉक्स लेके मैं बस में चढ़ गया| चार घंटे बाद में घर पहुँचा तो चुपचाप अपना बैग कमरे में रख दिया ताकि कोई उसे खोल के ना देखे| इधर दबे पाँव में रितिका के कमरे में पहुँचा और उसे चौंकाने के लिए जोर से चिल्लाया; "सरप्राइज"!!! ये सुनते ही वो बुरी तरह डर गई और मुझे देखते ही वो बहुत खुश हुई| जैसे ही वो मेरी तरफ आई मैंने उसे कस के गले लगा लिया और बोला; "HAPPY BIRTHDATY ऋतू"!!! ये सुनके तो वो और भी चौंक गई और उसने आज कई सालों बाद मेरे गाल पर चुम लिया और "THANK YOU" कहा| मैंने उसे अपने कमरे में भेज दिया और मेरा बैग ले आने को कहा| जब तक वो मेरा बैग लाइ मैं उसके कमरे में बैठा उसकी किताबें देख रहा था| उसने बैग ला के मेरे हाथ में दिया और मैंने उसमें से उसका तोहफा निकाल के उसे दिया| तोहफा देख के वो फूली न सामै और मुझे जोर से फिर गले लगा लिया और मेरे दोनों गालों पर बेतहाशा चूमने लगी| उसे ऐसा करते देख मुझे बहुत ख़ुशी हुई! घर में कोई नहीं था जो उसका जन्मदिन मनाता हो, मुझे याद है जब से मुझे होश आया था मैं ही उसके जन्मदिन पर कभी चॉकलेट तो कभी चिप्स लाया करता और उसे बधाई देते हुए ये दिया करता था और वो इस ही बहुत खुश हो जाया करती थी| जब की मेरे जन्मदिन वाले दिन घर में सभी मुझे बधाई देते और फिर मंदिर जाया करते थे| मुझे ये भेद-भाव कतई पसंद ना था परन्तु कुछ कह भी नहीं सकता था| 




 
खेर अपना तौफा पा कर वो बहुत खुश हुई और मुझसे पूछने लगी; 
 
रितिका: चाचू मैं इसे अभी पहन लूँ? 
 
मैं: और नहीं तो क्या? इसे देखने की लिए थोड़ी ही दिया है तुझे?!
 
वो ये सुन के तुरंत नीचे भागी और बाथरूम में पहन के बहार आके मुझे दिखाने लगी| नारंगी रंग की A - Line की जैकेट के साथ एक फ्रॉक थी और उसमें रितिका बहुत ही प्यारी लग रही थी| उसने फिर से मेरे गले लग के मुझे धन्यवाद दिया, परन्तु उसकी इस ख़ुशी किसी को एक आँख नहीं भाई| अचानक ही रितिका की माँ वहाँ आई और नए कपड़ों में देखते ही गरजती हुई बोली; "कहाँ से लाई ये कपडे?" जब वो कमरे में दाखिल हुई और मुझे उसके पलंग पर बैठा देखा तो उसकी नजरें झुक गई| "मैंने दिए हैं! आपको कोई समस्या है कपड़ों से?" ये सुन के वो कुछ नहीं बोली और चली गई| इधर रितिका की नजरें झुक गईं और वो रउवाँसी हो गई| “ऋतू .... इधर आ|” ये कहते हुए मैंने अपनी बाहें खोल दी और उसे गले लगने का निमंत्रण दिया| ऋतू मेरे गले लग गई और रोने लगी| "चाचू कोई मुझसे प्यार नहीं करता" उसने रोते हुए कहा| 

"मैं हूँ ना! मैं तुझसे प्यार नहीं करता तो तेरे लिए Birthday Present क्यों लाता? चल अब रोना बंद कर और चल मेरे साथ, आज हम बाजार घूम के आते हैं|" ये सुन के उसने तुरंत रोना बंद किया और नीचे जा के अपना मुंह धोया और तुरंत तैयार हो के आ गई| मैं भी नीचे दरवाजे पर उसी का इंतजार कर रहा था| तभी मुझे वहाँ माँ और पिताजी दिखाई दिए| मैंने उनका आशीर्वाद लिया और उन्हें बता के मैं और रितिका बाजार निकल पड़े| बाजार घर से करीब घंटा भर दूर था और जाने के लिए सड़क से जीप करनी होती थी| जब हम बाजार आये तो मैंने उससे पूछना शुरू किया की उसे क्या खाना है और क्या खरीदना है? पर वो कहने में थोड़ा झिझक रही थी| जब से मैं बाजार अकेले जाने लायक हुआ था तब से मैं रितिका को उसके हर जन्मदिन पर बाजार ले जाया करता था| मेरे अलावा घर में कोई भी उसे अपने साथ बाजार नहीं ले जाता था और बाजार जाके मैंने कभी भी अपने मन की नहीं की, हमेशा उसी से पूछा करता था और वो जो भी कहती उसे खिलाया-पिलाया करता था| पर आज उसकी झिझक मेरे पल्ले नहीं पड़ी इसलिए मैंने उस खुद पूछ लिया; "ऋतू? तू चुप क्यों है? बोलना क्या-क्या करना है आज? चल उस झूले पर चलें?" मैंने उसे थोड़ा सा लालच दिया| पर वो कुछ पूछने से झिझक रही थी;

 
मैं: ऋतू... (मैं उसे लेके सड़क के इक किनारे बनी टूटी हुई बेंच पर बैठ गया|)
रितिका: चाचू .... (पर वो बोलने से अभी भी झिझक रही थी|)
मैं: क्या हुआ ये तो बता? अभी तो तू खुश थी और अभी एक दम गम-सुम?
रितिका: चाचू... आपने मुझे इतना अच्छा ड्रेस ला के दिया..... इसमें तो बहुत पैसे लगे होंगे ना? और अभी आप मुझे बाजार ले आये ...और.... पैसे.... 
मैं: ऋतू तूने कब से पैसों के बारे में सोचना शुरू कर दिया? बोल? 
रितिका: वो... घर पर सब मुझे बोलेंगे...
मैं: कोई तुझे कुछ नहीं कहेगा! ये मेरे पैसे हैं, मेरी कमाई के पैसे| 
 
ये सुनते ही रितिका आँखें बड़ी कर के मुझे देखने लगी| 
 
रितिका: आप नौकरी करते हैं? आप तो कॉलेज में पढ़ रहे थे ना? आपने पढ़ाई छोड़ दी? 
मैं: नहीं पगली! मैं बस एक जगह पार्ट टाइम में पढ़ाता हूँ|
रितिका: पर क्यों? आपको तो पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए? दादाजी तो हर महीने पैसे भेजते हैं आपको! कहीं आपने मेरे जन्मदिन पर खर्चा करने के लिए तो नहीं नौकरी की?
मैं: नहीं .... बस कुछ ... खर्चे पूरे करने होते हैं| 
रितिका: कौन से खर्चे? 
मैं: अरे मेरी माँ तुझे वो सब जानने की जर्रूरत नहीं है| तू अभी छोटी है....जब बड़ी होगी तब बताऊँगा| अब ये बता की क्या खायेगी?(मैंने हँसते हुए बात टाल दी|)  
रितिका ने फिर दिल खोल के सब बताया की उसे पिक्चर देखनी है| मैं उसे ले के थिएटर की ओर चल दिया और दो टिकट लेके हम पिक्चर देखने लगे और फिर कुछ खा-पी के शाम सात बजे घर पहुँचे|
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काला इश्क़! - by Rockstar_Rocky - 09-10-2019, 11:13 AM
RE: काला इश्क़! - by Rockstar_Rocky - 09-10-2019, 11:36 AM
RE: काला इश्क़! - by asha10783 - 12-10-2019, 05:29 AM
RE: काला इश्क़! - by Black Horse - 13-10-2019, 11:32 AM
RE: काला इश्क़! - by Arv313 - 13-10-2019, 01:16 PM
RE: काला इश्क़! - by Sam Fisher - 14-10-2019, 10:05 PM
RE: काला इश्क़! - by uttu7887 - 24-10-2019, 08:23 AM
RE: काला इश्क़! - by smartashi84 - 25-10-2019, 04:38 PM
RE: काला इश्क़! - by smartashi84 - 04-11-2019, 10:46 AM
RE: काला इश्क़! - by smartashi84 - 05-11-2019, 03:07 PM
RE: काला इश्क़! - by uttu7887 - 12-11-2019, 07:47 PM
RE: काला इश्क़! - by Arv313 - 12-11-2019, 09:49 PM
RE: काला इश्क़! - by smartashi84 - 14-11-2019, 03:30 PM
RE: काला इश्क़! - by uttu7887 - 19-11-2019, 09:19 PM
RE: काला इश्क़! - by Dev rathore - 23-11-2019, 07:05 AM
RE: काला इश्क़! - by smartashi84 - 25-11-2019, 04:04 PM
RE: काला इश्क़! - by smartashi84 - 27-11-2019, 02:29 PM
RE: काला इश्क़! - by smartashi84 - 27-11-2019, 03:38 PM
RE: काला इश्क़! - by chodu baba - 27-11-2019, 06:57 PM
RE: काला इश्क़! - by Prativiveka - 27-11-2019, 10:40 PM
RE: काला इश्क़! - by chodu baba - 28-11-2019, 01:02 AM
RE: काला इश्क़! - by chodu baba - 28-11-2019, 04:23 PM
RE: काला इश्क़! - by chodu baba - 28-11-2019, 07:51 PM
RE: काला इश्क़! - by chodu baba - 30-11-2019, 10:46 PM
RE: काला इश्क़! - by smartashi84 - 09-12-2019, 11:19 AM
RE: काला इश्क़! - by Arv313 - 10-12-2019, 11:11 PM
RE: काला इश्क़! - by Prativiveka - 11-12-2019, 07:28 AM
RE: काला इश्क़! - by Prativiveka - 15-12-2019, 09:55 PM
RE: काला इश्क़! - by Arv313 - 16-12-2019, 07:55 PM
RE: काला इश्क़! - by Arv313 - 16-12-2019, 08:00 PM
RE: काला इश्क़! - by Prativiveka - 16-12-2019, 08:59 PM
RE: काला इश्क़! - by Prativiveka - 16-12-2019, 10:48 PM
RE: काला इश्क़! - by harrydresden - 17-12-2019, 12:12 AM
RE: काला इश्क़! - by smartashi84 - 17-12-2019, 04:26 PM
RE: काला इश्क़! - by vedprakash - 18-12-2019, 05:58 AM
RE: काला इश्क़! - by smartashi84 - 18-12-2019, 10:55 AM
RE: काला इश्क़! - by Jizzdeepika - 18-12-2019, 08:27 PM
RE: काला इश्क़! - by harrydresden - 18-12-2019, 11:29 PM
RE: काला इश्क़! - by Jizzdeepika - 19-12-2019, 09:50 PM
RE: काला इश्क़! - by Arv313 - 19-12-2019, 11:05 PM
RE: काला इश्क़! - by Prativiveka - 20-12-2019, 06:28 AM
RE: काला इश्क़! - by Arv313 - 21-12-2019, 07:01 AM
RE: काला इश्क़! - by Jizzdeepika - 21-12-2019, 07:34 AM
RE: काला इश्क़! - by smartashi84 - 21-12-2019, 02:34 PM
RE: काला इश्क़! - by Prativiveka - 21-12-2019, 10:16 PM
RE: काला इश्क़! - by Prativiveka - 21-12-2019, 10:16 PM
RE: काला इश्क़! - by Jizzdeepika - 22-12-2019, 08:58 PM
RE: काला इश्क़! - by Prativiveka - 23-12-2019, 05:58 AM
RE: काला इश्क़! - by smartashi84 - 23-12-2019, 11:02 AM
RE: काला इश्क़! - by harrydresden - 23-12-2019, 10:37 PM
RE: काला इश्क़! - by smartashi84 - 24-12-2019, 03:23 PM
RE: काला इश्क़! - by Prativiveka - 24-12-2019, 10:21 PM
RE: काला इश्क़! - by Prativiveka - 24-12-2019, 10:24 PM
RE: काला इश्क़! - by johnni - 25-12-2019, 01:31 PM
RE: काला इश्क़! - by smartashi84 - 26-12-2019, 12:58 PM
RE: काला इश्क़! - by johnni - 26-12-2019, 10:32 PM
RE: काला इश्क़! - by nts - 26-12-2019, 10:41 PM
RE: काला इश्क़! - by vedprakash - 28-12-2019, 05:50 AM
RE: काला इश्क़! - by Jizzdeepika - 28-12-2019, 07:24 AM
RE: काला इश्क़! - by smartashi84 - 30-12-2019, 11:19 AM
RE: काला इश्क़! - by harrydresden - 30-12-2019, 10:16 PM
RE: काला इश्क़! - by smartashi84 - 31-12-2019, 01:45 PM
RE: काला इश्क़! - by Prativiveka - 31-12-2019, 10:35 PM
RE: काला इश्क़! - by Jizzdeepika - 01-01-2020, 09:31 AM
RE: काला इश्क़! - by Prativiveka - 02-01-2020, 07:34 AM
RE: काला इश्क़! - by smartashi84 - 02-01-2020, 11:21 AM
RE: काला इश्क़! - by smartashi84 - 03-01-2020, 12:09 PM
RE: काला इश्क़! - by smartashi84 - 04-01-2020, 05:01 PM
RE: काला इश्क़! - by uttu7887 - 04-01-2020, 09:45 PM
RE: काला इश्क़! - by smartashi84 - 06-01-2020, 02:47 PM
RE: काला इश्क़! - by smartashi84 - 08-01-2020, 12:45 PM
RE: काला इश्क़! - by harrydresden - 08-01-2020, 05:01 PM
RE: काला इश्क़! - by Jizzdeepika - 09-01-2020, 08:49 AM
RE: काला इश्क़! - by Prativiveka - 08-01-2020, 10:07 PM
RE: काला इश्क़! - by Jizzdeepika - 10-01-2020, 03:06 PM
RE: काला इश्क़! - by Ashuk - 10-01-2020, 11:36 PM
RE: काला इश्क़! - by kill_l - 12-11-2020, 03:20 PM



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