20-09-2019, 10:21 AM
Update 14
आज राधिका के मंन में हज़ारो सवाल उठ रहे थे. उपर से निशा के ऐसे तेवर देखकर उसे खुद विश्वास नही हो रहा था. वो कॉलेज अटेंड कर के घर आती हैं और फ्रेश होकर खाना बनाती हैं.
दूसरे दिन सुबह ही राहुल का फोन आता हैं और वो राधिका से मिलने के लिए बेचैन रहता हैं. आज सनडे होने के कारण वो राधिका को लेने उसके घर आता हैं और कुछ देर में वो उसे अपने घर ले जाता हैं.
राहुल- जान अब तो मैं यही सोचता हूँ कि जल्दी से जल्दी हम शादी कर ले.
राधिका- हां तो जनाब कब मुझे मन्गल्सुत्र पहना रहे हैं.
राहुल- बहुल जल्दी. देख लेना ऐसा बारात लेकर आउन्गा की सारा सहर देखता रह जाएँगा. और मैं अपनी दुल्हन को अपनी बाहों में उठाकर इस घर में ले आउन्गा.
राधिका- लेकिन आप तो हम से सुहाग रात पहले ही मना चुके हैं. अब उसका क्या.
राहुल- अरे तो क्या हुआ ये सब चीज़ों से भला कभी मन भरता हैं क्या. और राहुल मुस्कुरा देता हैं और राधिका भी शरम से अपनी नज़रें नीचे झुका लेती हैं.
राहुल- अरे वाह हमारी दुल्हन तो हम से शरमा रही हैं. लगता हैं आभी भी पूरी शरम गयी नही हैं. आज पूरी बची हुई भी उतार दूँगा.
राधिका का चेहरा शरम से लाल हो जाता हैं.और वो भी धीरे से मुस्कुरा देती हैं.
कुछ देर इधेर उधेर की बातें होती हैं फिर दोनो नाश्ता करते हैं और फिर राहुल उसे अपने कमरे में ले जाता हैं.
अंदर आकर वो झट से राधिका को कस कर अपनी बाहों में ले लेता हैं और अपने लब से राधिका के लब को चूम लेता हैं. और फिर धीरे धीरे उसे अपने दाँतों से काटने लगता हैं और जवाब में राधिका भी अपना बदन को उसके हवाले कर देती हैं और अपनी आँखें बंद कर के अपना हाथ उसके सर पर फिराती हैं.
कुछ देर तक ऐसे ही वो दोनो आपस में एक दूसरे के होंठ चूस्ते और चाट ते हैं.
राहुल जब से राधिका से मिला था वो कुछ परेशान सा दिख रहा था, और राधिका भी उसके चेहरे पर परेशानी सॉफ सॉफ पढ़ लेती हैं.
राधिका- अपने से राहुल को दूर करते हुए. बात क्या हैं राहुल मैं जब से तुमसे मिली हूँ तुम कुछ परेशान से दिख रहे हो.
राहुल- हां जान , क्या करू बात ही ऐसी हैं.
राधिका- मुझे नही बताओगे क्या.
राहुल- राहुल कुछ देर तक सोचता हैं फिर बोलना शुरू करता हैं.
राहुल- दर-असल परसों रात में दो बदमाश मारे गये थे पोलीस मुठभेड़ में. जानती हो वो दोनो कौन थे.
राधिका- चौुक्ते हुए, कौन???
राहुल- याद हैं जब मैं पहली बार तुमसे मिलने तुम्हारे घर आया था तब किसी ने मुझपर हमला किया था, वो दोनो हमलावर यही थे. ये तो बस मोहरे थे मगर इनका लीडर अभी पकड़ा नही गया हैं.
राधिका- चलो राहुल ये तो और भी अच्छा हुआ, मगर आगे से तुम सावधान रहना.
राहुल- मुझे तो ये चिंता सता रही हैं कि मेरी हर पल पल की खबर इनके पास कैसे पहुचती हैं. कोई तो ऐसा आदमी हैं जो हमारी पोलीस फोर्स में इनको पल पल की खबर दे रहा हैं. वरना मैं उस दिन तुम्हारे यहाँ पहली बार आया था और ये सब इनको कैसे मालूम हुआ कि मैं इस वक़्त तुम्हारे घर पर हूँ. जबकि मैं उस दिन किसी को ये बात नही बताई थी.
राधिका- एक दम से उसे कुछ याद आता हैं. मैं यकीन से तो नही कह सकती राहुल मगर हो ना हो इन हमलावरो के पीछे ज़रूर तुम्हारे दोस्त विजय का हाथ हो सकता हैं.
राहुल- चौुक्ते हुए. तुम कैसे इतना यकीन से कह सकती हो. क्या तुम्हारे पास कोई सुबूत हैं.
राधिका- याद हैं राहुल जब तुम पर हमला हुआ था उसके करीब 20 मिनिट पहले तुम्हारे दोस्त विजय का फोन आया था.और तुमने ही तो उसे बताया था कि तुम इस वक़्त मेरे घर पर हो.
राहुल- हां मानता हूँ की विजय का 20 मिनिट पहले फोन आया था, लेकिन वो तो हर रोज़ मुझसे ऐसी ही बातें करता हैं. और रोज़ मुझसे मिलकर अपना हाल चाल जानकार अपने क्लिनिक चला जाता हैं. नही वो ऐसा नहीं कर सकता.
राधिका- लेकिन ये बात तो उस वक़्त बस विजय ही जानता था की तुम कहाँ पर हो. और हो सकता हैं वो ही तुम पर हमला करवाया हो.
राहुल- नही राधिका, विजय को मैं अच्छे से जानता हूँ, वो मेरे दोस्त ही नही बल्कि मैं उसे अपना छोटे भाई की तरह मानता हूँ. वो ऐसा कभी नही कर सकता. और ये भी तो हो सकता हैं कि उन हमलावरो ने मेरी गाड़ी का पीछा किया हो और मौका देखकर मुझपर हमला कर दिया हो.
राधिका- जो भी हो राहुल मुझे ये तुम्हारा दोस्त कुछ ठीक नही लगता. मैं तो बस यही कहूँगी कि तुम बस सावधान रहना.
राहुल- मुझे कुछ नही होगा राधिका. तुम जो मेरे साथ हो. देख लेना एक दिन साले सब पकड़े जाएगे. और तुम बे-वजह मेरे दोस्त पर शक कर रही हो. वो ऐसा नहीं हैं.
राधिका भी अब कुछ बोलना ठीक नही समझी और फिर वो राहुल की आँखों में एक टक देखने लगती हैं.राधिका ने जिस तरफ उसको इशारा किया था अगर राहुल विजय के बारे में ज़रा भी सीरीयस होता तो आने वाले तूफान को रोकना उसके हाथ में था. मगर यहाँ पर किस्मत को शायद कुछ और ही मंज़ूर था.
कहते हैं कि अगर बड़े ख़तरे टलने हो तो आस पास के छोटे ख़तरों को नज़र अंदाज़ नही करनी चाहिए. बस यहाँ पर राहुल की एक छोटी सी भूल की वजह से ना जाने कितनों की ज़िंदगी पर इसका असर पड़ने वाला था.
राधिका- हो गया ना मिस्टर. आपका टेन्षन ख़तम.
राहुल- राधिका को गले लगाते हुए. हां जान तुम मेरे साथ होती हो तो मैं सब कुछ भूल जाता हूँ. चलो इसी खुशी में कुछ मूह मीठा करते हैं.
राहुल किचन में जाकर एक बटर केक ले आता हैं और अपने मूह में आधा रख लेता हैं.
राधिका- ये क्या राहुल मुझे मूह मीठा करने से पहले तुम खुद ही अपने मूह मीठा कर लिए.
राहुल- आज हम ऐसे ही आपका मूह मीठा कराएँगे. राहुल बटर केक को मूह से निकालते हुए कहता हैं और फिर अपने मूह में वापस रख लेता हैं.राधिका भी समझ जाती हैं की राहुल क्या चाहता हैं और वो मुस्कुरा कर उसके करीब चली जाती हैं.
राधिका भी अपना मूह खोलती हैं और राहुल के मूह में आधे बटर को धीरे धीरे अपने मूह में लेना शुरू कर देती हैं. राहुल भी एक हाथ बढ़ाकर उसके सीने पर रख देता हैं और कस कर उसके निपल्स को अपनी उंगली से मसल देता हैं. राधिका के मूह पहले से ही राहुल के मूह में था इस वजह से वो कुछ नही बोल पाती और धीरे धीरे उसके हाथ सरकते हुए राधिका की कमर के नीचे उसके गान्ड पर सरकने लगते हैं.
राहुल भी अब पूरा केक राधिका के मूह में दे देता हैं और राधिका बड़े ही प्यार से उसे खा जाती हैं.
राधिका- लगता हैं अब मुझे ऐसे ही खाना भी खाना पड़ेगा.
राहुल- तो इसमें क्या बुराई हैं. क्यों टेस्ट अच्छा नही लगा क्या.
राधिका- देख रहीं हूँ राहुल अब तुम भी धीरे धीरे बदमाश होते जा रहे हो. और राधिका फिर से मुस्कुरा देती हैं....
राहुल- पहले ये बताओ कि बटर केक का टेस्ट कैसा था.
राधिका-हां वैसे तो कोई बुरा नही था.ठीक ही था. इतना कहकर राधिका मुस्कुरा देती हैं.
राहुल- आज तो जी चाहता हैं कि मैं तुम्हारा रेप कर दू. कसम से जब से तुम मेरे संपर्क में आई हो और भी निखरती ही जा रही हो.
राधिका- तो कर लो ना मैने कब मना किया हैं. वैसे पोलीस वालों के लिए बलात्कार करना कोई नयी बात थोड़ी ही ना हैं.
राहुल- जाने दो नहीं करता. नहीं तो कहोगी की तुममें और बाकी पोलिसेवालों में क्या फ़र्क हैं.
राधिका- अगर नही किए तो अब मैं तुम्हारा रेप करूँगी. फिर कल अख़बार में नयी खबर आएगी कि एक लड़की ने पोलिसेवाले की इज़्ज़त लूट ली और उस पोलिसेवाले ने नदी में कूदकर अपनी जान दे दी. राधिका मुस्कुराते हुए बोली.
राहुल- यार सच में तुम कमाल की हो. किसी की भी वॉट लगाने में बिल्कुल देऱ नही करती हो. सच ही लोग तुम्हारे बारे में कहते हैं कि तुम पूरी आटम बॉम्ब हो.
राधिका- अगर अब तुमने भी मुझे आटम बॉम्ब बोला ना ..तो मैं अभी यहाँ से चली जाउन्गि. फिर हाथ मलते रहना.
राहुल- नही हाथ तो नही मगर कुछ और ही मलना पड़ेगा. राधिका राहुल की बात समझते ही उसे ज़ोर से पिंच कर देती हैं.
राधिका- देख रही हूँ की तुम बहुत बिगड़ गये हो.
राहुल भी उसे अपनी बाहों में ले लेता हैं और अपने होंठ उसके होंठ पर रखकर धीरे धीरे उसे चूसने लगता हैं. राधिका भी अपनी आँखें बंद कर लेती हैं और वो अपना हाथ उसके सर पर रख देती हैं.
कुछ देर तक दोनो ऐसे ही एक दूसरे के होंठ चूस्ते हैं फिर राहुल अपने हाथ धीरे धीरे बढ़ाते हुए उसके सीने पर रख देता हैं और दूसरा हाथ उसके गान्ड पर रखकर धीरे धीरे मसलना शुरू कर देता है.
राधिका- प्लीज़ राहुल, मैं बहुत प्यासी हूँ, मेरी आग आज ठंडी कर दो ना.
राहुल- तो बताओ ना तुम्हारी आग को मैं कैसे ठंडा करू. कहों तो पानी ले कर आऊ.
राधिका- घूर कर देखते हुए. जाओ मैं तुमसे बात नहीं करती.
राहुल- अरे मेरी जान नाराज़ क्यों होती हो, बताओगि नही तो मैं तुम्हारे आग का इलाज़ कैसे करूँगा.
राधिका भी समझ चुकी थी कि राहुल उससे क्या कहलवाना चाहता हैं. लेकिन राधिका को अभी भी ये सब बोलने में झिझक हो रही थी.
राधिका- राहुल मुझे शरम आती हैं वो सब बात करने में. प्लीज़ ऐसे ही कर लो ना आज. ज़रूरी हैं क्या हर बात बोलना.
राहुल- क्यों खाना खाती हो तो पानी नही पीती क्या. वैसे ही ये भी ज़रूरी हैं. अगर नही कहोगी तो मैं भी आज कुछ नही करने वाला.
राहुल - बोलो ना जान. मुझसे कैसी शरम आज मैं तुम्हारी बेशर्मी देखना चाहता हूँ. क्या तुम मेरे लिए इतना भी नही कर सकती.
राधिका- पहले से ही बेशरम बना दिया हैं मुझे, और अब क्या बाकी रह गया हैं.
राहुल- तो फिर देर किस बात की है, चलो शुरू हो जाओ.
राधिका- ठीक हैं राहुल अगर तुम्हें ये सब से खुशी मिलती हैं तो ये ही सही. आज मैं तुम्हें अपनी पूरी बेशर्मी दिखाउंगी अगर सच में अगर तुम ना शरमा गये तो मेरा नाम भी राधिका नहीं.
राहुल- तो देख लेते हैं कि किसमे कितना दम हैं.
राधिका- अब बातें भी करोगे या कुछ शुरू भी करोगे.
राहुल- मैं नही कुछ करने वाला आज जो भी करोगी तुम करोगी. समझ लो कि मैं नया हूँ और तुम मुझे आज सब कुछ सिखा रही हो.
राधिका- अच्छा, ये क्या बात हुई. जाओ .......मैं........... ये नही कर सकती.
राहुल- फिर ठीक हैं मैं भी अब जाता हूँ.
राधिका तुरंत राहुल का हाथ पकड़ लेती हैं और उसका हाथ अपने राइट बूब्स पर रखकर ज़ोर से मसल देती हैं.
राधिका- आओ ना राहुल, मैं तुमसे चुदवाना चाहती हूँ. आओ और अपने राधिका को अच्छे से , अपने लंड को मेरी चूत में रगड़ कर चोदो.
अब चौकने की बारी राहुल की थी. उसने कभी सपने में भी राधिका से ऐसी उम्मीद नही की थी. और उसका बड़ा सा मूह खुल जाता हैं.
राधिका- ऐसे क्या देख रहे हो मैने कुछ ग़लत तो नही कहा ना. जो तुम चाहते थे वही तो बोला हैं.
राहुल- राधिका , मुझे तो अब भी यकीन नही हो रहा कि तुम इतनी बिंदास होकर ऐसे बातें कैसे बोल सकती हो.
राधिका अपने सर पर हाथ रखकर- हे भगवान!!! अब मैं क्या करू. नही बोलती हूँ तो कहते हो बोलो. अब बोल दिया तो कह रहे हो कैसे बोल दिया. अब तुम ही बताओ मैं क्या करूँ...........
राहुल- ठीक हैं , ठीक हैं, जैसी तुम्हारी मर्ज़ी, जो तुम्हे अच्छा लगे तुम बोलो. मैं अब कुछ नहीं बोलुगा.
राधिका- यार तुमने तो अच्छे भले चुदाई के खेल का पूरा सत्यनाश कर दिया. मेरी बात मानो थोड़ा फ्रेश हो जाते हैं फिर बाद में देखेंगे.
अब राहुल भी बुरा सा मूह बनाकर बिस्तर से उठ जाता हैं और फिर बाथरूम में जाकर मूह हाथ धो कर आता हैं.
राहुल- चलो पहले खाना खा लेते हैं फिर..बाद में वो सब करेंगे. अभी तो पूरा टाइम पड़ा हैं.
कुछ देर में राहुल और राधिका नीचे आते हैं और फिर रामू काका वही ड्रॉयिंग टेबल पर खाना परोसते हैं.
कुछ देर तक राहुल चुप चाप खाना ख़ाता हैं और फिर राधिका से कहता हैं.
राहुल- एक बात तो मैं तुम्हें बताना भूल ही गया. अगले हफ्ते मेरा प्रमोशन हो रहा हैं. मैं अब सब-इनस्पेक्टर से एसीपी बनने वाला हूँ. और मुझे नॉमिनेट करने के लिए सहर से बड़े बड़े लोग भी आ रहे हैं. तुमको भी ज़रूर आना होगा.
राधिका- तुमने ये कैसे सोच लिया कि मैं नही आउन्गि. ज़रूर आउन्गि. और तुमसे ज़्यादा मुझे खुशी होगी. मुझे उस दिन का बेसब्री से इंतेज़ार रहेगा.............................................
खाना खाने के करीब 1/2 घंटे बाद राहुल राधिका को अपने गोद में उठाकर सीधा अपने रूम में ले जाता हैं.
राधिका- अरे ये क्या कर रहे हो राहुल . मुझे नीचे उतारो प्लीज़.
राहुल- नहीं. अब तो मैं सीधे तुम्हे अपने बेडरूम में लेजाकार ही नीचे उतारूँगा.
राधिका भी अपनी बाहें राहुल के गले में डाल देती हैं और वो मुस्कुराते हुए उसकी आँखों में देखने लगती हैं.
राहुल- ऐसे क्या देख रही हो जान.
राधिका- सोच रही हूँ कि आज तुम्हें मैं पूरी तरह से खुस कर दूं ताकि आज के बाद तुम्हें मुझसे कोई गिला शिकवा ना रहे.
राहुल- खुशी से चहकते हुए. सच में तो इसका मतलब जो मैं चाहता हूँ तुम वो सब करोगी.
राधिका- हां जो बोलॉगे वो सब करूँगी. अरे आज तो तुम्हें कुछ सिखाना भी हैं ना...........मिस्टर.
राहुल- क्या बात हैं जान आज तक मैने तुम्हारा ये रूप पहले कभी नहीं देखा.
राधिका- आज तो मैं तुम्हें बहुत कुछ दिखाने वाली हूँ जो तुमने आज तक नही देखा. और राधिका के चेहरे पर मुस्कान आ जाती हैं.
राहुल जैसे ही राधिका को अपने रूम में ले आता हैं वो झट से उसे नीचे उतारता हैं और फिर दरवाज़े बंद कर लेता हैं.
राधिका भी राहुल को धक्का देकर उसे बेड पर गिरा देती हैं और फिर वही बेड के पास वो वही खड़ी रहती हैं.
राहुल- राधिका बताओ ना कहीं तुम मेरा सच में रेप तो नहीं करने वाली हो ना. अगर ऐसा हैं तो लगता हैं मुझे सच में शूसाइड करना पड़ेगा. तुम तो जानती हो ना ये कितने शर्म की बात होगी कि एक पोलिसेवाले का रेप वो भी उसी की प्रेमिका के हाथों.
राधिका अपनी एक उंगली अपने लिप्स पर रखती हैं और राहुल को चुप होने का इशारा करती हैं. राहुल भी बेचारा चुप होकर राधिका को देखने लगता हैं.
राधिका- आज मैं बोलूँगी और तुम चुप चाप सुनोगे. और राधिका अपना दुपट्टा अपने सीने से हटा देती हैं और उसे एक तरफ़ रख देती हैं.
राहुल- बोलो ना राधिका तुम क्या करने वाली हो. मेरा दिल बैठा जा रहा हैं.
राधिका- कहाँ ना अपना मूह बंद रखो.
राधिका फिर धीरे से राहुल के एक दम करीब आती हैं और अपना होंठ उसके होंठ पर रखकर धीरे धीरे उसे चूसना शुरू कर देती है. और कुछ देर में अपने दाँत से उसके लिप्स को हल्का सा काटने लगती हैं.
फिर वो धीरे से उठकर अपने बूब्स को राहुल के मूह पर धीरे धीरे रगड़ना शुरू कर देती हैं.
राधिका- क्यों आपका लंड अभी खड़ा हुआ कि नही. राधिका के अचानक ऐसे सवाल से राहुल तुरंत हड़बड़ा जाता हैं.
राहुल- राधिका......... सच में तुम बहुत बोल्ड हो.
राधिका- अभी तुमने मेरा बोल्डनेस देखा ही कहाँ हैं. ये तो बस शुरूआत हैं. देखते जाओ आगे आगे मैं क्या करती हूँ.
राधिका फिर धीरे से अपना कुरती उतार देती हैं और अब वो ब्रा में राहुल के सामने थी.
राधिका- क्या आँखें फाड़ कर देख रहे हो. मुझे बिना कपड़ों के पहले कभी नही देखा क्या.
राधिका के ऐसे तेवर को देखकर राहुल की बोलती पहले से ही बंद हो चुकी थी. आज मैं बताती हूँ कि रेप क्या होता हैं. आज इतिहास में एक लड़की एक लड़के का रेप करेगी. वो भी पोलीस वाले का .बोलो मुझपर कौन सी धारा और चार्जेशेट फाइल का केस करोगे .
राहुल- आरे मेडम क्यों तुम मेरी बॅंड बजाने पर तुली हो. अरे मेरी बस इतनी ही खता हैं कि मैने तुम्हें ज़रा खुलकर सेक्सी बातें करने को कहा था और तुम ................. लगता हैं सच में आज मेरी शामत आने वाली हैं.
राधिका अपना हाथ आगे बढ़ाकर राहुल के शर्ट का बटन को एक एक कर खोलने लगती हैं. फिर वो उसका पेंट भी उतार देती हैं.
राधिका उसके उपर आ जाती हैं और फिर एक दम धीरे धीरे अपने लब से चूमते हुए पहले उसके होंठ और फिर गर्देन से होते हुए उसके सीने पर अपना होंठ फ़िराने लगती हैं. और फिर उसका बनियान भी निकाल देती हैं. फिर से वो अपनी जीभ से धीरे धीरे चाटते हुए उसके निपल्स और पेट पर अपनी जीभ फिराती हैं. राहुल की हालत खराब होने लगती हैं और वो कस कर राधिका के बूब्स को मसल देता हैं.
राहुल- क्या जान आज सच में मुझे पागल बनाने का इरादा हैं क्या. कहाँ से सीखा ये सब.
राधिका- मैने बहुत सी ब्लू फिल्म्स में ऐसे देखा हैं. बस कुछ देख कर और कुछ.........................
राहुल- और कुछ?????क्या मतलब...... राहुल हड़बड़ाते हुए बोला.
राधिका- क्यों तुम मर्द लोग ही सब मज़े कर सकते हो क्या हमारा कोई हक़ नही बनता.
राधिका- रहने दो नही तो कहोगे कि मैं कॅरक्टर लेस हूँ. वैसे भी तुम तो बड़े शरीफ बनते हो.
राहुल- बनते हो का क्या मतलब... शरीफ हूँ. मैं तुम्हारी तरफ ब्लू फ़िल्मे नहीं देखता.
राधिका-ओह.....हो.... तो आज मैं तुम्हारी शराफ़त अभी थोड़े देर में उतार देती हूँ. इतना कहकर राधिका राहुल के अंडरवेर उतार देती है.
राधिका- तो ये हैं शराफ़त आपकी. देखो कैसे लंड महाराज खड़े होकर मुझे सलामी दे रहे हैं.
राहुल- अरे ऐसे ऐसे तेवर दिखाओगि तो क्या लंड नही खड़ा होगा. इसमें मेरी क्या ग़लती हैं.
राधिका- अच्छा अब मेरी ग़लती हैं. इतने ही साधु होते तो अपने लंड को पूरी कंट्रोल में नही रखते क्या.
राहुल- यार तुमसे तो बहस करना बेकार हैं. मुझे माफ़ करो मेरी मा ...............मैं तुम्हारे हाथ जोड़ता हूँ. तुम जीती मैं हारा. बस.................
राधिका- वो तो अभी पता चल जाएगा बिस्तर पर कि कौन जीतता हैं और कौन हारता हैं.
राहुल- आज जान गया मैं औरत के असली रूप को. बस मुझे माफ़ करो और जो करना हैं कर लो.
राधिका- अरे मेरी जान इतनी भी क्या जल्दी हैं. अभी तो बस मैने ट्रेलर दिखाया हैं. अभी पूरी पिक्चर बाकी हैं.
राहुल- क्या ??? तो इसका मतलब अभी और भी कुछ बाकी हैं क्या.???
राधिका- ये तो शुरूवात हैं. बस देखते जाओ आगे आगे क्या होता हैं.
राधिका फिर धीरे से अपना सलवार खोल देती है और उसे अपने जिस्म से अलग कर देती हैं. फिर उसके बाद अपना ब्रा और पैंटी भी निकालकर एक दम नंगी हो जाती हैं. अब राहुल के भी जिस्म पर एक भी कपड़ा नही था.
राहुल बड़े गौर से राधिका को देखता है.
राधिका- तुम्हे टोमॅटो सॉस पसंद है क्या. ???
राहुल- आश्चर्य से!!!! अरे अब ये टोमॅटो सॉस बीच में कहाँ से आ गया. क्या फिर से भूक लगी हैं क्या.??
राधिका- तुमसे जितना पूछा जाए उतना ही बोलो. बोलो पसंद हैं कि नहीं.
राहुल- बात तो ऐसे कर रही हो जैसे की मैं कोई मुजरिम हूँ और तुम मुझे टॉर्चर कर रही हो. मुझे टोमॅटो सॉस बिल्कुल पसंद नहीं.
राधिका- आज के बाद तुम्हें ज़रूर पसंद आएगा.इतना बोलकर राधिका झट से किचेन में चली जाती हैं और कुछ देर में वो टोमॅटो सॉस की एक बॉटल लेकर राहुल के पास आती हैं.
राहुल- अब इसका क्या करने वाली हो मेडम. मुझे तुम्हारे इरादे कुछ ठीक नहीं लग रहे हैं.
राधिका फिर से अपनी लिप्स पर उंगली रख देती हैं और राहुल को चुप रहने का इशारा करती हैं. राहुल भी मज़बूरन चुप हो जाता हैं.
राधिका- आज मैं तुम्हें टोमॅटो सॉस का रियल टेस्ट करवाउंगी . इसके बाद तुम इसे खाने के लिए हमेशा बेचैन रहोगे.
राहुल भी हैरत से राधिका को चुप चाप देखने लगता हैं.
आज राधिका के मंन में हज़ारो सवाल उठ रहे थे. उपर से निशा के ऐसे तेवर देखकर उसे खुद विश्वास नही हो रहा था. वो कॉलेज अटेंड कर के घर आती हैं और फ्रेश होकर खाना बनाती हैं.
दूसरे दिन सुबह ही राहुल का फोन आता हैं और वो राधिका से मिलने के लिए बेचैन रहता हैं. आज सनडे होने के कारण वो राधिका को लेने उसके घर आता हैं और कुछ देर में वो उसे अपने घर ले जाता हैं.
राहुल- जान अब तो मैं यही सोचता हूँ कि जल्दी से जल्दी हम शादी कर ले.
राधिका- हां तो जनाब कब मुझे मन्गल्सुत्र पहना रहे हैं.
राहुल- बहुल जल्दी. देख लेना ऐसा बारात लेकर आउन्गा की सारा सहर देखता रह जाएँगा. और मैं अपनी दुल्हन को अपनी बाहों में उठाकर इस घर में ले आउन्गा.
राधिका- लेकिन आप तो हम से सुहाग रात पहले ही मना चुके हैं. अब उसका क्या.
राहुल- अरे तो क्या हुआ ये सब चीज़ों से भला कभी मन भरता हैं क्या. और राहुल मुस्कुरा देता हैं और राधिका भी शरम से अपनी नज़रें नीचे झुका लेती हैं.
राहुल- अरे वाह हमारी दुल्हन तो हम से शरमा रही हैं. लगता हैं आभी भी पूरी शरम गयी नही हैं. आज पूरी बची हुई भी उतार दूँगा.
राधिका का चेहरा शरम से लाल हो जाता हैं.और वो भी धीरे से मुस्कुरा देती हैं.
कुछ देर इधेर उधेर की बातें होती हैं फिर दोनो नाश्ता करते हैं और फिर राहुल उसे अपने कमरे में ले जाता हैं.
अंदर आकर वो झट से राधिका को कस कर अपनी बाहों में ले लेता हैं और अपने लब से राधिका के लब को चूम लेता हैं. और फिर धीरे धीरे उसे अपने दाँतों से काटने लगता हैं और जवाब में राधिका भी अपना बदन को उसके हवाले कर देती हैं और अपनी आँखें बंद कर के अपना हाथ उसके सर पर फिराती हैं.
कुछ देर तक ऐसे ही वो दोनो आपस में एक दूसरे के होंठ चूस्ते और चाट ते हैं.
राहुल जब से राधिका से मिला था वो कुछ परेशान सा दिख रहा था, और राधिका भी उसके चेहरे पर परेशानी सॉफ सॉफ पढ़ लेती हैं.
राधिका- अपने से राहुल को दूर करते हुए. बात क्या हैं राहुल मैं जब से तुमसे मिली हूँ तुम कुछ परेशान से दिख रहे हो.
राहुल- हां जान , क्या करू बात ही ऐसी हैं.
राधिका- मुझे नही बताओगे क्या.
राहुल- राहुल कुछ देर तक सोचता हैं फिर बोलना शुरू करता हैं.
राहुल- दर-असल परसों रात में दो बदमाश मारे गये थे पोलीस मुठभेड़ में. जानती हो वो दोनो कौन थे.
राधिका- चौुक्ते हुए, कौन???
राहुल- याद हैं जब मैं पहली बार तुमसे मिलने तुम्हारे घर आया था तब किसी ने मुझपर हमला किया था, वो दोनो हमलावर यही थे. ये तो बस मोहरे थे मगर इनका लीडर अभी पकड़ा नही गया हैं.
राधिका- चलो राहुल ये तो और भी अच्छा हुआ, मगर आगे से तुम सावधान रहना.
राहुल- मुझे तो ये चिंता सता रही हैं कि मेरी हर पल पल की खबर इनके पास कैसे पहुचती हैं. कोई तो ऐसा आदमी हैं जो हमारी पोलीस फोर्स में इनको पल पल की खबर दे रहा हैं. वरना मैं उस दिन तुम्हारे यहाँ पहली बार आया था और ये सब इनको कैसे मालूम हुआ कि मैं इस वक़्त तुम्हारे घर पर हूँ. जबकि मैं उस दिन किसी को ये बात नही बताई थी.
राधिका- एक दम से उसे कुछ याद आता हैं. मैं यकीन से तो नही कह सकती राहुल मगर हो ना हो इन हमलावरो के पीछे ज़रूर तुम्हारे दोस्त विजय का हाथ हो सकता हैं.
राहुल- चौुक्ते हुए. तुम कैसे इतना यकीन से कह सकती हो. क्या तुम्हारे पास कोई सुबूत हैं.
राधिका- याद हैं राहुल जब तुम पर हमला हुआ था उसके करीब 20 मिनिट पहले तुम्हारे दोस्त विजय का फोन आया था.और तुमने ही तो उसे बताया था कि तुम इस वक़्त मेरे घर पर हो.
राहुल- हां मानता हूँ की विजय का 20 मिनिट पहले फोन आया था, लेकिन वो तो हर रोज़ मुझसे ऐसी ही बातें करता हैं. और रोज़ मुझसे मिलकर अपना हाल चाल जानकार अपने क्लिनिक चला जाता हैं. नही वो ऐसा नहीं कर सकता.
राधिका- लेकिन ये बात तो उस वक़्त बस विजय ही जानता था की तुम कहाँ पर हो. और हो सकता हैं वो ही तुम पर हमला करवाया हो.
राहुल- नही राधिका, विजय को मैं अच्छे से जानता हूँ, वो मेरे दोस्त ही नही बल्कि मैं उसे अपना छोटे भाई की तरह मानता हूँ. वो ऐसा कभी नही कर सकता. और ये भी तो हो सकता हैं कि उन हमलावरो ने मेरी गाड़ी का पीछा किया हो और मौका देखकर मुझपर हमला कर दिया हो.
राधिका- जो भी हो राहुल मुझे ये तुम्हारा दोस्त कुछ ठीक नही लगता. मैं तो बस यही कहूँगी कि तुम बस सावधान रहना.
राहुल- मुझे कुछ नही होगा राधिका. तुम जो मेरे साथ हो. देख लेना एक दिन साले सब पकड़े जाएगे. और तुम बे-वजह मेरे दोस्त पर शक कर रही हो. वो ऐसा नहीं हैं.
राधिका भी अब कुछ बोलना ठीक नही समझी और फिर वो राहुल की आँखों में एक टक देखने लगती हैं.राधिका ने जिस तरफ उसको इशारा किया था अगर राहुल विजय के बारे में ज़रा भी सीरीयस होता तो आने वाले तूफान को रोकना उसके हाथ में था. मगर यहाँ पर किस्मत को शायद कुछ और ही मंज़ूर था.
कहते हैं कि अगर बड़े ख़तरे टलने हो तो आस पास के छोटे ख़तरों को नज़र अंदाज़ नही करनी चाहिए. बस यहाँ पर राहुल की एक छोटी सी भूल की वजह से ना जाने कितनों की ज़िंदगी पर इसका असर पड़ने वाला था.
राधिका- हो गया ना मिस्टर. आपका टेन्षन ख़तम.
राहुल- राधिका को गले लगाते हुए. हां जान तुम मेरे साथ होती हो तो मैं सब कुछ भूल जाता हूँ. चलो इसी खुशी में कुछ मूह मीठा करते हैं.
राहुल किचन में जाकर एक बटर केक ले आता हैं और अपने मूह में आधा रख लेता हैं.
राधिका- ये क्या राहुल मुझे मूह मीठा करने से पहले तुम खुद ही अपने मूह मीठा कर लिए.
राहुल- आज हम ऐसे ही आपका मूह मीठा कराएँगे. राहुल बटर केक को मूह से निकालते हुए कहता हैं और फिर अपने मूह में वापस रख लेता हैं.राधिका भी समझ जाती हैं की राहुल क्या चाहता हैं और वो मुस्कुरा कर उसके करीब चली जाती हैं.
राधिका भी अपना मूह खोलती हैं और राहुल के मूह में आधे बटर को धीरे धीरे अपने मूह में लेना शुरू कर देती हैं. राहुल भी एक हाथ बढ़ाकर उसके सीने पर रख देता हैं और कस कर उसके निपल्स को अपनी उंगली से मसल देता हैं. राधिका के मूह पहले से ही राहुल के मूह में था इस वजह से वो कुछ नही बोल पाती और धीरे धीरे उसके हाथ सरकते हुए राधिका की कमर के नीचे उसके गान्ड पर सरकने लगते हैं.
राहुल भी अब पूरा केक राधिका के मूह में दे देता हैं और राधिका बड़े ही प्यार से उसे खा जाती हैं.
राधिका- लगता हैं अब मुझे ऐसे ही खाना भी खाना पड़ेगा.
राहुल- तो इसमें क्या बुराई हैं. क्यों टेस्ट अच्छा नही लगा क्या.
राधिका- देख रहीं हूँ राहुल अब तुम भी धीरे धीरे बदमाश होते जा रहे हो. और राधिका फिर से मुस्कुरा देती हैं....
राहुल- पहले ये बताओ कि बटर केक का टेस्ट कैसा था.
राधिका-हां वैसे तो कोई बुरा नही था.ठीक ही था. इतना कहकर राधिका मुस्कुरा देती हैं.
राहुल- आज तो जी चाहता हैं कि मैं तुम्हारा रेप कर दू. कसम से जब से तुम मेरे संपर्क में आई हो और भी निखरती ही जा रही हो.
राधिका- तो कर लो ना मैने कब मना किया हैं. वैसे पोलीस वालों के लिए बलात्कार करना कोई नयी बात थोड़ी ही ना हैं.
राहुल- जाने दो नहीं करता. नहीं तो कहोगी की तुममें और बाकी पोलिसेवालों में क्या फ़र्क हैं.
राधिका- अगर नही किए तो अब मैं तुम्हारा रेप करूँगी. फिर कल अख़बार में नयी खबर आएगी कि एक लड़की ने पोलिसेवाले की इज़्ज़त लूट ली और उस पोलिसेवाले ने नदी में कूदकर अपनी जान दे दी. राधिका मुस्कुराते हुए बोली.
राहुल- यार सच में तुम कमाल की हो. किसी की भी वॉट लगाने में बिल्कुल देऱ नही करती हो. सच ही लोग तुम्हारे बारे में कहते हैं कि तुम पूरी आटम बॉम्ब हो.
राधिका- अगर अब तुमने भी मुझे आटम बॉम्ब बोला ना ..तो मैं अभी यहाँ से चली जाउन्गि. फिर हाथ मलते रहना.
राहुल- नही हाथ तो नही मगर कुछ और ही मलना पड़ेगा. राधिका राहुल की बात समझते ही उसे ज़ोर से पिंच कर देती हैं.
राधिका- देख रही हूँ की तुम बहुत बिगड़ गये हो.
राहुल भी उसे अपनी बाहों में ले लेता हैं और अपने होंठ उसके होंठ पर रखकर धीरे धीरे उसे चूसने लगता हैं. राधिका भी अपनी आँखें बंद कर लेती हैं और वो अपना हाथ उसके सर पर रख देती हैं.
कुछ देर तक दोनो ऐसे ही एक दूसरे के होंठ चूस्ते हैं फिर राहुल अपने हाथ धीरे धीरे बढ़ाते हुए उसके सीने पर रख देता हैं और दूसरा हाथ उसके गान्ड पर रखकर धीरे धीरे मसलना शुरू कर देता है.
राधिका- प्लीज़ राहुल, मैं बहुत प्यासी हूँ, मेरी आग आज ठंडी कर दो ना.
राहुल- तो बताओ ना तुम्हारी आग को मैं कैसे ठंडा करू. कहों तो पानी ले कर आऊ.
राधिका- घूर कर देखते हुए. जाओ मैं तुमसे बात नहीं करती.
राहुल- अरे मेरी जान नाराज़ क्यों होती हो, बताओगि नही तो मैं तुम्हारे आग का इलाज़ कैसे करूँगा.
राधिका भी समझ चुकी थी कि राहुल उससे क्या कहलवाना चाहता हैं. लेकिन राधिका को अभी भी ये सब बोलने में झिझक हो रही थी.
राधिका- राहुल मुझे शरम आती हैं वो सब बात करने में. प्लीज़ ऐसे ही कर लो ना आज. ज़रूरी हैं क्या हर बात बोलना.
राहुल- क्यों खाना खाती हो तो पानी नही पीती क्या. वैसे ही ये भी ज़रूरी हैं. अगर नही कहोगी तो मैं भी आज कुछ नही करने वाला.
राहुल - बोलो ना जान. मुझसे कैसी शरम आज मैं तुम्हारी बेशर्मी देखना चाहता हूँ. क्या तुम मेरे लिए इतना भी नही कर सकती.
राधिका- पहले से ही बेशरम बना दिया हैं मुझे, और अब क्या बाकी रह गया हैं.
राहुल- तो फिर देर किस बात की है, चलो शुरू हो जाओ.
राधिका- ठीक हैं राहुल अगर तुम्हें ये सब से खुशी मिलती हैं तो ये ही सही. आज मैं तुम्हें अपनी पूरी बेशर्मी दिखाउंगी अगर सच में अगर तुम ना शरमा गये तो मेरा नाम भी राधिका नहीं.
राहुल- तो देख लेते हैं कि किसमे कितना दम हैं.
राधिका- अब बातें भी करोगे या कुछ शुरू भी करोगे.
राहुल- मैं नही कुछ करने वाला आज जो भी करोगी तुम करोगी. समझ लो कि मैं नया हूँ और तुम मुझे आज सब कुछ सिखा रही हो.
राधिका- अच्छा, ये क्या बात हुई. जाओ .......मैं........... ये नही कर सकती.
राहुल- फिर ठीक हैं मैं भी अब जाता हूँ.
राधिका तुरंत राहुल का हाथ पकड़ लेती हैं और उसका हाथ अपने राइट बूब्स पर रखकर ज़ोर से मसल देती हैं.
राधिका- आओ ना राहुल, मैं तुमसे चुदवाना चाहती हूँ. आओ और अपने राधिका को अच्छे से , अपने लंड को मेरी चूत में रगड़ कर चोदो.
अब चौकने की बारी राहुल की थी. उसने कभी सपने में भी राधिका से ऐसी उम्मीद नही की थी. और उसका बड़ा सा मूह खुल जाता हैं.
राधिका- ऐसे क्या देख रहे हो मैने कुछ ग़लत तो नही कहा ना. जो तुम चाहते थे वही तो बोला हैं.
राहुल- राधिका , मुझे तो अब भी यकीन नही हो रहा कि तुम इतनी बिंदास होकर ऐसे बातें कैसे बोल सकती हो.
राधिका अपने सर पर हाथ रखकर- हे भगवान!!! अब मैं क्या करू. नही बोलती हूँ तो कहते हो बोलो. अब बोल दिया तो कह रहे हो कैसे बोल दिया. अब तुम ही बताओ मैं क्या करूँ...........
राहुल- ठीक हैं , ठीक हैं, जैसी तुम्हारी मर्ज़ी, जो तुम्हे अच्छा लगे तुम बोलो. मैं अब कुछ नहीं बोलुगा.
राधिका- यार तुमने तो अच्छे भले चुदाई के खेल का पूरा सत्यनाश कर दिया. मेरी बात मानो थोड़ा फ्रेश हो जाते हैं फिर बाद में देखेंगे.
अब राहुल भी बुरा सा मूह बनाकर बिस्तर से उठ जाता हैं और फिर बाथरूम में जाकर मूह हाथ धो कर आता हैं.
राहुल- चलो पहले खाना खा लेते हैं फिर..बाद में वो सब करेंगे. अभी तो पूरा टाइम पड़ा हैं.
कुछ देर में राहुल और राधिका नीचे आते हैं और फिर रामू काका वही ड्रॉयिंग टेबल पर खाना परोसते हैं.
कुछ देर तक राहुल चुप चाप खाना ख़ाता हैं और फिर राधिका से कहता हैं.
राहुल- एक बात तो मैं तुम्हें बताना भूल ही गया. अगले हफ्ते मेरा प्रमोशन हो रहा हैं. मैं अब सब-इनस्पेक्टर से एसीपी बनने वाला हूँ. और मुझे नॉमिनेट करने के लिए सहर से बड़े बड़े लोग भी आ रहे हैं. तुमको भी ज़रूर आना होगा.
राधिका- तुमने ये कैसे सोच लिया कि मैं नही आउन्गि. ज़रूर आउन्गि. और तुमसे ज़्यादा मुझे खुशी होगी. मुझे उस दिन का बेसब्री से इंतेज़ार रहेगा.............................................
खाना खाने के करीब 1/2 घंटे बाद राहुल राधिका को अपने गोद में उठाकर सीधा अपने रूम में ले जाता हैं.
राधिका- अरे ये क्या कर रहे हो राहुल . मुझे नीचे उतारो प्लीज़.
राहुल- नहीं. अब तो मैं सीधे तुम्हे अपने बेडरूम में लेजाकार ही नीचे उतारूँगा.
राधिका भी अपनी बाहें राहुल के गले में डाल देती हैं और वो मुस्कुराते हुए उसकी आँखों में देखने लगती हैं.
राहुल- ऐसे क्या देख रही हो जान.
राधिका- सोच रही हूँ कि आज तुम्हें मैं पूरी तरह से खुस कर दूं ताकि आज के बाद तुम्हें मुझसे कोई गिला शिकवा ना रहे.
राहुल- खुशी से चहकते हुए. सच में तो इसका मतलब जो मैं चाहता हूँ तुम वो सब करोगी.
राधिका- हां जो बोलॉगे वो सब करूँगी. अरे आज तो तुम्हें कुछ सिखाना भी हैं ना...........मिस्टर.
राहुल- क्या बात हैं जान आज तक मैने तुम्हारा ये रूप पहले कभी नहीं देखा.
राधिका- आज तो मैं तुम्हें बहुत कुछ दिखाने वाली हूँ जो तुमने आज तक नही देखा. और राधिका के चेहरे पर मुस्कान आ जाती हैं.
राहुल जैसे ही राधिका को अपने रूम में ले आता हैं वो झट से उसे नीचे उतारता हैं और फिर दरवाज़े बंद कर लेता हैं.
राधिका भी राहुल को धक्का देकर उसे बेड पर गिरा देती हैं और फिर वही बेड के पास वो वही खड़ी रहती हैं.
राहुल- राधिका बताओ ना कहीं तुम मेरा सच में रेप तो नहीं करने वाली हो ना. अगर ऐसा हैं तो लगता हैं मुझे सच में शूसाइड करना पड़ेगा. तुम तो जानती हो ना ये कितने शर्म की बात होगी कि एक पोलिसेवाले का रेप वो भी उसी की प्रेमिका के हाथों.
राधिका अपनी एक उंगली अपने लिप्स पर रखती हैं और राहुल को चुप होने का इशारा करती हैं. राहुल भी बेचारा चुप होकर राधिका को देखने लगता हैं.
राधिका- आज मैं बोलूँगी और तुम चुप चाप सुनोगे. और राधिका अपना दुपट्टा अपने सीने से हटा देती हैं और उसे एक तरफ़ रख देती हैं.
राहुल- बोलो ना राधिका तुम क्या करने वाली हो. मेरा दिल बैठा जा रहा हैं.
राधिका- कहाँ ना अपना मूह बंद रखो.
राधिका फिर धीरे से राहुल के एक दम करीब आती हैं और अपना होंठ उसके होंठ पर रखकर धीरे धीरे उसे चूसना शुरू कर देती है. और कुछ देर में अपने दाँत से उसके लिप्स को हल्का सा काटने लगती हैं.
फिर वो धीरे से उठकर अपने बूब्स को राहुल के मूह पर धीरे धीरे रगड़ना शुरू कर देती हैं.
राधिका- क्यों आपका लंड अभी खड़ा हुआ कि नही. राधिका के अचानक ऐसे सवाल से राहुल तुरंत हड़बड़ा जाता हैं.
राहुल- राधिका......... सच में तुम बहुत बोल्ड हो.
राधिका- अभी तुमने मेरा बोल्डनेस देखा ही कहाँ हैं. ये तो बस शुरूआत हैं. देखते जाओ आगे आगे मैं क्या करती हूँ.
राधिका फिर धीरे से अपना कुरती उतार देती हैं और अब वो ब्रा में राहुल के सामने थी.
राधिका- क्या आँखें फाड़ कर देख रहे हो. मुझे बिना कपड़ों के पहले कभी नही देखा क्या.
राधिका के ऐसे तेवर को देखकर राहुल की बोलती पहले से ही बंद हो चुकी थी. आज मैं बताती हूँ कि रेप क्या होता हैं. आज इतिहास में एक लड़की एक लड़के का रेप करेगी. वो भी पोलीस वाले का .बोलो मुझपर कौन सी धारा और चार्जेशेट फाइल का केस करोगे .
राहुल- आरे मेडम क्यों तुम मेरी बॅंड बजाने पर तुली हो. अरे मेरी बस इतनी ही खता हैं कि मैने तुम्हें ज़रा खुलकर सेक्सी बातें करने को कहा था और तुम ................. लगता हैं सच में आज मेरी शामत आने वाली हैं.
राधिका अपना हाथ आगे बढ़ाकर राहुल के शर्ट का बटन को एक एक कर खोलने लगती हैं. फिर वो उसका पेंट भी उतार देती हैं.
राधिका उसके उपर आ जाती हैं और फिर एक दम धीरे धीरे अपने लब से चूमते हुए पहले उसके होंठ और फिर गर्देन से होते हुए उसके सीने पर अपना होंठ फ़िराने लगती हैं. और फिर उसका बनियान भी निकाल देती हैं. फिर से वो अपनी जीभ से धीरे धीरे चाटते हुए उसके निपल्स और पेट पर अपनी जीभ फिराती हैं. राहुल की हालत खराब होने लगती हैं और वो कस कर राधिका के बूब्स को मसल देता हैं.
राहुल- क्या जान आज सच में मुझे पागल बनाने का इरादा हैं क्या. कहाँ से सीखा ये सब.
राधिका- मैने बहुत सी ब्लू फिल्म्स में ऐसे देखा हैं. बस कुछ देख कर और कुछ.........................
राहुल- और कुछ?????क्या मतलब...... राहुल हड़बड़ाते हुए बोला.
राधिका- क्यों तुम मर्द लोग ही सब मज़े कर सकते हो क्या हमारा कोई हक़ नही बनता.
राधिका- रहने दो नही तो कहोगे कि मैं कॅरक्टर लेस हूँ. वैसे भी तुम तो बड़े शरीफ बनते हो.
राहुल- बनते हो का क्या मतलब... शरीफ हूँ. मैं तुम्हारी तरफ ब्लू फ़िल्मे नहीं देखता.
राधिका-ओह.....हो.... तो आज मैं तुम्हारी शराफ़त अभी थोड़े देर में उतार देती हूँ. इतना कहकर राधिका राहुल के अंडरवेर उतार देती है.
राधिका- तो ये हैं शराफ़त आपकी. देखो कैसे लंड महाराज खड़े होकर मुझे सलामी दे रहे हैं.
राहुल- अरे ऐसे ऐसे तेवर दिखाओगि तो क्या लंड नही खड़ा होगा. इसमें मेरी क्या ग़लती हैं.
राधिका- अच्छा अब मेरी ग़लती हैं. इतने ही साधु होते तो अपने लंड को पूरी कंट्रोल में नही रखते क्या.
राहुल- यार तुमसे तो बहस करना बेकार हैं. मुझे माफ़ करो मेरी मा ...............मैं तुम्हारे हाथ जोड़ता हूँ. तुम जीती मैं हारा. बस.................
राधिका- वो तो अभी पता चल जाएगा बिस्तर पर कि कौन जीतता हैं और कौन हारता हैं.
राहुल- आज जान गया मैं औरत के असली रूप को. बस मुझे माफ़ करो और जो करना हैं कर लो.
राधिका- अरे मेरी जान इतनी भी क्या जल्दी हैं. अभी तो बस मैने ट्रेलर दिखाया हैं. अभी पूरी पिक्चर बाकी हैं.
राहुल- क्या ??? तो इसका मतलब अभी और भी कुछ बाकी हैं क्या.???
राधिका- ये तो शुरूवात हैं. बस देखते जाओ आगे आगे क्या होता हैं.
राधिका फिर धीरे से अपना सलवार खोल देती है और उसे अपने जिस्म से अलग कर देती हैं. फिर उसके बाद अपना ब्रा और पैंटी भी निकालकर एक दम नंगी हो जाती हैं. अब राहुल के भी जिस्म पर एक भी कपड़ा नही था.
राहुल बड़े गौर से राधिका को देखता है.
राधिका- तुम्हे टोमॅटो सॉस पसंद है क्या. ???
राहुल- आश्चर्य से!!!! अरे अब ये टोमॅटो सॉस बीच में कहाँ से आ गया. क्या फिर से भूक लगी हैं क्या.??
राधिका- तुमसे जितना पूछा जाए उतना ही बोलो. बोलो पसंद हैं कि नहीं.
राहुल- बात तो ऐसे कर रही हो जैसे की मैं कोई मुजरिम हूँ और तुम मुझे टॉर्चर कर रही हो. मुझे टोमॅटो सॉस बिल्कुल पसंद नहीं.
राधिका- आज के बाद तुम्हें ज़रूर पसंद आएगा.इतना बोलकर राधिका झट से किचेन में चली जाती हैं और कुछ देर में वो टोमॅटो सॉस की एक बॉटल लेकर राहुल के पास आती हैं.
राहुल- अब इसका क्या करने वाली हो मेडम. मुझे तुम्हारे इरादे कुछ ठीक नहीं लग रहे हैं.
राधिका फिर से अपनी लिप्स पर उंगली रख देती हैं और राहुल को चुप रहने का इशारा करती हैं. राहुल भी मज़बूरन चुप हो जाता हैं.
राधिका- आज मैं तुम्हें टोमॅटो सॉस का रियल टेस्ट करवाउंगी . इसके बाद तुम इसे खाने के लिए हमेशा बेचैन रहोगे.
राहुल भी हैरत से राधिका को चुप चाप देखने लगता हैं.