17-11-2018, 01:31 PM
अबे साले जल्दी कर आज क्या बियाग्रा खाके आया है क्या, साला पहले तो दो मिनिट में निपट जाता था आज दस मिनिट से चढ़ा हुआ है, देख नहीं रहा चार लोग और भी खड़े है,
मोना भंगिन सरकारी शौचालय में कुतिया बानी थी, और भोला रिक्से वाला उस की गांड मार रहा था, और चार मजदूरों जैसे लोग मोना और भोला की चुदाई देख कर अपने नंबर के इंतजार में खड़े खड़े लण्ड हिला रहे थे,
अरे मोना रानी तेरी गांड अब बहुत खुल गई है, लण्ड को मज़ा नहीं आ रहा ,तभी तो मेरा पानी नहीं निकल रहा तू अपनी गांड को थोड़ा सिकोड़ न फिर देख कैसे मेरी पिचकारी निकलती है,
मोना अंदर को सांस खींच कर अपनी गांड सिकोड़ती हे, ले साले सिकोड़ लिया मेने अपने अपनी गांड का छेद आ अब पेल जल्दी जल्दी,
आ आआ है मोना रानी हा अब मज़ा आया अहा, ले रानी झेल मेरा लण्ड अपनी गांड में ले कुतिया आ आआ अहा
भोला जोर जोर से अपना लण्ड मोना की कसी गांड में पेल कर झाड़ जाता हे,
पांचो लोगो को ठंडा करके मोना भंगिन ने हजार रूपये कमा लिए थे, वो मस्ती में डूबी अपनी चूत और गांड में लण्ड का माल भरे गाना गाते गाते अपनी कचड़े की टोकरी उठाये नालियां साफ़ करने लगी,
शर्मा जी अपनी नई निकोरी मर्सिडीज़ बेन्ज़ में बैठे कनॉट प्लेस बाले अपने गहनों के शोरूम की तरफ चले रहे थे, 65 साल का राम कुमार उन का खानदानी ड्राइवर सामन्य रफ़्तार से गाड़ी चलता जा रहा था,
अरे राम कुमार जरा गाड़ी रोकना
जी मालिक
अरे भाभी जी आप यहाँ यह क्या कर रही हो
नाली साफ़ करती मोना भंगिन जोर से चौक पड़ी, नई निकोरी मर्सिडीज़ बेन्ज़ और उस के पास खड़े शर्मा जी को देख कर उस की गांड फट गई चेहरे पर हवाइयां उड़ने लगी उसे समझ नहीं आया के क्या कहे,
अरे भाभी जी बताओ तो आप यहाँ क्या कर रही हो और यह गन्दी नालियां क्यों साफ कर रही हो,
वो भाई साहब हमारी महिला मण्डली ने स्वच्छ भारत अभियान से जुड़कर दिल्ली को साफ़ करने का संकल्प लिया है, इस लिए में यहाँ की सफाई कर रही हू ,मेरी साथ बाली महिलाये दूसरी तरफ चली गई, में यहाँ की साफ़ सफाई कर रही हू,
ओहो भाभी जी आप कितनी महान हो आप जितनी सुन्दर हो उतना ही सुन्दर आप का आचरण है, में आप की सादगी और महानता को नमन करता हू, और में भी इस महान काम में आप का हाथ बटाना चाहता हू,
अरे नहीं भाई साहब आप रहने दो आप के कपडे ख़राब हो जयेगे में कर लूगी बस थोड़ा सा ही काम बाकि है,
अरे नहीं भाभी जी में भी आप के साथ मिलकर यह पुण्य कार्य करना चाहता हू मुझे भी तो कुछ पुण्य कमाने का मौका दो,
और शर्मा जी ने अपना कोट उतर कर गाड़ी में रख दिया और मोना भंगिन का गंदगी से भरा टोकरा उठा लिया,
जैसे ही कार मोना के पास रुकी 65 साल के राम कुमार के तोते उड़ गए, वो भी मोना भंगिन को काफी बार बजा चुका था, अपने शरीफ इज्जतदार करोड़पति सेठ जी को 200 रूपए में चुदने बाली रंडी से इतना सम्मान के साथ बात करता देख उस का भेजा फ्राई हो गया, और फिर जब सेठ जी ने कोट उतर कर गंदगी से भरा टोकरा उठाया तो वो तो हैरान रह गया, इतना अचम्भा तो उसे कुतुबमीनार को चांदनी चौक पर टहलता देख कर भी नहीं होता, जितना सेठ जी को टोकरी उठाते देख हुआ, उसे लगा सेठ जी का काम हो गया अच्छे भले सेठ जी पागल हो गए,
क्या नजारा था मोना नाली से गंदगी निकालती जा रही थी और शर्मा जी के हाथ में पकडे टोकरे में डालती जा रही थी,शर्मा जी बड़े ही श्रद्धा भाव से गंदगी का टोकरा उठाये मोना भंगिन के पीछे पीछे चल रहे थे और दिल्ली साफ़ कर रहे थे .
आस पास रहने वाले मजदुर भिखारियों की आँखे भी यह नजारा देख कर फट गई, कहा मोना भंगन और कहा मर्सिडीज़ बेन्ज़ और इतना बड़ा आदमी, सारे मजदूर भिखारियों को चिंता होने लगी के कही बड़े बड़े लोगो से चुदने के बाद मोना भंगिन अपने रेट न बड़ा दे,
बेसे ही महगाई काम है क्या हर चीज महगी है, लो अब चूत पर भी महगाई की मार पड़ गई, चूत पर भी अब 28 % GST लग गई, आम आदमी की फटी फटाई गांड और फट गई.
स्वच्छ भारत अभियान ख़तम हुआ दिल्ली स्वच्छ हो गई मोना और शर्मा जी ने मिलकर दिल्ली को स्वच्छ बना दिया,
राम कुमार से मगाई मिनरल वाटर की बोतलों से मोना भाभी जी और शर्मा जी ने हाथ पैर धो लिए.
चलिए भाभी जी आप को घर छोड़ दू,
नहीं भाई साहब आप परेशान न हो में चली जाऊगी,
अरे ऐसा नहीं हो सकता भाभी जी आज तो आप को मेरे साथ ही चलना होगा मेने कल ही यह मर्सिडीज़ बेन्ज़ खरीदी है, आज तो आप को अपने पवित्र चरणों से इस को भी पवित्र करना होगा.
लेकिन भाई सहाब में घर नहीं जा रही हू मुझे एक अंगूठी खरीदनी इस लिए में बाजार जा रही हू,
ओहो देखो इस को कहते है दिया तले अंधेरा अरे भाभी जी हमरे शोरूम के होते हुए आप किसी और दुकान से अगुति खरीदोगी, नहीं भाई जी अब तो आप मेरे साथ मेरे शोरूम चल रही हो आज तो मेरे लिए बड़ा शुभ दिन है मेरी नई गाड़ी के साथ मेरा शोरूम भी आप के चरणों के स्पर्स से पवित्र हो जयेगा,
अब मोना के सामने कोई रास्ता नहीं बचा था, वो राम कुमार से नजरे चुराती डरी सहमी अपनी चूत और गांड में भरे मजदूरो के लण्ड के माल के साथ शर्मा जी की नई निकोरी मर्सिडीज़ बेन्ज़ में बैठ गई और
नई निकोरी मर्सिडीज़ बेन्ज़ पवित्र हो गई,
गाड़ी शोरूम पहुंची शर्मा जी और मोना भंगिन उतर कर शर्मा जी के ऑफिस में जाके बैठ गए और मोना अपनी चूत और गांड से बहते लण्ड के माल से शर्मा जी का शोरूम पवित्र करने लगी,
शर्मा जी का शोरूम और ऑफिस देख कर मोना की गांड फटी जा रही थी इतने सारे सोने के जेवर देख कर उस का गाला सूखा जा रहा था,
बहा शोरूम के लगभग सारे नौकर मोना को बजा चुके थे, दो कौड़ी की सरकारी शौचालय मै चुदने वाली रंडी को अपने सरीफ इज्जतदार करोड़पति मालिक के साथ उस के ऑफिस में जाता देख सभी हैरान हो गए सभी को लगा के सेठ जी सठिया गए पागल हो गए .
वहां ऑफिस में पड़ी टेबल काजू बादाम पिस्ता और जाने किन किन मिठाइयों से भर गई थी,
मोना के ना ना करने के वाबजूद सेठ जी ने चार लाख रूपर कीमत की दो हीरो ही अंगूठी मोना को पहना दी थी,
भाभी जी आप बुरा ना मनो तो एक बात कहु,
भाभी जी भाभी जी तो हीरे की दो अंगुठिया पहने मन ही मन खुसी से पागल हुई जा रही थी
जी भाई साहब कहिये
आप को देख कर मुझ से रहा नहीं जा रहा है क्या आप अभी एक बार मेरे साथ सेक्स कर सकती हो, आप यह मत समझना के में गलत आदमी हू, वो तो आप आज एक दम अचानक से मिल गई आप को अपने इतने पास देख कर मुझे उस दिन की याद आ गई, उस दिन आप के साथ किया सेक्स मेरी जिंदगी का सबसे अच्छा सेक्स था, क्या पता फिर कब मिलना हो, में साफ़ मन का आदमी हू, मुझे जो लगा वो मेने कह दिया आप मेरी बात का बुरा मत मानना,
शर्मा जी क्या जाने मोना भंगिन चार लाख की हीरे की दो अगुठियो के बदले तो सारी दिल्ली से चुद सकती थी यहाँ तो केबल एक ही बाँदा था,
भाई सहाब मुझे आप की बात बुरी नहीं लगी लेकिन यहाँ ऑफिस में कैसे होगा कोई आ गया तो,
यहाँ कोई नहीं आएगा मेरे ऑफिस में जबतक में ना बुलाऊ कोई नहीं आ सकता आप फ़िक्र ना करो ,मुझे अपनी इज्जत से ज्यादा आप की इज्जत प्यारी है, और फिर भी में दरवाजा अंदर से लॉक कर देता हू आप वहां सोफे पर चलिए,
शर्मा जी के मन में लड्डू फूटने लगे वो दरवाजा बंद करके कोने में पड़े आलीशान सोफे सेट के पास पहुंचे और बहा रखी अलमारी से Chivas Regal Aged 12 Years Blended Scotch Whisky की बोतल निकल कर दो पेग बनाने लगे, दोनों हलकी फुलकी बातें करते करते 15 हजार रूपए की व्हिस्की बोतल को खाली करते जा रहे थे धीरे धीरे दोनों पर नशा चढ़ने लगा ,
शर्मा जी मोना को किश करने लगे, मोना भी शर्मा जी को फुल सपोर्ट कर लगी ,उस ने शर्मा जी का सर पकड़ कर अपनी जीव उन के मुँह मि घुसा दी और उन के पुरे मुँह को चाटने लगी, शर्मा जी भी अपने मुँह में मोना की जीव दबाके मोना के उरोजों को मसलने लगे ,दोनों लोग गरम गरम सांसे छोड़ने लगे, वासना और शराब का नशा उन के सर चढ़ गया, शर्मा जी ने मोना को नंगा कर दिया और खुद भी अपने कपड़े निकाल दिए ,शर्मा जी ने दोनों हाथो से मोना की टांगो को फैला दिया और अपना मुँह मोना की चूत पर रख दिया, मोना की चूत के अंदर से निकलते मजदूरो के लण्ड का कसेला माल जैसे ही शर्मा जी के मुँह में गया उस के अंदर हवस का तूफान उमड़ पड़ा, वो जोर जोर से मोना की चूत को चूसने लगे ,उन का पूरा चेहरा मोना की चूत रास और मजदूरो के लण्ड के माल से भीग गया, वो दीवानो की तरह मोना की चूत को चूसते जा रहे थे,
मोना भी शराब के नसे और चूत चटाई से मचलने लगी वो अपने निप्लो को मसलती हुई सिसकारियां छोड़ने लगी, उस के अंदर भी काम की आग भड़क ने लगी, वो भी हलके हलके अपने चूतड़ उछलने लगी,
शर्मा जी अब चूत छोड़ कर मोना की गांड के छेद को मुँह में भर कर चूसने लगे, मोना अपनी गांड पर शर्मा जी के मुँह को महसूस कर थर्रा गई, उस की रंडी गांड को कभी किसी ने प्यार से सहलाया तक नहीं था, जो आता वो तो बस लण्ड पेल कर उस की गांड मारके अपना माल निकल कर चला जाता,
शर्मा जी के मुँह में अपनी गांड का छेद जाते ही उसे जोर का झटका लगा और उस की गांड मै भरा भोले रिक्से वाले के लण्ड का माल शर्मा जी के मुँह में निकल गया, शर्मा जी अपने मुँह में गिरते माल को पीकर मदहोस हो गए, और उन्होंने अपनी पूरी जीव मोना की गांड में डाल कर अपने होटो से उस की गांड का छेद दबालिया और अगुठे से मोना की चूत के पिशाब बाले छेद को मसलने लगे,
गांड चुसाई के साथ पिशाब वाले छेद पर शर्मा जी के अगुठे की रगड़ से मोना जोर जोर से सिसकिया भरने लगी, अपने चूतड़ और जोर से शर्मा जी के मुँह पर दवाने लगी उस की चूत जलने लगी चूत की पत्तिया फेल गई और वो एक चीख मर कर शर्मा जी के मुँह पर अपनी चूत का पानी छोड़ने लगी उस की चूत के बहता गरम गरम गाढ़ा गाढ़ा चूत रास बहकर शर्मा जी की मुँह को भिगोने लगा शर्मा जी गांड छोड़ कर मोना की चूत से बहता माल चाटने लगे अपने चेहरे को मोना की चूत पर रगड़ने लगे,
मोना पानी छोड़ कर सिथिल हो कर सोफे पर पड़ी थी, लेकिन शर्मा जी उस की चूत से निकले काम रास को पीकर काम अग्नि में जले जा रहे थे उन का प्रभाबशाली चेहरा काम रास और थूक से भीगा हुआ था,
कोई इस हाल में उन को देखता तो यकीन न करपाता के यह बही शर्मा जी ही जो दिल्ली के सभ्य समाज के एक बड़े स्तम्भ हे समाज में जिन को बड़ी इज्जत की नजरो से देखा जाता हे, वो शर्मा जी जो सुबह शोरूम पर आके सब से पहले अगरबत्तियां जला कर पूजा पाठ करते थे, आज सुबह सुबह शराब पीकर अपनी बहु की उम्र की लड़की की चूत और गांड चाट रहे थे ,
काम वासना दुनिया का सब से ख़तरनाक नशा जो ज्यादातर सरीफो को अपना शिकार बनता हे,
यही वासना का नशा शर्मा जी के दिलो दिमाक को बस में कर चूका था, शर्मा जी उम्रदराज आदमी थे दुनिया की अच्छी बुराई से भलीभांति परिचित थे, लेकिन वो भी काम वासना के नशे के शिकार होकर अपनी मान मर्यादा गवाते जा रहे थे, कल तक जो नौकर उन को देवता समझते थे आज उन को पागल समझ रहे थे,
शर्मा जी तो फिर भी एक बड़ी उम्र के समझदार आदमी थे,
लेकिन जब काम वासना का नशा किसी नौजबान युबा को अपना शिकार बनता हे तब क्या होता हे?
तब किसी निर्भया के साथ हैवानियत का घिनौना नाच होता हे, तब किसी मासूम का बलात्कार होता,
अबैध रिश्ते पननपते हे, तब किसी शरीफ का घर उजड़ता हे, तब खून खराबा होता हे, सुसाइड होती हे,
मासूम बच्चों की चीख पुकारो से कोलाहल मच जाता हे,
समाज और धर्मो के बनाये हजारो साल पुराने नियमो की धज्जियां उड़ जाती हे, बेटे माँ को वासना पूर्ति का मार्ग समझने लगते है, भाई अपनी बहिन को कामुक नजरो से देखने लगते हे, बाप की नजर में बेटी रति की मूरत बनने लगती हे,
और यह सब होता हे केबल काम वासना की सन्तुस्टि के लिए जो केबल एक सामान्य शारीरिक स्पर्स के सिवा कुछ भी नहीं ,
हमारे समाज अपने झूठे आडम्बरो के नाम पर कितनी और बलि लेंगे, कितनी युबा और मासूमो को मुजरिम बनायेगे,
जो भी लोग हमारे समाज के ठेकेदार बने बैठे हे ,उस के काले कारनामे रोज हमारे सामने खुल रहे हे, उस सब ने परदे के पीछे अपनी घृड़ित से घृड़ित काम पिपासा को शांत करने के साधन बनाये रखे हे,
वो लोग खुद पेट भर खाने के बाद भूखे लोगो को संयम रखने का भाषण देते है,
लेकिन वो नहीं जानते जो चक्रव्यूह वो बना रहे हैं उस में उन के बच्चे भी फ़स कर अपना जीवन बर्बाद कर लेंगे,
क्या समय नहीं आ गया के अब हमारे समाजो को बदल जाना चाहिए, क्या समय नहीं आ गया के हमें बदल जाना चाहिए,
हमें भी बिकसित देशो की तरह वासना पूर्ति के सरल एवं सुरक्षित मार्ग बनाने चाहिए,
काम को एक सामान्य शारीरिक आवश्यकता समझते हुए पर्दो के बाहर लाना चाहिए.
काम को प्रतिबंधित नहीं बल्कि सुलभ बनाना चाहिए,
अब शर्मा जी के लिए अपनी काम की आग को सम्हालना मुश्किल हो रहा था, वो मोना के चूत से मुँह हटाके मोना के ऊपर चढ़ गए और मोना की चूत में लण्ड डाल कर अपने चूत के माल से भरे मुँह को मोना के मुँह से मिला कर चूत में अपना लण्ड पेलने लगे, मोना भी शर्मा जी की चूत चटाई से गरमा गई थी उस की चूत फिर से जलने लगी थी उस ने भी नीचे से चूतड़ उछलना सुरु कर दिया और शर्मा जी के मुँह से अपनी चूत का माल पीने लगी शराब और वासना के नशे में जलते दो नंगे जिस्म एक दूसरे में समाने की कोशिस करने लगे,
पूरा ऑफिस उन दोनों की सिसकियों से गुजने लगा दोनों लोगो के झटको की रफ़्तार बढ़ती जा रही थी,
मोना शर्मा जी का पूरा साथ दे रही थी, अपने रंडी बजी के सारे पैतरे आजमा रही थी, वो शर्मा जी की छाती से अपने गरम उरोज रगड़ रही थी वो अपनी चूत को सिकोड़ कर टाइट कर रही थी ,
शर्मा जी मोना के रंडी पन के जाल में फ़स कर काम वासना के उच्च शिखर पर पहुंच गए थे, उन का लण्ड काम रस के बेग से फूलने लगा, उन्होंने जोर से मोना के उरोजों को मुठी में दबा लिया, और जोर जोर से उरोजों को मसलते मसलते अपना लण्ड मोना की गरम चूत में पेलने लगे, मोना भी उन के साथ साथ अपने चूतड़ों को ऊपर निचे कर रही थी, पूरा ऑफिस उन की चुदाई की थप थप से गूंज रहा था, अब दोनों अपने अंतिम मुकाम पर पहुंचने वाले थे, शर्मा जी तूफानी रफ़्तार से लण्ड को मोना की चूत में पेले जा रहे थे, मोना ने अपनी सांस पीछे को खेच कर अपनी चूत को टाइट कर लिया था, शर्मा जी का लण्ड चूत में कसने लगा था, उन के लण्ड को मोना की चूत ने जकड़ लिया था, अब उन की सहनशक्ति ख़तम हो गई और वो एक जोर का झटका मार के मोना की चूत में अपने लण्ड का पानी छोड़ने लगे उन के माल से मोना की चूत का तालाब भरने लगा,
मोना भी लण्ड के माल की गर्मी सह न पाई और उस ने अपने हाथो से शर्मा जी को जकड़ लिया अपने
और अपने पेरो से शर्मा जी को अपने अंदर दवाने लगी, और अपनी चूत के माल को लण्ड के माल से मिलाने लगी ,
दोनों लोगो की काम अग्नि को लण्ड और चूत से निकलती काम रास की फुहारों ने बुझा दिया था दोनों लोग आखे बंद किये एक दूसरे को जकड़े सोफे पर पड़े लम्बी लम्बी सांसे ले रहे थे.
मोना भंगिन सरकारी शौचालय में कुतिया बानी थी, और भोला रिक्से वाला उस की गांड मार रहा था, और चार मजदूरों जैसे लोग मोना और भोला की चुदाई देख कर अपने नंबर के इंतजार में खड़े खड़े लण्ड हिला रहे थे,
अरे मोना रानी तेरी गांड अब बहुत खुल गई है, लण्ड को मज़ा नहीं आ रहा ,तभी तो मेरा पानी नहीं निकल रहा तू अपनी गांड को थोड़ा सिकोड़ न फिर देख कैसे मेरी पिचकारी निकलती है,
मोना अंदर को सांस खींच कर अपनी गांड सिकोड़ती हे, ले साले सिकोड़ लिया मेने अपने अपनी गांड का छेद आ अब पेल जल्दी जल्दी,
आ आआ है मोना रानी हा अब मज़ा आया अहा, ले रानी झेल मेरा लण्ड अपनी गांड में ले कुतिया आ आआ अहा
भोला जोर जोर से अपना लण्ड मोना की कसी गांड में पेल कर झाड़ जाता हे,
पांचो लोगो को ठंडा करके मोना भंगिन ने हजार रूपये कमा लिए थे, वो मस्ती में डूबी अपनी चूत और गांड में लण्ड का माल भरे गाना गाते गाते अपनी कचड़े की टोकरी उठाये नालियां साफ़ करने लगी,
शर्मा जी अपनी नई निकोरी मर्सिडीज़ बेन्ज़ में बैठे कनॉट प्लेस बाले अपने गहनों के शोरूम की तरफ चले रहे थे, 65 साल का राम कुमार उन का खानदानी ड्राइवर सामन्य रफ़्तार से गाड़ी चलता जा रहा था,
अरे राम कुमार जरा गाड़ी रोकना
जी मालिक
अरे भाभी जी आप यहाँ यह क्या कर रही हो
नाली साफ़ करती मोना भंगिन जोर से चौक पड़ी, नई निकोरी मर्सिडीज़ बेन्ज़ और उस के पास खड़े शर्मा जी को देख कर उस की गांड फट गई चेहरे पर हवाइयां उड़ने लगी उसे समझ नहीं आया के क्या कहे,
अरे भाभी जी बताओ तो आप यहाँ क्या कर रही हो और यह गन्दी नालियां क्यों साफ कर रही हो,
वो भाई साहब हमारी महिला मण्डली ने स्वच्छ भारत अभियान से जुड़कर दिल्ली को साफ़ करने का संकल्प लिया है, इस लिए में यहाँ की सफाई कर रही हू ,मेरी साथ बाली महिलाये दूसरी तरफ चली गई, में यहाँ की साफ़ सफाई कर रही हू,
ओहो भाभी जी आप कितनी महान हो आप जितनी सुन्दर हो उतना ही सुन्दर आप का आचरण है, में आप की सादगी और महानता को नमन करता हू, और में भी इस महान काम में आप का हाथ बटाना चाहता हू,
अरे नहीं भाई साहब आप रहने दो आप के कपडे ख़राब हो जयेगे में कर लूगी बस थोड़ा सा ही काम बाकि है,
अरे नहीं भाभी जी में भी आप के साथ मिलकर यह पुण्य कार्य करना चाहता हू मुझे भी तो कुछ पुण्य कमाने का मौका दो,
और शर्मा जी ने अपना कोट उतर कर गाड़ी में रख दिया और मोना भंगिन का गंदगी से भरा टोकरा उठा लिया,
जैसे ही कार मोना के पास रुकी 65 साल के राम कुमार के तोते उड़ गए, वो भी मोना भंगिन को काफी बार बजा चुका था, अपने शरीफ इज्जतदार करोड़पति सेठ जी को 200 रूपए में चुदने बाली रंडी से इतना सम्मान के साथ बात करता देख उस का भेजा फ्राई हो गया, और फिर जब सेठ जी ने कोट उतर कर गंदगी से भरा टोकरा उठाया तो वो तो हैरान रह गया, इतना अचम्भा तो उसे कुतुबमीनार को चांदनी चौक पर टहलता देख कर भी नहीं होता, जितना सेठ जी को टोकरी उठाते देख हुआ, उसे लगा सेठ जी का काम हो गया अच्छे भले सेठ जी पागल हो गए,
क्या नजारा था मोना नाली से गंदगी निकालती जा रही थी और शर्मा जी के हाथ में पकडे टोकरे में डालती जा रही थी,शर्मा जी बड़े ही श्रद्धा भाव से गंदगी का टोकरा उठाये मोना भंगिन के पीछे पीछे चल रहे थे और दिल्ली साफ़ कर रहे थे .
आस पास रहने वाले मजदुर भिखारियों की आँखे भी यह नजारा देख कर फट गई, कहा मोना भंगन और कहा मर्सिडीज़ बेन्ज़ और इतना बड़ा आदमी, सारे मजदूर भिखारियों को चिंता होने लगी के कही बड़े बड़े लोगो से चुदने के बाद मोना भंगिन अपने रेट न बड़ा दे,
बेसे ही महगाई काम है क्या हर चीज महगी है, लो अब चूत पर भी महगाई की मार पड़ गई, चूत पर भी अब 28 % GST लग गई, आम आदमी की फटी फटाई गांड और फट गई.
स्वच्छ भारत अभियान ख़तम हुआ दिल्ली स्वच्छ हो गई मोना और शर्मा जी ने मिलकर दिल्ली को स्वच्छ बना दिया,
राम कुमार से मगाई मिनरल वाटर की बोतलों से मोना भाभी जी और शर्मा जी ने हाथ पैर धो लिए.
चलिए भाभी जी आप को घर छोड़ दू,
नहीं भाई साहब आप परेशान न हो में चली जाऊगी,
अरे ऐसा नहीं हो सकता भाभी जी आज तो आप को मेरे साथ ही चलना होगा मेने कल ही यह मर्सिडीज़ बेन्ज़ खरीदी है, आज तो आप को अपने पवित्र चरणों से इस को भी पवित्र करना होगा.
लेकिन भाई सहाब में घर नहीं जा रही हू मुझे एक अंगूठी खरीदनी इस लिए में बाजार जा रही हू,
ओहो देखो इस को कहते है दिया तले अंधेरा अरे भाभी जी हमरे शोरूम के होते हुए आप किसी और दुकान से अगुति खरीदोगी, नहीं भाई जी अब तो आप मेरे साथ मेरे शोरूम चल रही हो आज तो मेरे लिए बड़ा शुभ दिन है मेरी नई गाड़ी के साथ मेरा शोरूम भी आप के चरणों के स्पर्स से पवित्र हो जयेगा,
अब मोना के सामने कोई रास्ता नहीं बचा था, वो राम कुमार से नजरे चुराती डरी सहमी अपनी चूत और गांड में भरे मजदूरो के लण्ड के माल के साथ शर्मा जी की नई निकोरी मर्सिडीज़ बेन्ज़ में बैठ गई और
नई निकोरी मर्सिडीज़ बेन्ज़ पवित्र हो गई,
गाड़ी शोरूम पहुंची शर्मा जी और मोना भंगिन उतर कर शर्मा जी के ऑफिस में जाके बैठ गए और मोना अपनी चूत और गांड से बहते लण्ड के माल से शर्मा जी का शोरूम पवित्र करने लगी,
शर्मा जी का शोरूम और ऑफिस देख कर मोना की गांड फटी जा रही थी इतने सारे सोने के जेवर देख कर उस का गाला सूखा जा रहा था,
बहा शोरूम के लगभग सारे नौकर मोना को बजा चुके थे, दो कौड़ी की सरकारी शौचालय मै चुदने वाली रंडी को अपने सरीफ इज्जतदार करोड़पति मालिक के साथ उस के ऑफिस में जाता देख सभी हैरान हो गए सभी को लगा के सेठ जी सठिया गए पागल हो गए .
वहां ऑफिस में पड़ी टेबल काजू बादाम पिस्ता और जाने किन किन मिठाइयों से भर गई थी,
मोना के ना ना करने के वाबजूद सेठ जी ने चार लाख रूपर कीमत की दो हीरो ही अंगूठी मोना को पहना दी थी,
भाभी जी आप बुरा ना मनो तो एक बात कहु,
भाभी जी भाभी जी तो हीरे की दो अंगुठिया पहने मन ही मन खुसी से पागल हुई जा रही थी
जी भाई साहब कहिये
आप को देख कर मुझ से रहा नहीं जा रहा है क्या आप अभी एक बार मेरे साथ सेक्स कर सकती हो, आप यह मत समझना के में गलत आदमी हू, वो तो आप आज एक दम अचानक से मिल गई आप को अपने इतने पास देख कर मुझे उस दिन की याद आ गई, उस दिन आप के साथ किया सेक्स मेरी जिंदगी का सबसे अच्छा सेक्स था, क्या पता फिर कब मिलना हो, में साफ़ मन का आदमी हू, मुझे जो लगा वो मेने कह दिया आप मेरी बात का बुरा मत मानना,
शर्मा जी क्या जाने मोना भंगिन चार लाख की हीरे की दो अगुठियो के बदले तो सारी दिल्ली से चुद सकती थी यहाँ तो केबल एक ही बाँदा था,
भाई सहाब मुझे आप की बात बुरी नहीं लगी लेकिन यहाँ ऑफिस में कैसे होगा कोई आ गया तो,
यहाँ कोई नहीं आएगा मेरे ऑफिस में जबतक में ना बुलाऊ कोई नहीं आ सकता आप फ़िक्र ना करो ,मुझे अपनी इज्जत से ज्यादा आप की इज्जत प्यारी है, और फिर भी में दरवाजा अंदर से लॉक कर देता हू आप वहां सोफे पर चलिए,
शर्मा जी के मन में लड्डू फूटने लगे वो दरवाजा बंद करके कोने में पड़े आलीशान सोफे सेट के पास पहुंचे और बहा रखी अलमारी से Chivas Regal Aged 12 Years Blended Scotch Whisky की बोतल निकल कर दो पेग बनाने लगे, दोनों हलकी फुलकी बातें करते करते 15 हजार रूपए की व्हिस्की बोतल को खाली करते जा रहे थे धीरे धीरे दोनों पर नशा चढ़ने लगा ,
शर्मा जी मोना को किश करने लगे, मोना भी शर्मा जी को फुल सपोर्ट कर लगी ,उस ने शर्मा जी का सर पकड़ कर अपनी जीव उन के मुँह मि घुसा दी और उन के पुरे मुँह को चाटने लगी, शर्मा जी भी अपने मुँह में मोना की जीव दबाके मोना के उरोजों को मसलने लगे ,दोनों लोग गरम गरम सांसे छोड़ने लगे, वासना और शराब का नशा उन के सर चढ़ गया, शर्मा जी ने मोना को नंगा कर दिया और खुद भी अपने कपड़े निकाल दिए ,शर्मा जी ने दोनों हाथो से मोना की टांगो को फैला दिया और अपना मुँह मोना की चूत पर रख दिया, मोना की चूत के अंदर से निकलते मजदूरो के लण्ड का कसेला माल जैसे ही शर्मा जी के मुँह में गया उस के अंदर हवस का तूफान उमड़ पड़ा, वो जोर जोर से मोना की चूत को चूसने लगे ,उन का पूरा चेहरा मोना की चूत रास और मजदूरो के लण्ड के माल से भीग गया, वो दीवानो की तरह मोना की चूत को चूसते जा रहे थे,
मोना भी शराब के नसे और चूत चटाई से मचलने लगी वो अपने निप्लो को मसलती हुई सिसकारियां छोड़ने लगी, उस के अंदर भी काम की आग भड़क ने लगी, वो भी हलके हलके अपने चूतड़ उछलने लगी,
शर्मा जी अब चूत छोड़ कर मोना की गांड के छेद को मुँह में भर कर चूसने लगे, मोना अपनी गांड पर शर्मा जी के मुँह को महसूस कर थर्रा गई, उस की रंडी गांड को कभी किसी ने प्यार से सहलाया तक नहीं था, जो आता वो तो बस लण्ड पेल कर उस की गांड मारके अपना माल निकल कर चला जाता,
शर्मा जी के मुँह में अपनी गांड का छेद जाते ही उसे जोर का झटका लगा और उस की गांड मै भरा भोले रिक्से वाले के लण्ड का माल शर्मा जी के मुँह में निकल गया, शर्मा जी अपने मुँह में गिरते माल को पीकर मदहोस हो गए, और उन्होंने अपनी पूरी जीव मोना की गांड में डाल कर अपने होटो से उस की गांड का छेद दबालिया और अगुठे से मोना की चूत के पिशाब बाले छेद को मसलने लगे,
गांड चुसाई के साथ पिशाब वाले छेद पर शर्मा जी के अगुठे की रगड़ से मोना जोर जोर से सिसकिया भरने लगी, अपने चूतड़ और जोर से शर्मा जी के मुँह पर दवाने लगी उस की चूत जलने लगी चूत की पत्तिया फेल गई और वो एक चीख मर कर शर्मा जी के मुँह पर अपनी चूत का पानी छोड़ने लगी उस की चूत के बहता गरम गरम गाढ़ा गाढ़ा चूत रास बहकर शर्मा जी की मुँह को भिगोने लगा शर्मा जी गांड छोड़ कर मोना की चूत से बहता माल चाटने लगे अपने चेहरे को मोना की चूत पर रगड़ने लगे,
मोना पानी छोड़ कर सिथिल हो कर सोफे पर पड़ी थी, लेकिन शर्मा जी उस की चूत से निकले काम रास को पीकर काम अग्नि में जले जा रहे थे उन का प्रभाबशाली चेहरा काम रास और थूक से भीगा हुआ था,
कोई इस हाल में उन को देखता तो यकीन न करपाता के यह बही शर्मा जी ही जो दिल्ली के सभ्य समाज के एक बड़े स्तम्भ हे समाज में जिन को बड़ी इज्जत की नजरो से देखा जाता हे, वो शर्मा जी जो सुबह शोरूम पर आके सब से पहले अगरबत्तियां जला कर पूजा पाठ करते थे, आज सुबह सुबह शराब पीकर अपनी बहु की उम्र की लड़की की चूत और गांड चाट रहे थे ,
काम वासना दुनिया का सब से ख़तरनाक नशा जो ज्यादातर सरीफो को अपना शिकार बनता हे,
यही वासना का नशा शर्मा जी के दिलो दिमाक को बस में कर चूका था, शर्मा जी उम्रदराज आदमी थे दुनिया की अच्छी बुराई से भलीभांति परिचित थे, लेकिन वो भी काम वासना के नशे के शिकार होकर अपनी मान मर्यादा गवाते जा रहे थे, कल तक जो नौकर उन को देवता समझते थे आज उन को पागल समझ रहे थे,
शर्मा जी तो फिर भी एक बड़ी उम्र के समझदार आदमी थे,
लेकिन जब काम वासना का नशा किसी नौजबान युबा को अपना शिकार बनता हे तब क्या होता हे?
तब किसी निर्भया के साथ हैवानियत का घिनौना नाच होता हे, तब किसी मासूम का बलात्कार होता,
अबैध रिश्ते पननपते हे, तब किसी शरीफ का घर उजड़ता हे, तब खून खराबा होता हे, सुसाइड होती हे,
मासूम बच्चों की चीख पुकारो से कोलाहल मच जाता हे,
समाज और धर्मो के बनाये हजारो साल पुराने नियमो की धज्जियां उड़ जाती हे, बेटे माँ को वासना पूर्ति का मार्ग समझने लगते है, भाई अपनी बहिन को कामुक नजरो से देखने लगते हे, बाप की नजर में बेटी रति की मूरत बनने लगती हे,
और यह सब होता हे केबल काम वासना की सन्तुस्टि के लिए जो केबल एक सामान्य शारीरिक स्पर्स के सिवा कुछ भी नहीं ,
हमारे समाज अपने झूठे आडम्बरो के नाम पर कितनी और बलि लेंगे, कितनी युबा और मासूमो को मुजरिम बनायेगे,
जो भी लोग हमारे समाज के ठेकेदार बने बैठे हे ,उस के काले कारनामे रोज हमारे सामने खुल रहे हे, उस सब ने परदे के पीछे अपनी घृड़ित से घृड़ित काम पिपासा को शांत करने के साधन बनाये रखे हे,
वो लोग खुद पेट भर खाने के बाद भूखे लोगो को संयम रखने का भाषण देते है,
लेकिन वो नहीं जानते जो चक्रव्यूह वो बना रहे हैं उस में उन के बच्चे भी फ़स कर अपना जीवन बर्बाद कर लेंगे,
क्या समय नहीं आ गया के अब हमारे समाजो को बदल जाना चाहिए, क्या समय नहीं आ गया के हमें बदल जाना चाहिए,
हमें भी बिकसित देशो की तरह वासना पूर्ति के सरल एवं सुरक्षित मार्ग बनाने चाहिए,
काम को एक सामान्य शारीरिक आवश्यकता समझते हुए पर्दो के बाहर लाना चाहिए.
काम को प्रतिबंधित नहीं बल्कि सुलभ बनाना चाहिए,
अब शर्मा जी के लिए अपनी काम की आग को सम्हालना मुश्किल हो रहा था, वो मोना के चूत से मुँह हटाके मोना के ऊपर चढ़ गए और मोना की चूत में लण्ड डाल कर अपने चूत के माल से भरे मुँह को मोना के मुँह से मिला कर चूत में अपना लण्ड पेलने लगे, मोना भी शर्मा जी की चूत चटाई से गरमा गई थी उस की चूत फिर से जलने लगी थी उस ने भी नीचे से चूतड़ उछलना सुरु कर दिया और शर्मा जी के मुँह से अपनी चूत का माल पीने लगी शराब और वासना के नशे में जलते दो नंगे जिस्म एक दूसरे में समाने की कोशिस करने लगे,
पूरा ऑफिस उन दोनों की सिसकियों से गुजने लगा दोनों लोगो के झटको की रफ़्तार बढ़ती जा रही थी,
मोना शर्मा जी का पूरा साथ दे रही थी, अपने रंडी बजी के सारे पैतरे आजमा रही थी, वो शर्मा जी की छाती से अपने गरम उरोज रगड़ रही थी वो अपनी चूत को सिकोड़ कर टाइट कर रही थी ,
शर्मा जी मोना के रंडी पन के जाल में फ़स कर काम वासना के उच्च शिखर पर पहुंच गए थे, उन का लण्ड काम रस के बेग से फूलने लगा, उन्होंने जोर से मोना के उरोजों को मुठी में दबा लिया, और जोर जोर से उरोजों को मसलते मसलते अपना लण्ड मोना की गरम चूत में पेलने लगे, मोना भी उन के साथ साथ अपने चूतड़ों को ऊपर निचे कर रही थी, पूरा ऑफिस उन की चुदाई की थप थप से गूंज रहा था, अब दोनों अपने अंतिम मुकाम पर पहुंचने वाले थे, शर्मा जी तूफानी रफ़्तार से लण्ड को मोना की चूत में पेले जा रहे थे, मोना ने अपनी सांस पीछे को खेच कर अपनी चूत को टाइट कर लिया था, शर्मा जी का लण्ड चूत में कसने लगा था, उन के लण्ड को मोना की चूत ने जकड़ लिया था, अब उन की सहनशक्ति ख़तम हो गई और वो एक जोर का झटका मार के मोना की चूत में अपने लण्ड का पानी छोड़ने लगे उन के माल से मोना की चूत का तालाब भरने लगा,
मोना भी लण्ड के माल की गर्मी सह न पाई और उस ने अपने हाथो से शर्मा जी को जकड़ लिया अपने
और अपने पेरो से शर्मा जी को अपने अंदर दवाने लगी, और अपनी चूत के माल को लण्ड के माल से मिलाने लगी ,
दोनों लोगो की काम अग्नि को लण्ड और चूत से निकलती काम रास की फुहारों ने बुझा दिया था दोनों लोग आखे बंद किये एक दूसरे को जकड़े सोफे पर पड़े लम्बी लम्बी सांसे ले रहे थे.