30-09-2019, 08:00 PM
रीमा कड़क हो बोली - नौटंकी मत करो मुझे सब पता है|
गार्ड बेचारा रुआंसा हो आया - मैडम गलती हो गयी |
रीमा - मैंने अपने बदन की एक झलक क्या दिखा दी मुझे मुझे चोदने के सपने देखने लगे थे |
गार्ड - नहीं मैडम मेरी इतनी हैसियत कहाँ |
रीमा - आने दो सूर्यदेव को, फिर निकालती हो तुमारी जवानी का जोश |
गार्ड - नहीं मैडम प्लीज ऐसा मत करना, जो आप कहोगी वो करने के लिए तैयार हूँ लेकिन साहब से शिकायत मत करना मेरी गर्दन काट देंगे |
रीमा को लगा गार्ड को अपने कब्जे में लेने का यही सही समय है, ज्यादा जोर डाला तो बागी भी हो सकता है |
रीमा - टेसुए मत बहावो, और अपनी हैसियत की चूत के सपने देखो |
गार्ड - मैडम बस हाथ ही से किया है, काबू नहीं रहा खुद पर | माफ़ कर दो मुझे |
रीमा - मेरे नाम का मुट्ठ मारना था तो बाहर जाकर मारते,(अपने चुताड़ो की तरफ इशारा करते हुए )...............लेकिन ये सब क्या है मेरे ही चूतड़ मिले थे तुमको गन्दा करने के लिए | सिर्फ गन्दा करना जानते हो इसे साफ़ कौन करेगा |
गार्ड लाचारी से - मैडम मैं आपसे क्या छुपाना ...............आपने तो मेरी चोरी पकड़ ली | वह आप इस तरह से उल्टा लेटी हुई थी और आप इतनी खूबसूरत है की आपको देखकर खुद को रोक नहीं पाया | आपकी खूबसूरती ने ऐसी आग लगायी की सब कुछ भूल गया ........................ इसलिए हाथ से खुद को काबू में नहीं रख सका तो इसलिए हाथ चलाने लगा था और देखते-देखते पिचकारी अचानक से छूट गई थी जिससे और मैं खुद को काबू नहीं कर पाया | मै सब साफ़ कर दूंगा |
रीमा - साफ़ तो तुम क्या तुमारा बाप भी करेगा | चलाओ अपनी जीभ से साफ़ करो |
गार्ड को रीमा की ये बात सुनकर उबकाई आ गई - छी मैडम |
रीमा - चाटते हो इसे या फिर गर्दन उतरवाने के लिए तैयार हो जाओ |
गार्ड की हिम्मत नहीं हो रही थी अपना ही सफ़ेद रस चाटने की |
रीमा अब पेट के बल से उठती हुई सीधी हुई - देखो तुमने मेरे नाम से मुठ मार ली | और मेरे चुताड़ो पर अपनी मलाई भी छोड़ दी | चलो अब ये भी बता दो मैं तुम्हें लगती कैसी हूं |
गार्ड की लाचारी का भाव कुछ कम हुआ उर उसकी आँखों में एक रौनक आ गयी - मैम आप तो कमाल हो आप भी ऐसा सवाल पूछ रही हो | मैडम आप बहुत खूबसूरत हो |
रीमा - क्या पहेलियाँ बुझा रहे हो , खुलकर बतावो, जैसे खुलकर मुझे देखा है नंगा | पूरा का पूरा नंगा |
गार्ड की हिम्मत थोड़ी और बढ़ी - मैडम अब आपकी तारीफ करना मतलब सूरज को दिया दिखाने जैसा है, मतलब आपका गोरा गुलाबी बदन कोई एक बार ही ढंग से देख ले तो रात को नींद नहीं आएगी, मैडम मैंने खुद को बहुत काबू करने की कोशिश करी लेकिन कर नहीं पाया |
रीमा - तो मेरे गोरे गुलाबी बदन में क्या सबसे खूबसूरत लगा तुम्हे ?
गार्ड - मैडम मै इतना पढ़ा लिखा तो हूँ नहीं की कवियों की तरह आपकी तारीफ कर पाऊ लेकिन आप सर से लेकर पैर तक हुस्न परी हो | आप किसी परी तरह खूबसूरत हो | हाथ पाँव नाक कान ऐसा लगता है जैसे किसी ने स्वर्ग से अप्सरा भेज दी हो |
रीमा - जब परियो जैसा खूबसूरत बदन है मेरा तो उस पर ये अपनी गन्दी पिचकारी क्यों निकाली | चलो इस परियो के गोरे बदन को चाट कर साफ़ करो |
गार्ड ने बड़ी हिम्मत की और रीमा के चूतड़ पर झुक गया | जैसे ही उसने रीमा ने नरम मखमली चूतड़ पर अपना हाथ रखा, उसके अन्दर की सारी उबकाई एक तरफ चली गयी और वो आराम से चाट चाट कर रीमा के चूतड़ और पीठ पर पड़ी उसकी पिचकारी की छींटे साफ़ करने लगा |
रीमा अन्दर से गार्ड की जीभ के गीले खुरदुरे स्पर्श से गुलगुला हो रही थी | उसे मर्उदों को अपना गुलाम बनाना बहुत अच्सेछा लगता था | उसे पता था उसे अपनी आजादी की चाभी मिल गयी है बस उसे कैसे इस्तेमाल करना है ये उसे सोचना पड़ेगा | उसे यकीन नहीं हो रहा था यहाँ वो इतनी खतरनाक जगह पर एक अनजान गार्ड के साथ चूत चुदाई की बाते कर रही है | उसने खुद से ही सवाल पूछ लिया क्या मै रीमा ही हूँ या कोई और |
इससे पहले रीमा अपने विचारो की दुनिया में खो जाती गार्ड ने रीमा की तन्द्रा तोड़ दी - मैडम आप घर में भी ऐसे ही रहती है, मैंने सुना है बड़े घरो की औरते घर के अन्दर नंगे ही रहते है या बस छोटे छोटे कपड़े पहनते है |
रीमा समझ गयी गार्ड की दिलचस्पी उसमे जग गयी है - पहले ठीक से मेरे बदन को साफ़ करो चाट कर | जो गन्येदगी फैलाई है उसे साफ़ करो | गार्ड चुपचाप रीमा को चटाने में लग गया |
रीमा कुछ देर चुप रहकर - अच्छा एक बतावो मुझ में सबसे अच्छा क्या लगा तुम्हे | मै तुम्हे कैसी लगी |
गार्ड - बहुत अच्छी |
रीमा - कितनी |
गार्ड - क्या बताऊ, कितनी अच्छी, आपके चूतड़ पर पड़ी मलाई से ही अंदाजा लगा लो |
रीमा - इस मलाई को निकालने के लिए क्या क्या देखा मेरे नंगे बदन में |
गार्ड शर्मा गया - सब कुछ सर से लेकर पाँव तक, जितना दिख रहा था सब कुछ , पीठ कमर चूतड़ जांघे और वो सब |
रीमा - वो सब क्या |
गार्ड - वो आपकी दरार |
रीमा - कौन सी दरार |
गार्ड - ये भी भला कोई बताने की चीज है |
रीमा - उसको छुआ |
गार्ड ने हामी से सर हिलाया |
रीमा - और क्या क्या किया ? छुआ उसे |
गार्ड - हाँ और उँगली भी |
रीमा हैरान थी उसे लग रहा था गार्ड ने सिर्फ उसे देखकर मुठ मारी है लेकिन उसे अंदाजा नहीं था गार्ड ने उसकी चूत में उंगली घुसेड़ी है | रीमा - तुमने मेरी चूत में उंगली घुसेड़ी, कैसा लगा |
गार्ड - मैडम बस जन्नत में जाकर जैसा लगता है |
रीमा कुछ सोचकर - अच्छा ये बतावो, मै तो सो रही थी, नंगी सो रही थी | मेरी चूत .....मेरा मतलब दरार तुमारे सामने थी, तुमारा लंड खड़ा था फिर तुमने उँगली क्यों घुसेड़ी सीधे लंड घुसेड देते |
गार्ड - अरे मैडम इतनी औकात कहाँ हम लोगो की, बस आपको देखकर थोड़ी प्यास जग गयी थी |
रीमा - तो तुम्हे क्या लगता है सिर्फ लंडो को प्यास लगाती है, चूतों को प्यास नहीं लगती | मै नंगी लेती हुई थी मेरी चूत तुमको दिख रही थी, तुम मुझको चोद भी तो सकते थे | मै सो रही थी तो क्या हुआ थी तो पूरी की पूरी नंगी | अपनी प्यास बुझा रहे थे एक बार मेरी चूत में डाल देते, हो सकता है मेरी प्यास भी बुझ जाती |
गार्ड के अन्दर का डर ख़त्म हो चूका था ....रीमा की बाते सुनकर गार्ड मन ही मन बोला मैडम तो चुदना चाहती थी तुम ही फट्टू निकले | गार्ड को छुप देख रीमा समझ गयी उसका तीर बिलकुल सही निशाने पर लगा है, उसकी चूत की लालसा गार्ड को मौत से भी लड़ने की हिम्मत दे देगी और वो रीमा के वो सब कुछ करेगा जो रीमा कहेगी |
रीमा - कुछ बोलोगे या लंड की तरह तुम भी झड़ गए हो |
गार्ड - अरे मैडम मैं गार्ड हूं मेरी क्या बिसात है आप बड़े घराने की हैं और मैं तो आपके ख्वाब भी नहीं दे सकता मैं तो एक
छोटा सा आदमी आदमी है गरीब आदमी |
रीमा - गरीब हो तो क्या हुआ हो तो इंसान ही ना, और आदमी कितना बड़ा अमीर हो गरीब हो लंड तो सबके पास होता है और चोदने की ख्वाइश भी | वैसे सच तो ये है अगर तुमने मुझे उस समय चोद दिया होता तो मेरे अन्दर तुमारे लिए इतनी इज्जत नहीं होती लेकिन अब मुझे लगता है तुम्हें एक शरीफ लड़के हो जो एक नंगी औरत सामने लेटी हुई देखकर चोदने का मौका पाने के बाद भी नहीं चोदता है | वरना आदमी चूत देखते ही पहले उसको चोदने की सोचने लगते सा है और तुम तो मेरे सामने भी आए मुझे देखा भी .................उसके बाद मुट्ठ भी मार के वापस जा रहे थे |
रीमा आगे बोली - तुम्हे हैरानी होगी लेकिन तुम्हे बताती हूँ मुझे ज्यादा खुशी मिलती अगर तुम मुझे उसी समय सोते सोते ही चोद
डालते हैं | वो अलग बात है इस समय मै तुम्हे गालियाँ दे रही होती लेकिन चूत ऐसी ही होती है चुदना उसकी ख्वाइश है बाकि बाते उससे अलग है |
गार्ड ने सारी हिम्मत बटोरी - मैडम अगर आपकी इक्षा है तो जैसा आप कहेगी मै कर दूंगा |
रीमा की तो जैसे बांछे खिल गयी - मुझे पता है तुम मुझे चोदना चाहते हो जितने मर्दों से मै मिली हूँ सभी मुझे चोदना चाहते है लेकिन मुद्दा ये है मेरी चूत को चोदने के बदले में तुम मुझे क्या लौटा सकते हो |
गार्ड जोश में आ गया - जो आप काहे मैडम |
रीमा - आजादी |
गार्ड की कुछ समझ नहीं आया - जी मै कुछ समझा नहीं |
रीमा - मैं तुम्हें अपनी मखमली चूत चोदने के लिए दे सकती हूं लेकिन तुम्हें मुझे यहां से बाहर निकालना होगा और इस शहर से मै अनजान हूँ तो किसी तरह से यहां से सब की नजरों से तुम मुझे दूर ले जाओ ताकि मै इस बंधन से और यहां से आजाद हो सकूं | अगर तुम मुझे यहां से बाहर निकालने में मदद करोगे तो मैं तुम्हें अपनी चूत चोदने को दे सकती हूं | पता है ना मेरी चूत के जिसने एक बार दर्शन कर लिए वो जिंदगी भर के लिए मेरा दीवाना हो जाता है | तुम्हे सीधे सीधे जन्नत कराउंगी |
गार्ड सकपका गया | उसे अपने सर पर नाचती मौत नजर आई लेकिन रीमा के हुस्न की हवस में वो उसे नकार गया | रीमा की आजादी की बात सुनते ही उसे झटका लगा, उसे पता था इसका अंजाम क्या होगा | उसने गहरी चुप्पी ओढ़ ली |
रीमा अपनी मखमली गुलाबी चूत को खोलकर दिखाती हुई - ज्यादा मत सोचो, जानती हूँ इसमें खतरा है लेकिन उस खतरे के बदले मिलेगा भी क्या ये भी तो देखो | रीमा अपनी चूत की तरफ देखने लगी और गार्ड भी उसकी गुलाबी सुरंग की तरफ देखने लगा
गार्ड की ख़ामोशी से रीमा नर्वस हो रही थी - सोच लो जिस आदमी का लंड एक बार इस चूत में गया है वो आज तक नहीं भूला | सीधे जन्नत की सैर करोगे | इतनी खूबसूरत चूत के लिए थोड़ा सा तो खतरा उठना बनता है |
गार्ड - मैडम साहब मेरी गर्दन उतार लेंगे |
रीमा - क्यों ?
गार्ड - आप तो निकल जावोगे लेकिन मुझे तो यही रहना है | आप जो मांग रही हो उसका मतलब यहाँ सिर्फ मौत है |
रीमा - यहाँ क्यों रहना है, जो नौकरी यहाँ कर रहे हो वही मेरे शहर में कर लेना |
गार्ड - लेकिन साहब की पंहुच तो सब जगह है |
रीमा - और मेरी पंहुच सिक्युरिटी में हर जगह है , एक बार यहाँ से निकलने तो दो सीधे तुमारे साहब का एनकाउंटर होगा |
गार्ड की आँखों में चमक आई - आच्छा आपकी सिक्युरिटी में पंहुच है |
रीमा - और नहीं तो क्या, तुम्हे क्या लगता है इन्होने मेरी इतनी खातिरदारी यू ही कर रखी है | अब तक इनके आदमी मुझे नोच कर खा गए होते |
गार्ड - लेकिन मेरा परिवार |
रीमा अब चिढ़ने लगी थी - तुम इतनी टेंशन क्यों ले रहे हो, अपने शहर में तुमारे रहने का बंदोबस्त भी कर दूँगी | मेरा घर बहुत बढ़ा है और मै अकेली रहती हूँ, वही रह लेना | सबको वही रख लूंगी | और तुमारी नौकरी भी अपने ऑफिस में लगवा दूँगी और तुम्हे रात में चोदने के लिए मेरी मखमली चूत भी दूँगी | खूब चोदना मुझको एक बार नहीं दो बार नहीं, पूरी रात चोदना जब तक मन करे| मेरा बहुत मन करता है चुदने को, मुझे चोद के मेरी सारी प्यास बुझाना |
गार्ड अभी भी हिचक रहा था | रीमा अब अपना धैर्य खोने लगी थी - कान खोल के सुन लो , ऐसे मौके जिंदगी में रोज रोज नहीं मिलते, बहुत किस्मत वाले हो जो न केवल मेरी चूत के दर्शन करने को मिले है बल्कि मैऊ तुमे चोदने का मौका दे रही हूँ | मेरी बात मान लो वरना सब कुछ सूर्यदेव को बता दूँगी | फिर मेरा तो कुछ नहीं होगा लेकिन सूर्यदेव तुमारे लंड और गर्दन दोनों तुमारे जिस्म से अलग कर देगा |
गार्ड इतना तो समझ गया था की रीमा कुछ भी कर सकती है, इसलिए उसकी किसी भी बात को हलके में लिया नहीं जा सकता | इधर गार्ड रीमा की बातो में ऐसा उलझा की उसे ध्यान ही नहीं रहा उसकी ड्यूटी बदलने का टाइम हो गया था | जैसे ही उसे दरवाजे पर किसी की आहट हुई उसने तेजी से रीमा के नंगे बदन पर चादर डाल दी और गेट की तरफ बढ़ गया | रीमा के वजह से एक महिला गार्ड को ड्यूटी पर भेजा गया था | जैसे ही वो गार्ड बाहर आया, महिला गार्ड ने अन्दर झांककर देखा | रीमा बेड पर लेटी थी और उसके ऊपर एक सफ़ेद चादर पड़ी थी लेकिन उसके नंगे बदन के स्तन की नुकीली उठान भी चद्दर के ऊपर से दिख रही थी |
महिला गार्ड ने घूर कर गार्ड को देखा | ऐसे अपनी तरफ देखते ही गार्ड रक्षात्मक मुद्रा में आ गया | वो सफाई पेश करने लगा | महिला उसे ऐसे घूर रही थी जैसे पूछना चाहती हो तुमने कुछ किया |
गार्ड ने सफाई दी - देखो ऐसा कुछ नहीं है मै सिर्फ अपनी ड्यूटी कर रहा था | बड़े लोग है नाजुक होते है, मैडम को गर्मी लग रही थी तो कपड़े उतार कर नंगी हो गयी | मै उनके लिए पंखा जरुर लेकर आया था और लगाया भी था लेकिन उसके अलावा मैंने मैडम की तरफ नजरें उठाकर भी नहीं देखा | पंखा लगाने के बाद मैडम सो गयी | मुझे पता है हमारा साहब कितना खतरनाक है चीर कर रख देगा अगर कुछ उल्टा सीधा किया मैंने | अभी ये तुम्हारी अमानत है तुम संभालो मैं चला |
जाने से पहले वो रीमा से कुछ बात करना चाहता था | इसलिए उसने महिला गार्ड को वही रुकने को कहकर अन्दर आ गया |
गार्ड - मैडम मुझे जाना होगा, मेरी ड्यूटी का टाइम ख़त्म हो गया | ये बहुत सख्त औरत है, तो आप जरा संभल कर रहना |
रीमा को भी पता था उसके सामने और कोई चारा नहीं था उसे पता था इसी गार्ड के सहारे ही वो अपनी आजादी का टिकट कटा सकती है | मुसीबत यह थी गार्ड जाने वाला था और उसकी जगह एक औरत आ गयी थी | उसको मना पाना बहुत मुश्किल था क्योंकि वह
बहुत ही सख्त थी ऐसा गार्ड ने अभी बताया उसे |
रीमा और गार्ड की आंखे मिली, रीमा ने चद्दर के अन्दर ही अपने उरोजों को मसल कर दिखाया | उसे पता था गार्ड अब उसके कब्जे में है लेकिन अगर गार्ड ड्यूटी पर होगा तभी तो वो उसका इस्तेमाल कर पायेगी |
रीमा एक मासूम बेचारी औरत की तरह बोली - तुम तो चले जावोगे और मेरा क्या होगा | मेरी चूत की खुजली कौन मिटाएगा |
गार्ड - मेरी ड्यूटी का टाइम ख़त्म हो गया है और ऊपर से मेरी हिम्मत नहीं है मैडम कहीं अगर कुछ गड़बड़ हो गई तो साहब तो मुझे चीर के रख देंगे |
रीमा - अगर तूने कुछ नहीं किया तो भी साहब तुझे मेरी शिकायत करने पर भी चीर कर रख देगें |
गार्ड - मैडम मुझसे एक बार गलती हो गयी अब दुबारा नहीं करूंगा |
रीमा बोली - तुम एक नंबर के फट्टू इंसान हो अरे जब एक औरत अपनी चूत को चोदने के लिए बोल रही है तुम्हारी गांड क्यों फट रही है कोई तरीका निकालो मेरी चूत में बहुत खुजली मची हुई है | तुमने मेरे चुताड़ो पर पिचकारी छोड़कर मेरी चुदास जगा दी है |
गार्ड को कुछ समझ नहीं आया, काफी देर तक वो वही बुत बनकर खड़ा रहा फिर थके कदमो से गेट की तरफ जाने लगा |
उसने बाहर जाकर अपना कार्ड और थैला उठाया और घर के लिए निकल गया |
रीमा के चेहरे पर मायूसी छा गयी | उसके आँखों के सामने अँधेरा छा गया | इस अँधेरे की दुनिया में वही उसके लिए एक रोशनी की किरण बनकर आया था लेकिन अब तो वो भी खत्म हो गयी | कल का पता नहीं वो आये या न आये | रीमा रुआंसी हो आई | उसका जोर जोर से रोने का मन करने लगा | निराशा और दुःख से भरे दिल को थाम कर उसने अपना सर भी चद्दर के अन्दर घुसेड लिया |
इधर अनिल और सिक्युरिटी रीमा की लोकेशन पता लगाने के लिए ट्रांसमीटर के सिग्नल का बेसब्री से इन्तजार कर रहे थे | उनकी उम्मीद की वही आखिरी किरण थी | सभी इसी आस में थे की अभी तक रीमा के पैरो में सैंडल हो | हालाँकि सिक्युरिटी हाथ पाँव मार रही थी लेकिन उसे ज्यादा कुछ मिल नहीं पाया | उसने सारा का सारा जंगल छान मारा | तस्करी और ड्रग्स का धंधा करने वाले का हुजूम ठाणे में इकठ्ठा कर दिया लेकिन रीमा का कोई क्लू अभी तक नहीं मिला था | अनिल और सिक्युरिटी का यही आखिरी सहारा था | अगर नीयत समय पर सिग्नल नहीं आता है तो रोहित पहले ही बोल चूका था की गुमसुदगी का विडिओ टीवी चैंनल पर चलवा दे और ढूढ़ने का इनाम भी घोषित कर दे | अभी तक बात सिर्फ पोलिस , अनिल , रोहित और रोहिणी तक ही थी लेकिन अगर जल्द रीमा का पता न चला तो अन्नौसमेंट टीवी पर भी कर दिया जायेगा | फिर तो सबको पता लग जायेगा , प्रियम , जग्गू का बाप, राजू सबको |
इधर गार्ड तेजी से अपने घर की तरफ जाने को निकला लेकिन उसके दिम्माग पर रीमा की गुलाबी चूत और बड़े बड़े तने हुए उरोज ही छाए हुए थे | वो अपने दिम्माग के घोड़े तेजी से दौड़ा रहा था, उसे रीमा से सहनुभूति हो गयी थी, वो रीमा को आजाद कराना चाहता था और उसकी गुबली चूत का रस चखना चाहता था | वो उस बंद फाक्ट्री के गेट तक पंहुचने वाला ही था की उसके दिमाग में एक आईडिया आया |
उसकी आंखों में एक चमक सी गई, उसके कदम ठिठक गए | वो घुमा और तेजी से भागता हुआ गोदाम की तरफ चल दिया जहाँ रीमा कैद थी | उसके बुझे मन में एक नयी तरंग दौड़ गयी | वो जल्दी से हांफता हुआ गोदाम के गेट के पास गया | महिला गार्ड वही बैठी थी |
उसने हैरानी से उसको देखा - क्या हुआ | इतना हांफ क्यों रहा है |
गार्ड - मेरा मोबाईल तो यहाँ नहीं रह गया |
महिला गार्ड उसको घूरते हुए - ठीक है देखती हूँ |
गार्ड - थोडा जल्दी देखो | गार्ड घडी की तरफ देखता हुआ |
महिला - ऐसी भी क्या आफत आ गयी है, ठीक से साँस तो ले ले |
गार्ड - तू औरत है नहीं समझेगी, मेरी जान का फ़ोन आने वाला है | मेरी ड्यूटी ख़त्म करते ही मुझे फ़ोन करती है |
महिला - हाँ हाँ पता है इश्क का बुखार सबको चढ़ता है इसमें क्या नया है |
गार्ड - अरे तुझे नहीं पता, दो बार में अगर काल नहीं पिक की तो दो दिन लग जाते है मानने में | तू नहीं समझेगी |
कुछ देर ढूढ़ने के बाद महिला बोली यहाँ नहीं है |
गार्ड अपनी उफनती सांसो को संभलता हुआ - ठीक है मै अन्दर देखकर आता हूँ, कही मैडम के आस पास तो नहीं भूल गया |
महिला गार्ड ने उसको अन्दर जाने का इशारा करते हुए ..................जैसे कहना चाह रही हो जा जाकर देख आ |
रीमा सर से लेकर पाँव तक चद्दर ढके हुए लेती हुई थी | गार्ड रीमा की चारपाई के नजदीक आया और धीरे से बोला - मैडम पीछे जो बाथरूम है जहाँ आप गयी थी निपटने के लिए उसमें जाने के लिए दो रास्ते हैं एक दरवाजा है जो इधर से जाता है एक दरवाजा जो पीछे से खुलता है मैं यहां से बाहर जाता हूं पीछे वाले दरवाजे को उस तरफ से खोल देता हूँ अगर आप चाहे तो | इससे ज्यादा मै कुछ नहीं कर सकता |
रीमा की आंखों में चमक आ गई थी रीमा को लगा यही एक मौका है जब वहां से भाग सकती है |
रीमा चद्दर के अन्दर से - मुझे कैसे पता चलेगा तुमने दरवाजा खोल दिया है |
गार्ड - मुझे यहाँ से निकल कर घूमकर जाना होगा, फिर एक मजिल चढ़ना है, आप पांच मिनट बाद बाथरूम में आ जाना | वही आपको सब समझा दूंगा |
रीमा समझ गयी, उसके निराश मन में आशा की किरण फिर से जाग गयी |
गार्ड ने अपने झोले से मोबाईल निकाला, हाथ में थामा और गेट की तरफ चल दिया |
महिला ने गार्ड की तरफ देखा | गार्ड बोला - पंखा लगाते वक्त मैडम की चारपाई के नीचे चला गया था |
महिला गार्ड को उसके इरादों की भनक तक नहीं थी | गार्ड ने महिला को मोबाईल दिखाया और फिर कान में लगाते हुए सीढियां उतरते चला गया |
ये पूरा का पूरा एक पुराणी मिल का कंपाउंड था, यहाँ लोहे के कबाड़ के बीच चारो तरफ ऊँची खरपतवार जैम चुकी थी | हालाँकि सड़को की सफाई होती रहती थी लेकिन बाकि का पूरा का पूरा जंगल ही था | गार्ड तेजी से छिपते छिपाते पीछे की तरफ गया | उसे ऊपर चढ़ने में कोई दिक्कत नहीं हुई क्योंकि वो और उसका एक साथी यहाँ कभी कभी गांजा मारने आते थे | वो आइस्ते से बाथरूम वाले दरवाजे के पास आया और बाहर से बंद उसकी कुण्डी खोल दी |
इधर रीमा उठकर के दरवाजे के पास तक आई उसने वही चद्दर सफेद चादर लपेट रखी थी | उसने दरवाजे को नॉक किया | महिला ने दरवाजे में बनी शीशे की विंडो खोली |
रीमा अलसाती हुई - मैं जरा बाथरूम में फ्रेश होने जा रही हूं नींद के बाद में शरीर में बहुत अकडन हो रही है |
महिला गार्लड ने चाभी निकली - और अन्दर जाकर के चाभी से बाथरूम का दरवाजा खोल दिया |
इधर रीमा ने अपने बदन पर लिपटी सफ़ेद बेड की चादर फेंक दी और अपनी शर्ट और स्कर्ट को हाथ में थाम कर नंगे बदन ही मदमस्त चलती हुई अपने चूतड़ हिलाती हुई कमर मटकाती हुई बाथरूम में घुस गई |
उधर उसे यकीन नहीं हुआ कि जैसे ही रीमा बाथरूमम में घुसी कुछ देर बात आइस्ते से पीछे का दरवाजा खोलकर गार्ड अन्दर आ गया |
रीमा ने गार्ड को देखा और गार्ड ने रीमा के नंगे बदन को | रमा का नंगा बदन देखते ही गार्ड की पेंट में हरकत हुई और रीमा की तेज नजरो से ये बाख नहीं पायी |
गार्ड ने हिम्मत करके पीछे से दरवाजा तो खोल दिया था लेकिन अभी भी उसकी बहुत ज्यादा फट रही थी |
गार्ड - मैडम बहुत खतरा है बाहर, आप का तो कुछ नहीं होगा लेकिन मै कुत्ते की मौत मारा जाऊंगा |
रीमा - तू डरता बहुत है, अँधेरे में निकलेगे अभी बाहर हल्की रौशनी है | अँधेरा होने दे तब तक इन्तजार करते है |
गार्ड - मैडम यहां से बाहर निकालने का मतलब मौत है | किसी ने भी देख लिया या पकड़ लिया तो आपका तो पता नहीं लेकिन मुझे जिन्दा ही भूखे कुत्तो के सामने डाल दिया जायेगा |
रीमा - यहाँ कुत्ते भी है क्या ?
गार्ड - हाँ मैडम रात होते ही पुरे कंपाउंड में कुत्ते छोड़ दिए जाते है |
रीमा - मेरी चूत चोदने को मिलेगी, थोडा रिस्क लेना तो बनता है |
गार्ड रीमा के चूत त्रिकोण की तरफ देखने लगा | रीमा की चूत ने गार्ड की बुद्धि को भी उसके लंड की तरह बना दिया था | गार्ड सब कुछ अब रीमा की चूत के बारे में ही सोच रहा था | उसके दिमाग में रीमा की चूत चूत और चूत ......................सिर्फ इसके अलावा कुछ और सोच ही नहीं पा रहा था |
गार्ड - ठीक है मैडम आपके लिए मै ये खतरा मोल लूँगा | मैडम यहां के सारे रास्ते मुझे पता है लेकिन आप इस तरह से नंगे कैसे जावोगे | उसके लिए आपको कपड़े पहनने पड़ेगे | मै आपके लिए कपड़े लेकर आता हूँ |
रीमा - कपड़े की चिंता मत करो, मै स्कर्ट और शर्ट ले आई हूँ |
गार्ड - फिर भी मै देखकर आता ही बाकि चौकीदार कहाँ कहाँ खड़े है |
गार्ड बहुत ही ज्यादा डरा हुआ था उसक चेहरे की हवाइयां बता रही थी की वो कितनी दहसत से भरा हुआ है | लेकिन कमर के नीचे पेंट में कुछ और ही नजारा झलक रहा था | रीमा की नजर बार बार उसकी पेंट पर पड़ रही थी, उसकी पेंट का तनाव अब साफ़ झलक रहा था | इससे पहले गार्ड बाहर की तरफ जाता, रीमा को लगा कही ये डर से अपना मन न बदल दे |
रीमा थोडा सा झुकी और गार्ड के पेंट के ज़िप खोल दी | उसे ज्यादा समय नहीं लगा उसके तने लंड को बाहर निकलने में |
गार्ड हैरान रह गया | रीमा के हाथो का कोमल स्पर्श ...................गार्ड के लंड में लगातार खून का दौरान बढ़ता जा रहा था | गार्ड हैरान था , औरते ऐसी भी होती है जो आदमी का लंड उसकी पेंट से खीचकर बाहर निकाल ले, उसने तो सपने में भी नहीं सोचा था | कितनी बेशरम होती है ये बड़े घर की औरते, हमारे यहाँ तो जबदस्ती पकड़ाने पर भी हाथ न लगाएगी | लगता है मैडम काफी खेली खाई लगती है , वर्ना इतनी जल्दी कोई कैसे किसी अनजान मर्द का लंड पकड़ता है |
डर, आश्चर्य और उत्तेजना के भंवर में झूलता गार्ड बस रीमा की तरफ देखने लगा | रीमा के हाथ में उसके लंड की गर्मी अहसास होने लगा |
गार्ड की जाल में भी फंसाए रखना था और उसकी हिम्मत भी बढ़ानी थी ताकि रीमा यहं से निकल सके |
रीमा ने गार्ड के लंड को सहलाना शुरू कर दिया |
रीमा - कैसा लग रहा है |
गार्ड - मैडम क्या बताऊ |
रीमा - डर लग रहा है |
गार्ड - हाँ बहुत |
रीमा - देखो डर के आगे ही जीत है | या तो तुम मुझे यहाँ से एक धाकड़ मर्द की तरह बचाकर ले जाते हो और फिर सच्चे मर्द की तरह मुझे जमकर चोदते हो या फिर अपने बॉस की लटकती गोटियो में लटक कर अपनी फटी हुई गांड को पकड़ कर बैठे रहो |
गार्ड को कुछ समझ नहीं आया - वो वासना में तैरना शुरू कर चूका था लेकिन रीमा की बात पर उसका दिमाग एक सवाल कर उठा |
गार्ड - मैडम अभी आप मुझे नहीं चोदने दोगे क्या ?
रीमा को लगा इससे ज्यादा झूठ बोलने का फायदा नहीं लेकिन सच बोलने से बात बिगड़ सकती है | रीमा ने दिमाग पर जोर डाला |
रीमा - तुम्हे पता छतरी किसे कहते है |
गार्ड - हाँ वही जो पानी से भीगने से बचाती है |
रीमा - हाँ वही, है तुमारे पास |
गार्ड - अभी तो नहीं है लेकिन अभी छतरी क्यों चाहिए आपको |
रीमा - क्योंकि मेरी चूत को पानी से बहुत एलर्जी है लंड के पानी से तो बहुत ही ज्यादा | घर पर मै उस एलर्जी की गोली अपने साथ रखती हूँ, ताकि लंड का पानी की एलर्जी से बाख सकू | लेकिन यहाँ मेरे पास वो गोली नहीं है, तो दूसरा तरीका छतरी है | अगर तुमारे पास छतरी हो तो वो सारा पानी रोक लेगी और मेरी चूत तुमारे लंड के पानी से नहीं भीगेगी | तुम्हे तो पता ही होगा, जब कोई चूत लंड के पानी से भीग जाती है तो पेट फूल जाता है |
रीमा का गार्ड के लंड को तेजी से मसलने लगा था, गार्ड की उत्तेजना का तापमान बढ़ने लगा |
गार्ड ने अपना माथा पीठ लिया - क्या मैडम इतना घुमाने की क्या जरुरत थी | सीधे सीधे कंडोम बोल देती |
रीमा खिलखिला पड़ी - शायद तुमने ये खेल ज्यादा खेला नहीं है, इसमें जितना घुमाने फिराने में मजा है उतना सीधे सीधे खेलने में कहाँ है | बिना छतरी तो मै तुम्हें चूत चोदने को नहीं दूँगी | मुझे पता नहीं तुमारे पास छतरी नहीं है |
गार्ड मायूस हो गया - फिर इसका क्या होगा |
रीमा ने गार्ड की मायूसी देख ली - देखो बिना छतरी मै तुम्हे अपनी चूत चोदने तो नहीं दूँगी लेकिन मेरे पास बहुत से तरीके है तुमारे लंड की शांत करने के | इससे पहले गार्ड कुछ बोलता, रीमा के ओंठो की गुलाबी जकड़न ने गार्ड ने लंड के फूले सुपाडे के इर्द गिर्द अपना घेरा बनाना शुरू कर दिया |
गार्ड हैरान था उसका लंड रीमा अपने मुहँ में लेने जा रही थी |
गार्ड - मैडम हमारे यहाँ तो औरते हाथ तक नहीं लगाती, आप मुहँ में लेने जा रही हो |
रीमा - कभी लंड चुसवाया है.........| उसके सुपाडे पर अपने ओंठो की छाप छोड़ती हुई |
गार्ड - नहीं |
रीमा - पता है लंड कैसे चूसा जाता है और चुसवाया जाता है |
गार्ड रीमा के कोमल ओंठो का अपने सुपाडे पर स्पर्श पाकर आहे भरता हुआ - मतलब अह्ह्ह्हह्ह |
रीमा ने उसके लंड को हाथ से कसकर मसल दिया - लंड को मुहँ में लेने का मजा सिर्फ चूसने वाले ही नहीं चुसवाने वाले की काबिलियत पर निर्भर करता है | जो मुहँ में लंड ठेल रहा है उसको भी पता होना चाहिए कब क्या करना है |
गार्ड - मैडम ये सब उजुल जुलूल चीजे हम गरीबो को कहाँ से पता | यहाँ तो बस इतना पता है ये लंड है इसे चूत में घुसेड़कर चूत को चोदना होता है |
रीमा - चूत के दर्शन तो तुम्हे तभी होंगे जब तुम मर्द की तरह मुझे सब मुसीबतों से बचाकर यहाँ से बाहर निकाल कर ले जावोगे | मेरी मखमली गुलाबी चूत चाहिए तो मै भी तो देखना चाहती हूं जो आदमी को मैं अपनी चूत चोदने को दे रही है
उसके अंदर का लंड मर्द का है या नहीं अब तुम सोच लो मेरी जैसी चूत मार रहे हो जो अच्छे अच्छों को नसीब नहीं होती है तो कम से कम कुछ तो दम दिखाओ और तुम्हारी गांड में दम नहीं होगा, फिर क्या फायदा |
रीमा ने गार्ड के लंड पर अपनी गीली जीभ फिराई | गार्ड के मुहँ से सिसकरी छुट गयी |
रीमा - सोच लो बार बार मेरी चूत चोदने को मिलेगी, एक बार नहीं |
गार्ड - मैडम आपकी चूत के लिए कुछ भी करूंगा | बस आप मुझे अपनी जन्नत की सुरंग की सैर करा दो |
रीमा की लार से सनी गुनगुनी जीभ गार्ड के फूले हुए टमाटर की तरह लाल हो चुके सुपाडे के चारो तरफ नाच रही थी बीच बीच में मुहँ खोलकर रीमा अपनी लम्बी जीभ लंड पर फिराती हुई नीचे की तरह ले जाती और फिर शरारतपूर्ण तरीके से वापस मुहँ में ले आती |
रीमा गार्केड लंड के सुपाडे पर जीभ फिर रही थी | सुपाडे को जीभ से चाट रही थी जैसे कोई लोलीपोप चूसता है |
उसके बाद रीमा ने उसके सुपाडे को कसकर ओठो से जकड लिया | ओठ बंद करके सुपाडा चूसने लगती, जैसे बच्चे टॉफी चूसते है , और धीरे धीरे अपना सर हिलाने लगी ,गार्ड कामुक लम्बी कराहे भर रहा था | रीमा ने अब गार्ड का लंड अपने मुहँ में ले लिया था उसकी उत्तेजना भी बढ़ने लगी थी वो रीमा की जीभ और ओंठो के जादुई स्पर्श से पगलाया सा था | उसे समझ में नहीं आ रहा था की उसके साथ क्या हो रहा है रीमा तेजी से उसके लंड के चारो ओर अपनी ओंठो को फिसलाने लगी थी |
गार्ड उत्तेजना में सिसकारियां भरने लगा - आःह्ह मैडम आःह मैडम, आपके तो ओंठो में जादू है इतना सुख तो मुझे चूत चोदने पर भी नहीं मिला था |
रीमा ने रूककर - तुम्हे मजा आ रहा है |
गार्ड - बहुत |
रीमा - और जोर से चुसू |
गार्ड - हाँ मैडम और जोर से कसकर चुसो, चूस चूस कर निचोड़ दो मेरे लंड को |
रीमा ने अपने ओंठो को कसकर गार्ड के लंड पर चिपका दिया | तेजी से आगे पीछे सर हिलाने लगी |
गार्ड - मैडम रीमा मैडम आअहाआअहाआह्ह अब तो मैडम आपको बाहर लेकर ही जाऊंगा भले ही मेरी जान चली जाए | आप ओंठ इतने मस्त है तो आपकी चूत कितनी मस्त होगी |
रीमा बस सख्ती से उसके लंड को अपने ओंठो की गिरफ्त में लिए आगे पीछे सर हिला रही थी | उसके मुहँ से निकलने वाली लार उसके ठोड़ी और स्तनों पर जाकर गीत रही थी | उसकी आँखों में लालिमा आने लगी थी | अब तो गार्ड में उत्तेजना में अपनी कमर हिलाने लगा था |
गार्ड ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कभी ऐसा कुछ उसके साथ होगा | एक रीमा नाम की मदमस्त हसीं औरत अपने गुलाबी ओंठो से उसके ल;लंड को चूसेगी | उसने कई बार दोस्तों के सतह ब्लू फिल्मो में ये सब देखा था | वहां ल;लडकियों को चोदने से पहले सभी अपना लंड चुसवाते है | वो उत्तेजना के भंवर में आनंद के गोते लगा रहा था | रीमा ने लंड चुद चूस कर उसको मदहोश कर दिया | रीमा के हाथ की सख्त जकड़न और और होठों की कसी हुई जकड़न , दोनों में उसके लंड की जोरदार मालिश हो रही थी | रीमा के जिस्म की मादक खुशबू ने उसे मदहोश कर रखा था और उसकी उत्तेजना बेकाबू हो रही थी वह खुद अपने बस में नहीं था बस में तेजी से बहता
हुआ वासना के चरण की तरह बढ़ता जा रहा था | उसने उत्तेजना में खुद की कमर हिलानी शुरू कर दी | वो रीमा को चोदने के ख्याल से अपनी कमर हिलाने लगा, उसे होश ही नहीं था की उसका लंड रीमा की चूत में नहीं उसके मुहँ में है | उसने रीमा के सर को पकड़कर तेजी से धक्के मारने शुरू कर दिए | रीमा को मुहँ में चोट लगने लगी | रीमा ने गार्ड को रोकने को कोशिश की लेकिन गार्ड बेकाबू हो चूका था | उसने रीमा के बालो को कसकर भींच लिया और जोरदार ठोकरे मारने लगा | रीमा ने कसकर जोर लगाया और खुद को पीछे ठेल लिया | उसकी आंखे लाल हो गयी थी और वो तेजी से खासने लगी | गार्ड ने बेतहाशा उसके मुहँ में धक्के मार दिए जिसके लिए वो बिलकुल भी तैयार नहीं थी | रीमा खड़ी हुई और उसने गार्ड को एक करारा थप्पड़ रसीद कर दिया |
गार्ड और रीमा दोनों सन्नाटे में आ गए | रीमा भी आवेश में थी, उसे भी कुछ होश न रहा, और गार्ड का तो जैसे पांच बोतल का नशा उतर गया हो |
गार्ड बेचारा रुआंसा हो आया - मैडम गलती हो गयी |
रीमा - मैंने अपने बदन की एक झलक क्या दिखा दी मुझे मुझे चोदने के सपने देखने लगे थे |
गार्ड - नहीं मैडम मेरी इतनी हैसियत कहाँ |
रीमा - आने दो सूर्यदेव को, फिर निकालती हो तुमारी जवानी का जोश |
गार्ड - नहीं मैडम प्लीज ऐसा मत करना, जो आप कहोगी वो करने के लिए तैयार हूँ लेकिन साहब से शिकायत मत करना मेरी गर्दन काट देंगे |
रीमा को लगा गार्ड को अपने कब्जे में लेने का यही सही समय है, ज्यादा जोर डाला तो बागी भी हो सकता है |
रीमा - टेसुए मत बहावो, और अपनी हैसियत की चूत के सपने देखो |
गार्ड - मैडम बस हाथ ही से किया है, काबू नहीं रहा खुद पर | माफ़ कर दो मुझे |
रीमा - मेरे नाम का मुट्ठ मारना था तो बाहर जाकर मारते,(अपने चुताड़ो की तरफ इशारा करते हुए )...............लेकिन ये सब क्या है मेरे ही चूतड़ मिले थे तुमको गन्दा करने के लिए | सिर्फ गन्दा करना जानते हो इसे साफ़ कौन करेगा |
गार्ड लाचारी से - मैडम मैं आपसे क्या छुपाना ...............आपने तो मेरी चोरी पकड़ ली | वह आप इस तरह से उल्टा लेटी हुई थी और आप इतनी खूबसूरत है की आपको देखकर खुद को रोक नहीं पाया | आपकी खूबसूरती ने ऐसी आग लगायी की सब कुछ भूल गया ........................ इसलिए हाथ से खुद को काबू में नहीं रख सका तो इसलिए हाथ चलाने लगा था और देखते-देखते पिचकारी अचानक से छूट गई थी जिससे और मैं खुद को काबू नहीं कर पाया | मै सब साफ़ कर दूंगा |
रीमा - साफ़ तो तुम क्या तुमारा बाप भी करेगा | चलाओ अपनी जीभ से साफ़ करो |
गार्ड को रीमा की ये बात सुनकर उबकाई आ गई - छी मैडम |
रीमा - चाटते हो इसे या फिर गर्दन उतरवाने के लिए तैयार हो जाओ |
गार्ड की हिम्मत नहीं हो रही थी अपना ही सफ़ेद रस चाटने की |
रीमा अब पेट के बल से उठती हुई सीधी हुई - देखो तुमने मेरे नाम से मुठ मार ली | और मेरे चुताड़ो पर अपनी मलाई भी छोड़ दी | चलो अब ये भी बता दो मैं तुम्हें लगती कैसी हूं |
गार्ड की लाचारी का भाव कुछ कम हुआ उर उसकी आँखों में एक रौनक आ गयी - मैम आप तो कमाल हो आप भी ऐसा सवाल पूछ रही हो | मैडम आप बहुत खूबसूरत हो |
रीमा - क्या पहेलियाँ बुझा रहे हो , खुलकर बतावो, जैसे खुलकर मुझे देखा है नंगा | पूरा का पूरा नंगा |
गार्ड की हिम्मत थोड़ी और बढ़ी - मैडम अब आपकी तारीफ करना मतलब सूरज को दिया दिखाने जैसा है, मतलब आपका गोरा गुलाबी बदन कोई एक बार ही ढंग से देख ले तो रात को नींद नहीं आएगी, मैडम मैंने खुद को बहुत काबू करने की कोशिश करी लेकिन कर नहीं पाया |
रीमा - तो मेरे गोरे गुलाबी बदन में क्या सबसे खूबसूरत लगा तुम्हे ?
गार्ड - मैडम मै इतना पढ़ा लिखा तो हूँ नहीं की कवियों की तरह आपकी तारीफ कर पाऊ लेकिन आप सर से लेकर पैर तक हुस्न परी हो | आप किसी परी तरह खूबसूरत हो | हाथ पाँव नाक कान ऐसा लगता है जैसे किसी ने स्वर्ग से अप्सरा भेज दी हो |
रीमा - जब परियो जैसा खूबसूरत बदन है मेरा तो उस पर ये अपनी गन्दी पिचकारी क्यों निकाली | चलो इस परियो के गोरे बदन को चाट कर साफ़ करो |
गार्ड ने बड़ी हिम्मत की और रीमा के चूतड़ पर झुक गया | जैसे ही उसने रीमा ने नरम मखमली चूतड़ पर अपना हाथ रखा, उसके अन्दर की सारी उबकाई एक तरफ चली गयी और वो आराम से चाट चाट कर रीमा के चूतड़ और पीठ पर पड़ी उसकी पिचकारी की छींटे साफ़ करने लगा |
रीमा अन्दर से गार्ड की जीभ के गीले खुरदुरे स्पर्श से गुलगुला हो रही थी | उसे मर्उदों को अपना गुलाम बनाना बहुत अच्सेछा लगता था | उसे पता था उसे अपनी आजादी की चाभी मिल गयी है बस उसे कैसे इस्तेमाल करना है ये उसे सोचना पड़ेगा | उसे यकीन नहीं हो रहा था यहाँ वो इतनी खतरनाक जगह पर एक अनजान गार्ड के साथ चूत चुदाई की बाते कर रही है | उसने खुद से ही सवाल पूछ लिया क्या मै रीमा ही हूँ या कोई और |
इससे पहले रीमा अपने विचारो की दुनिया में खो जाती गार्ड ने रीमा की तन्द्रा तोड़ दी - मैडम आप घर में भी ऐसे ही रहती है, मैंने सुना है बड़े घरो की औरते घर के अन्दर नंगे ही रहते है या बस छोटे छोटे कपड़े पहनते है |
रीमा समझ गयी गार्ड की दिलचस्पी उसमे जग गयी है - पहले ठीक से मेरे बदन को साफ़ करो चाट कर | जो गन्येदगी फैलाई है उसे साफ़ करो | गार्ड चुपचाप रीमा को चटाने में लग गया |
रीमा कुछ देर चुप रहकर - अच्छा एक बतावो मुझ में सबसे अच्छा क्या लगा तुम्हे | मै तुम्हे कैसी लगी |
गार्ड - बहुत अच्छी |
रीमा - कितनी |
गार्ड - क्या बताऊ, कितनी अच्छी, आपके चूतड़ पर पड़ी मलाई से ही अंदाजा लगा लो |
रीमा - इस मलाई को निकालने के लिए क्या क्या देखा मेरे नंगे बदन में |
गार्ड शर्मा गया - सब कुछ सर से लेकर पाँव तक, जितना दिख रहा था सब कुछ , पीठ कमर चूतड़ जांघे और वो सब |
रीमा - वो सब क्या |
गार्ड - वो आपकी दरार |
रीमा - कौन सी दरार |
गार्ड - ये भी भला कोई बताने की चीज है |
रीमा - उसको छुआ |
गार्ड ने हामी से सर हिलाया |
रीमा - और क्या क्या किया ? छुआ उसे |
गार्ड - हाँ और उँगली भी |
रीमा हैरान थी उसे लग रहा था गार्ड ने सिर्फ उसे देखकर मुठ मारी है लेकिन उसे अंदाजा नहीं था गार्ड ने उसकी चूत में उंगली घुसेड़ी है | रीमा - तुमने मेरी चूत में उंगली घुसेड़ी, कैसा लगा |
गार्ड - मैडम बस जन्नत में जाकर जैसा लगता है |
रीमा कुछ सोचकर - अच्छा ये बतावो, मै तो सो रही थी, नंगी सो रही थी | मेरी चूत .....मेरा मतलब दरार तुमारे सामने थी, तुमारा लंड खड़ा था फिर तुमने उँगली क्यों घुसेड़ी सीधे लंड घुसेड देते |
गार्ड - अरे मैडम इतनी औकात कहाँ हम लोगो की, बस आपको देखकर थोड़ी प्यास जग गयी थी |
रीमा - तो तुम्हे क्या लगता है सिर्फ लंडो को प्यास लगाती है, चूतों को प्यास नहीं लगती | मै नंगी लेती हुई थी मेरी चूत तुमको दिख रही थी, तुम मुझको चोद भी तो सकते थे | मै सो रही थी तो क्या हुआ थी तो पूरी की पूरी नंगी | अपनी प्यास बुझा रहे थे एक बार मेरी चूत में डाल देते, हो सकता है मेरी प्यास भी बुझ जाती |
गार्ड के अन्दर का डर ख़त्म हो चूका था ....रीमा की बाते सुनकर गार्ड मन ही मन बोला मैडम तो चुदना चाहती थी तुम ही फट्टू निकले | गार्ड को छुप देख रीमा समझ गयी उसका तीर बिलकुल सही निशाने पर लगा है, उसकी चूत की लालसा गार्ड को मौत से भी लड़ने की हिम्मत दे देगी और वो रीमा के वो सब कुछ करेगा जो रीमा कहेगी |
रीमा - कुछ बोलोगे या लंड की तरह तुम भी झड़ गए हो |
गार्ड - अरे मैडम मैं गार्ड हूं मेरी क्या बिसात है आप बड़े घराने की हैं और मैं तो आपके ख्वाब भी नहीं दे सकता मैं तो एक
छोटा सा आदमी आदमी है गरीब आदमी |
रीमा - गरीब हो तो क्या हुआ हो तो इंसान ही ना, और आदमी कितना बड़ा अमीर हो गरीब हो लंड तो सबके पास होता है और चोदने की ख्वाइश भी | वैसे सच तो ये है अगर तुमने मुझे उस समय चोद दिया होता तो मेरे अन्दर तुमारे लिए इतनी इज्जत नहीं होती लेकिन अब मुझे लगता है तुम्हें एक शरीफ लड़के हो जो एक नंगी औरत सामने लेटी हुई देखकर चोदने का मौका पाने के बाद भी नहीं चोदता है | वरना आदमी चूत देखते ही पहले उसको चोदने की सोचने लगते सा है और तुम तो मेरे सामने भी आए मुझे देखा भी .................उसके बाद मुट्ठ भी मार के वापस जा रहे थे |
रीमा आगे बोली - तुम्हे हैरानी होगी लेकिन तुम्हे बताती हूँ मुझे ज्यादा खुशी मिलती अगर तुम मुझे उसी समय सोते सोते ही चोद
डालते हैं | वो अलग बात है इस समय मै तुम्हे गालियाँ दे रही होती लेकिन चूत ऐसी ही होती है चुदना उसकी ख्वाइश है बाकि बाते उससे अलग है |
गार्ड ने सारी हिम्मत बटोरी - मैडम अगर आपकी इक्षा है तो जैसा आप कहेगी मै कर दूंगा |
रीमा की तो जैसे बांछे खिल गयी - मुझे पता है तुम मुझे चोदना चाहते हो जितने मर्दों से मै मिली हूँ सभी मुझे चोदना चाहते है लेकिन मुद्दा ये है मेरी चूत को चोदने के बदले में तुम मुझे क्या लौटा सकते हो |
गार्ड जोश में आ गया - जो आप काहे मैडम |
रीमा - आजादी |
गार्ड की कुछ समझ नहीं आया - जी मै कुछ समझा नहीं |
रीमा - मैं तुम्हें अपनी मखमली चूत चोदने के लिए दे सकती हूं लेकिन तुम्हें मुझे यहां से बाहर निकालना होगा और इस शहर से मै अनजान हूँ तो किसी तरह से यहां से सब की नजरों से तुम मुझे दूर ले जाओ ताकि मै इस बंधन से और यहां से आजाद हो सकूं | अगर तुम मुझे यहां से बाहर निकालने में मदद करोगे तो मैं तुम्हें अपनी चूत चोदने को दे सकती हूं | पता है ना मेरी चूत के जिसने एक बार दर्शन कर लिए वो जिंदगी भर के लिए मेरा दीवाना हो जाता है | तुम्हे सीधे सीधे जन्नत कराउंगी |
गार्ड सकपका गया | उसे अपने सर पर नाचती मौत नजर आई लेकिन रीमा के हुस्न की हवस में वो उसे नकार गया | रीमा की आजादी की बात सुनते ही उसे झटका लगा, उसे पता था इसका अंजाम क्या होगा | उसने गहरी चुप्पी ओढ़ ली |
रीमा अपनी मखमली गुलाबी चूत को खोलकर दिखाती हुई - ज्यादा मत सोचो, जानती हूँ इसमें खतरा है लेकिन उस खतरे के बदले मिलेगा भी क्या ये भी तो देखो | रीमा अपनी चूत की तरफ देखने लगी और गार्ड भी उसकी गुलाबी सुरंग की तरफ देखने लगा
गार्ड की ख़ामोशी से रीमा नर्वस हो रही थी - सोच लो जिस आदमी का लंड एक बार इस चूत में गया है वो आज तक नहीं भूला | सीधे जन्नत की सैर करोगे | इतनी खूबसूरत चूत के लिए थोड़ा सा तो खतरा उठना बनता है |
गार्ड - मैडम साहब मेरी गर्दन उतार लेंगे |
रीमा - क्यों ?
गार्ड - आप तो निकल जावोगे लेकिन मुझे तो यही रहना है | आप जो मांग रही हो उसका मतलब यहाँ सिर्फ मौत है |
रीमा - यहाँ क्यों रहना है, जो नौकरी यहाँ कर रहे हो वही मेरे शहर में कर लेना |
गार्ड - लेकिन साहब की पंहुच तो सब जगह है |
रीमा - और मेरी पंहुच सिक्युरिटी में हर जगह है , एक बार यहाँ से निकलने तो दो सीधे तुमारे साहब का एनकाउंटर होगा |
गार्ड की आँखों में चमक आई - आच्छा आपकी सिक्युरिटी में पंहुच है |
रीमा - और नहीं तो क्या, तुम्हे क्या लगता है इन्होने मेरी इतनी खातिरदारी यू ही कर रखी है | अब तक इनके आदमी मुझे नोच कर खा गए होते |
गार्ड - लेकिन मेरा परिवार |
रीमा अब चिढ़ने लगी थी - तुम इतनी टेंशन क्यों ले रहे हो, अपने शहर में तुमारे रहने का बंदोबस्त भी कर दूँगी | मेरा घर बहुत बढ़ा है और मै अकेली रहती हूँ, वही रह लेना | सबको वही रख लूंगी | और तुमारी नौकरी भी अपने ऑफिस में लगवा दूँगी और तुम्हे रात में चोदने के लिए मेरी मखमली चूत भी दूँगी | खूब चोदना मुझको एक बार नहीं दो बार नहीं, पूरी रात चोदना जब तक मन करे| मेरा बहुत मन करता है चुदने को, मुझे चोद के मेरी सारी प्यास बुझाना |
गार्ड अभी भी हिचक रहा था | रीमा अब अपना धैर्य खोने लगी थी - कान खोल के सुन लो , ऐसे मौके जिंदगी में रोज रोज नहीं मिलते, बहुत किस्मत वाले हो जो न केवल मेरी चूत के दर्शन करने को मिले है बल्कि मैऊ तुमे चोदने का मौका दे रही हूँ | मेरी बात मान लो वरना सब कुछ सूर्यदेव को बता दूँगी | फिर मेरा तो कुछ नहीं होगा लेकिन सूर्यदेव तुमारे लंड और गर्दन दोनों तुमारे जिस्म से अलग कर देगा |
गार्ड इतना तो समझ गया था की रीमा कुछ भी कर सकती है, इसलिए उसकी किसी भी बात को हलके में लिया नहीं जा सकता | इधर गार्ड रीमा की बातो में ऐसा उलझा की उसे ध्यान ही नहीं रहा उसकी ड्यूटी बदलने का टाइम हो गया था | जैसे ही उसे दरवाजे पर किसी की आहट हुई उसने तेजी से रीमा के नंगे बदन पर चादर डाल दी और गेट की तरफ बढ़ गया | रीमा के वजह से एक महिला गार्ड को ड्यूटी पर भेजा गया था | जैसे ही वो गार्ड बाहर आया, महिला गार्ड ने अन्दर झांककर देखा | रीमा बेड पर लेटी थी और उसके ऊपर एक सफ़ेद चादर पड़ी थी लेकिन उसके नंगे बदन के स्तन की नुकीली उठान भी चद्दर के ऊपर से दिख रही थी |
महिला गार्ड ने घूर कर गार्ड को देखा | ऐसे अपनी तरफ देखते ही गार्ड रक्षात्मक मुद्रा में आ गया | वो सफाई पेश करने लगा | महिला उसे ऐसे घूर रही थी जैसे पूछना चाहती हो तुमने कुछ किया |
गार्ड ने सफाई दी - देखो ऐसा कुछ नहीं है मै सिर्फ अपनी ड्यूटी कर रहा था | बड़े लोग है नाजुक होते है, मैडम को गर्मी लग रही थी तो कपड़े उतार कर नंगी हो गयी | मै उनके लिए पंखा जरुर लेकर आया था और लगाया भी था लेकिन उसके अलावा मैंने मैडम की तरफ नजरें उठाकर भी नहीं देखा | पंखा लगाने के बाद मैडम सो गयी | मुझे पता है हमारा साहब कितना खतरनाक है चीर कर रख देगा अगर कुछ उल्टा सीधा किया मैंने | अभी ये तुम्हारी अमानत है तुम संभालो मैं चला |
जाने से पहले वो रीमा से कुछ बात करना चाहता था | इसलिए उसने महिला गार्ड को वही रुकने को कहकर अन्दर आ गया |
गार्ड - मैडम मुझे जाना होगा, मेरी ड्यूटी का टाइम ख़त्म हो गया | ये बहुत सख्त औरत है, तो आप जरा संभल कर रहना |
रीमा को भी पता था उसके सामने और कोई चारा नहीं था उसे पता था इसी गार्ड के सहारे ही वो अपनी आजादी का टिकट कटा सकती है | मुसीबत यह थी गार्ड जाने वाला था और उसकी जगह एक औरत आ गयी थी | उसको मना पाना बहुत मुश्किल था क्योंकि वह
बहुत ही सख्त थी ऐसा गार्ड ने अभी बताया उसे |
रीमा और गार्ड की आंखे मिली, रीमा ने चद्दर के अन्दर ही अपने उरोजों को मसल कर दिखाया | उसे पता था गार्ड अब उसके कब्जे में है लेकिन अगर गार्ड ड्यूटी पर होगा तभी तो वो उसका इस्तेमाल कर पायेगी |
रीमा एक मासूम बेचारी औरत की तरह बोली - तुम तो चले जावोगे और मेरा क्या होगा | मेरी चूत की खुजली कौन मिटाएगा |
गार्ड - मेरी ड्यूटी का टाइम ख़त्म हो गया है और ऊपर से मेरी हिम्मत नहीं है मैडम कहीं अगर कुछ गड़बड़ हो गई तो साहब तो मुझे चीर के रख देंगे |
रीमा - अगर तूने कुछ नहीं किया तो भी साहब तुझे मेरी शिकायत करने पर भी चीर कर रख देगें |
गार्ड - मैडम मुझसे एक बार गलती हो गयी अब दुबारा नहीं करूंगा |
रीमा बोली - तुम एक नंबर के फट्टू इंसान हो अरे जब एक औरत अपनी चूत को चोदने के लिए बोल रही है तुम्हारी गांड क्यों फट रही है कोई तरीका निकालो मेरी चूत में बहुत खुजली मची हुई है | तुमने मेरे चुताड़ो पर पिचकारी छोड़कर मेरी चुदास जगा दी है |
गार्ड को कुछ समझ नहीं आया, काफी देर तक वो वही बुत बनकर खड़ा रहा फिर थके कदमो से गेट की तरफ जाने लगा |
उसने बाहर जाकर अपना कार्ड और थैला उठाया और घर के लिए निकल गया |
रीमा के चेहरे पर मायूसी छा गयी | उसके आँखों के सामने अँधेरा छा गया | इस अँधेरे की दुनिया में वही उसके लिए एक रोशनी की किरण बनकर आया था लेकिन अब तो वो भी खत्म हो गयी | कल का पता नहीं वो आये या न आये | रीमा रुआंसी हो आई | उसका जोर जोर से रोने का मन करने लगा | निराशा और दुःख से भरे दिल को थाम कर उसने अपना सर भी चद्दर के अन्दर घुसेड लिया |
इधर अनिल और सिक्युरिटी रीमा की लोकेशन पता लगाने के लिए ट्रांसमीटर के सिग्नल का बेसब्री से इन्तजार कर रहे थे | उनकी उम्मीद की वही आखिरी किरण थी | सभी इसी आस में थे की अभी तक रीमा के पैरो में सैंडल हो | हालाँकि सिक्युरिटी हाथ पाँव मार रही थी लेकिन उसे ज्यादा कुछ मिल नहीं पाया | उसने सारा का सारा जंगल छान मारा | तस्करी और ड्रग्स का धंधा करने वाले का हुजूम ठाणे में इकठ्ठा कर दिया लेकिन रीमा का कोई क्लू अभी तक नहीं मिला था | अनिल और सिक्युरिटी का यही आखिरी सहारा था | अगर नीयत समय पर सिग्नल नहीं आता है तो रोहित पहले ही बोल चूका था की गुमसुदगी का विडिओ टीवी चैंनल पर चलवा दे और ढूढ़ने का इनाम भी घोषित कर दे | अभी तक बात सिर्फ पोलिस , अनिल , रोहित और रोहिणी तक ही थी लेकिन अगर जल्द रीमा का पता न चला तो अन्नौसमेंट टीवी पर भी कर दिया जायेगा | फिर तो सबको पता लग जायेगा , प्रियम , जग्गू का बाप, राजू सबको |
इधर गार्ड तेजी से अपने घर की तरफ जाने को निकला लेकिन उसके दिम्माग पर रीमा की गुलाबी चूत और बड़े बड़े तने हुए उरोज ही छाए हुए थे | वो अपने दिम्माग के घोड़े तेजी से दौड़ा रहा था, उसे रीमा से सहनुभूति हो गयी थी, वो रीमा को आजाद कराना चाहता था और उसकी गुबली चूत का रस चखना चाहता था | वो उस बंद फाक्ट्री के गेट तक पंहुचने वाला ही था की उसके दिमाग में एक आईडिया आया |
उसकी आंखों में एक चमक सी गई, उसके कदम ठिठक गए | वो घुमा और तेजी से भागता हुआ गोदाम की तरफ चल दिया जहाँ रीमा कैद थी | उसके बुझे मन में एक नयी तरंग दौड़ गयी | वो जल्दी से हांफता हुआ गोदाम के गेट के पास गया | महिला गार्ड वही बैठी थी |
उसने हैरानी से उसको देखा - क्या हुआ | इतना हांफ क्यों रहा है |
गार्ड - मेरा मोबाईल तो यहाँ नहीं रह गया |
महिला गार्ड उसको घूरते हुए - ठीक है देखती हूँ |
गार्ड - थोडा जल्दी देखो | गार्ड घडी की तरफ देखता हुआ |
महिला - ऐसी भी क्या आफत आ गयी है, ठीक से साँस तो ले ले |
गार्ड - तू औरत है नहीं समझेगी, मेरी जान का फ़ोन आने वाला है | मेरी ड्यूटी ख़त्म करते ही मुझे फ़ोन करती है |
महिला - हाँ हाँ पता है इश्क का बुखार सबको चढ़ता है इसमें क्या नया है |
गार्ड - अरे तुझे नहीं पता, दो बार में अगर काल नहीं पिक की तो दो दिन लग जाते है मानने में | तू नहीं समझेगी |
कुछ देर ढूढ़ने के बाद महिला बोली यहाँ नहीं है |
गार्ड अपनी उफनती सांसो को संभलता हुआ - ठीक है मै अन्दर देखकर आता हूँ, कही मैडम के आस पास तो नहीं भूल गया |
महिला गार्ड ने उसको अन्दर जाने का इशारा करते हुए ..................जैसे कहना चाह रही हो जा जाकर देख आ |
रीमा सर से लेकर पाँव तक चद्दर ढके हुए लेती हुई थी | गार्ड रीमा की चारपाई के नजदीक आया और धीरे से बोला - मैडम पीछे जो बाथरूम है जहाँ आप गयी थी निपटने के लिए उसमें जाने के लिए दो रास्ते हैं एक दरवाजा है जो इधर से जाता है एक दरवाजा जो पीछे से खुलता है मैं यहां से बाहर जाता हूं पीछे वाले दरवाजे को उस तरफ से खोल देता हूँ अगर आप चाहे तो | इससे ज्यादा मै कुछ नहीं कर सकता |
रीमा की आंखों में चमक आ गई थी रीमा को लगा यही एक मौका है जब वहां से भाग सकती है |
रीमा चद्दर के अन्दर से - मुझे कैसे पता चलेगा तुमने दरवाजा खोल दिया है |
गार्ड - मुझे यहाँ से निकल कर घूमकर जाना होगा, फिर एक मजिल चढ़ना है, आप पांच मिनट बाद बाथरूम में आ जाना | वही आपको सब समझा दूंगा |
रीमा समझ गयी, उसके निराश मन में आशा की किरण फिर से जाग गयी |
गार्ड ने अपने झोले से मोबाईल निकाला, हाथ में थामा और गेट की तरफ चल दिया |
महिला ने गार्ड की तरफ देखा | गार्ड बोला - पंखा लगाते वक्त मैडम की चारपाई के नीचे चला गया था |
महिला गार्ड को उसके इरादों की भनक तक नहीं थी | गार्ड ने महिला को मोबाईल दिखाया और फिर कान में लगाते हुए सीढियां उतरते चला गया |
ये पूरा का पूरा एक पुराणी मिल का कंपाउंड था, यहाँ लोहे के कबाड़ के बीच चारो तरफ ऊँची खरपतवार जैम चुकी थी | हालाँकि सड़को की सफाई होती रहती थी लेकिन बाकि का पूरा का पूरा जंगल ही था | गार्ड तेजी से छिपते छिपाते पीछे की तरफ गया | उसे ऊपर चढ़ने में कोई दिक्कत नहीं हुई क्योंकि वो और उसका एक साथी यहाँ कभी कभी गांजा मारने आते थे | वो आइस्ते से बाथरूम वाले दरवाजे के पास आया और बाहर से बंद उसकी कुण्डी खोल दी |
इधर रीमा उठकर के दरवाजे के पास तक आई उसने वही चद्दर सफेद चादर लपेट रखी थी | उसने दरवाजे को नॉक किया | महिला ने दरवाजे में बनी शीशे की विंडो खोली |
रीमा अलसाती हुई - मैं जरा बाथरूम में फ्रेश होने जा रही हूं नींद के बाद में शरीर में बहुत अकडन हो रही है |
महिला गार्लड ने चाभी निकली - और अन्दर जाकर के चाभी से बाथरूम का दरवाजा खोल दिया |
इधर रीमा ने अपने बदन पर लिपटी सफ़ेद बेड की चादर फेंक दी और अपनी शर्ट और स्कर्ट को हाथ में थाम कर नंगे बदन ही मदमस्त चलती हुई अपने चूतड़ हिलाती हुई कमर मटकाती हुई बाथरूम में घुस गई |
उधर उसे यकीन नहीं हुआ कि जैसे ही रीमा बाथरूमम में घुसी कुछ देर बात आइस्ते से पीछे का दरवाजा खोलकर गार्ड अन्दर आ गया |
रीमा ने गार्ड को देखा और गार्ड ने रीमा के नंगे बदन को | रमा का नंगा बदन देखते ही गार्ड की पेंट में हरकत हुई और रीमा की तेज नजरो से ये बाख नहीं पायी |
गार्ड ने हिम्मत करके पीछे से दरवाजा तो खोल दिया था लेकिन अभी भी उसकी बहुत ज्यादा फट रही थी |
गार्ड - मैडम बहुत खतरा है बाहर, आप का तो कुछ नहीं होगा लेकिन मै कुत्ते की मौत मारा जाऊंगा |
रीमा - तू डरता बहुत है, अँधेरे में निकलेगे अभी बाहर हल्की रौशनी है | अँधेरा होने दे तब तक इन्तजार करते है |
गार्ड - मैडम यहां से बाहर निकालने का मतलब मौत है | किसी ने भी देख लिया या पकड़ लिया तो आपका तो पता नहीं लेकिन मुझे जिन्दा ही भूखे कुत्तो के सामने डाल दिया जायेगा |
रीमा - यहाँ कुत्ते भी है क्या ?
गार्ड - हाँ मैडम रात होते ही पुरे कंपाउंड में कुत्ते छोड़ दिए जाते है |
रीमा - मेरी चूत चोदने को मिलेगी, थोडा रिस्क लेना तो बनता है |
गार्ड रीमा के चूत त्रिकोण की तरफ देखने लगा | रीमा की चूत ने गार्ड की बुद्धि को भी उसके लंड की तरह बना दिया था | गार्ड सब कुछ अब रीमा की चूत के बारे में ही सोच रहा था | उसके दिमाग में रीमा की चूत चूत और चूत ......................सिर्फ इसके अलावा कुछ और सोच ही नहीं पा रहा था |
गार्ड - ठीक है मैडम आपके लिए मै ये खतरा मोल लूँगा | मैडम यहां के सारे रास्ते मुझे पता है लेकिन आप इस तरह से नंगे कैसे जावोगे | उसके लिए आपको कपड़े पहनने पड़ेगे | मै आपके लिए कपड़े लेकर आता हूँ |
रीमा - कपड़े की चिंता मत करो, मै स्कर्ट और शर्ट ले आई हूँ |
गार्ड - फिर भी मै देखकर आता ही बाकि चौकीदार कहाँ कहाँ खड़े है |
गार्ड बहुत ही ज्यादा डरा हुआ था उसक चेहरे की हवाइयां बता रही थी की वो कितनी दहसत से भरा हुआ है | लेकिन कमर के नीचे पेंट में कुछ और ही नजारा झलक रहा था | रीमा की नजर बार बार उसकी पेंट पर पड़ रही थी, उसकी पेंट का तनाव अब साफ़ झलक रहा था | इससे पहले गार्ड बाहर की तरफ जाता, रीमा को लगा कही ये डर से अपना मन न बदल दे |
रीमा थोडा सा झुकी और गार्ड के पेंट के ज़िप खोल दी | उसे ज्यादा समय नहीं लगा उसके तने लंड को बाहर निकलने में |
गार्ड हैरान रह गया | रीमा के हाथो का कोमल स्पर्श ...................गार्ड के लंड में लगातार खून का दौरान बढ़ता जा रहा था | गार्ड हैरान था , औरते ऐसी भी होती है जो आदमी का लंड उसकी पेंट से खीचकर बाहर निकाल ले, उसने तो सपने में भी नहीं सोचा था | कितनी बेशरम होती है ये बड़े घर की औरते, हमारे यहाँ तो जबदस्ती पकड़ाने पर भी हाथ न लगाएगी | लगता है मैडम काफी खेली खाई लगती है , वर्ना इतनी जल्दी कोई कैसे किसी अनजान मर्द का लंड पकड़ता है |
डर, आश्चर्य और उत्तेजना के भंवर में झूलता गार्ड बस रीमा की तरफ देखने लगा | रीमा के हाथ में उसके लंड की गर्मी अहसास होने लगा |
गार्ड की जाल में भी फंसाए रखना था और उसकी हिम्मत भी बढ़ानी थी ताकि रीमा यहं से निकल सके |
रीमा ने गार्ड के लंड को सहलाना शुरू कर दिया |
रीमा - कैसा लग रहा है |
गार्ड - मैडम क्या बताऊ |
रीमा - डर लग रहा है |
गार्ड - हाँ बहुत |
रीमा - देखो डर के आगे ही जीत है | या तो तुम मुझे यहाँ से एक धाकड़ मर्द की तरह बचाकर ले जाते हो और फिर सच्चे मर्द की तरह मुझे जमकर चोदते हो या फिर अपने बॉस की लटकती गोटियो में लटक कर अपनी फटी हुई गांड को पकड़ कर बैठे रहो |
गार्ड को कुछ समझ नहीं आया - वो वासना में तैरना शुरू कर चूका था लेकिन रीमा की बात पर उसका दिमाग एक सवाल कर उठा |
गार्ड - मैडम अभी आप मुझे नहीं चोदने दोगे क्या ?
रीमा को लगा इससे ज्यादा झूठ बोलने का फायदा नहीं लेकिन सच बोलने से बात बिगड़ सकती है | रीमा ने दिमाग पर जोर डाला |
रीमा - तुम्हे पता छतरी किसे कहते है |
गार्ड - हाँ वही जो पानी से भीगने से बचाती है |
रीमा - हाँ वही, है तुमारे पास |
गार्ड - अभी तो नहीं है लेकिन अभी छतरी क्यों चाहिए आपको |
रीमा - क्योंकि मेरी चूत को पानी से बहुत एलर्जी है लंड के पानी से तो बहुत ही ज्यादा | घर पर मै उस एलर्जी की गोली अपने साथ रखती हूँ, ताकि लंड का पानी की एलर्जी से बाख सकू | लेकिन यहाँ मेरे पास वो गोली नहीं है, तो दूसरा तरीका छतरी है | अगर तुमारे पास छतरी हो तो वो सारा पानी रोक लेगी और मेरी चूत तुमारे लंड के पानी से नहीं भीगेगी | तुम्हे तो पता ही होगा, जब कोई चूत लंड के पानी से भीग जाती है तो पेट फूल जाता है |
रीमा का गार्ड के लंड को तेजी से मसलने लगा था, गार्ड की उत्तेजना का तापमान बढ़ने लगा |
गार्ड ने अपना माथा पीठ लिया - क्या मैडम इतना घुमाने की क्या जरुरत थी | सीधे सीधे कंडोम बोल देती |
रीमा खिलखिला पड़ी - शायद तुमने ये खेल ज्यादा खेला नहीं है, इसमें जितना घुमाने फिराने में मजा है उतना सीधे सीधे खेलने में कहाँ है | बिना छतरी तो मै तुम्हें चूत चोदने को नहीं दूँगी | मुझे पता नहीं तुमारे पास छतरी नहीं है |
गार्ड मायूस हो गया - फिर इसका क्या होगा |
रीमा ने गार्ड की मायूसी देख ली - देखो बिना छतरी मै तुम्हे अपनी चूत चोदने तो नहीं दूँगी लेकिन मेरे पास बहुत से तरीके है तुमारे लंड की शांत करने के | इससे पहले गार्ड कुछ बोलता, रीमा के ओंठो की गुलाबी जकड़न ने गार्ड ने लंड के फूले सुपाडे के इर्द गिर्द अपना घेरा बनाना शुरू कर दिया |
गार्ड हैरान था उसका लंड रीमा अपने मुहँ में लेने जा रही थी |
गार्ड - मैडम हमारे यहाँ तो औरते हाथ तक नहीं लगाती, आप मुहँ में लेने जा रही हो |
रीमा - कभी लंड चुसवाया है.........| उसके सुपाडे पर अपने ओंठो की छाप छोड़ती हुई |
गार्ड - नहीं |
रीमा - पता है लंड कैसे चूसा जाता है और चुसवाया जाता है |
गार्ड रीमा के कोमल ओंठो का अपने सुपाडे पर स्पर्श पाकर आहे भरता हुआ - मतलब अह्ह्ह्हह्ह |
रीमा ने उसके लंड को हाथ से कसकर मसल दिया - लंड को मुहँ में लेने का मजा सिर्फ चूसने वाले ही नहीं चुसवाने वाले की काबिलियत पर निर्भर करता है | जो मुहँ में लंड ठेल रहा है उसको भी पता होना चाहिए कब क्या करना है |
गार्ड - मैडम ये सब उजुल जुलूल चीजे हम गरीबो को कहाँ से पता | यहाँ तो बस इतना पता है ये लंड है इसे चूत में घुसेड़कर चूत को चोदना होता है |
रीमा - चूत के दर्शन तो तुम्हे तभी होंगे जब तुम मर्द की तरह मुझे सब मुसीबतों से बचाकर यहाँ से बाहर निकाल कर ले जावोगे | मेरी मखमली गुलाबी चूत चाहिए तो मै भी तो देखना चाहती हूं जो आदमी को मैं अपनी चूत चोदने को दे रही है
उसके अंदर का लंड मर्द का है या नहीं अब तुम सोच लो मेरी जैसी चूत मार रहे हो जो अच्छे अच्छों को नसीब नहीं होती है तो कम से कम कुछ तो दम दिखाओ और तुम्हारी गांड में दम नहीं होगा, फिर क्या फायदा |
रीमा ने गार्ड के लंड पर अपनी गीली जीभ फिराई | गार्ड के मुहँ से सिसकरी छुट गयी |
रीमा - सोच लो बार बार मेरी चूत चोदने को मिलेगी, एक बार नहीं |
गार्ड - मैडम आपकी चूत के लिए कुछ भी करूंगा | बस आप मुझे अपनी जन्नत की सुरंग की सैर करा दो |
रीमा की लार से सनी गुनगुनी जीभ गार्ड के फूले हुए टमाटर की तरह लाल हो चुके सुपाडे के चारो तरफ नाच रही थी बीच बीच में मुहँ खोलकर रीमा अपनी लम्बी जीभ लंड पर फिराती हुई नीचे की तरह ले जाती और फिर शरारतपूर्ण तरीके से वापस मुहँ में ले आती |
रीमा गार्केड लंड के सुपाडे पर जीभ फिर रही थी | सुपाडे को जीभ से चाट रही थी जैसे कोई लोलीपोप चूसता है |
उसके बाद रीमा ने उसके सुपाडे को कसकर ओठो से जकड लिया | ओठ बंद करके सुपाडा चूसने लगती, जैसे बच्चे टॉफी चूसते है , और धीरे धीरे अपना सर हिलाने लगी ,गार्ड कामुक लम्बी कराहे भर रहा था | रीमा ने अब गार्ड का लंड अपने मुहँ में ले लिया था उसकी उत्तेजना भी बढ़ने लगी थी वो रीमा की जीभ और ओंठो के जादुई स्पर्श से पगलाया सा था | उसे समझ में नहीं आ रहा था की उसके साथ क्या हो रहा है रीमा तेजी से उसके लंड के चारो ओर अपनी ओंठो को फिसलाने लगी थी |
गार्ड उत्तेजना में सिसकारियां भरने लगा - आःह्ह मैडम आःह मैडम, आपके तो ओंठो में जादू है इतना सुख तो मुझे चूत चोदने पर भी नहीं मिला था |
रीमा ने रूककर - तुम्हे मजा आ रहा है |
गार्ड - बहुत |
रीमा - और जोर से चुसू |
गार्ड - हाँ मैडम और जोर से कसकर चुसो, चूस चूस कर निचोड़ दो मेरे लंड को |
रीमा ने अपने ओंठो को कसकर गार्ड के लंड पर चिपका दिया | तेजी से आगे पीछे सर हिलाने लगी |
गार्ड - मैडम रीमा मैडम आअहाआअहाआह्ह अब तो मैडम आपको बाहर लेकर ही जाऊंगा भले ही मेरी जान चली जाए | आप ओंठ इतने मस्त है तो आपकी चूत कितनी मस्त होगी |
रीमा बस सख्ती से उसके लंड को अपने ओंठो की गिरफ्त में लिए आगे पीछे सर हिला रही थी | उसके मुहँ से निकलने वाली लार उसके ठोड़ी और स्तनों पर जाकर गीत रही थी | उसकी आँखों में लालिमा आने लगी थी | अब तो गार्ड में उत्तेजना में अपनी कमर हिलाने लगा था |
गार्ड ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कभी ऐसा कुछ उसके साथ होगा | एक रीमा नाम की मदमस्त हसीं औरत अपने गुलाबी ओंठो से उसके ल;लंड को चूसेगी | उसने कई बार दोस्तों के सतह ब्लू फिल्मो में ये सब देखा था | वहां ल;लडकियों को चोदने से पहले सभी अपना लंड चुसवाते है | वो उत्तेजना के भंवर में आनंद के गोते लगा रहा था | रीमा ने लंड चुद चूस कर उसको मदहोश कर दिया | रीमा के हाथ की सख्त जकड़न और और होठों की कसी हुई जकड़न , दोनों में उसके लंड की जोरदार मालिश हो रही थी | रीमा के जिस्म की मादक खुशबू ने उसे मदहोश कर रखा था और उसकी उत्तेजना बेकाबू हो रही थी वह खुद अपने बस में नहीं था बस में तेजी से बहता
हुआ वासना के चरण की तरह बढ़ता जा रहा था | उसने उत्तेजना में खुद की कमर हिलानी शुरू कर दी | वो रीमा को चोदने के ख्याल से अपनी कमर हिलाने लगा, उसे होश ही नहीं था की उसका लंड रीमा की चूत में नहीं उसके मुहँ में है | उसने रीमा के सर को पकड़कर तेजी से धक्के मारने शुरू कर दिए | रीमा को मुहँ में चोट लगने लगी | रीमा ने गार्ड को रोकने को कोशिश की लेकिन गार्ड बेकाबू हो चूका था | उसने रीमा के बालो को कसकर भींच लिया और जोरदार ठोकरे मारने लगा | रीमा ने कसकर जोर लगाया और खुद को पीछे ठेल लिया | उसकी आंखे लाल हो गयी थी और वो तेजी से खासने लगी | गार्ड ने बेतहाशा उसके मुहँ में धक्के मार दिए जिसके लिए वो बिलकुल भी तैयार नहीं थी | रीमा खड़ी हुई और उसने गार्ड को एक करारा थप्पड़ रसीद कर दिया |
गार्ड और रीमा दोनों सन्नाटे में आ गए | रीमा भी आवेश में थी, उसे भी कुछ होश न रहा, और गार्ड का तो जैसे पांच बोतल का नशा उतर गया हो |