27-09-2019, 07:34 PM
(This post was last modified: 28-12-2020, 12:50 PM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
मस्त गन्ना
" भैय्या तू अपनी बहन के बुर का मजा लो तो ज़रा हमहुँ अपने भैय्या के मस्त लन्ड का मजा ले लें , इतना मस्त गन्ना है ,बिना चूसे थोड़ी छोडूंगी। "
और अगले पल गीता के होंठ उनके तन्नाए ,खुले सुपाड़े पर , चाटते चूमते।
कुछ देर वो जीभ से सुपाड़े को लिक करती रही , फिर जीभ की नोक पेशाब वाले छेद में डालकर वो शरारती सुरसुरी करने लगी।
वो कमर उचका रहे थे और जवाब में एक झटके में गीता ने उनका ,
लीची ऐसा मोटा सुपाड़ा अपने रसीले होंठों के बीच गप्प कर लिया और लगी चूसने ,चुभलाने।
एक पल के लिए उन्हें लगा की गुड्डी , उनकी ममेरी बहन
अपने कोमल कोमल होंठों के बीच ,उनका रसीला सुपाड़ा ,
सोच सोच कर उनकी मस्ती सौ गुना हो रही थी।
तभी ,
चररर चररर , आँगन से पीछे वाले दरवाजे के खुलने की आवाज आयी।
" अरे भाई बहन मिलकर अकेले अकेले खूब मस्ती कर रहे हो "
मंजू बाई थी ,
पीछे का दरवाजा उसने न सिर्फ बंद कर दिया था ,बल्कि ताला भी लगा दिया था।
" भैय्या तू अपनी बहन के बुर का मजा लो तो ज़रा हमहुँ अपने भैय्या के मस्त लन्ड का मजा ले लें , इतना मस्त गन्ना है ,बिना चूसे थोड़ी छोडूंगी। "
और अगले पल गीता के होंठ उनके तन्नाए ,खुले सुपाड़े पर , चाटते चूमते।
कुछ देर वो जीभ से सुपाड़े को लिक करती रही , फिर जीभ की नोक पेशाब वाले छेद में डालकर वो शरारती सुरसुरी करने लगी।
वो कमर उचका रहे थे और जवाब में एक झटके में गीता ने उनका ,
लीची ऐसा मोटा सुपाड़ा अपने रसीले होंठों के बीच गप्प कर लिया और लगी चूसने ,चुभलाने।
एक पल के लिए उन्हें लगा की गुड्डी , उनकी ममेरी बहन
अपने कोमल कोमल होंठों के बीच ,उनका रसीला सुपाड़ा ,
सोच सोच कर उनकी मस्ती सौ गुना हो रही थी।
तभी ,
चररर चररर , आँगन से पीछे वाले दरवाजे के खुलने की आवाज आयी।
" अरे भाई बहन मिलकर अकेले अकेले खूब मस्ती कर रहे हो "
मंजू बाई थी ,
पीछे का दरवाजा उसने न सिर्फ बंद कर दिया था ,बल्कि ताला भी लगा दिया था।