20-09-2019, 12:07 PM
Update 34
बिहारी- देख इस वक़्त घड़ी में 3 बज रहे हैं. गेम ये हैं की मैं तुझे दो घंटे का टाइम दूँगा. यानी 5 बजे तक. गेम के हिसाब से हम सब तुझे सिड्यूस करेंगे इन दो घंटों में. अगर तू इन दो घंटों के अंदर मेरे कदमों में गिरकर तू मुझसे सेक्स के लिए भीक नहीं माँगेगी तो तू शाम के 5 बजे तक बिल्कुल आज़ाद हैं. और अगर इन दो घंटों के अंदर तूने मेरे सामने अपने घुटने टेक दिए तो फिर मैं तुझे जो कुछ कहूँगा तू वो सब करेगी. जिसके साथ सेक्स के लिए कहूँगा तू उसके साथ सेक्स करेगी. बोल तुझे मंज़ूर हैं.
राधिका के चेहरे पर खुशी के भाव छलकने लगते हैं. वो तुरंत बोल पड़ती हैं- ठीक हैं बिहारी मुझे मंज़ूर हैं.
बिहारी के चेहरे पर एक बार फिर से कुटिल मुस्कान तैर जाती हैं. वो अच्छे से जानता था कि राधिका जिस गेम को जितना आसान समझ रही हैं बिहारी उस खेल का मँज़ा हुआ खिलाड़ी हैं. वो तो उसके जैसी लड़की को 1/2 घंटे के अंदर सिड्यूस रखने की ताक़त रखता था. अब यहाँ पर राधिका के सहन शक्ति और धर्य का इम्तिहान होना था. और देखना ये था कि राधिका को इस खेल में जीत मिलती है या फिर हार. ये तो आने वाला वक़्त ही बताने वाला था कि ये दो घंटे राधिका पर भारी पड़ने वाले थे या उन तीनों पर..
राधिका कुछ देर तक सोचती हैं फिर बिहारी से कहती हैं- ठीक हैं बिहारी मैं ये गेम खेलने को तैयार हूँ मगर मेरी भी एक शर्त है अगर तुम्हें मंज़ूर हो तो मैं कहूँ.............
बिहारी बड़े प्यार से एक नज़र राधिका को देखता हैं- बोलो राधिका कैसी शर्त हैं तुम्हारी. बिहारी तुम्हारी हर ख्वाहिश पूरी करेगा.
राधिका- शर्त ये हैं कि मैं चाहती हूँ कि तुम और तुम्हारे ये दोनो साथी मुझे इन दो घंटों तक मेरे बदन को हाथ नहीं लगाएँगे. तुम मुझे सिड्यूस बेशक करो मगर बिना मेरे बदन को हाथ लगाए. अगर तुम्हें मेरी ये शर्त मज़ूर हो तो..
बिहारी थोड़ी देर तक सोचता हैं फिर कहता हैं- ठीक हैं राधिका मुझे तेरी ये शर्त भी मंज़ूर हैं तू यही चाहती हैं ना कि इन दो घंटों में तुझे हम में से कोई भी तेरे बदन को हाथ नहीं लगाएगा मुझे मंज़ूर हैं मगर मेरी भी एक शर्त हैं.
राधिका- बोलो बिहारी क्या हैं तुम्हारी शर्त.
बिहारी अपने जेब से एक वाइट कलर का डिल्डो निकालकर राधिका को दिखाता हैं. डिल्डो करीब 3 इंच मोटा और 9 इंच लंबा था- तू तो ये जानती होगी कि ये क्या हैं और इसका इस्तेमाल कहाँ पर किया जाता हैं. अगर नहीं जानती तो बोल दे मैं तुझे बता देता हूँ.
राधिका बिहारी की बातो से शरमा जाती हैं और अपनी नज़रें नीची कर लेती हैं- मैं जानती हूँ ये क्या है.
बिहारी- तो फिर ठीक हैं शर्त के मुताबिक इसे तू तब तक नहीं निकालेगी जब तक मैं ना कहूँ. इसे तुझे पूरे दो घंटे तक अपने चूत में रखना हैं. बोल मंज़ूर हैं तुझे.
राधिका शरम से हां में अपनी गर्देन नीचे झुका लेती हैं.
बिहारी- तो फिर देर किस बात की हैं चल फटाफट तू इस डिल्डो को सही जगह पर रख जहाँ इसे होना चाहिए.
राधिका- यहाँ पर.............क्या इन सब के बीच???
बिहारी- अगर तुझे शरम आ रही हैं तो तू बाथरूम में जा सकती हैं मगर इतना ध्यान रहे हमारे साथ धोका करने की कोशिश मत करना. वैसे भी मुझे पता चल ही जाएगा. फिर सोच लेना तेरा अंजाम क्या होगा अगर तूने ज़रा भी हम से चालाकी करने की कोशिश की तो...
राधिका वो डिल्डो बिहारी से ले लेती हैं और झट से बाथरूम में चली जाती हैं. राधिका के जाते ही विजय और जग्गा अपने गुस्से की भडास बिहारी पर निकालते हैं.
विजय- तेरा दिमाग़ फिर गया हैं. एक तो तू ऐसा चूतियापा खेल खेल रहा हैं और उपर से ऐसी घटिया शर्त. मैं दावे से कहता हूँ कि राधिका अब हमारे हाथ से निकल जाएगी और अगर ऐसा हुआ तो फिर मुझसे बुरा कोई नहीं होगा.
जग्गा- अरे उसको बिना हाथ लगाए तो हम उसे सिड्यूस कर चुके. वो अब हमारे हाथ नहीं आने वाली. इस बाज़ी में हमे सिर्फ़ हार मिलेगी.
बिहारी- अरे यार तुम लोग बेवजह परेशान हो रहे हो. देख लेना राधिका बस एक घंटे के अंदर मेरे कदमों में गिरकर अपनी चुदाई की भीक माँगेगी. और ये बात मैं पूरे दावे के साथ कह सकता हूँ. मैने भी कोई कच्ची गोलियाँ नहीं खेली हैं. आज मुझे 20 साल हो गये इस धंधे में और मैं अच्छे से जनता हूँ कि किसी भी लड़की को सिड्यूस कैसे किया जाता हैं. तुम लोग बस देखते जाओ और जैसा मैं बोलूँगा वैसे ही करना.
विजय- लेकिन मुझे ये समझ में नहीं आया कि इस गेम से क्या होगा. और इसी हमे क्या फ़ायदा होने वाला हैं.
बिहारी- बताउन्गा सब कुछ बताउन्गा धीरे धीरे सब समझ में आ जाएगा. और एक बात तुम्हें मैं बता देता हूँ शायद तुम्हारे चेहरे पर थोड़ी मुस्कान आ जाए. अभी मैने राधिका को जूस पीने को कहा था वो कोई नॉर्मल जूस नहीं था. उसमें मैने वायग्रा मिलाया हुआ था. अब बस आधे घंटे के बाद उसके जिस्म में वो वियाग्रा इतनी गर्मी भर देगा कि राधिका बिना कुछ सोचे समझे अपनी चूत खुद ही हमे सौंप देगी. फिर वो अपने हाथ में एक छोटा सा रिमोट विजय और जग्गा को दिखाता हैं..
जग्गा- ये कैसा रिमोट हैं बिहारी तेरे हाथों में.
बिहारी के चेहरे पर फिर से कुटिल मुस्कान तैर जाती है- यू समझ ले कि ये राधिका की चूत को कंट्रोल करने का रिमोट है. नहीं समझे ठीक हैं मैं समझाता हूँ. अभी अभी जो मैने राधिका को जो डिल्डो दिया हैं ये उसका कंट्रोलर हैं. और तुम लोग जिसे वो डिल्डो समझ रहे हो वो डिल्डो नहीं बल्कि एक वाइब्रटर हैं. और अभी थोड़े देर के बाद मैं तुम्हें उसका कमाल दिखाउन्गा जब राधिका उस वाइब्रटर को अपने चूत में रखी होगी. यहाँ से मैं उस वाइब्रटर की स्पीड को कम या ज़्यादा कर सकता हूँ और सोच लो अगर ये वाइब्रटर को मैं पूरे दो घंटे तक ऑन रखूँगा तो राधिका की क्या दशा होगी इसका तुम अनुमान नहीं लगा सकते. सोचो थोड़ी देर के बाद वियाग्रा अपना असर दिखना शुरू कर देगा और इधेर ये डिल्डो राधिका की चूत के अंदर घी में आग का काम करेगा और हम सब उससे इतनी नंगी बातें करेंगे कि वो कुछ देर के अंदर अपने आप को हमारे कदमों में सौप देगी. बिहारी के मूह से ऐसी बातो को सुनकर जग्गा और विजय के होंठो पर मुस्कान तैर जाती हैं.
विजय- वाह बिहारी वाह तेरा जवाब नहीं अब तू देखते जा आज साली से ऐसी गंदी गंदी बातें करूँगा कि खुद ही शरम से डूब मरेगी और उसके बाद उसकी ऐसी चुदाई होगी कि वो हमे कभी नहीं भूल पाएगी. आज आख़िर तूने फिर से अपना कमीनपन दिखा ही दिया...
बिहारी- हां विजय मैने जीवन में किसी भी चीज़ को हासिल करना सीखा है चाहे छल से या बल से. और राधिका को पाने के लिए तो मैं सारे साम दाम लगा दूँगा. तुम सब देखते जाओ आगे आगे क्या होता हैं....
इन सब से बेख़बर राधिका बाथरूम में अपनी पैंटी नीचे सरका कर उस वाइब्रटर को अपनी चूत में डाल रही थी. थोड़ी मुश्किल के बाद वो वाइब्रटर उसकी चूत में पूरा चला जाता हैं फिर वो अपनी पैंटी उपर करके दुबारा पहन लेती हैं. उसे पता नहीं क्यों पर आज अपने आप पर तो उसे भरोसा था मगर उसका जिस्म उसका साथ देगा उसे इसी बात को लेकर थोड़ी चिंता थी फिर भी वो कुछ सोचकर और अपने इरादे मज़बूत करके वो बाथरूम से बाहर निकलती हैं. और कुछ देर में वो उन तीनों के पास मौजूद होती हैं.
बिहारी- शर्त के मुताबिक देख घड़ी में 3:15 बज रहे हैं और ये गेम पूरे 2 घंटे तक चलेगा यानी 5:15 तक. और इन दो घंटों में कोई तेरे बदन को हाथ नहीं लगाएगा मगर तुझसे हम अश्लियल बातें बेशक कर सकते हैं. तो फिर चलो गेम शुरू करते हैं. राधिका भी सहमति में अपनी गर्देन हां में हिला देती हैं.फिर बिहारी का नंगा खेल शुरू हो जाता हैं..
बिहारी- वैसे राधिका तू सच में पूरी क़यामत लग रही हैं. मैं जानता था कि ये ब्लॅक साड़ी तेरे पर बहुत जचेगि इसलिए मैने तेरे लिए ख़ास ये स्पेशल साड़ी भेजवाया था. वैसे तूने बताया नहीं अब तक कि तेरा फिगर का साइज़ क्या हैं.
राधिका अच्छे से जानती थी कि अभी तो ये शुरूवात हैं ऐसे कई अश्लील सवाल ये सब मिलकर करेंगे और उसे उन सारे सवालों के जवाब देने पड़ेंगे.
राधिका- 36-28-32 यही हैं मेरी फिगर का साइज़.
बिहारी- थोड़ा डीटेल में बता ना राधिका मुझे ऐसे समझ में नहीं आता.
राधिका थोड़ा हिम्मत करके फिर से कहती हैं- मेरे सीने का साइज़ 36 और मेरी कमर का साइज़ 28 और मेरी आस का साइज़ 32 हैं.
विजय- अच्छे से बोल ना राधिका पूरे सॉफ सॉफ लफ़्ज़ों में और सरल हिन्दी भाषा में. हमे ज़्यादा अँग्रेज़ी समझ में नहीं आती.
राधिका ना चाहते हुए भी कहती हैं- मेरे बूब्स का साइज़ 36.....................
बिहारी- क्या जानेमन बूब्स तो इंग्लीश वर्ड हैं शुद्ध हिन्दी में बोल. और हां अब दुबारा से ग़लती मत करना वरना तुझसे एक ग़लती के बदले एक और सवाल.
राधिका इस बार फिर थोड़ी हिम्मत करके बोलती हैं- मेरे दूध का साइज़ 36 है ,मेरी कमर का साइज़ 28 और मेरी गान्ड का साइज़ 32 है. राधिका ही जानती थी कि ये शब्ध उसने कैसे बोले थे. उसकी साँसें बहुत तेज़ चल रही थी.
बिहारी- तुझे पता हैं आदमी और औरत में क्या फ़र्क होता हैं?? कॅन यू एक्सप्लेन????
राधिका शरम से अपनी नज़रें नीची कर लेती हैं. और कुछ देर तक यूँ ही खामोश रहती हैं तभी बिहारी अपनी उंगली को थोड़ी सी हरकत करता हैं और अगले ही पल राधिका वही उछल पड़ती हैं. राधिका की चूत में रखा वो वाइब्रटर ऑन हो जाता हैं और राधिका को ऐसा लगता हैं कि किसी ने उसकी चूत में ड्रिलिंग मशीन चला दी हो. फिर बिहारी वो वाइब्रटर की स्पीड तुरंत फुल कर देता है और राधिका अपनी चूत पर दोनो हाथ रखकर वही बैठ जाती हैं. थोड़ी देर के बाद बिहारी उस वाइब्रटर की स्पीड कम करता हैं मगर बंद नहीं करता.
राधिका को अब समझ में आ गया था कि उस वाइब्रटर को अपनी चूत में रखकर कितनी बड़ी ग़लती की हैं- उसकी चूत ने अब धीरे धीरे पानी छोड़ना शुरू कर दिया था. और उपर से वियाग्रा का असर राधिका आब धीरे धीरे गरम होने लगी थी.
बिहारी- तूने मेरे सवालों का जवाब नहीं दिया. मैं तुझसे कुछ पूछ रहा हूँ राधिका.
राधिका फिर धीरे से खड़ी होती है फिर बड़ी मुश्किल से बोलती हैं- आदमी और औरत में बस उसका लिंग अलग होता हैं. लिंग से ही पहचान होती हैं कि वो इंसान आदमी है या औरत.
जग्गा- तो क्या मेरी पहचान करने के लिए क्या मुझे हर जगह अपना लिंग दिखाना पड़ेगा कि मैं आदमी हूँ कि औरत. अगर मैं तेरे से कहूँ कि तू औरत हैं तो क्या तू भी अपनी चूत दिखाएगी. जवाब दे मेरे सवालो का.
जग्गा की बातो से राधिका का चेहरा शरम से लाल पड़ जाता हैं- मेरा............... वो कहने का मतलब नहीं था.
बिहारी- अरे मेरी जान हम से इतना शरमाएगी तो कैसे काम चलेगा. सॉफ सॉफ क्यों नहीं कह देती कि आदमी के पास लंड होता हैं और औरत के पास चूत होती हैं.
राधिका भी अब समझ चुकी थी कि उसने खुद अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारी हैं अभी तो मुश्किल से केवल 5 मिनिट ही गुज़रे थे और इतने सारे गंदे सवाल पता नहीं आने वाले दो घंटे में ये लोग उसे तो सवालो से पूरा नंगा कर देंगे मगर अब कुछ भी नहीं हो सकता था इस लिए राधिका भी सोच लेती हैं जो होगा देखा जाएगा.
बिहारी- देख राधिका मैं जानता हूँ कि ऐसे शरमाने से काम नहीं चलेगा. तुझे हम सब का पूरा साथ देना पड़ेगा अगर तूने हम सब का पूरा साथ नहीं दिया तो फिर आइ अम सॉरी मैं कुछ नहीं कर सकता. ये बात जान ले हम सब तेरी बेशर्मी देखना चाहे हैं और हम तुझसे अब यही उम्मीद करेंगे कि तू हमसे अपनी पूरी तरह से खुल कर बातें करे. फिर से बिहारी वो वाइब्रटर की स्पीड बढ़ा देता हैं और राधिका की चूत में फिर से आग लग जाती हैं.
राधिका- ठीक हैं बिहारी प्लीज़ इसे कम करो मुझसे अब बर्दास्त नहीं हो रहा.
बिहारी- तो फिर हमारे सारे सवालो का जवाब देती जा और अगर तूने हमे जवाब नहीं दिया तो ये वाइब्रटर का स्पीड भी अब कम नहीं होगा.
राधिका बड़ी मुश्किल से आपने आप को कंट्रोल कर रही थी- आदमी के पास लंड होता हैं और औरत के पास चूत होती हैं.
विजय- अगर मैं कहूँ कि तू एक औरत हैं तो तू ये बात कैसे साबित करेगी कि तू एक औरत हैं. जवाब दे...
राधिका को कुछ बोलते नहीं बनता और उधेर बिहारी फिर से वाइब्रटर की गति धीरे धीरे बढ़ाने लगता हैं- मुझे इसका जवाब नहीं मालूम.
विजय- और ये तेरे दो बड़े बड़े दूध हैं वो किस लिए हैं क्या आदमी के दूध होते हैं.
राधिका तो इस वक़्त भगवान से यही दुआ कर रही थी कि काश उसे इस वक़्त मौत आ जाए मगर मौत भी इतनी आसानी से कहाँ मिलती है.
जग्गा- अच्छा छोड़ इन सब बातो को क्यों बेचारी की गान्ड मार रहा हैं चल ये बता चुदाई किसे कहते हैं???
राधिका की हालत अब ऐसी थी कि ना उससे कुछ बोलते बन रहा था और ना ही वो किसी बात का विरोध कर पा रही थी- जब मर्द एक औरत के साथ सोता हैं उसे चुदाई कहते हैं...
राधिका के जवाब सुन कर तीनों ज़ोर ज़ोर से हँसने लगते हैं तभी बिहारी वाइब्रटर की गति फिर से तेज़ कर देता हैं और तब तक उसी स्पीड में रखता हैं जब तक राधिका का धैर्य नहीं टूट जाता.
राधिका- बस करो बिहारी ...............बस मैं जवाब दे रही हूँ ना. जब एक मर्द का लंड औरत की चूत में जाता है और वो उस लंड से उसकी चुदाई करता हैं उसे चोदना कहते हैं.
बिहारी- अरे वाह तू तो बहुत समझदार निकली. अगर यही जवाब पहले दे देती तो तुझे इतनी तकलीफ़ तो नहीं सहनी पड़ती. खैर गान्ड मरवाना तो तुझे पता ही होगा ज़रा खुल के बता. अपने यार और भाई से तो तू खूब गान्ड मरवाती थी ना.
राधिका इस बार बिना रुके कहती हैं- जब आदमी का लंड औरत की गान्ड में जाता हैं और वो अपने लंड से उसकी गान्ड को चोदता हैं उसको गान्ड मारना कहते हैं. इसी तरह से राधिका से बिहारी और वो दोनो नन्गपन भरे सवाल पूछ रहे थे और राधिका भी धीरे धीरे उनके जवाब देती जा रही थी.
बिहारी- तो बता ना राधिका जब तेरे भाई का लंड तेरी गान्ड में गया तो तुझे कैसा महसूस हुआ.
राधिका को मानो ऐसा लगा कि अब उसके आँसू निकल पड़ेंगे मगर बड़ी मुश्किल से वो अपने आप को संभाले हुई थी.- अच्छा लगा थोड़ा दर्द हुआ ...................बस अब मैं तुम्हारे हाथ जोड़ती हूँ मुझे और नीचे मत गिराव. अब मुझसे ये सब नहीं होगा.
बिहारी- अभी तो तू कहाँ नीचे गिरी हैं आज तुझे हम बताएँगे कि असली चुदाई किसे कहते हैं.
ऐसे ही वक़्त बीत रहा था और करीब 1/2 घंटे के अंदर राधिका उन तीनों से पूरी तरह खुल के बातें कर रही थी. इधेर वियाग्रा का असर भी उसपर हावी होता जा रहा था और उधेर वो वाइब्रटर भी हर पल उसकी चूत में आग लगा रहा था. धीरे धीरे राधिका का धैर्य भी जवाब देता जा रहा था. उसे अब ऐसा लगने लगा था कि ऐसा ही कुछ पल और चलता रहा तो वो बिहारी के सामने पूरी तरह बेबस हो जाएगी...
जग्गा, बिहारी और विजय ने उससे ऐसा कोई सवाल नहीं छोड़ा था जो वो उससे ना पूछा गया हो.
बिहारी- राधिका मेरी तो यही ख्वाहिश हैं कि मैं तेरी चूत और गान्ड में अपना लंड डालकर तुझे रगड़ता रहूं कसम से बहुत मज़ा आएगा बस तू एक बार तू मेरे नीचे आ जा फिर देखना तुझे चुदाई का वो मज़ा दूँगा कि तू सारी दुनिया को भूल कर तू मेरे पास आ जाएगी. फिर बिहारी वहीं एलसीडी टीवी ऑन करता हैं और उसमें कई सारी ब्लू फिल्म्स वो एक एक कर छोटे छोटे क्लिप्स राधिका को दिखाने लगता हैं. करीब 1/2 घंटे तक वो टी.वी में नंगी वीडियोस उसे दिखाता हैं..
करीब एक घंटे के बाद राधिका का सब्र टूट जाता हैं वो भी बस ज़मीन पर वहीं बैठ जाती हैं. उसकी आँखों में आँसू थे. एक तरफ बिहारी ने पिछले एक घंटे से वो वाइब्रटर को बंद नहीं किया था जिससे उसकी चूत और पैंटी पूरी तरह से गीली हो गयी थी. और उस वाइब्रटर की वजह से उसकी चूत की आग को और भड़का रही थी और इधेर वियाग्रा का असर अपने चरम पर था वो लाख कोशिशों के बावज़ूद अपने आप को बेबस महसूस कर रही थी. और उपर से बिहारी विजय और जग्गा की अश्लील बातें रही सही कसर पूरा कर रही थी. और बाद में बिहारी ने राधिका की थोड़ी बची हुई हिम्मत को भी तोड़ दिया था उसको ब्लू फिल्म्स दिखा कर.
राधिका का जिस्म इस वक़्त आग की भट्टी की तरह तप रहा था और उसकी आँखें पूरी तरह लाल हो चुकी थी. हवस उसकी आँखों में सॉफ दिखाई दे रहा था आज वो भी समझ चुकी थी कि जिस्म की आग क्या होती हैं और जब जिस्म की आग इंसान पर हावी होती है तो इंसान को कुछ दिखाई नहीं देता. आज राधिका भी वही आग में जल रही थी वो तो चाह रही थी कि कैसे भी वो फारिग हो जाए मगर बिहार मँज़ा हुआ खिलाड़ी था जब राधिका अपने चरम पर पहुचती तो वो वाइब्रटर की स्पीड बिल्कुल कम कर देता ऐसे ही पिछले एक घंटे से वो उसके साथ ये खेल खेल रहा था. आख़िर कब तक राधिका का धैर्य जवाब देता वो भी वही बेबस होकर जग्गा, विजय और बिहारी के पास वहीं ज़मीन पर बैठ जाती हैं.
बिहारी- क्या हुआ मेरी जान अभी टाइम की ओर देख अभी पूरा एक घंटा बाकी हैं. तू इतनी जल्दी अगर हिम्मत हार जाएगी तो क्या होगा.
राधिका चुप चाप वही ज़मीन को टकटकी लगाए बैठी देख रही थी अब हवस उसके उपर इस कदर हावी हो चुका था कि उसे क्या सही क्या ग़लत वो अब कोई भी फ़ैसला लेने की स्थिति में नज़र नहीं आ रही थी. बस कैसे भी करके अपने अंदर सुलग रही आग को दबाने की कोशिश कर रही थी मगर ये आग दबाने से और भी भड़कती जा रही थी. राधिका के दिल और दिमाग़ में कई तरह के सवाल उठ रहे थे मगर आज वो अपने जिस्म के आगे बेबस थी.
ऐसे ही सिलसिला चलता रहा और ठीक 15 मिनिट के बाद राधिका का सब्र पूरी तरह से टूट गया और वो ना चाहते हुए भी बिहारी के कदमों में आख़िर गिर ही पड़ती हैं. ये देखकर विजय, जग्गा और बिहारी के चेहरे पर मुस्कान तैर जाती हैं. आज राधिका फिर से अपने बदन की आग से एक बार फिर हार गयी थी. आज उसका सारा मनोबल टूट गया था.
राधिका- मैं हार गयी बिहारी.................आख़िरकार तुम जीत ही गये आज मेरे अपने जिस्म ने मेरे मनोबल को तोड़ दिया.मैं आज अपना जिस्म तुम्हें सौपति हूँ बिहारी कर लो जो करना हैं. आज के बाद तुम जो मुझसे कहोगे वो मैं सब कुछ करूँगी मैं आज के बाद तुम्हारी रखैल बनकर रहूंगी. तुम मुझे जिसके साथ कहोगे जैसे कहोगे मैं उससे चुदवाउंगी और राधिका वहीं फुट फुट कर रोने लगती हैं. बिहारी उसको बड़े प्यार से उसको सहारा देता हैं फिर उसे वही सोफे पर बैठा देता हैं..
बिहारी- मुझे खुशी हुई कि आज तूने खुद ही अपने आप को मेरे हवाले कर दिया मगर इस बात का दुख भी हुआ कि मैने तेरे सामने एक सुनेहरा मौका दिया था और तूने उसको गवाँ दिया. खैर अब शर्त के मुताबिक आज के बाद तू पूरे एक हफ्ते तक मेरी रखैल बनकर रहेगी. मेरी मर्ज़ी मैं तुझे जहाँ चाहूं जिससे चाहूं तुझे चुदवाउन्गा और तू अब आज के बाद मुझे किसी भी चीज़ के लिए मना नहीं करेगी.
राधिका ये बात अच्छे से जानती थी कि आने वाला समय कितना भयानक होने वाला है. पता नहीं बिहारी उससे क्या क्या करवाएगा मगर आज उसकी बदनसीबी कि वो अपनी मर्ज़ी से अपनी जान भी नहीं दे सकती थी शायद उसे और जल्लत सहना बाकी था. पता नहीं आने वाला वक़्त राधिका की ज़िंदगी में क्या सितम ढाने वाला था. पर इतना ज़रूर तय था कि जो कुछ भी राधिका के साथ होगा वो उसके लिए अच्छा नहीं होगा
राधिका अभी भी बेबस वहीं बिहारी के कदमों के पास बैठी हुई थी. कल तक सब का मूह तोड़ जवाब देने वाली लड़की आज खुद को एक कमज़ोर महसूस कर रही थी. तभी जग्गा उसके पास आता हैं और अपनी मुट्ठी में राधिका के सिर के बाल को कसकर पूरी ताक़त से भीच देता हैं. राधिका के मूह से एक दर्द भरी सिसकारी निकल पड़ती हैं.
जग्गा- क्या हुआ मेरी रानी सारी गर्मी ठंडी पड़ गयी क्या. अभी तो खेल शुरू हुआ हैं और अभी से तू कमज़ोर पड़ गयी.
राधिका एक नज़र जग्गा की ओर देखती हैं फिर वो अपनी नज़रें झुका लेती है. वो भी अच्छे से जानती थी कि इन हैवानो के दिल में उसके लिए कोई हमदर्दी नहीं हैं.
बिहारी- देख ध्यान से इस समय को अभी पूरे 45 मिनिट बाकी हैं. खैर जब तू हार मान ही चुकी हैं तो अब आज के बाद हम जो भी कहेंगे तू वो सब कुछ करेगी बिना किसी सवाल जवाब के. बोल करेगी ना. राधिका हां में अपनी गर्देन हिला देती हैं.
बिहारी फिर जग्गा को राधिका से दूर हटने का इशारा करता हैं और जग्गा तुरंत राधिका के बाल छोड़ देता हैं.- बोल राधिका तू हमारे लिए क्या कर सकती हैं. तू समझ रही होगी कि मेरा इशारा किस ओर हैं. बिहारी फिर से राधिका से वही गंदे सवालों का सिलसिला शुरू कर देता हैं.
राधिका- मैं कुछ भी कर सकती हूँ जो तुम कहोगे... तभी बिहारी धीरे धीरे वाइब्रटर का स्पीड बढ़ाने लगता हैं और फिर से राधिका तड़प उठती हैं. उसके मूह से एक तेज़्ज़ सिसकारी निकल पड़ती हैं.
विजय- क्या हुआ डार्लिंग. तेरी चूत में आग लगी हैं क्या. अगर ऐसी बात हैं तो कह दे हम तेरी चूत की सारी गर्मी निकाल देंगे.
राधिका- बस.......करो बिहारी अब मुझसे बर्दास्त नहीं होता. मैने खुद को तुमलोगों के हवाले तो कर ही चुकी हूँ और अब तुम सब मुझसे क्या चाहते हो. अगर कहो तो मैं अपने पूरे कपड़े तुम सब के सामने उतार देती हूँ. यही चाहते हो ना तुम सब.
बिहारी- देख इस वक़्त घड़ी में 3 बज रहे हैं. गेम ये हैं की मैं तुझे दो घंटे का टाइम दूँगा. यानी 5 बजे तक. गेम के हिसाब से हम सब तुझे सिड्यूस करेंगे इन दो घंटों में. अगर तू इन दो घंटों के अंदर मेरे कदमों में गिरकर तू मुझसे सेक्स के लिए भीक नहीं माँगेगी तो तू शाम के 5 बजे तक बिल्कुल आज़ाद हैं. और अगर इन दो घंटों के अंदर तूने मेरे सामने अपने घुटने टेक दिए तो फिर मैं तुझे जो कुछ कहूँगा तू वो सब करेगी. जिसके साथ सेक्स के लिए कहूँगा तू उसके साथ सेक्स करेगी. बोल तुझे मंज़ूर हैं.
राधिका के चेहरे पर खुशी के भाव छलकने लगते हैं. वो तुरंत बोल पड़ती हैं- ठीक हैं बिहारी मुझे मंज़ूर हैं.
बिहारी के चेहरे पर एक बार फिर से कुटिल मुस्कान तैर जाती हैं. वो अच्छे से जानता था कि राधिका जिस गेम को जितना आसान समझ रही हैं बिहारी उस खेल का मँज़ा हुआ खिलाड़ी हैं. वो तो उसके जैसी लड़की को 1/2 घंटे के अंदर सिड्यूस रखने की ताक़त रखता था. अब यहाँ पर राधिका के सहन शक्ति और धर्य का इम्तिहान होना था. और देखना ये था कि राधिका को इस खेल में जीत मिलती है या फिर हार. ये तो आने वाला वक़्त ही बताने वाला था कि ये दो घंटे राधिका पर भारी पड़ने वाले थे या उन तीनों पर..
राधिका कुछ देर तक सोचती हैं फिर बिहारी से कहती हैं- ठीक हैं बिहारी मैं ये गेम खेलने को तैयार हूँ मगर मेरी भी एक शर्त है अगर तुम्हें मंज़ूर हो तो मैं कहूँ.............
बिहारी बड़े प्यार से एक नज़र राधिका को देखता हैं- बोलो राधिका कैसी शर्त हैं तुम्हारी. बिहारी तुम्हारी हर ख्वाहिश पूरी करेगा.
राधिका- शर्त ये हैं कि मैं चाहती हूँ कि तुम और तुम्हारे ये दोनो साथी मुझे इन दो घंटों तक मेरे बदन को हाथ नहीं लगाएँगे. तुम मुझे सिड्यूस बेशक करो मगर बिना मेरे बदन को हाथ लगाए. अगर तुम्हें मेरी ये शर्त मज़ूर हो तो..
बिहारी थोड़ी देर तक सोचता हैं फिर कहता हैं- ठीक हैं राधिका मुझे तेरी ये शर्त भी मंज़ूर हैं तू यही चाहती हैं ना कि इन दो घंटों में तुझे हम में से कोई भी तेरे बदन को हाथ नहीं लगाएगा मुझे मंज़ूर हैं मगर मेरी भी एक शर्त हैं.
राधिका- बोलो बिहारी क्या हैं तुम्हारी शर्त.
बिहारी अपने जेब से एक वाइट कलर का डिल्डो निकालकर राधिका को दिखाता हैं. डिल्डो करीब 3 इंच मोटा और 9 इंच लंबा था- तू तो ये जानती होगी कि ये क्या हैं और इसका इस्तेमाल कहाँ पर किया जाता हैं. अगर नहीं जानती तो बोल दे मैं तुझे बता देता हूँ.
राधिका बिहारी की बातो से शरमा जाती हैं और अपनी नज़रें नीची कर लेती हैं- मैं जानती हूँ ये क्या है.
बिहारी- तो फिर ठीक हैं शर्त के मुताबिक इसे तू तब तक नहीं निकालेगी जब तक मैं ना कहूँ. इसे तुझे पूरे दो घंटे तक अपने चूत में रखना हैं. बोल मंज़ूर हैं तुझे.
राधिका शरम से हां में अपनी गर्देन नीचे झुका लेती हैं.
बिहारी- तो फिर देर किस बात की हैं चल फटाफट तू इस डिल्डो को सही जगह पर रख जहाँ इसे होना चाहिए.
राधिका- यहाँ पर.............क्या इन सब के बीच???
बिहारी- अगर तुझे शरम आ रही हैं तो तू बाथरूम में जा सकती हैं मगर इतना ध्यान रहे हमारे साथ धोका करने की कोशिश मत करना. वैसे भी मुझे पता चल ही जाएगा. फिर सोच लेना तेरा अंजाम क्या होगा अगर तूने ज़रा भी हम से चालाकी करने की कोशिश की तो...
राधिका वो डिल्डो बिहारी से ले लेती हैं और झट से बाथरूम में चली जाती हैं. राधिका के जाते ही विजय और जग्गा अपने गुस्से की भडास बिहारी पर निकालते हैं.
विजय- तेरा दिमाग़ फिर गया हैं. एक तो तू ऐसा चूतियापा खेल खेल रहा हैं और उपर से ऐसी घटिया शर्त. मैं दावे से कहता हूँ कि राधिका अब हमारे हाथ से निकल जाएगी और अगर ऐसा हुआ तो फिर मुझसे बुरा कोई नहीं होगा.
जग्गा- अरे उसको बिना हाथ लगाए तो हम उसे सिड्यूस कर चुके. वो अब हमारे हाथ नहीं आने वाली. इस बाज़ी में हमे सिर्फ़ हार मिलेगी.
बिहारी- अरे यार तुम लोग बेवजह परेशान हो रहे हो. देख लेना राधिका बस एक घंटे के अंदर मेरे कदमों में गिरकर अपनी चुदाई की भीक माँगेगी. और ये बात मैं पूरे दावे के साथ कह सकता हूँ. मैने भी कोई कच्ची गोलियाँ नहीं खेली हैं. आज मुझे 20 साल हो गये इस धंधे में और मैं अच्छे से जनता हूँ कि किसी भी लड़की को सिड्यूस कैसे किया जाता हैं. तुम लोग बस देखते जाओ और जैसा मैं बोलूँगा वैसे ही करना.
विजय- लेकिन मुझे ये समझ में नहीं आया कि इस गेम से क्या होगा. और इसी हमे क्या फ़ायदा होने वाला हैं.
बिहारी- बताउन्गा सब कुछ बताउन्गा धीरे धीरे सब समझ में आ जाएगा. और एक बात तुम्हें मैं बता देता हूँ शायद तुम्हारे चेहरे पर थोड़ी मुस्कान आ जाए. अभी मैने राधिका को जूस पीने को कहा था वो कोई नॉर्मल जूस नहीं था. उसमें मैने वायग्रा मिलाया हुआ था. अब बस आधे घंटे के बाद उसके जिस्म में वो वियाग्रा इतनी गर्मी भर देगा कि राधिका बिना कुछ सोचे समझे अपनी चूत खुद ही हमे सौंप देगी. फिर वो अपने हाथ में एक छोटा सा रिमोट विजय और जग्गा को दिखाता हैं..
जग्गा- ये कैसा रिमोट हैं बिहारी तेरे हाथों में.
बिहारी के चेहरे पर फिर से कुटिल मुस्कान तैर जाती है- यू समझ ले कि ये राधिका की चूत को कंट्रोल करने का रिमोट है. नहीं समझे ठीक हैं मैं समझाता हूँ. अभी अभी जो मैने राधिका को जो डिल्डो दिया हैं ये उसका कंट्रोलर हैं. और तुम लोग जिसे वो डिल्डो समझ रहे हो वो डिल्डो नहीं बल्कि एक वाइब्रटर हैं. और अभी थोड़े देर के बाद मैं तुम्हें उसका कमाल दिखाउन्गा जब राधिका उस वाइब्रटर को अपने चूत में रखी होगी. यहाँ से मैं उस वाइब्रटर की स्पीड को कम या ज़्यादा कर सकता हूँ और सोच लो अगर ये वाइब्रटर को मैं पूरे दो घंटे तक ऑन रखूँगा तो राधिका की क्या दशा होगी इसका तुम अनुमान नहीं लगा सकते. सोचो थोड़ी देर के बाद वियाग्रा अपना असर दिखना शुरू कर देगा और इधेर ये डिल्डो राधिका की चूत के अंदर घी में आग का काम करेगा और हम सब उससे इतनी नंगी बातें करेंगे कि वो कुछ देर के अंदर अपने आप को हमारे कदमों में सौप देगी. बिहारी के मूह से ऐसी बातो को सुनकर जग्गा और विजय के होंठो पर मुस्कान तैर जाती हैं.
विजय- वाह बिहारी वाह तेरा जवाब नहीं अब तू देखते जा आज साली से ऐसी गंदी गंदी बातें करूँगा कि खुद ही शरम से डूब मरेगी और उसके बाद उसकी ऐसी चुदाई होगी कि वो हमे कभी नहीं भूल पाएगी. आज आख़िर तूने फिर से अपना कमीनपन दिखा ही दिया...
बिहारी- हां विजय मैने जीवन में किसी भी चीज़ को हासिल करना सीखा है चाहे छल से या बल से. और राधिका को पाने के लिए तो मैं सारे साम दाम लगा दूँगा. तुम सब देखते जाओ आगे आगे क्या होता हैं....
इन सब से बेख़बर राधिका बाथरूम में अपनी पैंटी नीचे सरका कर उस वाइब्रटर को अपनी चूत में डाल रही थी. थोड़ी मुश्किल के बाद वो वाइब्रटर उसकी चूत में पूरा चला जाता हैं फिर वो अपनी पैंटी उपर करके दुबारा पहन लेती हैं. उसे पता नहीं क्यों पर आज अपने आप पर तो उसे भरोसा था मगर उसका जिस्म उसका साथ देगा उसे इसी बात को लेकर थोड़ी चिंता थी फिर भी वो कुछ सोचकर और अपने इरादे मज़बूत करके वो बाथरूम से बाहर निकलती हैं. और कुछ देर में वो उन तीनों के पास मौजूद होती हैं.
बिहारी- शर्त के मुताबिक देख घड़ी में 3:15 बज रहे हैं और ये गेम पूरे 2 घंटे तक चलेगा यानी 5:15 तक. और इन दो घंटों में कोई तेरे बदन को हाथ नहीं लगाएगा मगर तुझसे हम अश्लियल बातें बेशक कर सकते हैं. तो फिर चलो गेम शुरू करते हैं. राधिका भी सहमति में अपनी गर्देन हां में हिला देती हैं.फिर बिहारी का नंगा खेल शुरू हो जाता हैं..
बिहारी- वैसे राधिका तू सच में पूरी क़यामत लग रही हैं. मैं जानता था कि ये ब्लॅक साड़ी तेरे पर बहुत जचेगि इसलिए मैने तेरे लिए ख़ास ये स्पेशल साड़ी भेजवाया था. वैसे तूने बताया नहीं अब तक कि तेरा फिगर का साइज़ क्या हैं.
राधिका अच्छे से जानती थी कि अभी तो ये शुरूवात हैं ऐसे कई अश्लील सवाल ये सब मिलकर करेंगे और उसे उन सारे सवालों के जवाब देने पड़ेंगे.
राधिका- 36-28-32 यही हैं मेरी फिगर का साइज़.
बिहारी- थोड़ा डीटेल में बता ना राधिका मुझे ऐसे समझ में नहीं आता.
राधिका थोड़ा हिम्मत करके फिर से कहती हैं- मेरे सीने का साइज़ 36 और मेरी कमर का साइज़ 28 और मेरी आस का साइज़ 32 हैं.
विजय- अच्छे से बोल ना राधिका पूरे सॉफ सॉफ लफ़्ज़ों में और सरल हिन्दी भाषा में. हमे ज़्यादा अँग्रेज़ी समझ में नहीं आती.
राधिका ना चाहते हुए भी कहती हैं- मेरे बूब्स का साइज़ 36.....................
बिहारी- क्या जानेमन बूब्स तो इंग्लीश वर्ड हैं शुद्ध हिन्दी में बोल. और हां अब दुबारा से ग़लती मत करना वरना तुझसे एक ग़लती के बदले एक और सवाल.
राधिका इस बार फिर थोड़ी हिम्मत करके बोलती हैं- मेरे दूध का साइज़ 36 है ,मेरी कमर का साइज़ 28 और मेरी गान्ड का साइज़ 32 है. राधिका ही जानती थी कि ये शब्ध उसने कैसे बोले थे. उसकी साँसें बहुत तेज़ चल रही थी.
बिहारी- तुझे पता हैं आदमी और औरत में क्या फ़र्क होता हैं?? कॅन यू एक्सप्लेन????
राधिका शरम से अपनी नज़रें नीची कर लेती हैं. और कुछ देर तक यूँ ही खामोश रहती हैं तभी बिहारी अपनी उंगली को थोड़ी सी हरकत करता हैं और अगले ही पल राधिका वही उछल पड़ती हैं. राधिका की चूत में रखा वो वाइब्रटर ऑन हो जाता हैं और राधिका को ऐसा लगता हैं कि किसी ने उसकी चूत में ड्रिलिंग मशीन चला दी हो. फिर बिहारी वो वाइब्रटर की स्पीड तुरंत फुल कर देता है और राधिका अपनी चूत पर दोनो हाथ रखकर वही बैठ जाती हैं. थोड़ी देर के बाद बिहारी उस वाइब्रटर की स्पीड कम करता हैं मगर बंद नहीं करता.
राधिका को अब समझ में आ गया था कि उस वाइब्रटर को अपनी चूत में रखकर कितनी बड़ी ग़लती की हैं- उसकी चूत ने अब धीरे धीरे पानी छोड़ना शुरू कर दिया था. और उपर से वियाग्रा का असर राधिका आब धीरे धीरे गरम होने लगी थी.
बिहारी- तूने मेरे सवालों का जवाब नहीं दिया. मैं तुझसे कुछ पूछ रहा हूँ राधिका.
राधिका फिर धीरे से खड़ी होती है फिर बड़ी मुश्किल से बोलती हैं- आदमी और औरत में बस उसका लिंग अलग होता हैं. लिंग से ही पहचान होती हैं कि वो इंसान आदमी है या औरत.
जग्गा- तो क्या मेरी पहचान करने के लिए क्या मुझे हर जगह अपना लिंग दिखाना पड़ेगा कि मैं आदमी हूँ कि औरत. अगर मैं तेरे से कहूँ कि तू औरत हैं तो क्या तू भी अपनी चूत दिखाएगी. जवाब दे मेरे सवालो का.
जग्गा की बातो से राधिका का चेहरा शरम से लाल पड़ जाता हैं- मेरा............... वो कहने का मतलब नहीं था.
बिहारी- अरे मेरी जान हम से इतना शरमाएगी तो कैसे काम चलेगा. सॉफ सॉफ क्यों नहीं कह देती कि आदमी के पास लंड होता हैं और औरत के पास चूत होती हैं.
राधिका भी अब समझ चुकी थी कि उसने खुद अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारी हैं अभी तो मुश्किल से केवल 5 मिनिट ही गुज़रे थे और इतने सारे गंदे सवाल पता नहीं आने वाले दो घंटे में ये लोग उसे तो सवालो से पूरा नंगा कर देंगे मगर अब कुछ भी नहीं हो सकता था इस लिए राधिका भी सोच लेती हैं जो होगा देखा जाएगा.
बिहारी- देख राधिका मैं जानता हूँ कि ऐसे शरमाने से काम नहीं चलेगा. तुझे हम सब का पूरा साथ देना पड़ेगा अगर तूने हम सब का पूरा साथ नहीं दिया तो फिर आइ अम सॉरी मैं कुछ नहीं कर सकता. ये बात जान ले हम सब तेरी बेशर्मी देखना चाहे हैं और हम तुझसे अब यही उम्मीद करेंगे कि तू हमसे अपनी पूरी तरह से खुल कर बातें करे. फिर से बिहारी वो वाइब्रटर की स्पीड बढ़ा देता हैं और राधिका की चूत में फिर से आग लग जाती हैं.
राधिका- ठीक हैं बिहारी प्लीज़ इसे कम करो मुझसे अब बर्दास्त नहीं हो रहा.
बिहारी- तो फिर हमारे सारे सवालो का जवाब देती जा और अगर तूने हमे जवाब नहीं दिया तो ये वाइब्रटर का स्पीड भी अब कम नहीं होगा.
राधिका बड़ी मुश्किल से आपने आप को कंट्रोल कर रही थी- आदमी के पास लंड होता हैं और औरत के पास चूत होती हैं.
विजय- अगर मैं कहूँ कि तू एक औरत हैं तो तू ये बात कैसे साबित करेगी कि तू एक औरत हैं. जवाब दे...
राधिका को कुछ बोलते नहीं बनता और उधेर बिहारी फिर से वाइब्रटर की गति धीरे धीरे बढ़ाने लगता हैं- मुझे इसका जवाब नहीं मालूम.
विजय- और ये तेरे दो बड़े बड़े दूध हैं वो किस लिए हैं क्या आदमी के दूध होते हैं.
राधिका तो इस वक़्त भगवान से यही दुआ कर रही थी कि काश उसे इस वक़्त मौत आ जाए मगर मौत भी इतनी आसानी से कहाँ मिलती है.
जग्गा- अच्छा छोड़ इन सब बातो को क्यों बेचारी की गान्ड मार रहा हैं चल ये बता चुदाई किसे कहते हैं???
राधिका की हालत अब ऐसी थी कि ना उससे कुछ बोलते बन रहा था और ना ही वो किसी बात का विरोध कर पा रही थी- जब मर्द एक औरत के साथ सोता हैं उसे चुदाई कहते हैं...
राधिका के जवाब सुन कर तीनों ज़ोर ज़ोर से हँसने लगते हैं तभी बिहारी वाइब्रटर की गति फिर से तेज़ कर देता हैं और तब तक उसी स्पीड में रखता हैं जब तक राधिका का धैर्य नहीं टूट जाता.
राधिका- बस करो बिहारी ...............बस मैं जवाब दे रही हूँ ना. जब एक मर्द का लंड औरत की चूत में जाता है और वो उस लंड से उसकी चुदाई करता हैं उसे चोदना कहते हैं.
बिहारी- अरे वाह तू तो बहुत समझदार निकली. अगर यही जवाब पहले दे देती तो तुझे इतनी तकलीफ़ तो नहीं सहनी पड़ती. खैर गान्ड मरवाना तो तुझे पता ही होगा ज़रा खुल के बता. अपने यार और भाई से तो तू खूब गान्ड मरवाती थी ना.
राधिका इस बार बिना रुके कहती हैं- जब आदमी का लंड औरत की गान्ड में जाता हैं और वो अपने लंड से उसकी गान्ड को चोदता हैं उसको गान्ड मारना कहते हैं. इसी तरह से राधिका से बिहारी और वो दोनो नन्गपन भरे सवाल पूछ रहे थे और राधिका भी धीरे धीरे उनके जवाब देती जा रही थी.
बिहारी- तो बता ना राधिका जब तेरे भाई का लंड तेरी गान्ड में गया तो तुझे कैसा महसूस हुआ.
राधिका को मानो ऐसा लगा कि अब उसके आँसू निकल पड़ेंगे मगर बड़ी मुश्किल से वो अपने आप को संभाले हुई थी.- अच्छा लगा थोड़ा दर्द हुआ ...................बस अब मैं तुम्हारे हाथ जोड़ती हूँ मुझे और नीचे मत गिराव. अब मुझसे ये सब नहीं होगा.
बिहारी- अभी तो तू कहाँ नीचे गिरी हैं आज तुझे हम बताएँगे कि असली चुदाई किसे कहते हैं.
ऐसे ही वक़्त बीत रहा था और करीब 1/2 घंटे के अंदर राधिका उन तीनों से पूरी तरह खुल के बातें कर रही थी. इधेर वियाग्रा का असर भी उसपर हावी होता जा रहा था और उधेर वो वाइब्रटर भी हर पल उसकी चूत में आग लगा रहा था. धीरे धीरे राधिका का धैर्य भी जवाब देता जा रहा था. उसे अब ऐसा लगने लगा था कि ऐसा ही कुछ पल और चलता रहा तो वो बिहारी के सामने पूरी तरह बेबस हो जाएगी...
जग्गा, बिहारी और विजय ने उससे ऐसा कोई सवाल नहीं छोड़ा था जो वो उससे ना पूछा गया हो.
बिहारी- राधिका मेरी तो यही ख्वाहिश हैं कि मैं तेरी चूत और गान्ड में अपना लंड डालकर तुझे रगड़ता रहूं कसम से बहुत मज़ा आएगा बस तू एक बार तू मेरे नीचे आ जा फिर देखना तुझे चुदाई का वो मज़ा दूँगा कि तू सारी दुनिया को भूल कर तू मेरे पास आ जाएगी. फिर बिहारी वहीं एलसीडी टीवी ऑन करता हैं और उसमें कई सारी ब्लू फिल्म्स वो एक एक कर छोटे छोटे क्लिप्स राधिका को दिखाने लगता हैं. करीब 1/2 घंटे तक वो टी.वी में नंगी वीडियोस उसे दिखाता हैं..
करीब एक घंटे के बाद राधिका का सब्र टूट जाता हैं वो भी बस ज़मीन पर वहीं बैठ जाती हैं. उसकी आँखों में आँसू थे. एक तरफ बिहारी ने पिछले एक घंटे से वो वाइब्रटर को बंद नहीं किया था जिससे उसकी चूत और पैंटी पूरी तरह से गीली हो गयी थी. और उस वाइब्रटर की वजह से उसकी चूत की आग को और भड़का रही थी और इधेर वियाग्रा का असर अपने चरम पर था वो लाख कोशिशों के बावज़ूद अपने आप को बेबस महसूस कर रही थी. और उपर से बिहारी विजय और जग्गा की अश्लील बातें रही सही कसर पूरा कर रही थी. और बाद में बिहारी ने राधिका की थोड़ी बची हुई हिम्मत को भी तोड़ दिया था उसको ब्लू फिल्म्स दिखा कर.
राधिका का जिस्म इस वक़्त आग की भट्टी की तरह तप रहा था और उसकी आँखें पूरी तरह लाल हो चुकी थी. हवस उसकी आँखों में सॉफ दिखाई दे रहा था आज वो भी समझ चुकी थी कि जिस्म की आग क्या होती हैं और जब जिस्म की आग इंसान पर हावी होती है तो इंसान को कुछ दिखाई नहीं देता. आज राधिका भी वही आग में जल रही थी वो तो चाह रही थी कि कैसे भी वो फारिग हो जाए मगर बिहार मँज़ा हुआ खिलाड़ी था जब राधिका अपने चरम पर पहुचती तो वो वाइब्रटर की स्पीड बिल्कुल कम कर देता ऐसे ही पिछले एक घंटे से वो उसके साथ ये खेल खेल रहा था. आख़िर कब तक राधिका का धैर्य जवाब देता वो भी वही बेबस होकर जग्गा, विजय और बिहारी के पास वहीं ज़मीन पर बैठ जाती हैं.
बिहारी- क्या हुआ मेरी जान अभी टाइम की ओर देख अभी पूरा एक घंटा बाकी हैं. तू इतनी जल्दी अगर हिम्मत हार जाएगी तो क्या होगा.
राधिका चुप चाप वही ज़मीन को टकटकी लगाए बैठी देख रही थी अब हवस उसके उपर इस कदर हावी हो चुका था कि उसे क्या सही क्या ग़लत वो अब कोई भी फ़ैसला लेने की स्थिति में नज़र नहीं आ रही थी. बस कैसे भी करके अपने अंदर सुलग रही आग को दबाने की कोशिश कर रही थी मगर ये आग दबाने से और भी भड़कती जा रही थी. राधिका के दिल और दिमाग़ में कई तरह के सवाल उठ रहे थे मगर आज वो अपने जिस्म के आगे बेबस थी.
ऐसे ही सिलसिला चलता रहा और ठीक 15 मिनिट के बाद राधिका का सब्र पूरी तरह से टूट गया और वो ना चाहते हुए भी बिहारी के कदमों में आख़िर गिर ही पड़ती हैं. ये देखकर विजय, जग्गा और बिहारी के चेहरे पर मुस्कान तैर जाती हैं. आज राधिका फिर से अपने बदन की आग से एक बार फिर हार गयी थी. आज उसका सारा मनोबल टूट गया था.
राधिका- मैं हार गयी बिहारी.................आख़िरकार तुम जीत ही गये आज मेरे अपने जिस्म ने मेरे मनोबल को तोड़ दिया.मैं आज अपना जिस्म तुम्हें सौपति हूँ बिहारी कर लो जो करना हैं. आज के बाद तुम जो मुझसे कहोगे वो मैं सब कुछ करूँगी मैं आज के बाद तुम्हारी रखैल बनकर रहूंगी. तुम मुझे जिसके साथ कहोगे जैसे कहोगे मैं उससे चुदवाउंगी और राधिका वहीं फुट फुट कर रोने लगती हैं. बिहारी उसको बड़े प्यार से उसको सहारा देता हैं फिर उसे वही सोफे पर बैठा देता हैं..
बिहारी- मुझे खुशी हुई कि आज तूने खुद ही अपने आप को मेरे हवाले कर दिया मगर इस बात का दुख भी हुआ कि मैने तेरे सामने एक सुनेहरा मौका दिया था और तूने उसको गवाँ दिया. खैर अब शर्त के मुताबिक आज के बाद तू पूरे एक हफ्ते तक मेरी रखैल बनकर रहेगी. मेरी मर्ज़ी मैं तुझे जहाँ चाहूं जिससे चाहूं तुझे चुदवाउन्गा और तू अब आज के बाद मुझे किसी भी चीज़ के लिए मना नहीं करेगी.
राधिका ये बात अच्छे से जानती थी कि आने वाला समय कितना भयानक होने वाला है. पता नहीं बिहारी उससे क्या क्या करवाएगा मगर आज उसकी बदनसीबी कि वो अपनी मर्ज़ी से अपनी जान भी नहीं दे सकती थी शायद उसे और जल्लत सहना बाकी था. पता नहीं आने वाला वक़्त राधिका की ज़िंदगी में क्या सितम ढाने वाला था. पर इतना ज़रूर तय था कि जो कुछ भी राधिका के साथ होगा वो उसके लिए अच्छा नहीं होगा
राधिका अभी भी बेबस वहीं बिहारी के कदमों के पास बैठी हुई थी. कल तक सब का मूह तोड़ जवाब देने वाली लड़की आज खुद को एक कमज़ोर महसूस कर रही थी. तभी जग्गा उसके पास आता हैं और अपनी मुट्ठी में राधिका के सिर के बाल को कसकर पूरी ताक़त से भीच देता हैं. राधिका के मूह से एक दर्द भरी सिसकारी निकल पड़ती हैं.
जग्गा- क्या हुआ मेरी रानी सारी गर्मी ठंडी पड़ गयी क्या. अभी तो खेल शुरू हुआ हैं और अभी से तू कमज़ोर पड़ गयी.
राधिका एक नज़र जग्गा की ओर देखती हैं फिर वो अपनी नज़रें झुका लेती है. वो भी अच्छे से जानती थी कि इन हैवानो के दिल में उसके लिए कोई हमदर्दी नहीं हैं.
बिहारी- देख ध्यान से इस समय को अभी पूरे 45 मिनिट बाकी हैं. खैर जब तू हार मान ही चुकी हैं तो अब आज के बाद हम जो भी कहेंगे तू वो सब कुछ करेगी बिना किसी सवाल जवाब के. बोल करेगी ना. राधिका हां में अपनी गर्देन हिला देती हैं.
बिहारी फिर जग्गा को राधिका से दूर हटने का इशारा करता हैं और जग्गा तुरंत राधिका के बाल छोड़ देता हैं.- बोल राधिका तू हमारे लिए क्या कर सकती हैं. तू समझ रही होगी कि मेरा इशारा किस ओर हैं. बिहारी फिर से राधिका से वही गंदे सवालों का सिलसिला शुरू कर देता हैं.
राधिका- मैं कुछ भी कर सकती हूँ जो तुम कहोगे... तभी बिहारी धीरे धीरे वाइब्रटर का स्पीड बढ़ाने लगता हैं और फिर से राधिका तड़प उठती हैं. उसके मूह से एक तेज़्ज़ सिसकारी निकल पड़ती हैं.
विजय- क्या हुआ डार्लिंग. तेरी चूत में आग लगी हैं क्या. अगर ऐसी बात हैं तो कह दे हम तेरी चूत की सारी गर्मी निकाल देंगे.
राधिका- बस.......करो बिहारी अब मुझसे बर्दास्त नहीं होता. मैने खुद को तुमलोगों के हवाले तो कर ही चुकी हूँ और अब तुम सब मुझसे क्या चाहते हो. अगर कहो तो मैं अपने पूरे कपड़े तुम सब के सामने उतार देती हूँ. यही चाहते हो ना तुम सब.