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Misc. Erotica मजा पहली होली का ससुराल में ,
#7
पिछवाड़े का मजा 





[Image: Shalwar-Kameez-Celebs-Next-0032.jpg]





पर उनका इरादा कुछ और हीं था.



























“कुर्सी पकड़ के झुक जाओ...” वो बोले.. मैं झुक गई.

[Image: Couple-Love-Making-Erotic-Pictures-Nudit...1984-5.jpg]

पीछे से आके उन्होंने सलवार का नाड़ा खोल के उसे घुटनों के नीचे सरका दिया और कुर्ते को ऊपर उठा के ब्रा खोल दी. अब मेरे मम्मे आजाद थे. मैं सलवार से बाहर निकलना चाहती थी, पर उन्होंने मना कर दिया कि ऐसे झट से कपड़े फिर से पहन सकते हैं, अगर कोई बुला ले.....


इस आसन में मुझे वो पहले भी चोद चुके थे पर सलवार पैर में फँसी होने के कारण मैं टाँगे ठीक से फैला नहीं पा रही थी और मेरी चूत और कसी कसी हो रही थी.

एक हाथ से वो मेरा जोबन मसल रहे थे और दूसरे से उन्होंने मेरी चूत में उँगली करनी शुरू कर दी. 

[Image: pussy-fingering-15880638.gif]

चूत तो मेरी पहले हीं गीली हो रही थी, थोड़ी देर में हीं वो पानी-पानी हो गई. उन्होंने अपनी उँगली से मेरी चूत को फैलाया और सुपाड़ा वहाँ सेंटर कर दिया. फिर जो मेरी पतली कमर को पकड़ के उन्होंने कस के एक करारा धक्का मारा तो मेरी चूत को रगड़ता, पूरा सुपाड़ा अंदर चला गया.



दर्द से मैं तिलमिला उठी. पर जब वो चूत के अंदर घिसता तो मज़ा भी बहुत आ रहा था. 

दो चार धक्के ऐसे मारने के बाद उन्होंने मेरी चूचियों को कस-कस के रगड़ते, मसलते चुदाई शुरू कर दी. जल्द हीं मैं भी मस्ती में आ कभी अपनी चूत से उनके मोटे हलब्बी लंड पे सिकोड़ देती, कभी अपनी गांड़ मटका के उनके धक्के का जवाब देती. साथ-साथ कभी वो मेरी क्लिट, कभी निप्पल्स पिंच करते और मैं मस्ती में गिनगिना उठती.

[Image: fucking-cu-tumblr-p4oy02y5sz1w49qypo1-400.gif]

तभी उन्होंने अपनी वो उँगली, जो मेरी चूत में अंदर-बाहर हो रही थी और मेरी चूत के रस से अच्छी तरह गीली थी, को मेरी गांड़ के छेद पे लगाया और कस के दबा के उसकी टिप अंदर घुसा दी.

“हे...अंदर नहीं......उँगली निकाल लो.....प्लीज़...” मैं मना करते बोली.

पर वो कहाँ सुनने वाले थे. धीरे-धीरे उन्होंने पूरी उँगली अंदर कर दी.

[Image: anal-fingering-2121.jpg]

अब उन्होंने चुदाई भी फुल स्पीड में शुरू कर दी थी. उनका बित्ते भर लंबा मूसल पूरा बाहर आता और एक झटके में उसे वो पूरा अंदर पेल देते. कभी मेरी चूत के अंदर उसे गोल-गोल घुमाते. मेरी सिसकियाँ कस-कस के निकल रही थी.

उँगली भी लंड के साथ मेरी गांड़ में अंदर-बाहर हो रही थी. लंड जब बुर से बाहर निकलता तो वो उसे टिप तक बाहर निकालते और फिर उँगली लंड के साथ हीं पूरी तरह अंदर घुस जाती. पर उस धक्का पेल चुदाई में मैं गांड़ में उँगली भूल हीं चुकी थी.

जब उन्होंने गांड़ से गप्प से उँगली बाहर निकाली तो मुझे पता चला. सामने मेरी ननद की टेबल पर फेयर एंड लवली ट्यूब रखी थी. 

उन्होंने उसे उठा के उसका नोज़ल सीधे मेरी गांड़ में घुसा दिया और थोड़ी सी क्रीम दबा के अंदर घुसा दी. और जब तक मैं कुछ समझती उन्होंने अबकी दो उंगलियां मेरी गांड़ में घुसा दी. 

दर्द से मैं चीख उठी. पर अबकी बिन रुके पूरी ताकत से उन्होंने उसे अंदर घुसा के हीं दम लिया.

“हे...निकालो ना.... क्या करते हो.? उधर नहीं...प्लीज़....चूत चाहे जित्ती बार चोद लो... ओह...” मैं चीखी.

लेकिन थोड़ी देर में चुदाई उन्होंने इत्ती तेज कर दी कि मेरी हालत खराब हो गई. और खास तौर से जब वो मेरी क्लिट मसलते..., मैं जल्द हीं झड़ने के कगार पर पहुँच गई तो उन्होंने चुदाई रोक दी.

मैं भूल हीं चुकी थी कि जिस रफ़्तार से लंड मेरी बुर में अंदर-बाहर हो रहा था, उसी तरह मेरी गांड़ में उँगली अंदर-बाहर हो रही थी.

लंड तो रुका हुआ था पर गांड़ में उँगली अभी भी अंदर-बाहर हो रही थी. एक मीठा-मीठा दर्द हो रहा था पर एक नए किस्म का मज़ा भी मिल रहा था. उन्होंने कुछ देर बाद फिर चुदाई चालू कर दी.

दो-तीन बार वो मुझे झड़ने के कगार पे ले जाके रोक देते पर गांड़ में दोनों उँगली करते रहते और अब मैं भी गांड़, उँगली के धक्के के साथ आगे-पीछे कर रही थी.

और जब कुछ देर बाद उँगली निकाली तो क्रीम के ट्यूब का नोज़ल लगा के पूरी की पूरी ट्यूब मेरी गांड़ में खाली कर दी. अपने लंड में भी क्रीम लगा के उसे मेरी गांड़ के छेद पे लगा दिया और अपने दोनों ताकतवर हाथों से मेरे चूतड़ को पकड़, कस के मेरी गांड़ का छेद फैला दिया.

उनका मोटा सुपाड़ा मेरी गांड़ के दुबदुबाते छेद से सटा था. और जब तक मैं संभलती, उन्होंने मेरी पतली कमर पकड़ के कस के पूरी ताकत से तीन-चार धक्के लगाए....


“उईईई.....” मैं दर्द से बड़े जोर से चिल्लाई. 


[Image: anal-pain-tumblr-nj081qd68-W1sprsjzo1-400.gif]


मैंने अपने होंठ कस के काट लिये पर लग रहा था मैं दर्द से बेहोश हो जाऊँगी. बिना रुके उन्होंने फिर कस के दो-तीन धक्के लगाये और मैं दर्द से बिलबिलाते हुए फिर चीखने लगी. मैंने अपनी गांड़ सिकोड़ने की कोशिश की और गांड़ पटकने लगी पर तब तक उनका सुपाड़ा पूरी तरह मेरी गांड़ में घुस चुका था और गांड़ के छल्ले ने उसे कस के पकड़ रखा था. 



मैं खूब अपने चूतड़ हिला और पटक रही थी पर जल्द हीं मैंने समझ लिया कि वो अब मेरी गांड़ से निकलने वाला नहीं. और उन्होंने भी अब कमर छोड़ मेरी चूचियाँ पकड़ ली थी और उसे कस कस के मसल रहे थे. दर्द के मारे मेरी हालत खराब थी. पर थोड़ी देर में चूचियों के दर्द के आगे गांड़ का दर्द मैं भूल गई.


अब बिना लंड को और ढकेले, अब वो प्यार से कभी मेरी चूत सहलाते, कभी क्लिट को छेड़ते. थोड़ी देर में मस्ती से मेरी हालत खराब हो गई. अब उन्होंने अपनी दो उंगलियां मेरी चूत में डाल दी और कस-कस के लंड की तरह उसे चोदने लगे.

जब मैं झड़ने के कगार पे आ जाती तो वो रुक जाते. मैं तड़प रही थी.


मैंने उनसे कहा, “प्लीज मुझे झड़ने दो...” तो वो बोले, 

“तुम मुझे अपनी ये मस्त गांड़ मार लेने दो.” 

मैं अब पागल हो रही थी.
मैं बोली, 

“हाँ राजा चाहे गांड़ मार लो, पर...”


वो मुस्कुरा के बोले, “जोर से बोल....”


और मैं खूब कस के बोली, 

“मेरे राजा, मार लो मेरी गांड़, चाहे आज फट जाये... पर मुझे झाड़ दो...” 

और उन्होंने मेरी चूत के भीतर अपनी उँगली इस तरह से रगड़ी जैसे मेरे जी-प्वाइंट को छेड़ दिया हो और मैं पागल हो गई. मेरी चूत कस-कस के काँप रही थी और मैं झड़ रही थी, रस छोड़ रही थी.


और मौके का फायदा उठा के उन्होंने मेरी चूचियाँ पकड़े-पकड़े कस-कस के धक्के लगाये और पूरा लंड मेरी कोरी गांड़ में घुसेड़ दिया. दर्द के मारे मेरी गांड़ फटी जा रही थी. कुछ देर रुक के उनका लंड पूरा बाहर आके मेरी गांड़ मार रहा था.


[Image: anal-deep-G-6985128.gif]

आधे घन्टे से भी ज्यादा गांड़ मारने के बाद हीं वो झड़े. और उनकी उंगलियां मेरा चूत मंथन कर रही थी और मैं भी साथ-साथ झड़ी.

उनका वीर्य मेरी गांड़ के अंदर से निकल के मेरे चूतड़ों पे आ रहा था. 

[Image: cum-anal-cream.gif]



उन्होंने अपने लंड निकाला भी नहीं था कि मेरी ननद की आवाज़ आई, 



“भाभी, आपका फोन.”
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RE: ससुराल की पहली होली - by komaalrani - 15-01-2019, 10:51 PM



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