08-10-2019, 01:54 AM
फिर ले आया दिल-ए-बर्बाद क्या कीजे
रास न आया रहना दूर...क्या कीजे
...
...
उसको मुकम्मल कर भी आओ
वोह जो अधूरी सी बात बाकी है
जादू है नशा है मदहोशियाँ
मैं जाऊं तो जाऊं कहाँ।
वाह वाह वाह
कुर्बान !!!
रास न आया रहना दूर...क्या कीजे
...
...
उसको मुकम्मल कर भी आओ
वोह जो अधूरी सी बात बाकी है
जादू है नशा है मदहोशियाँ
मैं जाऊं तो जाऊं कहाँ।
वाह वाह वाह
कुर्बान !!!