14-01-2019, 03:57 PM
(This post was last modified: 29-11-2023, 05:25 PM by badmaster122. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
सरोज - क्या कर रहे थे शमशेर अंकल?
मै - दोपहर को शमशेर अपने कमरे में बैठा फोटो में तुम्हारी नवेल देख मुठ मार रहा था।
मै धीरे-धीरे बहु के पास आ गया और उसके काँधे पे हाथ रख उसे समझाने लगा। देखो बहु ये सभी आदमीयों के लिए नार्मल है। मास्टरबैट केवल सेक्सुअल सटिस्फैक्शन के लिए होता है
सभी पुरुष करते है, क्या तुमने कभी नहीं देखा? कभी अपने मायका में? तुम्हारे भाई, चाचा या और किस्सी ने? तुम अपने घर में कभी भाई या पापा के बैडरूम में गई? कभी देखा बेडशीट पे कूछ गिला या दाग कुछ भी।
सरोज - हाँ घर में कई बार कुछ अजीब सी चीज़ें होती थी लेकिन मुझे ये सब कभी समझ में नही आया।
सरोज की बात सुनकर मेरे लंड में थोड़ी सी हलचल हुई और मैंने उससे और डिटेल में बताने को कहा।
मै - बहु।। क्या थी वो अजीब सी चीज़ें बताओ मुझे।
सरोज - वो शादी से कुछ दिन पहले के बात है, मेरी मम्मी और मेरा भाई गाँव में एक शादी के लिए गई थी। और घर में मैं और पापा अकेले थे।।
मै - फिर क्या हुआ।।?
सरोज - मैंने जब एक सुबह पापा का रूम साफ़ कर रही थी तो मुझे उनके पिलो के नीचे मेरी पैन्टी मिली। मैंने सोचा शायद मम्मी ने गलती से मेरी पेंटी रख दी हो। लेकिन फिर मुझे याद आया की ये पैन्टी १ दिन पहले की मेरी यूज की हुई पैन्टी है और मैं बाथरूम में इसे धुले बगैर छोड़ दिया था फिर यहाँ कैसे पहुची।।? और मम्मी तो गाँव में हैं तो क्या पापा मम्मी की पेंटी समझ कर मेरी पेंटी अपने कमरे में ले आये?
मै - उसके बाद?
सरोज - फिर मुझे कुछ समझ में नहीं आया, दूसरे दिन भी मेरी पेंटी पापा के पिलो के नीचे पड़ी थी और उसमे कुछ गिला गिला सा लगा था।।
सरोज - तो क्या मेरे पापा।।।।
मै - हाँ इसका मतलब तुम्हारे पापा तुम्हारी पैन्टी रात में लाते थे और तुम्हारी यूज की हुई पैन्टी का स्मेल लेते थे। और फिर तुम्हे उस पेंटी में इमेजिन कर मुट्ठ मारते थे। और फिर मुट्ठ तुम्हारी पेंटी में ही गिरा दिया करते थे।
सरोज - नहीं मैं नहीं मानती मेरे पापा मेरे बारे में सोच कर।। ये सब?
मै - हाँ बहु, इसमे गलत नहीं है ये तो हर पुरुष का नेचर है वो तो बस तुम्हारी बड़ी-बड़ी चूचि और फुली हुई बुर के बारे में इमेजिन कर अपने आप को सेक्सुअली सटिसफाइ करते होगे
मै- क्या तुमने कभी उनका खड़ा लंड देखा था?
सरोज - हाँ देखा था।
मै - कब?
सरोज - वो एक बार बाथरूम में मैंने उन्हें देखा था, वो अपनी अंडरवियर उतार अपना लंड हाथ में लिए खड़े थे सामने एक बड़ा सा मिरर था जिसके रेफ्लेक्शन में मैंने उनका बड़ा सा लंड साफ़ साफ़ देखा। वो अपने लंड के स्किन को नीचे किये हुये थे मैंने देखा तो मेरी धड़कन तेज़ हो गई और मैं भाग कर किचन में आ गई।
(बहु बिना शर्म अपने मुह से अपने पापा के लंड के बारे में बोल रही थी। मेरी रंडी बहु के मुह से ये सब सुन कर मेरा लंड खड़ा हो गया और मैंने अपना लोअर नीचे कर ब्लैंकेट के अंदर लंड निकाल सहलाने लगा)
मै - तो इसका मतलब तुमने सबसे पहले लंड अपने पापा का देखा?
सरोज - (शर्माते हुए।।) हाँ।
मै - वो।। अपने पापा का लंड देख क्या तुम्हारे बुर में पानी आया था?
सरोज - छी: बाबूजी ये आप क्या कह रहे हैं वो मेरे पापा है।
मै - मैं नहीं मानता, सच सच बताओ बहु अपने पापा के बारे में जानकार क्या अभी तुम्हारे बुर में पानी नहीं आ रहा?
सरोज - बाबूजी ये आप क्या कह रहे हैं?
मै - सच कह रहा हूँ बहु, क्या तुम अभी गरम नहीं हो? अपनी ऊँगली डाल के देखो।
सरोज - नहीं मैं गरम नहीं हू।
मै - अगर नहीं हो तो अपनी ऊँगली अपनी बुर में डाल के दिखाओ
सरोज - (छुपाते हुए अपनी गिली पेन्टी हटाती है अपनी एक ऊँगली बुर में डाल बहार निकालती है)
सरोज - (झिझकते हुए। ) ओह बाबूजी चलिये अब सोते है।
मै - नहीं बहु पहले तुम अपनी ऊँगली दिखाओ
सरोज - (अपनी नज़र झुकाये अपने हाथ दिखाती है।। ) उसकी २ उँगलियाँ बुर के पानी से पूरी तरह गिली होकर चमक रही थी।
मै - (मैंने वो दो ऊँगली अपने मुह में ले ली) देखा बहु तुम्हारे बुर से कितना पानी निकल रहा है (मैं तेज़ी से ब्लैंकेट के अंदर मुट्ठ मारने लगा)
सरोज - बाबूजी ये आप क्या कर रहे हो?
मै - मुठ मार रहा हूँ बहु।।।
सरोज - प्लीज बाबूजी ये मत करिये प्लीज प्लीज प्लीज।।
मै - (मैंने अपना लंड बहार निकाल बहु को दिखा दिया ) नहीं बहु तुमने जब बताया की तुम्हारे पापा तुम्हारी पेंटी में मुठ मारे थे तबसे मैं एक्साइटेड हो गया हूं।। ओह बहु।। मेरा लंड छुओ बहु।। (मैंने बहु का हाथ अपने लंड पे रख दिया)
सरोज - (हाथ हटाते हुए।। ) नहीं बाबूजी
मै- बहु।।। बहु।। मेरा पानी निकाल दो बहु।।
(तभी बगल में शमशेर के कमरे से कुछ आवज़ आयी।।)
सरोज - शह्ह्हह्ह्।।। बाबूजी।। शायद शमशेर अंकल जगे है। आप प्लीज रुक जाइये।
मै - नहीं बहु मैं नहीं रुक सकता।
मै - दोपहर को शमशेर अपने कमरे में बैठा फोटो में तुम्हारी नवेल देख मुठ मार रहा था।
मै धीरे-धीरे बहु के पास आ गया और उसके काँधे पे हाथ रख उसे समझाने लगा। देखो बहु ये सभी आदमीयों के लिए नार्मल है। मास्टरबैट केवल सेक्सुअल सटिस्फैक्शन के लिए होता है
सभी पुरुष करते है, क्या तुमने कभी नहीं देखा? कभी अपने मायका में? तुम्हारे भाई, चाचा या और किस्सी ने? तुम अपने घर में कभी भाई या पापा के बैडरूम में गई? कभी देखा बेडशीट पे कूछ गिला या दाग कुछ भी।
सरोज - हाँ घर में कई बार कुछ अजीब सी चीज़ें होती थी लेकिन मुझे ये सब कभी समझ में नही आया।
सरोज की बात सुनकर मेरे लंड में थोड़ी सी हलचल हुई और मैंने उससे और डिटेल में बताने को कहा।
मै - बहु।। क्या थी वो अजीब सी चीज़ें बताओ मुझे।
सरोज - वो शादी से कुछ दिन पहले के बात है, मेरी मम्मी और मेरा भाई गाँव में एक शादी के लिए गई थी। और घर में मैं और पापा अकेले थे।।
मै - फिर क्या हुआ।।?
सरोज - मैंने जब एक सुबह पापा का रूम साफ़ कर रही थी तो मुझे उनके पिलो के नीचे मेरी पैन्टी मिली। मैंने सोचा शायद मम्मी ने गलती से मेरी पेंटी रख दी हो। लेकिन फिर मुझे याद आया की ये पैन्टी १ दिन पहले की मेरी यूज की हुई पैन्टी है और मैं बाथरूम में इसे धुले बगैर छोड़ दिया था फिर यहाँ कैसे पहुची।।? और मम्मी तो गाँव में हैं तो क्या पापा मम्मी की पेंटी समझ कर मेरी पेंटी अपने कमरे में ले आये?
मै - उसके बाद?
सरोज - फिर मुझे कुछ समझ में नहीं आया, दूसरे दिन भी मेरी पेंटी पापा के पिलो के नीचे पड़ी थी और उसमे कुछ गिला गिला सा लगा था।।
सरोज - तो क्या मेरे पापा।।।।
मै - हाँ इसका मतलब तुम्हारे पापा तुम्हारी पैन्टी रात में लाते थे और तुम्हारी यूज की हुई पैन्टी का स्मेल लेते थे। और फिर तुम्हे उस पेंटी में इमेजिन कर मुट्ठ मारते थे। और फिर मुट्ठ तुम्हारी पेंटी में ही गिरा दिया करते थे।
सरोज - नहीं मैं नहीं मानती मेरे पापा मेरे बारे में सोच कर।। ये सब?
मै - हाँ बहु, इसमे गलत नहीं है ये तो हर पुरुष का नेचर है वो तो बस तुम्हारी बड़ी-बड़ी चूचि और फुली हुई बुर के बारे में इमेजिन कर अपने आप को सेक्सुअली सटिसफाइ करते होगे
मै- क्या तुमने कभी उनका खड़ा लंड देखा था?
सरोज - हाँ देखा था।
मै - कब?
सरोज - वो एक बार बाथरूम में मैंने उन्हें देखा था, वो अपनी अंडरवियर उतार अपना लंड हाथ में लिए खड़े थे सामने एक बड़ा सा मिरर था जिसके रेफ्लेक्शन में मैंने उनका बड़ा सा लंड साफ़ साफ़ देखा। वो अपने लंड के स्किन को नीचे किये हुये थे मैंने देखा तो मेरी धड़कन तेज़ हो गई और मैं भाग कर किचन में आ गई।
(बहु बिना शर्म अपने मुह से अपने पापा के लंड के बारे में बोल रही थी। मेरी रंडी बहु के मुह से ये सब सुन कर मेरा लंड खड़ा हो गया और मैंने अपना लोअर नीचे कर ब्लैंकेट के अंदर लंड निकाल सहलाने लगा)
मै - तो इसका मतलब तुमने सबसे पहले लंड अपने पापा का देखा?
सरोज - (शर्माते हुए।।) हाँ।
मै - वो।। अपने पापा का लंड देख क्या तुम्हारे बुर में पानी आया था?
सरोज - छी: बाबूजी ये आप क्या कह रहे हैं वो मेरे पापा है।
मै - मैं नहीं मानता, सच सच बताओ बहु अपने पापा के बारे में जानकार क्या अभी तुम्हारे बुर में पानी नहीं आ रहा?
सरोज - बाबूजी ये आप क्या कह रहे हैं?
मै - सच कह रहा हूँ बहु, क्या तुम अभी गरम नहीं हो? अपनी ऊँगली डाल के देखो।
सरोज - नहीं मैं गरम नहीं हू।
मै - अगर नहीं हो तो अपनी ऊँगली अपनी बुर में डाल के दिखाओ
सरोज - (छुपाते हुए अपनी गिली पेन्टी हटाती है अपनी एक ऊँगली बुर में डाल बहार निकालती है)
सरोज - (झिझकते हुए। ) ओह बाबूजी चलिये अब सोते है।
मै - नहीं बहु पहले तुम अपनी ऊँगली दिखाओ
सरोज - (अपनी नज़र झुकाये अपने हाथ दिखाती है।। ) उसकी २ उँगलियाँ बुर के पानी से पूरी तरह गिली होकर चमक रही थी।
मै - (मैंने वो दो ऊँगली अपने मुह में ले ली) देखा बहु तुम्हारे बुर से कितना पानी निकल रहा है (मैं तेज़ी से ब्लैंकेट के अंदर मुट्ठ मारने लगा)
सरोज - बाबूजी ये आप क्या कर रहे हो?
मै - मुठ मार रहा हूँ बहु।।।
सरोज - प्लीज बाबूजी ये मत करिये प्लीज प्लीज प्लीज।।
मै - (मैंने अपना लंड बहार निकाल बहु को दिखा दिया ) नहीं बहु तुमने जब बताया की तुम्हारे पापा तुम्हारी पेंटी में मुठ मारे थे तबसे मैं एक्साइटेड हो गया हूं।। ओह बहु।। मेरा लंड छुओ बहु।। (मैंने बहु का हाथ अपने लंड पे रख दिया)
सरोज - (हाथ हटाते हुए।। ) नहीं बाबूजी
मै- बहु।।। बहु।। मेरा पानी निकाल दो बहु।।
(तभी बगल में शमशेर के कमरे से कुछ आवज़ आयी।।)
सरोज - शह्ह्हह्ह्।।। बाबूजी।। शायद शमशेर अंकल जगे है। आप प्लीज रुक जाइये।
मै - नहीं बहु मैं नहीं रुक सकता।