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Adultery Isi Ka Naam Zindagi
#19
Update 12

फिर वो अपना हाथ नीचे सरकाते हुए राधिका का चूत को अपनी मुट्ठी में कसकर भींच लेता हैं. राधिका फिर से सिसक पड़ती हैं.

अब राहुल को भी बर्दास्त नही होता और वो पीछे अपने हाथ लेजा कर उसके ब्रा के हुक खोल देता है. और फिर एक हाथ नीचे लेजा कर उसकी पैंटी भी उसके जिस्म से अलग कर देता हैं. राधिका थोड़ा विरोध करती हैं मगर राहुल के हाथों को नही रोकती हैं.

अब राधिका राहुल के सामने एक दम नंगी थी. वो झट से अपना हाथ अपने चेहरे पर रख लेती हैं. आज वो अपनी जिंदगी में पहली बार किसी मर्द के सामने पूरा नंगी हुई थी. राहुल को तो जैसे होश ही नही रहता राधिका के हुस्न को देखकर वो तो लगभग खो जाता हैं.

लगता हैं. और फिर एक हाथ नीचे लेजा कर उसकी चूत पर रख देता हैं. राधिका के तो होश ही उड़ जाते हैं.

राधिका- क्यों तुम मेरी जान लेने पर तुले हुए हो राहुल मेरा सब्र अब बिल्कुल टूट चुका है. मुझे जल्दी से प्यार करो नही तो........

राहुल- नही तो .................क्या....... बोलो ना राधिका क्या हो जाएगा.

राधिका- मुझे शरम आती हैं. मैं तुमसे नही कह सकती.

राहुल- बताओ ना इस वक़्त यहाँ पर सिर्फ़ हम दोनो के सिवा कोई नही हैं. अब मुझसे कैसी शर्म.?????

राधिका- मेरे अंदर आग लगी हैं राहुल. प्लीज़ ..........................

राहुल- जान ज़रा खुल कर बताओ ना कैसे होता हैं प्यार. कैसे किया जाता हैं प्यार.

राधिका- तुम तो सच में बेशरम हो. और मुझे भी बेशरम बनाने पर तुले हुए हो.

राहुल- इसमें बेशरमि की क्या बात हैं प्लीज़ जान हर बात को खुलकर कहो ना. जितना तुम मुझसे खुलकर कहोगी उतना ही इस खेल में मज़ा आएगा.

राधिका भी जान गयी थी कि राहुल ऐसे नही मानने वाला इस लिए उसने भी सोच लिया कि अब वो उसके लिए पूरी बेशरम बनेगी.

राधिका- ठीक हैं राहुल अगर तुम्हारी ख्वाहिश यही हैं तो यही सही. मैं तुम्हारे लिए ये भी करूँगी.

राहुल- तो खुलकर बोलना, जहाँ जहाँ मैं हाथ रखूँगा तुम्हारे बदन पर तुम्हें उसका नाम बताना हैं.

राधिका भी अच्छे से समझ रही थी कि राहुल उससे क्या कहलवाना और क्या सुनना चाहता हैं.

फिर राहुल अपनी उंगली उसके एक निपल्स पर रख देता हैं और राधिका की ओर इशारा करता हैं.

राहुल- बताओ ना मेरा उंगली इस वक़्त कहाँ पर हैं. राधिका के लिए ये इतना आसान नही था मगर फिर भी वो अपनी साँस थामते हुए कहती हैं.

राधिका- राहुल मेरे निपल्स को कस कर मसलो ना. मुझे आज पूरा बेशरम बना दो.

फिर धीरे धीरे वो अपना हाथ उसकी चूत पर रख देता हैं.

राधिका- प्लीज़ राहुल मैं ये शब्द नही बोल सकती , मुझे बहुत शर्म आ रही हैं.

राहुल- बोलो ना जान क्यों इतना शरमाती हो, भला अपनों से कोई ऐसे शरमाता हैं क्या.

राधिका- राहुल उसे वेजाइना कहते हैं.

राहुल- अरे मेरी जान अपनी भाषा में बोलो ना, हिन्दी में.

राधिका-च............चूत. ?? इतना बोलकर राधिका एक दम से शरमा जाती हैं.

राहुल- अरे वाह तुम्हें तो सब पता हैं. थोड़ी देर में वो अपना हाथ अपने लंड पर रख देता हैं और राधिका की तरफ़ इशारा करता हैं.

राधिका- प्लीज़ राहुल अब मुझसे नही होगा. मैं शरम से मर जाउन्गि. रहने दो ना.

राहुल- नही जब तक हम आपस में पूरा खुल ना जाए सेक्स का मज़ा नही आएगा.

राधिका को अब बोलना ही पड़ता हैं- इसे लंड कहते हैं.

राहुल- बताओ ना राधिका इसका क्या काम हैं.??

राधिका- इसे तुम मेरी चूत में डालकर मुझे प्यार करोगे.

राहुल- प्यार नही चुदाई बोलो.

राधिका- हां चुदाई..............

राधिका का चेहरा एक दम शरम से लाल हो गया था. आज उसने अपनी जिंदगी में पहली बार किसी मर्द के सामने ये सब शब्द कहे थे. वो तो निशा से अक्सर बातों बातों में कहती थी मगर आज हालत दूसरे थे.

फिर राहुल अपना मूह उसके निपल्स में लेकर चूसना शुरू कर देता हैं और राधिका फिर से मचल उठती हैं.

राधिका- प्लीज़ राहुल बस भी करो क्या आज मेरी जान लेकर रहोगे क्या. क्यों तुम मेरे सब्र का इम्तहान ले रहे हो. कहीं ऐसा ना हो कि मेरा सब्र टूट जाए और मैं पूरा बेशरम बन जाउ.

राहुल-यही तो मैं चाहता हूँ कि तुम मेरे लिए पूरी बेशरम बन जाओ.

फिर वो नीचे झुक कर उसके पेट पर जीभ फिराते हुए उसकी चूत पर होंठ रख देता हैं औ राधिका के मूह से एक तेज़्ज़ सिसकारी निकल पड़ती हैं.

राधिका- बस राहुल................अब नही बर्दास्त होता...........

राहुल धीरे धीरे उसकी चूत के होल पर अपनी ज़ुबान फिराने लगता हैं और राधिका एक दम बेचैन हो जाती है.

राधिका- हां राहुल मेरी चूत को पूरा चाटो, उसे पूरा अपने मूह में ले लो राहुल.

राहुल भी करीब 10 मिनिट धीरे धीरे उसकी चूत को पूरा चाट ता हैं और फिर उसके क्लीस्टोरील्स को अपने दाँत में पकड़कर धीरे धीरे उसपर जीभ फिराता हैं. थोड़ी देर में राधिका कंट्रोल के बाहर हो जाती हैं और आपनी जिंदगी में उसका पहला ऑर्गॅनिसम हो जाता हैं.

राधिका- आह...........................हा राहुल........................अब............बस...........

राधिका इतना बोलकर एक दम से बिस्तर पर पसर जाती हैं और अपनी आँखे बंद करके राहुल को अपने सीने से लगा लेती हैं.

थोड़ी देर के बाद ...........

राधिका- आइ लव यू राहुल. आओ अब मुझे पूर औरत बना दो. मैं तैयार हूँ.

राहुल भी अपना बनियान और अंडरवेर पूरा निकाल देता हैं और राधिका उसके लंड को देखकर एक कुटिल मुस्कान उसके चेहरे पर आ जाती हैं. राहुल का लंड करीब 7 इंच और 2.5 इंच मोटा था.

फिर वो राधिका को अपना लंड छूने को बोलता हैं. और राधिका भी धीरे से उसके लंड के करीब आती हैं और हल्का सा जीभ उसके लंड पर फिराती हैं. राहुल को एक झटका लगता हैं.

राहुल- मेरा लंड को पूरा अपने मूह में लेकर चूसो ना राधिका. इसे प्यार करो ना.

राधिका भी धीरे धीरे उसके लंड के टोपा पर अपनी ज़ुबान रख देती हैं और एक दम धीरे धीरे उसको चाटना शुरू करती हैं. पहले वो कुछ देर तक उसका टोपा चुस्ती हैं फिर वो नीचे झुक कर उसके दोनो बॉल्स पर अपना जीभ फिराती हैं और राहुल मस्ती में खो जाता हैं. उसके मूह से भी तेज़्ज़ सिसकारी निकल पड़ती हैं.

थोड़े देर में राहुल का लंड पूरा गीला हो जाता हैं अब राधिका भी धीरे धीरे उसको अपने मूह में लेती हैं. और तेज़ी से आगे पीछे चूसना शुरू आर देती हैं. करीब 15 मिनिट की चुसाइ के बाद राहुल का शरीर अकड़ने लगता हैं और और वो अपना हाथ राधिका के सर पर रखकर अपने लंड पर प्रेशर बनाता हैं.

थोड़ी देर में उसके लंड से वीर्य निकल जाता हैं और राधिका को इससे पहले कुछ समझ में आता, उसका मूह वीर्य से पूरा भर जाता हैं.

राधिका बुरा सा मूह बनाकर कुछ वीर्य अपने अंदर ले लेती हैं और कुछ नीचे गिरा देती हैं. उसे बड़ा अजीब सा स्वाद मिला था. कुछ नमकीन सा खट्टा सा. राहुल का वीर्य उसके होंठ से टपकता हुआ उसके गले से होता हुए उसके सीने तक आ जाता हैं. फिर वो एक कपड़े से सॉफ करती हैं.

थोड़ी देर में फिर राधिका राहुल के लंड को अपने मूह में लेकर चुस्ती हैं. कुछ देर में उसका लंड अकड़ जाता हैं और उसका हथ्यार तैयार हो जाता हैं.

राहुल- नीचे सो जाओ जान , अब वक़्त आ गया हैं तुम्हें लड़की से औरत बनाने का. लेकिन इसके लिए तुम्हें कुछ दर्द होगा. सह लोगि ना दर्द मेरी खातिर.

राधिका- हां राहुल मैं तैयार हूँ तुम मेरी चिंता मत करना. बस डाल दो.

राहुल भी धीरे से अपना लंड का निशाना राधिका की चूत पर फिक्स करता हैं और धीरे धीरे उसपर प्रेसर डालने लगता हैं. मगर उसका लंड नही जाता हैं.

राहुल वही तेल की शीशी को लेकर अपने लंड पर लगाता हैं और कुछ राधिका की चूत के होल पर भी लगा देता हैं.

थोड़ी देर में फिर वो कोशिश करता हैं इस बार राधिका की चूत में राहुल का लंड करीब 2 इंच चला जाता हैं और राधिका की तेज़्ज़ सिसकरी निकल जाती हैं. आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह उसका दिल ज़ोरों से धड़क रहा था.

फिर राहुल अपना लंड बाहर खींच लेता हैं और फिर एक दम तेज़ी से एक झटके में पूरा लंड राधिका की चूत में डाल देता हैं. राधिका के मूह से एक ज़ोरदार चीख निकल जाती हैं और उसकी आँखो से आँसू बहने लगते हैं. राहुल का लंड करीब 4 इंच तक राधिका की चूत में समा चुका था. उसका कुँवारापन भी अब टूट गया था. उसकी चूत से खून की धारा बाहर निकलना शुरू हो गयी थी.

राधिका दर्द से बहुत बेचैन थी. उसे ऐसा लग रहा था कि किसी ने उसकी चूत में कोई चाकू डाल दिया हो. राहुल कुछ देर तक अपना लंड को वही रहने देता हैं और फिर अपना लंड बाहर निकाल लेता हैं और फिर तेज़ी से अंदर डाल देता हैं. इस बार फिर राधिका के मूह से ज़ोरदार चीख निकल पड़ती हैं. उसके आँसू थमने का नाम नही ले रहे थे.

राहुल करीब 5 इंच तक राधिका की चूत में अपना लंड पेल चुका था. फिर से वो एक बार निकालता हैं और इस बार पूरे प्रेशर से तुरंत अंदर डालता हैं. इस बार राधिका की चूत राहुल का लंड को पूरा निगल लेती हैं.

राधिका फिर से चीखती हैं . अब राहुल का पूरा लंड राधिका की चूत में था. करीब 5 मिनिट तक वो ऐसे ही रहने देता हैं और फिर धीरे धीरे वो आगे पीछे करने लगता हैं. अब राधिका को दर्द की जगह कुछ मज़ा आना शुरू हो जाता हैं. उसके मूह से भी सिसकारी निकलनी शुरू हो जाती हैं. कुछ देर में राधिका खुद अपनी चूत आगे पीछे करने लगती हैं और राहुल भी उसे थाम लेता हैं और वो उसके निपल्स को लगातार अपने हाथो में लेकर मसलता हैं.

लगभग 15 मिनिट की चुदाई के बाद राहुल के लंड पर प्रेसर बढ़ जाता हैं और राधिका भी ऑर्गॅनिसम के करीब पहुच जाती हैं. और वो उसकी चूत में ही अपना पूरा वीर्य छोड़ देता हैं और तुरंत राधिका के उपर पसर जाता हैं. राधिका का भी ऑर्गॅनिसम हो जाता हैं. दोनो की साँसें बहुत तेज़ चल रही थी. और दोनो आपस में एक दूसरे से लिपटकर एक दूसरे के उपर लेट जाते हैं.

कुछ देर तक वो दोनो अपने साँसों को कंट्रोल करते हैं फिर राधिका बाथरूम चली जाती हैं. थोड़ी देर में फिर उनकी चुदाई शुरू हो जाती हैं और करीब 3 बजे तक राहुल 3 बार राधिका की चूत मारता हैं. राधिका भी करीब 5 बार झाड़ चुकी थी. वो आज बहुत खुस थी.

राहुल और राधिका कुछ देर में अपने कपड़े पहनते हैं और कुछ देर इधेर उधेर की बातें करते हैं.

राहुल उठकर वही ड्रॉयर में से एक सिंदूर का पॅकेट राधिका के पास ले कर आता हैं और संजोग या उसकी बदक़िस्मती कि वो सिंदूर उसके हाथ से छूट कर नीचे फर्श पर बिखर जाता हैं.

राधिका का दिल ज़ोर से धड़कने लगता हैं. वो ये बात अच्छी से जानती थी कि सिंदूर का ऐसा गिरना कोई अप्शगुन का संकेत हैं. हो ना हो हमारा मिलन शायद भगवान को भी मंज़ूर नही हैं.

राहुल- पता नही ये कैसे नीचे गिर गया.

राधिका- ये अप्शगुन हैं राहुल. ये अच्छा नही होता ,ऐसे सिंदूर नीचे फर्श पर बिखर जाना.

राहुल- तुम भी ना राधिका ये क्या पुराने ख़यालों में विश्वास रखती हो. भला ऐसा भी कहीं होता हैं क्या.

राधिका- हां राहुल तुम मानो या ना मानो पर ये संकेत हमारे लिए अच्छा नहीं हैं.

राहुल- जब तुम मुझे चाहती हो और मैं तुम्हें तो फिर हमारे बीच अब कोई तीसरा नही आ सकता. और इतना कहकर राहुल राधिका को अपने गले लगा लेता हैं.

लेकिन राधिका के दिल में एक अजीब सा डर जनम ले चुका था.वो जान चुकी थी कि ज़रूर कुछ ना कुछ ऐसा हमारे साथ होने वाला हैं जो हमारी ज़िंदगी में बहुत बड़ा तूफान ला सकता हैं.

राधिका का अंदाज़ा करीब सही ही होने वाला था क्यों कि वाकई उसकी ज़िंदगी में एक आने वाला तूफान था जो उसकी ज़िंदगी पर भारी पड़ने वाला था.

राधिका भी करीब 5 बजे अपने घर आ जाती हैं. उसकी चाल में भी आज बदलाव आ गया था. तीन बार की चुदाई से उसकी चूत में दर्द हो रहा था. लेकिन उसे सबसे ज़्यादा चिंता थी तो इस बात की , कैसे वो सिंदूर नीचे फर्श पर गिर गया था. क्या हमारे भगवान भी हमे मिलाना नही चाहते. ये सब सोचकर उसका दिल बैठा जा रहा था.

जैसे ही वो घर पर आती हैं उसके भैया अभी भी घर पर नही आए थे. वो झट से नहा धोकर कृष्णा की लाई हुई साड़ी पहन लेती हैं. वो वाकई में किसी नयी नवेली दुल्हन की तरह प्यारी सी लग रही थी.

थोड़ी देर में कृष्णा भी आ जाता हैं.

कृष्णा आज नशे में फुल था. वो लड़खड़ाते हुए घर के अंदर आता हैं और सीधा सोफा पर आकर बैठ जाता हैं.

राधिका- ये क्या भैया आज आपने फिर से शराब पी रखी हैं.

कृष्णा- क्या करू राधिका ये शराब मुझे जीने नही देती, बहुत कोशिश करता हूँ मगर ये साली छूटती नहीं. अब तो लगता हैं कि मेरे मरने के बाद ही छूटेगी.

राधिका- प्लीज़ भैया, ये सब मत बोलिए, मैं आपकी शराब छुडवाउन्गि.

कृष्णा- नही राधिका ये शराब इतना आसानी से पीछा नही छोड़ती. तुम्हारे बस में नही हैं ये सब.

राधिका- पर भैया कोशिश तो आप कर ही सकते हो ना.

कृष्णा एक टक राधिका को सर से पाँव तक घूर कर देखता हैं और फिर मुस्कुरा कर कहता हैं.

कृष्णा- अरे मेरी बेहन, सच में तू तो किसी परी जैसी लग रही हैं.इन सारी में तो तू बहुत सुन्दर लग रही हैं.

राधिका- इसलिए भैया आज मेरे जनम पर शराब पी कर आए हो, अपनी बेहन के लिए शराब तक आप नही छोड़ सकते. है ना..

कृष्णा- मुझे माफ़ कर दे राधिका, मुझे तेरा दिल तोड़ने का इरादा बिल्कुल भी नही था. चल कोई बात नही मैं अभी तेरा बर्तडे विश करूँगा.

राधिका- भैया आप प्लीज़ पहले नहा लीजिए, नहाने के बाद आपका नशा कुछ कम हो जाएगा.

कृष्णा- तू सच कह रही हैं. मैं अभी नहा कर आता हूँ. फिर हम दोनो मिलकर बर्तडे विश करेंगे.

कृष्णा झट से अपना शर्ट और पेंट वही राधिका के सामने उतार देता हैं. और फिर उसके तुरंत बाद वो अपनी बनियान और अंडरवेर भी निकाल कर वही फेंक देता हैं. राधिका जब उसको ऐसी अवस्था में देखती हैं तो उसके होश उड़ जाते हैं.

राधिका- भैया.........ये... आप.....क्या कर .............रहे हैं.......आपके कपड़े.

कृष्णा- तेरे से क्या शरमाना तू तो मेरी अपनी हैं. चल ना बाथरूम में ज़रा नल खोल दे.

राधिका का दिमाग़ कुछ काम नही करता हैं. वो एक टक अपने भैया को बिल्कुल नंगा अपने सामने देखकर उसकी हालत खराब हो जाती हैं. आज पहली बार उसने अपने भैया को ऐसी अवस्था में देखा था. उसके भैया का लंड करीब 10 इंच का था और करीब 3 इंच मोटा. इस वक़्त कृष्णा का लंड सोई हुई अवस्था में भी करीब 4 इंच का लग रहा था.

राधिका का गला सूखने लगता हैं और वो थूक को निगलते हुए कहती हैं.

राधिका- भैया प्लीज़ कम से कम अंडरवेर तो पहन लीजिए. आप को तो सच में शरम नही आती.

कृष्णा राधिका का हाथ को पकड़ता हुआ उसे बाथरूम में ले जाता हैं और शवर ऑन कर देता हैं . जैसे ही शवर का पानी नीचे गिरने लगता हैं राधिका का भी बदन भीगना शुरू हो जाता हैं .

राधिका- मैं भीग जाउन्गि भैया, आप नहा लीजिए मैं बाहर ही हूँ. और राधिका जैसे ही बाहर जाने के लिए मुड़ती हैं कृष्णा उसका हाथ पकड़ लेता हैं.

कृष्णा- मेरी बेहन, आज मैं तेरे साथ नहाना चाहता हूँ, क्या तू अपने भैया की ये इच्छा पूरा नही करेगी.

राधिका- भैया,प्लीज़ आप इस वक़्त नशे में हैं इस लिए आप को नही मालूम कि आप क्या बोल रहे हैं.

कृष्णा भी आप पूरा भीग चुका था और राधिका की साड़ी भी उसके जिस्म से एक दम चिपक गयी थी. और वो और भी खूबसूरत लग रही थी.और उसका जिस्म इस वक्त कयामत का रूप ले चुका था. जिसकी वजह से कृष्णा के लंड में धीरे धीरे हलचल होने लगी थी.

राधिका- प्लीज़ भैया, ये सब ठीक नही हो रहा हैं. प्लीज़ आप मुझे जाने दीजिए नही तो ...........

कृष्णा- तू चिंता मत कर राधिका मैं तेरा रेप नही करूँगा. बस तू मेरा लंड को ठंडा कर दे बस. मुझे और कुछ नही चाहिए.

राधिका- भैया ये आप क्या बोल रहे हैं. भला मैं कैसे ये सब कर सकती हूँ.

कृष्णा- तू बस इसे अपने मूँह में लेकर चूस कर मेरा माल निकाल दे बस. विश्वास कर राधिका मैं इससे आगे तेरे साथ कुछ नही करूँगा. और वैसे भी तू तो मुझे पूरी छूट दे ही चुकी हैं तो तू क्यों बेकार में बहस कर रही हैं.

राधिका भी एक नज़र कृष्णा की आँखों में देखती हैं और कृष्णा को बोलती हैं.

राधिका- सोच लो भैया एक बार फिर से, बाद में कहीं ऐसा ना हो कि पछताना पड़े.

कृष्णा- राधिका विश्वास कर मेरा मैं तेरे बदन को हाथ भी नही लगाउन्गा, बस तो एक बार मेरा लंड पूरा चूस कर मेरा माल निकाल दे.

राधिका- वैसे भैया एक बेहन को इससे बढ़िया बर्तडे गिफ्ट और क्या मिल सकता है, चूसने को अपने ही भाई का लंड................

राधिका- ठीक हैं भैया अगर आपकी यही इच्छा हैं तो मैं आपको रोकूंगी नहीं .

राधिका कुछ देर इसी उधेरबुन में फँसी रहती हैं कि क्या ये सब सही हैं. क्या मुझे ये सब करना चाहिए. दुनिया वाले क्या कहेंगे, अगर मैने दुनिया की परवाह की तो मेरे भैया का क्या होगा. जो अब मेरे लिए इंसान बनना चाहते हैं ,क्या वो मेरे लिए आपने आप को बदल देंगे. जो भी हो मेरे परिवार की लगाम अब मेरे हाथों में हैं. और मैं किसी भी सूरत में अपने भैया को फिर नरक में नही धकेल सकती. मैं इनकी शराब छुडवाउन्गि, अगर नही छोड़ सके तो मैं शराब को आपना लूँगी. चाहे जैसे भी हो मुझे हर हाल में अपने भैया का ख्याल रखना हैं.

लेकिन एक तरफ़ तो राहुल हैं. अगर वो मेरे और भैया के नाजायज़ संबंध को अगर जान गया तो क्या होगा. क्या वो मुझे अपना लेगा.या मुझे वो अपनी जिंदगी से निकाल देगा, मैं आज ऐसे मज़धार में फँसी हुई हूँ कि एक तरफ़ तो पहाड़ तो दूसरी तरफ खाई.

एक तरफ़ राहुल हैं तो दूसरी तरफ कृष्णा. अगर मैं कृष्णा को अपना बदन सौपुंगी तो राहुल की नजरो में बेवफा कहलाउन्गा. अगर मैं अपने भैया की इच्छा नही पूरी करती तो वो फिर से उस हरामी बिहारी की गुलामी करेगा, और दिन ब दिन शराब सिगरेट, सब नशा फिर से शुरू कर देगा. आज मुझे फ़ैसला लेना ही होगा कि एक तरफ कृष्णा और दूसरी तरफ राहुल.

नही नही मैं दोनो को नही छोड़ सकती.दोनो मेरी ज़िंदगी हैं. मुझे किसी भी हाल में अपना परिवार और अपना प्यार दोनो बचाना हैं इसके लिए अगर मुझे ही अपनी कुर्बानी देनी पड़े तो मैं आपने आप को भी कुर्बान कर दूँगी. मगर दोनो पर आँच तक नही आने दूँगी.

राधिका बहुत देर तक इसी उधेरबुन में फँसी रहती हैं उसे लाख सोचने पर भी कुछ समझ नही आता कि वो क्या करे. अब तो वो सब अपने नसीब पर छोड़ने का फ़ैसला कर लेती है चाहे जो भी हो, जैसे भी हो मेरी किस्मत उपर वाले के हाथ में हैं.
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Isi Ka Naam Zindagi - by thepirate18 - 19-09-2019, 08:59 PM
RE: वक़्त के हाथों मजबूर - by thepirate18 - 20-09-2019, 09:29 AM
RE: Isi Ka Naam Zindagi - by thepirate18 - 17-02-2020, 09:45 AM
RE: Isi Ka Naam Zindagi - by Abr Roy - 26-07-2021, 04:42 PM
RE: Isi Ka Naam Zindagi - by koolme98 - 21-09-2022, 06:28 PM



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