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Adultery जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी
डबल मस्ती 

माँ भी बहन भी 


[Image: FFM-14198872.gif]


गीता ने टोका ,

 
" अरी माँ सब रस क्या अपने बेटे को ही खिला दोगी ,बेटे के आगे बिटिया को भूल गयी क्या। "
 
मंजू बाई ने मुझे छोड़ दिया और गीता को उसी की तरह जवाब दिया।
 
" अरी छिनार, अभी तो भैया भैया कर रही थी ,ले लो अपने भैया से। "
 
मंजू के छोड़ने के बाद मैं गीता के बगल में ही बैठ गया था।
 
गीता बड़े ठसके से मेरी गोद में आके बैठ गयी और अपने दोनों कोमल कोमल हाथों से मेरा सर पकड़ के अपने रसीले होंठों से मेरे होंठ दबोच लिए और अब मेरे होंठो से रिसता  हुआ पान का रस गीता के मुंह में।
 
हम दोनों के कपडे देह से अलग हो चुके थे।
 
गीता अपने किशोर भारी भारी नितम्ब मेरे खड़े लन्ड पे रगड़ रही थी ,कान में बोली ,
 
 
" भैया हम दोनों के कपडे तो कब केऔर माँ अभी भी वैसे ही ,चल हम दोनों मिल के उसे भी अपनी तरह से ,... "
 
 
मंजू बाई को कुछ कुछ हमारी शरारतों का अन्द्दाज लग गया था ,वो बोली ,
 
" भाई बहन मिल के क्या बातें कर रही हो। "
 
तब तक उठ के हम दोनों मंजू बाई के आगे पीछे खड़े हो गए थे। 
 
गीता ने उसकी साडी पेटीकोट से अलग किया और लगी खीचने ,मैंने सीधे ब्लाउज की बची खुची बटनों पर घात लगायी।
वो  दोनों पहाड़ जिनका मैं दीवाना था , पल भर में ब्लाउज से बाहर।
 
लेकिन गीता ने उनका मजा लेने का मौका ही नहीं दिया। 
 
वो जवान छोकरी ,ताकत से भरपूर , उसने पीछे से मंजू बाई के दोनों हाथ दबोच लिए थे , मुझसे बोली ,
 
" भैय्या, माँ का नाड़ा , ... "
 
और मेरा हाथ पेटीकोट के नाड़े पर पहुंचता उसके पहले ही मंजू बाई बोल पड़ी ,मुझे चिढाते ,
 
" क्यों खोला है कभी माँ का नाड़ा ? "
 
  और जवाब मेरी ओर से गीता ने दिया ,
 
" अरे बहुत बार , समझती क्या है मेरे भैया को।  पक्का मादरचोद है ,माँ के भोसड़े का दीवाना।  नाड़ा खोलने की प्रैक्टिस ही वहीँ की है। "
 
[Image: Peticoat-60398a1bd1a1408da518c5dde139f9d3.jpg]



और मैंने नाडा खोल दिया , सरसराता हुआ मंजू बाई का पेटीकोट उसके टांगों के नीचे ,गीता ने झटके से  उसे दूर फेंक दिया और अब मंजू बाई भी हम दोनों की तरह हो गयी।
 
 
अंदर और बाहर के दरवाजे में ताला बंद ,
 
आंगन में मैं ,मंजू बाई और गीता ,    रात अभी शुरू हुयी थी।
 
 
चांदी की हजार घंटिया फिर घनघनाई , गीता की हंसी।
 
" अब हुए हम तीनो बराबर , माँ , मैं तुम और भैया। "
 
" एकदम " हंसी में शामिल होकर उन्होंने भी सहमति जताई।
 
" एकदम नहीं ," मंजू बाई को मंजूर नहीं था ,वो बोली

" अरे तुमने अकेले मेरे मुन्ने का मजा लिया ,उसे चुसाया ,उसका चूसा ,... "
 
लेकिन उनकी बात गीता ने बीच में काट दी ,
 
" अरी माँ तेरी क्यों झांटे सुलग रही हैं , तू भी अपना भोंसड़ा चुसवा ले ,तब तक मैं भैया का मोटा रसीला गन्ना चूसती हूँ। "
 
और  ये कह के उस शोख ने मुझे ऐसे धक्का दिया की , बस मैं चटाई के ऊपर। गीता मुझसे बोली ,
 
" भैयामाँ के भोंसडे में बहुत रस है , ज़रा जम के चूसना।“


और मंजू बाई की मोटी तगड़ी मांसल चिकनी जाँघे सँड़सी की तरह मेरे सर के दोनों ओर एकदम कस के दबोचे ,सूत बराबर भी नहीं हिल सकता था मैं।
 
और फिर अपने दोनों हाथों से भी मंजू बाई ने मेरा सर कस के पकड़ रखा था , मंजू बाई  के दोनों घुटने मेरे दोनों हाथों पर ,
 
और अपना भोंसड़ा मेरे मुंह पे रगड़ती वो बोली ,
 
" ले चूस कस कस के अपनी बहन के यार , "

[Image: Pussy-licking-CU-tumblr-nndkm84-XZP1ut80j1o1-400.gif]
 
गीता एकदम  मुझसे सटी ,चिपकी ,मेरे पैरों के बगल में मेरे 'मूसलराज ' को छेड़ रही थी ,

अपने लाल परांदे से कभी उनके  खड़े तन्नाए मूसल को सहला देती तो कभी रगड़ देती ,

फिर उसने अपनी लंबी काली मोटी चोटी उनके मोटे खड़े लन्ड के चारो ओर ,नागपाश ऐसे बांध कर एकदम कस के ,

झुक के  खुले सुपाड़े को अपनी लंबी जीभ से लप्प से चाट लिया।

[Image: BJ-lick-tumblr-p0svv1hmy-L1ueo5r9o1-500.gif]
 
मंजू बाई की बात सुन के तपाक से वो बोली
 
" अरी माँ तुझे क्यों मिर्च लग रही है , अगर मेरा प्यारा प्यारा भैय्या अपनी बहन का यार है तो तू भी भी इसे बना ले माँ का खसम , अरे ये पैदायशी मादरचोद है।  अभी देखना कैसे माँ ,तेरा भोंसड़ा कूटेगा। "
 
और फिर गप्प से गीता ने सुपाड़ा अपने रसीले मुंह में लीची की तरह भर लिया और लगी चूसने ,कस कस के।


[Image: BJ-G-tumblr-nah4jt-Dkw-M1tgqup7o1-400.gif]
 
उन्हें गीता नहीं दिख रही थी ,सिर्फ मंजू बाई की कड़ी कड़ी बड़ी बड़ी चूंचियां नजर रही थीं। 


मंजू बाई का चिकना पेट , गहरी नाभी और खूब घनी काल काली झांटे , ... और मंजू बाई अपना भोंसड़ा उसके मुंह पे ऐसे रगड़ रही थी ,जैसे उसका मुंह चोद रही हो।  




लेकिन वो भी नम्बरी चूत चटोरेउन्होंने अपने दोनों हाथो से उसकी बुर की बड़ी बड़ी फांकों को दबोच लिया और लगे पूरी ताकत से चूसने।
पुराने चूत चटोरे , कुछ ही देर में जीभ कभी ऊपर से नीचे तक तो कभी आगे से पीछे ,

[Image: pussy-licking-G.gif]

 
और गीता की आवाज सुनाई पड़ी ,
 
" क्यों मजा रहा है माँ के भोसड़े में मुंह मारने में , माँ के खसम ,   मादरचोद। "
 
गीता दिख नहीं रही थी लेकिन उसकी हरकतें उन्हें पागल कर दे रही थीं।
 
गीता के किशोर रसीले होंठ पूरी ताकत से सुपाड़ा चूस रहे थे , साथ में  गीता की  मांसल जीभ नीचे से लपड़ लपड़ सुपाड़े को चाट रही थी।
 
और  गीता के दोनों शोख शरारती हाथ ,एक  तो उसके बॉल्स के पीछे ही पड़ गया था। कभी उसे सहलाता ,कभी हलके हलके दबाता तो कभी गीता की दुष्ट उंगलिया , बॉल्स और पिछवाड़े के छेद के बीच रगड़ घिस करता। दूसरे हाथ की उंगलियां कभी खूंटे के बेस पर दबाती तो कभी उसके लंबे नाख़ून कड़े खूंटे को रगड़ देतीं ,स्क्रैच कर लेतीं।


[Image: ffm-G-tumblr-o0nhm8-Vcq31v4nnhqo3-500.gif]
 
मस्ती के मारे वो बार बार चूतड़ उचका रहे थे।
 
और ऊपर से गीता के कमेंट ,
 
" बड़ा मजा आता होगा माँ के भोंसडे को जो इत्ता मोटा लन्ड जम के कूटता होगा उसे। "
 
 
और इधर मंजू बाई भी ,
 
उसकी बुर की फांके दसहरी आम की फांको से कम रसीले नहीं थे। 

वो खुद धक्के मार के उनके मुंह पे ,उन्हें चटवा रही थी।


क्या कोई मर्द धक्के मारेगा , उन्होंने एक कभी गे फिल्म देखी थी जिसमें एक लौंडा ,एक मर्द का मोटा लन्ड चूस रहा था ,और वो उसके मुंह में जोर जोर से धक्के मार मार के लन्ड पेल रहा था।
 
 
एकदम उसी तरह ,
 
मंजू बाई उस मर्द को भी मात कर रही थीं ,दोनों हाथ से उनके सर को पकड़ के जबरदस्त उनके होंठों पे अपना मखमली रसीला भोंसड़ा रगड़ ऐसे ही जबरदस्त रगड़ रही थीं ,उनके खुले मुंह के अंदर ठेल रही थीं। पूरी ताकत से ,पूरे जोश से,...

[Image: pussy-licking-M-16227828.gif]
 
और उनको भी उस जोर जबरदस्ती में मजा रहा था, जिस ब्रूट तरीके से मंजू बाई उनके बाल पकड़ के खींच रही थी,


अपने बड़े बड़े मोटे चूतड़ उठा उठा के धक्के मार रही थी, जिस जोर से मंजू बाई की तगड़ी मांसल जाँघों ने उन्हें दबोच रखा था ,


और साथ में एक से एक गन्दी गालियां ,
 
" अपनी माँ के खसम ,माँ के यार ले चूस माँ का भोंसड़ा ,   चूस मादरचोद , 

अरे बचपन से तुझे भोंसड़ा का रस पिला के इत्ता बड़ा किया है , पेल दे जीभ अंदर मादरचोद , 
अरे देख अभी तुझसे क्या क्या चटवाती हूँ ,खिलाती हूँ , 

पहले भोंसड़ा का मजा ले ,फिर गांड का मजा दूंगी ,

गांड के अंदर का भी चटवाउंगी ,चल चूस कस कस के , .... "
 
 
 
इधर मंजू बाई जितना जबरदस्ती हार्ड हाट थी उधर नीचे गीता उतनी ही साफ्ट और उतनी ही हाट ,
 
 
गीता के होंठ सुपाड़ा चूस चुभला रहे थे। 

मन कर रहा था किसी तरह ,बस किसी तरह ,... उसके होंठ सरकते हुए पूरे लन्ड को गड़प कर लें और जोर जोर से वो चूसे ,झाड़ दे चूस चूस के।
 
 
लेकिन गीता ने अपने होंठ भी सुपाड़े पर से हटा लिया 

पर थूक की एक लड़ गीता के होंठों से निकल  सरकती हुयी सीधे खूंटे पर ऊपर से नीचे तक

और उसी के पीछे गीता के रसीले किशोर होंठ , खूंटे पे रगड़ते , सीधे लन्ड के बेस तक बहुत धीमे धीमे और फिर जीभ की  टिप गोल गोल चक्कर लन्ड के बेस पे चक्कर काटते,
 
वो तड़प रहे थे सिसक रहे थे।
 
गीता ने अचानक अपने होंठों के बीच उनके पेल्हड़ की एक गोली ( बॉल्स ) दबा ली और लगी चुभलाने ,और उसके बाद दोनों बॉल्स ,


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ये नहीं की उनका लन्ड आजाद हो गया था ,  



गीता की शरारते कम नहीं थी , एक हाथ से कभी वो अपनी लम्बी चोटी उसपे रगड़ती ,सहलाती तो कभी कस के बाँध के रगड़ती , लन्ड की रगड़ाई और बॉल्स की चुसाई दोनों साथ साथ चल रहे थे।
 
साथ में बीच बीच में गीता के कमेंट्स कभी मंजू बाई से ,कभी उनसे




 
" क्यों माँ मजा रहा है मेरे भैया से ,अपने खसम से भोंसड़ा चुसवा के

अरे माँ मैंने बोला था ये तेरा यार बचपन का मादरचोद है ,

माँ के भोसड़े का रसिया।
 
बोल बहन का चूसने में ज्यादा मजा रहा था ,या माँ का चूसने में। "
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Messages In This Thread
ANUSHKA IS ASHWIN'S SWEET WIFE - by ashw - 05-04-2019, 06:02 AM
RE: जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी - by komaalrani - 05-10-2019, 05:35 PM



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