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Misc. Erotica मजा पहली होली का ससुराल में ,
#8
[Image: shalwar-shriya-actress-salwar-kameez.jpg]







जल्दी से मैंने सलवार चढाई, कुरता सीधा किया और बाहर निकली. दर्द से चला भी नहीं जा रहा था. किसी तरह सासू जी के बगल में पलंग पे बैठ के बात की. 

मेरी छोटी ननद ने छेड़ा, 


[Image: teen-young-b1274b213fb3290df1a87fb069b79223.jpg]
“क्यों भाभी, बहुत दर्द हो रहा है.?”



मैंने उसे खा जाने वाली नज़रों से देखा. 

सासू बोली, “बहु, लेट जाओ...” 

लेटते हीं जैसे मेरे चूतड़ गद्दे पे लगे फिर दर्द शुरू गया हो. उन्होंने समझाया,

 “करवट हो के लेट जाओ, मेरी ओर मुँह कर के...” 


[Image: mom-2.jpg]

और मेरी जेठानी से बोलीं, “तेरा देवर बहुत बदमाश है, मैं फूल-सी बहु इसीलिए थोड़ी ले आई थी...”


“अरी माँ, अपनी बहु को दोष नहीं देती, मेरी प्यारी भाभी है हीं इत्ती प्यारी और फिर ये भी तो मटका-मटका कर.” 

[Image: kacche-tikore-4.jpg]


उनकी बात काट के मेरी छोटी ननद बोली.


“लेकिन इस दर्द का एक हीं इलाज है, थोड़ा और दर्द हो तो कुछ देर के बाद आदत पड़ जाती है.” 

मेरा सिर प्यार से सहलाते हुए मेरी सासू जी धीरे से मेरे कान में बोलीं.


“लेकिन भाभी भैया को क्यों दोष दें? आपने हीं तो उनसे कहा था मारने के लिये... खुजली तो आपको हीं हो रही थी.”

 सब लोग मुस्कुराने लगे और मैं भी अपनी गांड़ में हो रही टीस के बावजूद मुस्कुरा उठी.

सुहागरात के दिन से हीं मुझे पता चल गया था कि यहाँ सब कुछ काफी खुला हुआ है. तब तक वो आके मेरे बगल में रजाई में घुस गए. सलवार तो मैंने ऐसे हीं चढा ली थी. इसलिए आसानी से उसे उन्होंने मेरे घुटने तक सरका दी और मेरे चूतड़ सहलाने लगे.

मेरी जेठानी उनसे मुस्कुराकर छेड़ते हुए बोली,

 “देवर जी, आप मेरी देवरानी को बहोत तंग करते हैं, और तुम्हारी सजा ये है कि आज रात तक अब तुम्हारे पास ये दुबारा नहीं जायेगी.”

मेरी सासू जी ने उनका साथ दिया. जैसे उसके जवाब में उन्होंने मेरे गांड़ के बीच में छेड़ती उँगली को पूरी ताकत से एक हीं झटके में मेरी गांड़ में पेल दिया. 

[Image: ass-fingering-19407977.gif]

गांड़ के अंदर उनका वीर्य लोशन की तरह काम कर रहा था. फिर भी मेरी चीख निकल गई. मुस्कराहट दबाती हुई सासू जी किसी काम का बहाना बना बाहर निकल गईं. लेकिन मेरी ननद कहाँ चुप रहने वाली थी.

वो बोली, 

भाभी, क्या किसी चींटे ने काट लिया...?”

“अरे नहीं लगता है, चींटा अंदर घुस गया है...”

 छोटी वाली बोली.

“अरे मीठी चीज होगी तो चींटा लगेगा हीं. भाभी आप हीं ठीक से ढँक कर नहीं रखती?”

[Image: Teej-Y-15319171-716971821794197-46165912...6487-n.jpg]

 बड़ी वाली ने फिर छेड़ा.

तब तक उन्होंने रजाई के अंदर मेरा कुरता भी पूरी तरह से ऊपर उठा के मेरी चूचि दबानी शुरू कर दी थी और उनकी उँगली मेरी गांड़ में गोल-गोल घूम रही थी.

अरे चलो, बेचारी को आराम करने दो, तुम लोगों को चींटे से कटवाउंगी तो पता चलेगा.” 


ये कह के मेरी जेठानी दोनों ननदों को हांक के बाहर ले गईं. लेकिन वो भी कम नहीं थी. ननदों को बाहर करके वो आईं और सरसों के तेल की शीशी रखती बोलीं, 

“ये लगाओ, एंटी-सेप्टिक भी है.”


[Image: anal-ruff-tumblr-n8b2mx-Uqy91sprsjzo1-500.gif]

तब तक उनका हथियार खुल के मेरी गांड़ के बीच धक्का मार रहा था. निकल कर बाहर से उन्होंने दरवाजा बंद कर दिया.

फिर क्या था.? उन्होंने मुझे पेट के बल लिटा दिया और पेट के नीचे दो तकिया लगा के मेरे चूतड़ ऊपर उठा दिए. सरसों का तेल अपने लंड पे लगा के सीधे शीशी से हीं उन्होंने मेरी गांड़ के अंदर डाल दिया.


[Image: anal-doggy-G-4.gif]

वो एक बार झड़ हीं चुके थे इसलिए आप सोच हीं सकते हैं इस बार पूरा एक घंटा गांड़ मारने के बाद हीं वो झड़े और जब मेरी जेठानी शाम की चाय ले आईं तो भी उनका मोटा लंड मेरी गांड़ में हीं घुसा था.
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RE: ससुराल की पहली होली - by komaalrani - 15-01-2019, 11:03 PM



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