28-09-2019, 12:55 PM
सुबह के छै बजे जब जेल का घंटा बजा तो सारे कैदी अपने – अपने बैरको से बाहर निकल कर लाइन आकर खडे होने लगने शुरू हो गये ।
कैदियो की गिनती के समय जब कमलसिंह दिखाई में नहीं दिया तो जेल पहरी रामदीन को बडी चिंता होने लगी । उसने कमलसिंह को आवाज लगाई लेकिन अपने बिस्तर में सोया कमलसिंह जब बार – बार उसे पुकारे जाने पर भी जब नहीं आया तो पहरी गिनती अधुरी छोड कर कमलसिंह के बैरक में जा पहुंचा । उसने वहां पर देखा कि अपने बिस्तर में गहरी नींद में सोया हुआ था ।
जेल पहरी रामदीन ने कमलसिंह को जब हिलाया – डुलाया तब भी वह नहीं उठा तो वह घबराहट के मारे सीधे बैरक नम्बर 16 से जेलर साहब के बंगले पर जा पहुंचा । पसीने से लथपथ रामदीन ने जेलर शैतान सिंह के दरवाजे की कुण्डी को दो – तीन खटखटाया तो नींद से अलसाये जेलर शैतान सिंह ने सुबह – सुबह पहरी रामदीन के अचानक आने का कारण पुछा ।
जेल पहरी ने जब पूरी घटना जेलर शैतान सिंह को सुनाई तो उनके पांव के नीचे की जमीन खसक गई । क्योकि जिस कमलसिंह से वे अपने कमरे में रात के दो बजे तक उसकी कहानी को सुन रहे थे वह अचानक मर कैसे गया ।
कैदियो की गिनती के समय जब कमलसिंह दिखाई में नहीं दिया तो जेल पहरी रामदीन को बडी चिंता होने लगी । उसने कमलसिंह को आवाज लगाई लेकिन अपने बिस्तर में सोया कमलसिंह जब बार – बार उसे पुकारे जाने पर भी जब नहीं आया तो पहरी गिनती अधुरी छोड कर कमलसिंह के बैरक में जा पहुंचा । उसने वहां पर देखा कि अपने बिस्तर में गहरी नींद में सोया हुआ था ।
जेल पहरी रामदीन ने कमलसिंह को जब हिलाया – डुलाया तब भी वह नहीं उठा तो वह घबराहट के मारे सीधे बैरक नम्बर 16 से जेलर साहब के बंगले पर जा पहुंचा । पसीने से लथपथ रामदीन ने जेलर शैतान सिंह के दरवाजे की कुण्डी को दो – तीन खटखटाया तो नींद से अलसाये जेलर शैतान सिंह ने सुबह – सुबह पहरी रामदीन के अचानक आने का कारण पुछा ।
जेल पहरी ने जब पूरी घटना जेलर शैतान सिंह को सुनाई तो उनके पांव के नीचे की जमीन खसक गई । क्योकि जिस कमलसिंह से वे अपने कमरे में रात के दो बजे तक उसकी कहानी को सुन रहे थे वह अचानक मर कैसे गया ।