30-09-2019, 08:39 AM
ननदें
मेरी जेठानी भी मेरे पास आकर बैठ गयीं थी , उनकी बात में बात जोड़ते बोलीं ,
" सही कह रही हैं आप इस घर का वह रिवाज अभी तक चल रहा है , ननद की नथ उतराई ननद के भैया ,
और ननद के भइया की भी प्रैक्टिस, ट्रेनिंग हो जाती है। "
मेरी एक दो ननदें , गीता और मीता वहां खड़ी थीं , उन्हें सुना कर छेड़ते वो बोलीं।
तबतक जेठानी जी को कुछ याद आया , गुड्डो से पूछा उन्होंने
" अरे तेरे साथ गुड्डी भी तो गयी थी , अपनी भाभी को लाने वो कहाँ रह गयी , "
गुड्डो कुछ बोलती उसके पहले मेरे मुंह से निकल गया ,
" इस घर का रिवाज निभा रही है "
और फिर तो इतनी जोर का ठहाका लगा की , मेरी सास , बुआ सास , जेठानी सभी ,... और ननदें शर्मायी , खिसियाई ,... गुड्डो भी खड़ी अपनी मुस्कान दबा रही थी ,
मेरी सास तारीफ़ भरी निगाह से मुझे देख रही थीं ,
मेरी बात गुड्डो ने पूरी की , ...
" वो ,... गुड्डी बोली की ,... तुम लोग जाओ , मैं थोड़ी देर भैया के साथ ,... "
" भैया के साथ क्या ,... कबड्डी खेल के आ रही हूँ , कल मैं कह रही थी न की देखने में बच्ची लगती है , लेकिन माल पूरा तैयार है। "
तबतक मेरी एक जेठानी , गाँव की , गाली देने में नंदों को चिढ़ाने में दुलारी की टक्कर की , ...
वो आ कर बैठ गयीं थी , उन्होंने बात पूरी की।
मेरी जेठानी क्यों मौका छोड़तीं , उन्होंने भी जोड़ा ,
" और क्या वो बेचारी सोच रही होगी , भाभी ने भइया को डिनर तो करा दिया तो कम से कम बेड टी तो मैं पिला दूँ , "
लेकिन तब तक मिलने जुलने वाले , दिन का काम ,... और सासु जी ने गुड्डो को बोला की वो मुझे कमरे में ले जाय ,
अब तो मैं वो कमरा अच्छी तरह पहचान गयी ,थी दो दिन से तो यहीं , और दिन भर छेड़छाड़ , मजाक एक से एक खुले , ...
और आज तो कल के रात के बाद मैं भी अच्छी तरह खुल गयी थी
लेकिन आज माहौल थोड़ा अफरातफरी का था ,
कई मेहमान जा रहे थे ,
मेरी गोंडा वाली और बहराइच वाली ननदों की ट्रेन एक घंटे बाद थी ,
दो तीन लोगों को थोड़ी देर बाद बस पकड़नी थी ,
कुछ लोग बाथरूम की तैयारी में लाइन लगाए थे ,
कुछ लड़कियां तैयार हो रही थी ,
और एक मेरी छोटी ननद आलमोस्ट गुड्डी की उम्र की , मचल गयी ,
" कपड़ें कहाँ बदलूँ , बाथरूम में तो लाइन लगी है "
उसकी मम्मी मेरी ओर देख कर मुस्करा कर बोली ,
" किससे शरमा रही हो अपनी नयकी भाभी से , अरे वो तो पहले दिन से ही तेरे भइया के सामने कपडे उतार के ,... चल बदल ले , ले ये तौलिया पहन ले "
और उसने शर्माते लजाते,... मेरा तो मन कर रहा था की उसका तौलिया खींच लूँ ,
लेकिन वो खुद आयी मेरे पास , ब्रा उसकी ठीक से बंद नहीं हो रही थी।
" क्यों लगता है अपने भइया लोगों से शादी में दबवा मिजवा के ज्यादा गदरा गया है , "
मैंने हुक लगाने के बदले जो लगे हुए हुक थे वो भी खोल दिए और ब्रा का नंबर देखा ,
३० नंबर ,
वही गुड्डी वाला ,...
और ऐडजस्ट करने के बहाने उसके नए आ रहे कच्चे टिकोरे हलके से सहला भी दिए ,...
" भाभी ,... " पहले तो वो जोर से बिचकी फिर बोली , ...
" भइया तो रोज आपका , ... आपका बढ़ा की नहीं ,... :
एकदम पक्की ननद।
मैंने ब्रा टॉप सब ठीक की लेकिन दुपट्टा उसका गले से चिपका दिया , और समझा भी दिया ,
" अरे यार जोबन आएगा तो दिखाना ललचाना भी चाहिए , रास्ते में कितने लड़के देखंगे , इतना मस्त जोबन आ रहा है ,.. "
वो निबटी तो और लड़कियां मेरे पास , किसी का ड्रेस ठीक करना था , किसी के बाल , किसी की चोटी नहीं बंध रही थी , सब की सब ,...
और फिर चलते चलाते , फेसबुक पेज का लिंक सबका , व्हाट्सऐप का नंबर , दो चार के तो इंस्टाग्राम अकाउंट भी थे ,
सब को मैंने भी दिए ,
आधे पौन घण्टे बाद सबके जाने के बाद तूफ़ान खतम हुआ ,
तब तक मेरी बाकी जेठानियाँ , मंझली ननद , मिली, गीता और बाकी लोग आ गए।
मंझली ननद को कल सुबह जाना था , बाकी लोगों की ट्रेन शाम को को थी।
गाँव से जो मेरी जेठानी, दुलारी और बाकी लोग आये थे वो लोग भी शाम को जाने वाले थे।
लेकिन तब तक दूसरा तूफ़ान आ गया ,
और कौन मेरे ननदोई , वही जिन्होने सुबह सुबह मिली , अपनी छोटी साली और मेरी छुटकी ननदिया ,
बीए पार्ट वन वाली , का नाश्ता कर लिया था।
लेकिन तूफ़ान उनकी सलहजों ने मचाया ,
नन्दोई जी ने पाजामा उलटा पहना था। सबसे ज्यादा मेरी गाँव वाली जेठानी ,
" अरे नन्दोई जी , मंझली ननद तो हम लोगों के साथ सोयीं थी , किस ननद के साथ पाजामा उतारा था , जो पाजामा उलट गया , "
मेरी जेठानी भी मेरे पास आकर बैठ गयीं थी , उनकी बात में बात जोड़ते बोलीं ,
" सही कह रही हैं आप इस घर का वह रिवाज अभी तक चल रहा है , ननद की नथ उतराई ननद के भैया ,
और ननद के भइया की भी प्रैक्टिस, ट्रेनिंग हो जाती है। "
मेरी एक दो ननदें , गीता और मीता वहां खड़ी थीं , उन्हें सुना कर छेड़ते वो बोलीं।
तबतक जेठानी जी को कुछ याद आया , गुड्डो से पूछा उन्होंने
" अरे तेरे साथ गुड्डी भी तो गयी थी , अपनी भाभी को लाने वो कहाँ रह गयी , "
गुड्डो कुछ बोलती उसके पहले मेरे मुंह से निकल गया ,
" इस घर का रिवाज निभा रही है "
और फिर तो इतनी जोर का ठहाका लगा की , मेरी सास , बुआ सास , जेठानी सभी ,... और ननदें शर्मायी , खिसियाई ,... गुड्डो भी खड़ी अपनी मुस्कान दबा रही थी ,
मेरी सास तारीफ़ भरी निगाह से मुझे देख रही थीं ,
मेरी बात गुड्डो ने पूरी की , ...
" वो ,... गुड्डी बोली की ,... तुम लोग जाओ , मैं थोड़ी देर भैया के साथ ,... "
" भैया के साथ क्या ,... कबड्डी खेल के आ रही हूँ , कल मैं कह रही थी न की देखने में बच्ची लगती है , लेकिन माल पूरा तैयार है। "
तबतक मेरी एक जेठानी , गाँव की , गाली देने में नंदों को चिढ़ाने में दुलारी की टक्कर की , ...
वो आ कर बैठ गयीं थी , उन्होंने बात पूरी की।
मेरी जेठानी क्यों मौका छोड़तीं , उन्होंने भी जोड़ा ,
" और क्या वो बेचारी सोच रही होगी , भाभी ने भइया को डिनर तो करा दिया तो कम से कम बेड टी तो मैं पिला दूँ , "
लेकिन तब तक मिलने जुलने वाले , दिन का काम ,... और सासु जी ने गुड्डो को बोला की वो मुझे कमरे में ले जाय ,
अब तो मैं वो कमरा अच्छी तरह पहचान गयी ,थी दो दिन से तो यहीं , और दिन भर छेड़छाड़ , मजाक एक से एक खुले , ...
और आज तो कल के रात के बाद मैं भी अच्छी तरह खुल गयी थी
लेकिन आज माहौल थोड़ा अफरातफरी का था ,
कई मेहमान जा रहे थे ,
मेरी गोंडा वाली और बहराइच वाली ननदों की ट्रेन एक घंटे बाद थी ,
दो तीन लोगों को थोड़ी देर बाद बस पकड़नी थी ,
कुछ लोग बाथरूम की तैयारी में लाइन लगाए थे ,
कुछ लड़कियां तैयार हो रही थी ,
और एक मेरी छोटी ननद आलमोस्ट गुड्डी की उम्र की , मचल गयी ,
" कपड़ें कहाँ बदलूँ , बाथरूम में तो लाइन लगी है "
उसकी मम्मी मेरी ओर देख कर मुस्करा कर बोली ,
" किससे शरमा रही हो अपनी नयकी भाभी से , अरे वो तो पहले दिन से ही तेरे भइया के सामने कपडे उतार के ,... चल बदल ले , ले ये तौलिया पहन ले "
और उसने शर्माते लजाते,... मेरा तो मन कर रहा था की उसका तौलिया खींच लूँ ,
लेकिन वो खुद आयी मेरे पास , ब्रा उसकी ठीक से बंद नहीं हो रही थी।
" क्यों लगता है अपने भइया लोगों से शादी में दबवा मिजवा के ज्यादा गदरा गया है , "
मैंने हुक लगाने के बदले जो लगे हुए हुक थे वो भी खोल दिए और ब्रा का नंबर देखा ,
३० नंबर ,
वही गुड्डी वाला ,...
और ऐडजस्ट करने के बहाने उसके नए आ रहे कच्चे टिकोरे हलके से सहला भी दिए ,...
" भाभी ,... " पहले तो वो जोर से बिचकी फिर बोली , ...
" भइया तो रोज आपका , ... आपका बढ़ा की नहीं ,... :
एकदम पक्की ननद।
मैंने ब्रा टॉप सब ठीक की लेकिन दुपट्टा उसका गले से चिपका दिया , और समझा भी दिया ,
" अरे यार जोबन आएगा तो दिखाना ललचाना भी चाहिए , रास्ते में कितने लड़के देखंगे , इतना मस्त जोबन आ रहा है ,.. "
वो निबटी तो और लड़कियां मेरे पास , किसी का ड्रेस ठीक करना था , किसी के बाल , किसी की चोटी नहीं बंध रही थी , सब की सब ,...
और फिर चलते चलाते , फेसबुक पेज का लिंक सबका , व्हाट्सऐप का नंबर , दो चार के तो इंस्टाग्राम अकाउंट भी थे ,
सब को मैंने भी दिए ,
आधे पौन घण्टे बाद सबके जाने के बाद तूफ़ान खतम हुआ ,
तब तक मेरी बाकी जेठानियाँ , मंझली ननद , मिली, गीता और बाकी लोग आ गए।
मंझली ननद को कल सुबह जाना था , बाकी लोगों की ट्रेन शाम को को थी।
गाँव से जो मेरी जेठानी, दुलारी और बाकी लोग आये थे वो लोग भी शाम को जाने वाले थे।
लेकिन तब तक दूसरा तूफ़ान आ गया ,
और कौन मेरे ननदोई , वही जिन्होने सुबह सुबह मिली , अपनी छोटी साली और मेरी छुटकी ननदिया ,
बीए पार्ट वन वाली , का नाश्ता कर लिया था।
लेकिन तूफ़ान उनकी सलहजों ने मचाया ,
नन्दोई जी ने पाजामा उलटा पहना था। सबसे ज्यादा मेरी गाँव वाली जेठानी ,
" अरे नन्दोई जी , मंझली ननद तो हम लोगों के साथ सोयीं थी , किस ननद के साथ पाजामा उतारा था , जो पाजामा उलट गया , "