02-10-2019, 12:31 AM
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गुस्से में रीमा वही नंगी खड़ी कांपती रही | रीमा को लगा वो जीती बाजी जीतते जीतते हार गयी | गार्ड अपने कपड़े पहनने लगा, रीमा के लिए करो या मरो की स्थिति थी | आखिर क्या करे वो | गार्ड ने उसकी गांड में उंगली घुसेड़ कर उसके कुछ अनजाने अरमान जगा दिए थे | आग तो उसके तन बदन में भी लगी हुई थी लेकिन सबसे जरुरी था उसके लिए आजाद होना | वासना और आजादी के मानसिक द्वन्द के ताने बाने में रीमा उलझ कर रह गयी | एक गार्ड के साथ वो इस हद तक चली गयी यही क्या कम था लेकिन आगे जो भी वो सोच रहा था उसको करने की हिम्मत रीमा में नहीं थी |
गार्ड अपनी शर्ट पहन चूका था, वो अपने खड़े लंड को थामते हुए पेंट पहनने लगा |
रीमा को कुछ तो करना था वर्ना अब तक का किया सब ख़त्म - बस औरत की एक न पर सारी मर्दानगी लंड में जाकर घुस गयी |
गार्ड कुछ नहीं बोला |
रीमा - बड़ी कसमे खा रहे थे मुझे आजाद करवाने की, अब क्या निचुड़े लंड की तरह सारा जोश ख़तम हो गया |
गार्ड भी आवेश में - आप ने भी तो वादा किया था चूत मिलेगी चोदने को, आपके बस का कुछ है नहीं, आप रहने दो सारे बड़े लोग ऐसे ही होते है, लंड भी घोटना है और चूत के फटने से भी फटती है | |
रीमा - तुम न एक नंबर के गड फट्टू हो, तुमारे बस का ही नहीं था मुझे यहाँ से निकाल पाना | तुमसे अच्छे हिजड़े होते है कम से कम अपना वादा तो निभाते है |
गार्ड - मैडम आपके बस का नहीं है किसी से चुदवाना | फटती आपकी है चुदवाने में, शायद इसीलिए आपको आपके पति का लंड भी नसीब नहीं हुआ | मुझे छोड़ो आप अपने पति के ;लंड को नहीं खुस रख पाती होंगी शायद इसलिए जल्दी चले गए दुनिया से |
गार्ड की इस बात ने रीमा को अन्दर तक हिलाकर रख दिया |
गार्ड यही नहीं रुका - चूत कितनी भी खूबसूरत हो, कितनी भी अमीर हो चोदेगा तो उसे लंड ही | आपको अपने ऊपर इतना गुमान है लेकिन ऐसे गुमान का क्या फायदा तो चूत लंड खाने को ही तरस जाए | मेरी ख्वाइश का तो छोड़िये आप तो अपने मरहूम पति को भी नहीं देती होंगी | आप अपने रूप में अन्धी हो चुकी है |
रीमा के सब्र का बांध टूट गया , ऐसे उसे आजतक किसी ने चुनौती नहीं दी थी रीमा को अपनी जिंदगी में सबसे ज्यादा गुमान अपनी खूबसूरती और चूत पर ही था | गार्ड की इस बात ने रीमा के अस्तित्व की नीव ही हिला दी | एक औरत एक चूत के रूप में उसके अस्तित्व को ही नकार दिया | रीमा का पूरा वजूद ही हिल गया | | रीमा गार्ड की तरफ लपकी और एक जोरदार झन्नाटेदार झापड़ उसे रसीद कर दिया | उसके बाद बाथरूम में गहरी ख़ामोशी पसर गयी | रीमा और गार्ड दोनों ही सर झुकाए नीचे फर्श को देखते रहे |
कुछ देर बाद गार्ड बस अपने गाल को सहलाता अपनी पेंट ऊपर चढ़ाने लगा |
रीमा पछताने लगी उसे गार्ड की थप्पड़ नहीं मारना चाहिए था | रीमा ने अपने हाथो अपनी आजदी का टिकट फाड़ दिया था | रीमा का गुस्सा अब उसकी लाचारी और पछतावे में बदलने लगा | उतर गया | रीमा पछताने लगी | आखिर गार्ड गलत क्या कह रहा है | अगर उसे चुदवाना नहीं था तो उसने उसको झूठी दिलासा क्यों दी उसके अरमान क्यों जगाये | क्अया गलती है गार्पड की | उसकी तो इतनी हिम्नीमत नहीं थी की रीमा के बदन को हाथ से छूकर तक देख सके | उसी ने तो उकसाया उसे | उसी ने गार्ड की हिम्मत को चार चाँद लगाये | अब उसकी हिम्मत इतनी बढ़ गयी की वो उसकी गांड में लंड पेलने के सपने देखने लगा | वो गांड जिसको रीमा ने आजतक किसी मर्द को हाथ नहीं लगाने दिया लंड पेलना तो द्दो की बात है | अपनी आजादी के लिए वो इतनी स्वार्थी हो जाएगी की किसी की भी भावनाओं से खेलेगी | ये जो भी हुआ, उसकी वजह से हुआ , बात यहाँ तक कभी पहुँचती ही नहीं अगर वो गार्ड को उसकी औकात में रखती और सच दिखाती | अब झूठ के तो पैर होते नहीं, एक झूठ को बचाने के लिए दूसरा बोलना पड़ा और नौबत यहाँ तक आ गयी | फिर भी उसकी उंगली गांड में जाते ही उसकी पिंडलियों और चूत में होने वाली सनसनाहट क्या थी | कही वो भी तो ..........नहीं रीमा बिल्कुल नहीं | आखिर अपने आत्मसम्मान को गिरवी रखकर रीमा वो ये काम कैसे कर सकती है जो उसने आज तक कभी नहीं किया | करना तो दूर कभी उसके गलती से भी ख्वाब नहीं देखे | क्या इसके बाद वो खुद से नजरे मिला पायेगी | वो अपने अतीत में घूमने लगी |
रीमा की दुनिया में वासना और हवस और सेक्स की दुनिया में सब कुछ गलत ही लगता था | उसे लगता था एक बार शादी के बाद सिर्फ पति के साथ ही चुदाई करनी चाहिए और पति के जाने के बाद वह इसी चीज दिमाग में भरकर जीती रही | रीमा को कभी एहसास ही नहीं हुआ कि औरत की ख्वाहिश भी हो सकती हैं औरत की वासना भी हो सकती है और उस वासना को औरत अकेले ही बुझा सकती है उसे पहली बार अपने अंदर की वासना का अहसास प्रियम और रोहित ने कराया | रोहित और प्रियम ने उसके मस्तिष्क की वर्जनाओं को तोड़ा जिनको लेकर वह काफी सालों से जी रही थी | प्रियम का लंड चूसकर और उसके बाद में रोहित के साथ में चुदाई करने के बाद में भी रीमां को समझ में आया कि सेक्स के कई रूप होते हैं पहले ही रीमां को लगता था सिर्फ चूत की चुदाई ही सेक्स का एक रूप है और बाकी सब गलत है लेकिन प्रियंम का लंड चूसने के बाद में उसके मन के अंदर का ये बंधन टूट गया इसी तरह से रोहित के साथ चुदाई करने के बाद में दूसरे पुरुष के साथ में लंड से चुदाई का खुला खेल करने का उसके मन का भरम टूट गया | जब उसने रिवर लाउन्ज में मालविका और कामिनी को बेधड़क गांड में लंड लेटे देखा था | कितनी बिंदास होकर कितनी बेफिक्र होकर वो अपनी गांड चुदवा रही थी मोटा मुसल लंड अपनी गुलाबी सुरंग की गहराइयो में उतार रही थी तो उसे देख देख कर रीमा हैरान हो रही थी | उसने मालविका और कामिनी को एक निचले दर्जे की चुद्द्कड़ औरते मान लिया था | उसे उस समय लग रहा था वो जो भी कर रही है वो घटिया है और इसलिए वो दोनों औरते भी घटिया है | लेकिन रोहिणी ने उसके दिमाग का ये चट्टान की तरह मजबूत बंधन भी तोड़ दिया | | रोहिणी ने रीमा के अंदर के और भी मानसिक बंधनों को तोड़ दिया रोहिणी ने उसे एक नया रास्ता दिखाया वह रास्ता था उसकी पिछली सुरंग का | रीमा को यकीन ही नहीं हुआ गाड़ की कुटाई से भी उसकी चूत में हलचल मच सकती है, न केवल हलचल बल्कि चूत का पानी छुडवा सकती है | रीमा के लिए ये सब एक अलग अनुभव था उर जब वो खुद इस अहसास से गुजारी तो उसे मालविका और कामिनी होने का मतलब समझ आया | रीमा को यकीन ही नहीं था कि इस तरह की वासना का भी कोई रूप होता है | लेकिन एक बार जब रीमा को एहसास हो गया उसके बाद उसके लिए सेक्स का एक नया मोर्चा खुल गया था | रीमा समझ गयी वासना में कुछ भी सही गलत नहीं होता | वासना की आग बस वासना की ही आग होती है, जो इसमें जलता है उसे ही पता होता है की वो क्या महसूस कर रहा हिया | बाकि दुनिया के लिए ये समझ पाना मुश्माकिल था | जिसने कभी चूत गांड में लंड नहीं लिया वो इसकी प्यास तड़प और दर्कोद को कैसे जान सकता है | रीमा को भी ऐसी ही एक अनजान सी तड़प ललचा रही थी | अब तो रीमा को किसी तरह की कोई शर्म और हया नहीं थी वह सेक्स के पूरी तरह से महसूस करने के चक्कर में रहती थी को सेक्स के पूरे मजे लेती थी और यही बात आज उसके काम आ रही थी आज वह इस गार्ड के साथ में वासना के जिस भंवर में फंसी फस करके अपनी आजादी की राह देख रही थी वहां पर उसे रोहिणी के सिखाये गुर बहुत काम आ रहे थे | शायद उसके अन्दर गांड में लंड लेने की लालसा शायद रोहिणी की ही पैदा की हुई थी या शायद उसे मालविका या कामिनी याद आ रही होंगी | रिवर लाउन्ज के वो सीन कभी भी रीमा की दिलो दिमाग से मिटे ही नहीं | शायद वहां वो सब कुछ इसीलिए इतने गौर से पूरी तरह से डूब कर देख रही थी | शायद उसे हमेशा के लिए सहेज लेना चाहती थी | आज जैसे ही मौका लगा अब सब कुछ आँखों के सामने तैर गया | वो अपनी वासना के आगे लाचार थी | उसकी अनचाही लालसा उसे उसी तरफ खीचे लिए जा रही थी | उसने आजतक कभी किसी का असली लंड अपनी गांड में नहीं लिया था लेकिन यही मौका था जब वो एक अनजान आदमी का लंड अपनी गांड में महसूस कर एक नया अनुभव ले सकती थी | उसने सोचा जब कामिनी अपनी गांड में लंड ले सकती है मालविका ले सकती है तो वो क्यों नहीं | क्या वो उनसे कम मॉडर्न है कम पढ़ी लिखी है | रोहिणी दीदी ने भी तो बोला था कट्टो अपने पिछवाड़े को मजबूत कर | एक बार लत लग गयी तो चूत चुदवाना भूल जाएगी | मजबूरी में ही सही लेकिन अपनी उन जंगली वासनाओं का पता आज तक रीमा को भी नहीं चला और रीमा की इस छिपी वासना का आगे भी किसी को पता तक नहीं चलेगा | रीमा ने सोचा कि इस वक्त उसके पास सुरक्षा के नाम पर कुछ नहीं है, उसकी आजादी की आखिरी उम्मीद वही है | क्यों ना एक नया प्रयोग किया जाए उसे पता था गार्ड इसके बाद उसके लिए मर मिट जाने को राजी होजायेगा | वो किसी भी हाल में गार्ड को यहाँ से जाने कैसे दे सकती है
रीमा के बदन में भी तो आग लगी थी हालाँकि इस तू तू तू मै मै में सब नशा उतर गया लेकिन अन्दर तो आग जल रही थी रीमा ने भी सोचा जब जिन्दा रहूंगी तभी आगे कुछ सोच पाउंगी | यहाँ तो सूर्यदेव पता नहीं कब क्या करे | उसने यहाँ से निकलने का फैसला कर लिया चाहे जो करना पड़े |
रीमा - मुझे माफ़ कर दो, मुझे गुस्सा आ गया था |
गार्ड - हमें तो बड़े लोगो की गालियां थप्पड़ खाने की आदत है मैडम |
रीमा ने अपनी मुठ्ठी भींचकर सारी हिम्मत जुटाकर - चलो फिर मै तुमारी ख्मेवाइश पूरी कर देती हूँ मेरी गांड मारो, पेलो उसमे लंड लेकिन आराम से |
अभी हुए घट्नाक्रम से निराश हताश गार्ड को यकीन नहीं हुआ, यकीन तो रीमा को भी नहीं हो रहा था आखिर वो क्या करने जा रही है लेकिन रीमा ने यही कहा था और गार्ड ने भी सही सुना था | रीमा को यहाँ से निकलना था और उसके अन्दर की चूत में मची हलचल ने उसके पुरे बदन में हवस की आग जला दी थी | उसकी चूत में तरंगे उठ रही थी | गार्ड से हुई मुहँ चिरौरी के बाद भी उसके अन्दर लगी आग कम जरुर हुई लेकिन शांत नहीं हुई | उसका चेतन मन ये सब करने से रोक रहा था लेकिन रीमा को कुल मिलाकर यही रास्ता नजर आया | शायद उसकी कोने में दबी जंगली वासनाए जाग गयी थी | वैसे भी रोहिणी उसे काफी कुछ सिखा चुकी थी पिछली सुरंग के बारे में | अब जब मुहँ से निकल ही गया है तो रोहिणी का सिखाया आजमाने में क्या हर्ज | रीमा को एक पल लगा खुद को समझाने में | उसके बाद उसने ढेर सारी लार अपने गांड के छेद पर लगा दी |
गार्ड हैरान था उसे अपने कानो पर यकीं नहीं हुआ |
रीमा - जल्दी से आकर मेरी गांड में लंड पेलो नहीं तो मै तुमारी गाड़ मारना शुरू कर दूँगी |
गार्ड जैसे नीद से जागा हो उसने झटपट अपनी पेंट उतारी | अपने लंड पर ढेर सारी लार उड़ेली और रीमा के पास आ गया | गार्ड का लंड पकड़कर उसने अपने गांड के छेद पर लगा दिया |
रीमा - आराम से, मेरी कोमल कसी गांड में अब तक कोई लंड गया नहीं है बिलकुल कोरी कुंवारी गांड है | आज तेरा लंड पहली बार इस सुरंग का फीता कटेगा | आराम से करना धीरे धीरे .................|
रीमा की हिदायत का गार्ड पर कोई असर नहीं हुआ | वो बस पाए मौके को झपट्टा मार कर खा लेना चाहता था | पता नहीं कब मैडम का मन बदल जाये | उसने रीमा की बात सुनी लेकिन वासना के नशे में उसे कुछ समझ नहीं आया न उसने समझने की कोशिश की |
गार्ड को गांड मारने का कोई अनुभव नहीं था | रीमा इस जंगली वासना के बारे में ही सोचकर रोमांचित थी | गार्ड ने पूरा जोर लगाकर लंड को ठेल दिया | रीमा की गांड की दीवारों पर जबरदस्त दबाव पड़ा | रीमा दर्द से बिलबिला गयी लेकिन वासना की गर्मी में दर्द के ऊपर वासना हावी हो गयी | रीमा की पिछली सुरंग का छेद टाइट था | रोहिणी की सीखे और लगातार प्रैक्टिस से रीमा ने अपने पिछली सुरंग को भी अपने वासना के खेल में पूरी तरह शामिल कर लिया था | इसके बाद भी रीमा की गांड का छेद बहुत टाइट था | उसे रोहिणी ने ही बताया था अगर कोई अच्छे गांड में लंड पेले तो भी चूत की खुजली मिटती है | इसके गाड़ ने पूरा जोर भींच दिया और रीमा का फौलादी छल्ला फैलाता हुआ गार्ड के लंड का सुपाडा रीमा की पिछली गुलाबी सुरंग में गायब हो गया |
रीमा चीख उठी आआआआआआआआआआआअराराराराराराराराम्म्म्मममममममममममम स्स्से | ऊऊऊऊऊउईईईईईईईईईइ ममामाममामा ईईईईईईईईई माआआआआआअरररररररररररररररररररररररर डाडाडाडाडाआआआआअलालालालालाल |
रीमा दर्द से बिलबिलाकर रह गयी - चीचीचीचीईईईईईईईईईईईइ रररररररररररररररररररररररररर डाडाडाडाडाआआआआ अलालालालालाल आआआआआऐईईईईईईईईईईइ ममामामामामामाममरररररररररररररररररररररररर गाआआआआआआआआआयियियियियियीय |
रीमा की आँखों में आंसू आ गए | वो दर्द से दोहरी हो गयी | खुद की मुट्ठियाँ भींच कर दर्द को बर्दाश्त करने लगी | रीमा की कमर खुद बखुद आगे को खिसक गयी | रीमा गार्ड से दूर हो गयी, गार्ड का सुपाडा रीमा की गांड के छल्ले की कसी जकड़न से आजाद होकर बाहर आ गया | रीमा की गांड के मुहाने पर जैसे आग लग गयी हो, इतनी जलन होने लगी, ऐसा लग रहा था जैसे किसी ने नश्तर घुसेड़ उसकी गांड के मुहाने को चीर दिया हो ऐसा तीखा दर्द उठ रहा था | गार्ड ने जोश जोश में के ही झटके में रीमा की गांड का छल्ला चीर के रख दिया था | वो अलग बात थी रीमा इस तीखे दर्द और भीषण जलन से अर्द्ध मूर्छा की हालत में पंहुच गयी |
रीमा - आआआआआऐईईईईईईईईईईइ ऊऊऊऊऊउईईईईईईईईईइ मादरचोद तुझे अपनी कुंवारी करारी गांड क्या दी, तूने तो एक ही बार में नस्तर डाल कर चीर दिया भोसड़ी के | मादरचोद गांड है मेरी, वो भी कुंवारी बोला था न, फिर भी अपना गधे जैसा लंड घोड़े की तरह पेल कर जान निकाल दी मेरी |
रीमा - आआआआआआअह्हह्हह्हह्हह्हह्हह ओओह्ह्ह्हह्ह्ह्ह गागागागागाडडडडडडडडडड आआअह्ह्ह्ह |
आआआअराम से नहीं पेल सकता था मादरचोद, कम से कम एक बार छेद खुल तो जाने देता | तुझे कितनी जल्दी है हर बात की |
उसकी गांड ले तीखे दर्द से उसके चूतड़ जांघे कमर पिंडलियाँ सब काँप गए | जब दर्द को सहने की हालत में रीमा आई तो रीमा ने दर्द से सिसकारते हुए ढेर सारा लार अपनी गांड के जलते छेद पर लगाया और सहलाने लगी | रीमा ये देखकर हैरान रह गयी की उसकी चूत झर झर कर बह रही है | रीमा की चूत पानी का झरना बनी हुई है | रीमा ये देख फिर से वासना में डूबने लगी | उसकी गांड की जलन और दर्द अभी बरक़रार थे लेकिन अब बर्दास्त के बाहर नहीं थे | उस दर्द के कारन उसकी जांघे नहीं कांप रही थी | रीमा को अपनी बहती चूत देख हिम्मत मिली | उसने चूत दाने पर अपनी उंगली जमा दी |
रीमा - इस आराम से घुसेड़, अनाड़ी लंड की तरह मत चोद, मुहँ में भी इतनी तेज ठोकर मरी थी की जबड़ा खिच गया था | गांड में ठोकर मारी गांड चीर के रख दी मेरी जान निकाल दी | भोसड़ी के कौन सी तेरी अम्मा चुदने जा रही है जो उसे बचाने जाना है | आराम से चोद | जब मुझे ..........चुदवाने वाने वाले को जल्दी नहीं तो तू काहे हड़बड़ी मचाये है |
रीमा को इस तरह से दर्द से तड़पता देख गार्ड की मर्दानी और लंड पूरी तरह से अकड़े हुए थे - मैडम जैसे ढेर सारा सोना किसी भिखारी के सामने रख दो तो पगला जाता है ऐसे ही आपको देखकर मेरे हाथ पाँव लंड सब काबू में ही नहीं है |
रीमा - इतना उतावला काहे हो रहा है, ऐसा नाजुक बदन छूने को मिल रहा है, सहलाने को मिल रहा है तेरा लंड चूस रही थी और अब ऐसी कमसिन कसी गुलाबी चूत की करारी कुंवारी गांड की मख्खन मलाई भी फ्री में मिल रही है ..............................आखिरी बार बोल रही हूँ काबू में रख अपने जोश को वरना लंडो की गांड मारना भी आता है |
रीमा की बात सुनकर गार्ड को हंसी आ गयी |
रीमा गांड का छेद सहलाती खड़ी हुई और तड़ाक से गार्ड को करारा झापड़ जड़ दिया - मै मजाक नहीं कर रही हूँ, तेरे लंड को चूसने के चक्कर में मेरी गांड में खुजली मचने लगी वरना ऐसी गांड फाड़ती तुमारी की जिदगी भर याद रखते |
रीमा ने उसके लंड को कसकर भींच लिया और मसल दिया | गार्ड के कड़क लंड को दर्द तो हुआ लेकिन महसूस नहीं हुआ | रीमा समझ गयी गार्ड पूरी उत्तेजना में है | उसने जल्दी से अपने बदन की वासना बुझाने में ही अपनी भलाई समझी | रीमा इस बार उलटा झुकने की बजाय गार्ड की तरफ मुहँ करके जांघे फैलाकर बैठ गयी | सामने से गार्ड के लंड पर उसका कण्ट्रोल ज्यादा रहेगा |
उसके लंड को खीचकर खुद ही अपनी पिछली सुरंग के गुलाबी छेद से सटा दिया | थोड़ा सा जोर लगाया और उसका सुपाडा रीमा की गाड़ के सख्त छल्ले को चीरता हुआ अन्दर घुस गया | रीमा ने एक लम्बी सीत्कार भरी |
रीमा गार्ड को गन्दी गन्दी गालियाँ देती हुए खुद की कमर हिलाने लगी और फिर गार्ड से कमर हिलाने को बोलने लगी |
रीमा - बुत क्यों बना खड़ा है, लंड पेल न मेरी कसी कुंवारी करारी गांड में |
गार्ड ने कमर हिलानी शुरू की |
रीमा - आराम से आइस्ते से हौले हौले धीरे धीरे |
गार्ड के लंड पर रीमा की गाड़ का छल्ला बहुत कसाव डाल रहा था, गार्ड को बहुत जोर लगाना पड़ रहा था | रीमा भी अपने शरीर को ढीला छोड़े हुई थी | थोड़ी देर कमर हिलाने की बाद रीमा का पिछली सुरंग का गुलाबी छल्ला नरम हो चला | रीमा की गांड में गार्ड का सुपाडा आराम से जाने लगा लेकिन उसका लंड अभी भी रीमा की गांड में घुसना बाकि था |
गार्ड बस रीमा के काहे अनुसार ही कमर हिलाता रहा | रीमा के दिल के कोने में दबी पाशविक वासनाये उभर ही आई थी | उसकी कामना भी पूरी हो रही थी और शायद उसके जानने वाले किसी को कभी पता भी नहीं चलेगा | रीमा कहाँ से चली थी और कहाँ पंहुच गयी थी | एक पल को उसके दिमाग में ख्याल आते लेकिन वासना उनको फिर से दिमाग के किसी अंधे कोने में उठकर फेंक देती | रीमा फिर से अपनी हवस के सागर में डूब जाती, क्या नैतिकता क्या बंधन | एक अनजाने मर्द के साथ सेक्स का वो विकृत रूप जो शायद किसी सामान्य के लिए बहुत ही ज्यादा असामान्य था | रीमा अपनी दबी वासनाओं में इतना ज्यादा जली भुनी थी की जब उसे मौका मिला तो वो कामवासना के सारे बंधन तोड़कर , सारे नियम तोड़कर वो हदों से कही ज्यादा आगे निकल गयी थी | उसे अपनी जवानी में सामान्य चुदाई नहीं मिली इसलिए उसे असमान्य चुदाई की ख्वाइश इतनी बढ़ गयी की उसके लिए सही गलत अच्छा बुरा सबका भेद मिटा दिया | आज वो एक गार्ड के साथ अपने शरीर के सबसे संवेदनशील कसे हुए छेद के साथ वासना का जबरदस्वोत खेल खेल कर वो अपनी चूत और दिमाग की वासना मिटानी चाहती थी | अभी उसे होश ही नहीं था की वो किस मुसीबत में फंसी है, उसकी हालत क्या है और उसके चारो तरफ कितना खतरा है | अबी वो अपनी आजादी का प्लान बनाते बनाते अपने अन्दर की दबी हुई आग को माचिस लगा बैठी | अब जब आग जल गयी है तो जब तक नहीं बुझेगी तब तक रीमा होश में भी नयी आएगी | रीमा की गांड के मुहाने पर अभी भी बहुत जलन हो रही थी लेकिन लंड की कड़ी मसाज ने उसकी गांड की दीवारों में सनसनाहट पैदा कर दी की उसके आगे रीमा को गांड की जलन का अहसास फीका पड़ गया | |
गार्ड का लंड रीमा की कसी गांड में अन्दर बाहर होने लगा | गार्ड आइस्ते से धीरे से लंड को पीछे ले जाता और फिर धीर से रीमा की गांड में घुसेड देता | रीमा से गाली खाने के बाद उसे समझ आ गया था | जल्दी करी तो रीमा मैडम उसका लंड ही काट लेगी | दो तीन बार रीमा की गांड में लंड पेलता और फिर बाहर निकाल लेता | रीमा की गांड चुताड़ो और जांघो में उठने वाली तरंगे उसके पुरे शरीर को मदमस्त किये हुई थी | | यही सिलसिला कुछ देर तक चलता रहा | रीमा की उंगलियाँ उसके चूत दाने पर फिर पंहुच गयी | तभी गार्ड ने एक लम्बी ठोकर मारी और उसका आधे से ज्यादा लंड रीमा की गांड की गुलाबी दीवारों को चीरता हुआ अन्दर तक धंस गया | पता नहीं क्यों गार्ड को जोश आ गया, रीमा कुछ समझ पाती इससे पहले ही गार्ड ने रीमा को पलट दिया और उसको आगे की तरफ झुकाकर उसके चूतड़ ऊपर उठा दिए | रीमा आ ऊ कुछ कुक करती या बोलती उससे पहले गार्ड का आधा लंड रीमा की गांड में पैबस्त हो गया | मुहँ से प्रतिरोध करने की जगह रीमा के मुहँ से - आआआआआआआआआआआअह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह ईईईईईईईईई म्म्म्मम्मामामामामामा आआआआआऐईईईईईईईईईईइ ममामा की सिसकारी निकली |
गार्ड ने अपने झटके तेज कर दिए | उसका लंड गपागप रीमा की गांड की सुरंग की गहराई नाप कर बोरिंग करने लगा | रीमा की जांघो पर तेज ठोकर लग रही थी |
गार्ड - आआआअह्ह्ह मैडम क्या मस्त चूतड़ है मैडम आअहाआअहाआह्ह, क्या कसी गगागागागागागगांड है , मैडम आपकी गांड बहुत कसी हुई है बहुत टाइट है |
रीमा - हा बेबी बहुत टाइट है मेरी गांड |
इस समय रीमा की आवाज किसी कैटेलिस्ट से कम नहीं थी | गार्ड ने एक करारी ठोकर मरी |
रीमा - आआआआआअ ईईईईईईईईईह्हह्हह्हह्हह्हह आआआरररररररररम्म्म्म से ककककक रररर साआआआले|
लेकिन गार्ड तो इस समय अपने ही जोश में था |
गार्ड - मैडम आपकी गांड बहुत कसी है | मेरा लंड चूस कर मसले डाल रही है |
रीमा - या बेबी या बाय मेरी गांड कसी है |
अब बाथरूम में वासना का तूफ़ान मचा हुआ था | गार्ड अपने पुरे जोश में था | हालाँकि उसका आधा लंड ही रीमा की गांड को चीर प् रहा था | लेकिन जो भी था गार्ड के लिए किसी जन्नत से कम नहीं था | उसका जोश अपने चरम पर था | रीमा भी अपनी वासनाओं के अरामान बुझाने को बेताब थी |
गार्ड - हाँ मैडम बहुत कसी है, उफ़ लंड पेलने में बहुत मेहनत लग रही है | आपकी गांड बहुत टाइट है फिर भी मै लंड पेल रह हूँ मैडम |
रीमा - हाँ मेरी कसी गांड ऐसे ही अन्दर तक लंड पेलो |
गार्ड - मैडम आप बहुत अच्छी हो, आपकी गांड क्या मक्खन मलाई है | आआह्ह्ह्ह आपकी कुंवारी गांड कितनी कसी हुई है | मन करता है फाड़ के रख दू , अन्दर तक पूरा का पूरा लंड घुसेड दू | आआआह्ह्ह्ह मैडम बहुत कसी है |
गार्ड - आःह्मैह्डह मैडम आपकी गांड अपने लंड से चीर के रख दूंगा | मैडम आपकी कसी गांड को मै मार रहा हूँ | आआआआह्ह्ह्ह मैडम आपको गांड को फाड़ कर रख दूंगा | ये लो मैडम मेरा पूरा का पूरा लंड, गप्प से अपनी गांड में निगल जावो |
इसी के साथ गार्ड ने एक तगड़ा झटका रीमा के चुताड़ो पर लगाया | उसका लंड ने रीमा की गांड के कसे छल्ले की गिरफ्त में कस के रगड़ खाई और गार्गाड के वासना का बांध टूट गया | गार्ड रीमा की कसी गांड के आगे ज्यादा देर टिक नहीं पाया | रीमा की गांड के कसे छल्ले को भले ही गार्ड ने चीर कर खोल दिया हो लेकिन कसावट के आगे गार्ड के लंड ने जल्यादी ही हथियार डाल दिए | रीमा की मस्त गुलाबी गांड के कसे छल्ले की फौलादी जकड़न को फ़ैलाने में गार्ड का लंड खुद को संभाल नहीं पाया | रीमा वासना की जलती आग में तपती बीच भंवर में फंसी थी लेकिन गार्ड की वासना अपने चरम पर पंहुच गयी थी | उसके अन्दर मथ रहा उसकी हवस का आग के गरम सफ़ेद लावे की झील का बांध टूट गया | गार्ड रीमा की गांड में झर झर कर झरने लगा | उसके लंड से सफ़ेद लावे की पिचकारियाँ छुटने लगी | कुछ हो देर में उसने अपने सफ़ेद रस से रीमा की गुलाबी गांड का छेद लबालब भर दिया | रीमा बीच मजधार में जल बिन मछली की तरह अपनी वासना में तड़प रही थी लेकिन उसकी जलती गांड पर गार्ड के सफ़ेद रस की रिमझिम फुहारों ने बहुत राहत पंहुचायी | गार्ड कमर हिलाते हिलाते रुक गया और फिर उसने अपने लंड रस से सने लंड को रीमा की गांड से बाहर निकल लिया | सफ़ेद रस की बुँदे टपकता गार्ड का लंड रीमा के चुताड़ो पर झूल गया |
गार्ड हांफते हुए अपनी सांसे सँभालने में लग गया | इधर रीमा ने अपनी गांड के छेद का जायजा लिया | अपनी उंगली अपनी सुरंग में डुबोकर गार्ड के सफ़ेद रस का स्वाद लिया और फिर सीधी हो गयी | उसका मन तो था गार्ड अभी उसकी गांड में लंड पेलता रहे और उसकी सनसनाहट से उसकी चूत की दीवारों की तरंगो के भंवर में वो गोते लगाती रहे लेकिन न तो समय ऐसा था और न ही माहौल, ऊपर से गार्ड का लंड निचुड़ चूका था | उसने गार्ड का हाथ अपने तने उरोजो पर रखा और दबा दिया | रीमा के तन बदन में आग लगी हुई थी | रीमा ने गार्ड के झुलते लंड को थाम लिया, उसे कुछ देर हाथ से हिलाया | उसके बाद मुहँ में लेकर चटाने लगी और लोलीपोप की तरह चूसने लगी | गार्ड हांफता हुआ रीमा को देखने लगा | गार्ड समझ गया था मैडम अभी झड़ी नहीं है , उनकी चूत ने पानी नहीं छोड़ा है |
रीमा के लंड चूसने से गार्ड के लंड में झुनझुनी होने लगी थी, उसने हाथ खड़े कर दिए लेकिन रीमा ने उसके लंड को नहीं छोड़ा | उसे पता था अभी उसके अंदर रीमा के जिस्म का रस चूसने की लालसा बरकरार है लेकिन अब गार्ड के पांव कांपने लगे थे | उसका लंड जवाब दे गया था |
गार्मैड - मैडम अब और बस का नहीं है कुछ तो आराम करने दो |
रीमा समझ गई थी | गार्ड को अपने चूत और वासना के जाल में फ़साने के चक्कर में खुद ही रीमा अपनी वासना के समुद्र में डूब गयी | अनमने ढंग से ही सही लेकिन उसकी वासना के बुखार में खलल पड़ा | इससे पहले गार्ड कुछ अपना दिमाग लगाये रीमा ने उसके मुरझाये लंड पट तपाक मारते हुए - मजा आया मेरी गांड मार कर |
वो गार्ड से सटकर बैठ गयी |
गार्ड - मैडम आपकी गांड मारने के चक्कर में मेरी गाड़ का तेल निकल गया ...........बहुत कसी गांड है मैडम आपकी, अभी तो बस सुपाडा ही जा पाया है अन्दर |
रीमा - सोचो चूत को चोदने में कितना मजा आएगा |
गार्ड - दम निकल गया मेरे लंड का मैडम आपकी गाड़ का छेद खोलने में |
रीमा - उतना ही मजा आएगा मेरी कसी मखमली गुलाबी चूत चोदने में |
गार्ड - आप कमाल हो मैडम, मतलब अगर हर बीबी आपकी जैसी हो तो कोई भी मर्द किसी परायी औरत को कभी देखेगा ही नहीं |
रीमा - अभी तो सिर्फ ट्रेलर देखा है पिक्चर दिखाउंगी तो सीधे जन्नत पंहुच जावोगे |
गार्ड - मैडम आप लंड चुस्ती भी बहुत अच्छा है बिलकुल लोलीपोप की तरह | मजा आ गया ,मैडम, लंड भले ही मुरझा गया हो लेकिन मन तो कर रहा है | गार्ड बोलते बोलते रुक गया .........शायद जोश जोश में भूल गया था कि वो कौन है |
रीमा - जमकर बस मुझे चोदते रहो | जिसका लंड एक बार पकड़ लेती हूँ वो बस ऐसे ही सोचता है | अब मुझे बाहर निकालोगे तभी तो आगे की जन्नत दिखाउंगी |
गार्ड और रीमा एक दूसरे से बिलकुल सटे हुए थे | गार्ड का लंड मुरझा चूका था जबकि रीमा की गांड से उसका सफ़ेद रस निकल कर रीमा के चुताड़ो पर फ़ैल चूका था | रीमा अपने बदन पर फैले उस चिपचिपे रस को देख रही थी | तभी गार्ड उठने लगा | रीमा को अभी और चुदाई की जरुरत थी उसकी चूत ने खुजली मची हुई थी | वो अपने चूत दाने को सहला रही थी | अपनी चुताड़ो पर फैले सफ़ेद गाढे लंड रस से खेल रही थी |
गार्ड एक घंटे के अन्दर दो बार निचुड़ चूका था अब तो उसकी हिम्मत नहीं थी कुछ करने की | लंड को भी तो समय चाहिए फिर से खड़ा होने के लिए | हालाँकि रीमा चाहती तो पांच मिनट में फिर से सीधा करने लागती लेकिन उसे अब यहाँ से निकलने की जल्दी थी | अब वो नर्वस भी हो रही थी | रीमा के हाथ पाँव आगे होने वाले को सोचकर ढीले होने लगे | गार्ड भी वासना की दुनिया से बाहर आया, उसके पाँव अभी भी स्थिर नहीं थे | रीमा और गार्ड ने एक दुसरे को हिम्मत बंधाई |
कुछ देर बाद गार्ड रीमा से अलग होकर कपड़े पहनने लगा | रीमा को अच्छा तो नहीं लग रहा था लेकिन उसने तेजी से के साथ उठकर कपड़े पहनने शुरू कर दिए |
गार्ड अपनी शर्ट पहन चूका था, वो अपने खड़े लंड को थामते हुए पेंट पहनने लगा |
रीमा को कुछ तो करना था वर्ना अब तक का किया सब ख़त्म - बस औरत की एक न पर सारी मर्दानगी लंड में जाकर घुस गयी |
गार्ड कुछ नहीं बोला |
रीमा - बड़ी कसमे खा रहे थे मुझे आजाद करवाने की, अब क्या निचुड़े लंड की तरह सारा जोश ख़तम हो गया |
गार्ड भी आवेश में - आप ने भी तो वादा किया था चूत मिलेगी चोदने को, आपके बस का कुछ है नहीं, आप रहने दो सारे बड़े लोग ऐसे ही होते है, लंड भी घोटना है और चूत के फटने से भी फटती है | |
रीमा - तुम न एक नंबर के गड फट्टू हो, तुमारे बस का ही नहीं था मुझे यहाँ से निकाल पाना | तुमसे अच्छे हिजड़े होते है कम से कम अपना वादा तो निभाते है |
गार्ड - मैडम आपके बस का नहीं है किसी से चुदवाना | फटती आपकी है चुदवाने में, शायद इसीलिए आपको आपके पति का लंड भी नसीब नहीं हुआ | मुझे छोड़ो आप अपने पति के ;लंड को नहीं खुस रख पाती होंगी शायद इसलिए जल्दी चले गए दुनिया से |
गार्ड की इस बात ने रीमा को अन्दर तक हिलाकर रख दिया |
गार्ड यही नहीं रुका - चूत कितनी भी खूबसूरत हो, कितनी भी अमीर हो चोदेगा तो उसे लंड ही | आपको अपने ऊपर इतना गुमान है लेकिन ऐसे गुमान का क्या फायदा तो चूत लंड खाने को ही तरस जाए | मेरी ख्वाइश का तो छोड़िये आप तो अपने मरहूम पति को भी नहीं देती होंगी | आप अपने रूप में अन्धी हो चुकी है |
रीमा के सब्र का बांध टूट गया , ऐसे उसे आजतक किसी ने चुनौती नहीं दी थी रीमा को अपनी जिंदगी में सबसे ज्यादा गुमान अपनी खूबसूरती और चूत पर ही था | गार्ड की इस बात ने रीमा के अस्तित्व की नीव ही हिला दी | एक औरत एक चूत के रूप में उसके अस्तित्व को ही नकार दिया | रीमा का पूरा वजूद ही हिल गया | | रीमा गार्ड की तरफ लपकी और एक जोरदार झन्नाटेदार झापड़ उसे रसीद कर दिया | उसके बाद बाथरूम में गहरी ख़ामोशी पसर गयी | रीमा और गार्ड दोनों ही सर झुकाए नीचे फर्श को देखते रहे |
कुछ देर बाद गार्ड बस अपने गाल को सहलाता अपनी पेंट ऊपर चढ़ाने लगा |
रीमा पछताने लगी उसे गार्ड की थप्पड़ नहीं मारना चाहिए था | रीमा ने अपने हाथो अपनी आजदी का टिकट फाड़ दिया था | रीमा का गुस्सा अब उसकी लाचारी और पछतावे में बदलने लगा | उतर गया | रीमा पछताने लगी | आखिर गार्ड गलत क्या कह रहा है | अगर उसे चुदवाना नहीं था तो उसने उसको झूठी दिलासा क्यों दी उसके अरमान क्यों जगाये | क्अया गलती है गार्पड की | उसकी तो इतनी हिम्नीमत नहीं थी की रीमा के बदन को हाथ से छूकर तक देख सके | उसी ने तो उकसाया उसे | उसी ने गार्ड की हिम्मत को चार चाँद लगाये | अब उसकी हिम्मत इतनी बढ़ गयी की वो उसकी गांड में लंड पेलने के सपने देखने लगा | वो गांड जिसको रीमा ने आजतक किसी मर्द को हाथ नहीं लगाने दिया लंड पेलना तो द्दो की बात है | अपनी आजादी के लिए वो इतनी स्वार्थी हो जाएगी की किसी की भी भावनाओं से खेलेगी | ये जो भी हुआ, उसकी वजह से हुआ , बात यहाँ तक कभी पहुँचती ही नहीं अगर वो गार्ड को उसकी औकात में रखती और सच दिखाती | अब झूठ के तो पैर होते नहीं, एक झूठ को बचाने के लिए दूसरा बोलना पड़ा और नौबत यहाँ तक आ गयी | फिर भी उसकी उंगली गांड में जाते ही उसकी पिंडलियों और चूत में होने वाली सनसनाहट क्या थी | कही वो भी तो ..........नहीं रीमा बिल्कुल नहीं | आखिर अपने आत्मसम्मान को गिरवी रखकर रीमा वो ये काम कैसे कर सकती है जो उसने आज तक कभी नहीं किया | करना तो दूर कभी उसके गलती से भी ख्वाब नहीं देखे | क्या इसके बाद वो खुद से नजरे मिला पायेगी | वो अपने अतीत में घूमने लगी |
रीमा की दुनिया में वासना और हवस और सेक्स की दुनिया में सब कुछ गलत ही लगता था | उसे लगता था एक बार शादी के बाद सिर्फ पति के साथ ही चुदाई करनी चाहिए और पति के जाने के बाद वह इसी चीज दिमाग में भरकर जीती रही | रीमा को कभी एहसास ही नहीं हुआ कि औरत की ख्वाहिश भी हो सकती हैं औरत की वासना भी हो सकती है और उस वासना को औरत अकेले ही बुझा सकती है उसे पहली बार अपने अंदर की वासना का अहसास प्रियम और रोहित ने कराया | रोहित और प्रियम ने उसके मस्तिष्क की वर्जनाओं को तोड़ा जिनको लेकर वह काफी सालों से जी रही थी | प्रियम का लंड चूसकर और उसके बाद में रोहित के साथ में चुदाई करने के बाद में भी रीमां को समझ में आया कि सेक्स के कई रूप होते हैं पहले ही रीमां को लगता था सिर्फ चूत की चुदाई ही सेक्स का एक रूप है और बाकी सब गलत है लेकिन प्रियंम का लंड चूसने के बाद में उसके मन के अंदर का ये बंधन टूट गया इसी तरह से रोहित के साथ चुदाई करने के बाद में दूसरे पुरुष के साथ में लंड से चुदाई का खुला खेल करने का उसके मन का भरम टूट गया | जब उसने रिवर लाउन्ज में मालविका और कामिनी को बेधड़क गांड में लंड लेटे देखा था | कितनी बिंदास होकर कितनी बेफिक्र होकर वो अपनी गांड चुदवा रही थी मोटा मुसल लंड अपनी गुलाबी सुरंग की गहराइयो में उतार रही थी तो उसे देख देख कर रीमा हैरान हो रही थी | उसने मालविका और कामिनी को एक निचले दर्जे की चुद्द्कड़ औरते मान लिया था | उसे उस समय लग रहा था वो जो भी कर रही है वो घटिया है और इसलिए वो दोनों औरते भी घटिया है | लेकिन रोहिणी ने उसके दिमाग का ये चट्टान की तरह मजबूत बंधन भी तोड़ दिया | | रोहिणी ने रीमा के अंदर के और भी मानसिक बंधनों को तोड़ दिया रोहिणी ने उसे एक नया रास्ता दिखाया वह रास्ता था उसकी पिछली सुरंग का | रीमा को यकीन ही नहीं हुआ गाड़ की कुटाई से भी उसकी चूत में हलचल मच सकती है, न केवल हलचल बल्कि चूत का पानी छुडवा सकती है | रीमा के लिए ये सब एक अलग अनुभव था उर जब वो खुद इस अहसास से गुजारी तो उसे मालविका और कामिनी होने का मतलब समझ आया | रीमा को यकीन ही नहीं था कि इस तरह की वासना का भी कोई रूप होता है | लेकिन एक बार जब रीमा को एहसास हो गया उसके बाद उसके लिए सेक्स का एक नया मोर्चा खुल गया था | रीमा समझ गयी वासना में कुछ भी सही गलत नहीं होता | वासना की आग बस वासना की ही आग होती है, जो इसमें जलता है उसे ही पता होता है की वो क्या महसूस कर रहा हिया | बाकि दुनिया के लिए ये समझ पाना मुश्माकिल था | जिसने कभी चूत गांड में लंड नहीं लिया वो इसकी प्यास तड़प और दर्कोद को कैसे जान सकता है | रीमा को भी ऐसी ही एक अनजान सी तड़प ललचा रही थी | अब तो रीमा को किसी तरह की कोई शर्म और हया नहीं थी वह सेक्स के पूरी तरह से महसूस करने के चक्कर में रहती थी को सेक्स के पूरे मजे लेती थी और यही बात आज उसके काम आ रही थी आज वह इस गार्ड के साथ में वासना के जिस भंवर में फंसी फस करके अपनी आजादी की राह देख रही थी वहां पर उसे रोहिणी के सिखाये गुर बहुत काम आ रहे थे | शायद उसके अन्दर गांड में लंड लेने की लालसा शायद रोहिणी की ही पैदा की हुई थी या शायद उसे मालविका या कामिनी याद आ रही होंगी | रिवर लाउन्ज के वो सीन कभी भी रीमा की दिलो दिमाग से मिटे ही नहीं | शायद वहां वो सब कुछ इसीलिए इतने गौर से पूरी तरह से डूब कर देख रही थी | शायद उसे हमेशा के लिए सहेज लेना चाहती थी | आज जैसे ही मौका लगा अब सब कुछ आँखों के सामने तैर गया | वो अपनी वासना के आगे लाचार थी | उसकी अनचाही लालसा उसे उसी तरफ खीचे लिए जा रही थी | उसने आजतक कभी किसी का असली लंड अपनी गांड में नहीं लिया था लेकिन यही मौका था जब वो एक अनजान आदमी का लंड अपनी गांड में महसूस कर एक नया अनुभव ले सकती थी | उसने सोचा जब कामिनी अपनी गांड में लंड ले सकती है मालविका ले सकती है तो वो क्यों नहीं | क्या वो उनसे कम मॉडर्न है कम पढ़ी लिखी है | रोहिणी दीदी ने भी तो बोला था कट्टो अपने पिछवाड़े को मजबूत कर | एक बार लत लग गयी तो चूत चुदवाना भूल जाएगी | मजबूरी में ही सही लेकिन अपनी उन जंगली वासनाओं का पता आज तक रीमा को भी नहीं चला और रीमा की इस छिपी वासना का आगे भी किसी को पता तक नहीं चलेगा | रीमा ने सोचा कि इस वक्त उसके पास सुरक्षा के नाम पर कुछ नहीं है, उसकी आजादी की आखिरी उम्मीद वही है | क्यों ना एक नया प्रयोग किया जाए उसे पता था गार्ड इसके बाद उसके लिए मर मिट जाने को राजी होजायेगा | वो किसी भी हाल में गार्ड को यहाँ से जाने कैसे दे सकती है
रीमा के बदन में भी तो आग लगी थी हालाँकि इस तू तू तू मै मै में सब नशा उतर गया लेकिन अन्दर तो आग जल रही थी रीमा ने भी सोचा जब जिन्दा रहूंगी तभी आगे कुछ सोच पाउंगी | यहाँ तो सूर्यदेव पता नहीं कब क्या करे | उसने यहाँ से निकलने का फैसला कर लिया चाहे जो करना पड़े |
रीमा - मुझे माफ़ कर दो, मुझे गुस्सा आ गया था |
गार्ड - हमें तो बड़े लोगो की गालियां थप्पड़ खाने की आदत है मैडम |
रीमा ने अपनी मुठ्ठी भींचकर सारी हिम्मत जुटाकर - चलो फिर मै तुमारी ख्मेवाइश पूरी कर देती हूँ मेरी गांड मारो, पेलो उसमे लंड लेकिन आराम से |
अभी हुए घट्नाक्रम से निराश हताश गार्ड को यकीन नहीं हुआ, यकीन तो रीमा को भी नहीं हो रहा था आखिर वो क्या करने जा रही है लेकिन रीमा ने यही कहा था और गार्ड ने भी सही सुना था | रीमा को यहाँ से निकलना था और उसके अन्दर की चूत में मची हलचल ने उसके पुरे बदन में हवस की आग जला दी थी | उसकी चूत में तरंगे उठ रही थी | गार्ड से हुई मुहँ चिरौरी के बाद भी उसके अन्दर लगी आग कम जरुर हुई लेकिन शांत नहीं हुई | उसका चेतन मन ये सब करने से रोक रहा था लेकिन रीमा को कुल मिलाकर यही रास्ता नजर आया | शायद उसकी कोने में दबी जंगली वासनाए जाग गयी थी | वैसे भी रोहिणी उसे काफी कुछ सिखा चुकी थी पिछली सुरंग के बारे में | अब जब मुहँ से निकल ही गया है तो रोहिणी का सिखाया आजमाने में क्या हर्ज | रीमा को एक पल लगा खुद को समझाने में | उसके बाद उसने ढेर सारी लार अपने गांड के छेद पर लगा दी |
गार्ड हैरान था उसे अपने कानो पर यकीं नहीं हुआ |
रीमा - जल्दी से आकर मेरी गांड में लंड पेलो नहीं तो मै तुमारी गाड़ मारना शुरू कर दूँगी |
गार्ड जैसे नीद से जागा हो उसने झटपट अपनी पेंट उतारी | अपने लंड पर ढेर सारी लार उड़ेली और रीमा के पास आ गया | गार्ड का लंड पकड़कर उसने अपने गांड के छेद पर लगा दिया |
रीमा - आराम से, मेरी कोमल कसी गांड में अब तक कोई लंड गया नहीं है बिलकुल कोरी कुंवारी गांड है | आज तेरा लंड पहली बार इस सुरंग का फीता कटेगा | आराम से करना धीरे धीरे .................|
रीमा की हिदायत का गार्ड पर कोई असर नहीं हुआ | वो बस पाए मौके को झपट्टा मार कर खा लेना चाहता था | पता नहीं कब मैडम का मन बदल जाये | उसने रीमा की बात सुनी लेकिन वासना के नशे में उसे कुछ समझ नहीं आया न उसने समझने की कोशिश की |
गार्ड को गांड मारने का कोई अनुभव नहीं था | रीमा इस जंगली वासना के बारे में ही सोचकर रोमांचित थी | गार्ड ने पूरा जोर लगाकर लंड को ठेल दिया | रीमा की गांड की दीवारों पर जबरदस्त दबाव पड़ा | रीमा दर्द से बिलबिला गयी लेकिन वासना की गर्मी में दर्द के ऊपर वासना हावी हो गयी | रीमा की पिछली सुरंग का छेद टाइट था | रोहिणी की सीखे और लगातार प्रैक्टिस से रीमा ने अपने पिछली सुरंग को भी अपने वासना के खेल में पूरी तरह शामिल कर लिया था | इसके बाद भी रीमा की गांड का छेद बहुत टाइट था | उसे रोहिणी ने ही बताया था अगर कोई अच्छे गांड में लंड पेले तो भी चूत की खुजली मिटती है | इसके गाड़ ने पूरा जोर भींच दिया और रीमा का फौलादी छल्ला फैलाता हुआ गार्ड के लंड का सुपाडा रीमा की पिछली गुलाबी सुरंग में गायब हो गया |
रीमा चीख उठी आआआआआआआआआआआअराराराराराराराराम्म्म्मममममममममममम स्स्से | ऊऊऊऊऊउईईईईईईईईईइ ममामाममामा ईईईईईईईईई माआआआआआअरररररररररररररररररररररररर डाडाडाडाडाआआआआअलालालालालाल |
रीमा दर्द से बिलबिलाकर रह गयी - चीचीचीचीईईईईईईईईईईईइ रररररररररररररररररररररररररर डाडाडाडाडाआआआआ अलालालालालाल आआआआआऐईईईईईईईईईईइ ममामामामामामाममरररररररररररररररररररररररर गाआआआआआआआआआयियियियियियीय |
रीमा की आँखों में आंसू आ गए | वो दर्द से दोहरी हो गयी | खुद की मुट्ठियाँ भींच कर दर्द को बर्दाश्त करने लगी | रीमा की कमर खुद बखुद आगे को खिसक गयी | रीमा गार्ड से दूर हो गयी, गार्ड का सुपाडा रीमा की गांड के छल्ले की कसी जकड़न से आजाद होकर बाहर आ गया | रीमा की गांड के मुहाने पर जैसे आग लग गयी हो, इतनी जलन होने लगी, ऐसा लग रहा था जैसे किसी ने नश्तर घुसेड़ उसकी गांड के मुहाने को चीर दिया हो ऐसा तीखा दर्द उठ रहा था | गार्ड ने जोश जोश में के ही झटके में रीमा की गांड का छल्ला चीर के रख दिया था | वो अलग बात थी रीमा इस तीखे दर्द और भीषण जलन से अर्द्ध मूर्छा की हालत में पंहुच गयी |
रीमा - आआआआआऐईईईईईईईईईईइ ऊऊऊऊऊउईईईईईईईईईइ मादरचोद तुझे अपनी कुंवारी करारी गांड क्या दी, तूने तो एक ही बार में नस्तर डाल कर चीर दिया भोसड़ी के | मादरचोद गांड है मेरी, वो भी कुंवारी बोला था न, फिर भी अपना गधे जैसा लंड घोड़े की तरह पेल कर जान निकाल दी मेरी |
रीमा - आआआआआआअह्हह्हह्हह्हह्हह्हह ओओह्ह्ह्हह्ह्ह्ह गागागागागाडडडडडडडडडड आआअह्ह्ह्ह |
आआआअराम से नहीं पेल सकता था मादरचोद, कम से कम एक बार छेद खुल तो जाने देता | तुझे कितनी जल्दी है हर बात की |
उसकी गांड ले तीखे दर्द से उसके चूतड़ जांघे कमर पिंडलियाँ सब काँप गए | जब दर्द को सहने की हालत में रीमा आई तो रीमा ने दर्द से सिसकारते हुए ढेर सारा लार अपनी गांड के जलते छेद पर लगाया और सहलाने लगी | रीमा ये देखकर हैरान रह गयी की उसकी चूत झर झर कर बह रही है | रीमा की चूत पानी का झरना बनी हुई है | रीमा ये देख फिर से वासना में डूबने लगी | उसकी गांड की जलन और दर्द अभी बरक़रार थे लेकिन अब बर्दास्त के बाहर नहीं थे | उस दर्द के कारन उसकी जांघे नहीं कांप रही थी | रीमा को अपनी बहती चूत देख हिम्मत मिली | उसने चूत दाने पर अपनी उंगली जमा दी |
रीमा - इस आराम से घुसेड़, अनाड़ी लंड की तरह मत चोद, मुहँ में भी इतनी तेज ठोकर मरी थी की जबड़ा खिच गया था | गांड में ठोकर मारी गांड चीर के रख दी मेरी जान निकाल दी | भोसड़ी के कौन सी तेरी अम्मा चुदने जा रही है जो उसे बचाने जाना है | आराम से चोद | जब मुझे ..........चुदवाने वाने वाले को जल्दी नहीं तो तू काहे हड़बड़ी मचाये है |
रीमा को इस तरह से दर्द से तड़पता देख गार्ड की मर्दानी और लंड पूरी तरह से अकड़े हुए थे - मैडम जैसे ढेर सारा सोना किसी भिखारी के सामने रख दो तो पगला जाता है ऐसे ही आपको देखकर मेरे हाथ पाँव लंड सब काबू में ही नहीं है |
रीमा - इतना उतावला काहे हो रहा है, ऐसा नाजुक बदन छूने को मिल रहा है, सहलाने को मिल रहा है तेरा लंड चूस रही थी और अब ऐसी कमसिन कसी गुलाबी चूत की करारी कुंवारी गांड की मख्खन मलाई भी फ्री में मिल रही है ..............................आखिरी बार बोल रही हूँ काबू में रख अपने जोश को वरना लंडो की गांड मारना भी आता है |
रीमा की बात सुनकर गार्ड को हंसी आ गयी |
रीमा गांड का छेद सहलाती खड़ी हुई और तड़ाक से गार्ड को करारा झापड़ जड़ दिया - मै मजाक नहीं कर रही हूँ, तेरे लंड को चूसने के चक्कर में मेरी गांड में खुजली मचने लगी वरना ऐसी गांड फाड़ती तुमारी की जिदगी भर याद रखते |
रीमा ने उसके लंड को कसकर भींच लिया और मसल दिया | गार्ड के कड़क लंड को दर्द तो हुआ लेकिन महसूस नहीं हुआ | रीमा समझ गयी गार्ड पूरी उत्तेजना में है | उसने जल्दी से अपने बदन की वासना बुझाने में ही अपनी भलाई समझी | रीमा इस बार उलटा झुकने की बजाय गार्ड की तरफ मुहँ करके जांघे फैलाकर बैठ गयी | सामने से गार्ड के लंड पर उसका कण्ट्रोल ज्यादा रहेगा |
उसके लंड को खीचकर खुद ही अपनी पिछली सुरंग के गुलाबी छेद से सटा दिया | थोड़ा सा जोर लगाया और उसका सुपाडा रीमा की गाड़ के सख्त छल्ले को चीरता हुआ अन्दर घुस गया | रीमा ने एक लम्बी सीत्कार भरी |
रीमा गार्ड को गन्दी गन्दी गालियाँ देती हुए खुद की कमर हिलाने लगी और फिर गार्ड से कमर हिलाने को बोलने लगी |
रीमा - बुत क्यों बना खड़ा है, लंड पेल न मेरी कसी कुंवारी करारी गांड में |
गार्ड ने कमर हिलानी शुरू की |
रीमा - आराम से आइस्ते से हौले हौले धीरे धीरे |
गार्ड के लंड पर रीमा की गाड़ का छल्ला बहुत कसाव डाल रहा था, गार्ड को बहुत जोर लगाना पड़ रहा था | रीमा भी अपने शरीर को ढीला छोड़े हुई थी | थोड़ी देर कमर हिलाने की बाद रीमा का पिछली सुरंग का गुलाबी छल्ला नरम हो चला | रीमा की गांड में गार्ड का सुपाडा आराम से जाने लगा लेकिन उसका लंड अभी भी रीमा की गांड में घुसना बाकि था |
गार्ड बस रीमा के काहे अनुसार ही कमर हिलाता रहा | रीमा के दिल के कोने में दबी पाशविक वासनाये उभर ही आई थी | उसकी कामना भी पूरी हो रही थी और शायद उसके जानने वाले किसी को कभी पता भी नहीं चलेगा | रीमा कहाँ से चली थी और कहाँ पंहुच गयी थी | एक पल को उसके दिमाग में ख्याल आते लेकिन वासना उनको फिर से दिमाग के किसी अंधे कोने में उठकर फेंक देती | रीमा फिर से अपनी हवस के सागर में डूब जाती, क्या नैतिकता क्या बंधन | एक अनजाने मर्द के साथ सेक्स का वो विकृत रूप जो शायद किसी सामान्य के लिए बहुत ही ज्यादा असामान्य था | रीमा अपनी दबी वासनाओं में इतना ज्यादा जली भुनी थी की जब उसे मौका मिला तो वो कामवासना के सारे बंधन तोड़कर , सारे नियम तोड़कर वो हदों से कही ज्यादा आगे निकल गयी थी | उसे अपनी जवानी में सामान्य चुदाई नहीं मिली इसलिए उसे असमान्य चुदाई की ख्वाइश इतनी बढ़ गयी की उसके लिए सही गलत अच्छा बुरा सबका भेद मिटा दिया | आज वो एक गार्ड के साथ अपने शरीर के सबसे संवेदनशील कसे हुए छेद के साथ वासना का जबरदस्वोत खेल खेल कर वो अपनी चूत और दिमाग की वासना मिटानी चाहती थी | अभी उसे होश ही नहीं था की वो किस मुसीबत में फंसी है, उसकी हालत क्या है और उसके चारो तरफ कितना खतरा है | अबी वो अपनी आजादी का प्लान बनाते बनाते अपने अन्दर की दबी हुई आग को माचिस लगा बैठी | अब जब आग जल गयी है तो जब तक नहीं बुझेगी तब तक रीमा होश में भी नयी आएगी | रीमा की गांड के मुहाने पर अभी भी बहुत जलन हो रही थी लेकिन लंड की कड़ी मसाज ने उसकी गांड की दीवारों में सनसनाहट पैदा कर दी की उसके आगे रीमा को गांड की जलन का अहसास फीका पड़ गया | |
गार्ड का लंड रीमा की कसी गांड में अन्दर बाहर होने लगा | गार्ड आइस्ते से धीरे से लंड को पीछे ले जाता और फिर धीर से रीमा की गांड में घुसेड देता | रीमा से गाली खाने के बाद उसे समझ आ गया था | जल्दी करी तो रीमा मैडम उसका लंड ही काट लेगी | दो तीन बार रीमा की गांड में लंड पेलता और फिर बाहर निकाल लेता | रीमा की गांड चुताड़ो और जांघो में उठने वाली तरंगे उसके पुरे शरीर को मदमस्त किये हुई थी | | यही सिलसिला कुछ देर तक चलता रहा | रीमा की उंगलियाँ उसके चूत दाने पर फिर पंहुच गयी | तभी गार्ड ने एक लम्बी ठोकर मारी और उसका आधे से ज्यादा लंड रीमा की गांड की गुलाबी दीवारों को चीरता हुआ अन्दर तक धंस गया | पता नहीं क्यों गार्ड को जोश आ गया, रीमा कुछ समझ पाती इससे पहले ही गार्ड ने रीमा को पलट दिया और उसको आगे की तरफ झुकाकर उसके चूतड़ ऊपर उठा दिए | रीमा आ ऊ कुछ कुक करती या बोलती उससे पहले गार्ड का आधा लंड रीमा की गांड में पैबस्त हो गया | मुहँ से प्रतिरोध करने की जगह रीमा के मुहँ से - आआआआआआआआआआआअह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह ईईईईईईईईई म्म्म्मम्मामामामामामा आआआआआऐईईईईईईईईईईइ ममामा की सिसकारी निकली |
गार्ड ने अपने झटके तेज कर दिए | उसका लंड गपागप रीमा की गांड की सुरंग की गहराई नाप कर बोरिंग करने लगा | रीमा की जांघो पर तेज ठोकर लग रही थी |
गार्ड - आआआअह्ह्ह मैडम क्या मस्त चूतड़ है मैडम आअहाआअहाआह्ह, क्या कसी गगागागागागागगांड है , मैडम आपकी गांड बहुत कसी हुई है बहुत टाइट है |
रीमा - हा बेबी बहुत टाइट है मेरी गांड |
इस समय रीमा की आवाज किसी कैटेलिस्ट से कम नहीं थी | गार्ड ने एक करारी ठोकर मरी |
रीमा - आआआआआअ ईईईईईईईईईह्हह्हह्हह्हह्हह आआआरररररररररम्म्म्म से ककककक रररर साआआआले|
लेकिन गार्ड तो इस समय अपने ही जोश में था |
गार्ड - मैडम आपकी गांड बहुत कसी है | मेरा लंड चूस कर मसले डाल रही है |
रीमा - या बेबी या बाय मेरी गांड कसी है |
अब बाथरूम में वासना का तूफ़ान मचा हुआ था | गार्ड अपने पुरे जोश में था | हालाँकि उसका आधा लंड ही रीमा की गांड को चीर प् रहा था | लेकिन जो भी था गार्ड के लिए किसी जन्नत से कम नहीं था | उसका जोश अपने चरम पर था | रीमा भी अपनी वासनाओं के अरामान बुझाने को बेताब थी |
गार्ड - हाँ मैडम बहुत कसी है, उफ़ लंड पेलने में बहुत मेहनत लग रही है | आपकी गांड बहुत टाइट है फिर भी मै लंड पेल रह हूँ मैडम |
रीमा - हाँ मेरी कसी गांड ऐसे ही अन्दर तक लंड पेलो |
गार्ड - मैडम आप बहुत अच्छी हो, आपकी गांड क्या मक्खन मलाई है | आआह्ह्ह्ह आपकी कुंवारी गांड कितनी कसी हुई है | मन करता है फाड़ के रख दू , अन्दर तक पूरा का पूरा लंड घुसेड दू | आआआह्ह्ह्ह मैडम बहुत कसी है |
गार्ड - आःह्मैह्डह मैडम आपकी गांड अपने लंड से चीर के रख दूंगा | मैडम आपकी कसी गांड को मै मार रहा हूँ | आआआआह्ह्ह्ह मैडम आपको गांड को फाड़ कर रख दूंगा | ये लो मैडम मेरा पूरा का पूरा लंड, गप्प से अपनी गांड में निगल जावो |
इसी के साथ गार्ड ने एक तगड़ा झटका रीमा के चुताड़ो पर लगाया | उसका लंड ने रीमा की गांड के कसे छल्ले की गिरफ्त में कस के रगड़ खाई और गार्गाड के वासना का बांध टूट गया | गार्ड रीमा की कसी गांड के आगे ज्यादा देर टिक नहीं पाया | रीमा की गांड के कसे छल्ले को भले ही गार्ड ने चीर कर खोल दिया हो लेकिन कसावट के आगे गार्ड के लंड ने जल्यादी ही हथियार डाल दिए | रीमा की मस्त गुलाबी गांड के कसे छल्ले की फौलादी जकड़न को फ़ैलाने में गार्ड का लंड खुद को संभाल नहीं पाया | रीमा वासना की जलती आग में तपती बीच भंवर में फंसी थी लेकिन गार्ड की वासना अपने चरम पर पंहुच गयी थी | उसके अन्दर मथ रहा उसकी हवस का आग के गरम सफ़ेद लावे की झील का बांध टूट गया | गार्ड रीमा की गांड में झर झर कर झरने लगा | उसके लंड से सफ़ेद लावे की पिचकारियाँ छुटने लगी | कुछ हो देर में उसने अपने सफ़ेद रस से रीमा की गुलाबी गांड का छेद लबालब भर दिया | रीमा बीच मजधार में जल बिन मछली की तरह अपनी वासना में तड़प रही थी लेकिन उसकी जलती गांड पर गार्ड के सफ़ेद रस की रिमझिम फुहारों ने बहुत राहत पंहुचायी | गार्ड कमर हिलाते हिलाते रुक गया और फिर उसने अपने लंड रस से सने लंड को रीमा की गांड से बाहर निकल लिया | सफ़ेद रस की बुँदे टपकता गार्ड का लंड रीमा के चुताड़ो पर झूल गया |
गार्ड हांफते हुए अपनी सांसे सँभालने में लग गया | इधर रीमा ने अपनी गांड के छेद का जायजा लिया | अपनी उंगली अपनी सुरंग में डुबोकर गार्ड के सफ़ेद रस का स्वाद लिया और फिर सीधी हो गयी | उसका मन तो था गार्ड अभी उसकी गांड में लंड पेलता रहे और उसकी सनसनाहट से उसकी चूत की दीवारों की तरंगो के भंवर में वो गोते लगाती रहे लेकिन न तो समय ऐसा था और न ही माहौल, ऊपर से गार्ड का लंड निचुड़ चूका था | उसने गार्ड का हाथ अपने तने उरोजो पर रखा और दबा दिया | रीमा के तन बदन में आग लगी हुई थी | रीमा ने गार्ड के झुलते लंड को थाम लिया, उसे कुछ देर हाथ से हिलाया | उसके बाद मुहँ में लेकर चटाने लगी और लोलीपोप की तरह चूसने लगी | गार्ड हांफता हुआ रीमा को देखने लगा | गार्ड समझ गया था मैडम अभी झड़ी नहीं है , उनकी चूत ने पानी नहीं छोड़ा है |
रीमा के लंड चूसने से गार्ड के लंड में झुनझुनी होने लगी थी, उसने हाथ खड़े कर दिए लेकिन रीमा ने उसके लंड को नहीं छोड़ा | उसे पता था अभी उसके अंदर रीमा के जिस्म का रस चूसने की लालसा बरकरार है लेकिन अब गार्ड के पांव कांपने लगे थे | उसका लंड जवाब दे गया था |
गार्मैड - मैडम अब और बस का नहीं है कुछ तो आराम करने दो |
रीमा समझ गई थी | गार्ड को अपने चूत और वासना के जाल में फ़साने के चक्कर में खुद ही रीमा अपनी वासना के समुद्र में डूब गयी | अनमने ढंग से ही सही लेकिन उसकी वासना के बुखार में खलल पड़ा | इससे पहले गार्ड कुछ अपना दिमाग लगाये रीमा ने उसके मुरझाये लंड पट तपाक मारते हुए - मजा आया मेरी गांड मार कर |
वो गार्ड से सटकर बैठ गयी |
गार्ड - मैडम आपकी गांड मारने के चक्कर में मेरी गाड़ का तेल निकल गया ...........बहुत कसी गांड है मैडम आपकी, अभी तो बस सुपाडा ही जा पाया है अन्दर |
रीमा - सोचो चूत को चोदने में कितना मजा आएगा |
गार्ड - दम निकल गया मेरे लंड का मैडम आपकी गाड़ का छेद खोलने में |
रीमा - उतना ही मजा आएगा मेरी कसी मखमली गुलाबी चूत चोदने में |
गार्ड - आप कमाल हो मैडम, मतलब अगर हर बीबी आपकी जैसी हो तो कोई भी मर्द किसी परायी औरत को कभी देखेगा ही नहीं |
रीमा - अभी तो सिर्फ ट्रेलर देखा है पिक्चर दिखाउंगी तो सीधे जन्नत पंहुच जावोगे |
गार्ड - मैडम आप लंड चुस्ती भी बहुत अच्छा है बिलकुल लोलीपोप की तरह | मजा आ गया ,मैडम, लंड भले ही मुरझा गया हो लेकिन मन तो कर रहा है | गार्ड बोलते बोलते रुक गया .........शायद जोश जोश में भूल गया था कि वो कौन है |
रीमा - जमकर बस मुझे चोदते रहो | जिसका लंड एक बार पकड़ लेती हूँ वो बस ऐसे ही सोचता है | अब मुझे बाहर निकालोगे तभी तो आगे की जन्नत दिखाउंगी |
गार्ड और रीमा एक दूसरे से बिलकुल सटे हुए थे | गार्ड का लंड मुरझा चूका था जबकि रीमा की गांड से उसका सफ़ेद रस निकल कर रीमा के चुताड़ो पर फ़ैल चूका था | रीमा अपने बदन पर फैले उस चिपचिपे रस को देख रही थी | तभी गार्ड उठने लगा | रीमा को अभी और चुदाई की जरुरत थी उसकी चूत ने खुजली मची हुई थी | वो अपने चूत दाने को सहला रही थी | अपनी चुताड़ो पर फैले सफ़ेद गाढे लंड रस से खेल रही थी |
गार्ड एक घंटे के अन्दर दो बार निचुड़ चूका था अब तो उसकी हिम्मत नहीं थी कुछ करने की | लंड को भी तो समय चाहिए फिर से खड़ा होने के लिए | हालाँकि रीमा चाहती तो पांच मिनट में फिर से सीधा करने लागती लेकिन उसे अब यहाँ से निकलने की जल्दी थी | अब वो नर्वस भी हो रही थी | रीमा के हाथ पाँव आगे होने वाले को सोचकर ढीले होने लगे | गार्ड भी वासना की दुनिया से बाहर आया, उसके पाँव अभी भी स्थिर नहीं थे | रीमा और गार्ड ने एक दुसरे को हिम्मत बंधाई |
कुछ देर बाद गार्ड रीमा से अलग होकर कपड़े पहनने लगा | रीमा को अच्छा तो नहीं लग रहा था लेकिन उसने तेजी से के साथ उठकर कपड़े पहनने शुरू कर दिए |