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Adultery Isi Ka Naam Zindagi
#16
Update 11


तारीख 1-4-2009

जब सुबह राधिका की आँख खुलती हैं तो सामने वो अपने भैया को देखकर चौंक जाती हैं. उसके भैया बिस्तर से एकदम सटे बैठे हुए थे. और राधिका के जागने का इंतेज़ार कर रहे थे.

राधिका-भैया आप इतनी सुबह , आप मेरे कमरे में क्या कर रहे हैं.

कृष्णा- हॅपी बर्तडे राधिका. और कृष्णा उसके पास जाकर उसके माथे को चूम लेता हैं.

राधिका- आपको मेरा जनमदिन याद था क्या भैया. सच में मैं बहुत खुस हूँ. और राधिका कृष्णा के गले लग जाती हैं.

कृष्णा वही पर एक गिफ्ट पॅक निकल कर राधिका को थामता हुआ कहता हैं- ये लो तुम्हारा प्रेज़ेंट.

राधिका- लगभग खुशी से चीखते हुए इसमें क्या हैं भैया.

कृष्णा- खुद ही खोल कर देख लो, शायद तुम्हें पसंद आए.

राधिका- ऐसा तो हो नही हो सकता कि आपका दिया गिफ्ट मुझे पसंद ना आए. और राधिका वो गिफ्ट पॅकेट खोल कर देखती हैं. जैसे ही वो गिफ्ट खोलती हैं वो खुशी से खिल उठती हैं.

गिफ्ट में एक कीमती साड़ी जिसका कलर लाल था, जो कि बहुत ही खूबसूरत लग रहा था. और एक ग्रीटिंग कार्ड भी था. राधिका ग्रीटिंग निकाल कर पढ़ती हैं तो उसमें कृष्णा का हॅपी विश लिखी होती हैं जिसे पढ़कर राधिका के आँख से खुशी के आँसू छलक पड़ते हैं.

राधिका- सच में भैया आज मैं बहुत खुस हूँ. मुझे आपका प्रेज़ेंट बहुत अच्छा लगा.

और कृष्णा भी मुस्कुरा देता हैं.

कृष्णा- मैं चाहता हूँ कि तू शाम को ये साड़ी मेरे लिए पहने. मैं तुम्हें इस साड़ी में देखना चाहता हूँ.

राधिका- ठीक हैं भैया मैं आपकी ख्वाहिश ज़रूर पूरी करूँगी. और फिर राधिका कृष्णा के एक बार फिर गले लग जाती हैं.

थोड़ी देर के बाद कृष्णा भी काम पर चला जाता हैं और राधिका भी झट से नहा धोकर तैयार होने लगती हैं. तभी उसका मोबाइल बजता हैं. फोन निशा का था. वो भी उसे हॅपी बर्तडे विश करती हैं और कुछ देर हाल चाल पूछकर फोन रख देती हैं. तभी फिर उसका मोबाइल पर कॉल आता हैं. इस बार फोन राहुल का था.

राहुल- मेरी जान हॅपी बर्तडे , मैं अभी थोड़ी देर में आ रहा हूँ तुम्हें लेने, तैयार रहना.

राधिका- तो जल्दी आओ ना, मैं भी कब से तुम्हारा वेट कर रही हूँ. और फिर वो फोन रख देती हैं.

थोड़े देर के बाद वो एक नया सूट पहन कर पूरी तरह से रेडी हो जाती हैं. कुछ ही मिनिट्स में राहुल भी आ जाता हैं.

राहुल उसे अपनी गाड़ी में बिठाकर उसे अपने घर की ओर ले जाता हैं. सुबह के 9 बज रहे थे इसलिए राहुल आज उसे पूरा समय देना चाहता था.

थोड़ी देर में वो दोनो राहुल के घर पहुँच जाते हैं. और राहुल के पीछे पीछे राधिका भी उसके घर में आ जाती हैं. घर पर रामू काका थे.

जैसे ही वो घर के अंदर पहुँची है वो घर को देखकर उसकी चेहरा खुशी से खिल उठता है. राहुल ने पूरे घर को सजाया हुआ था. जगह जगह बलून लगे हुए थे. कुल मिलाकर कमरा एक दम खूबसूरत लग रहा था.

राधिका- वॉट अ सर्प्राइज़ राहुल, मैने कभी सपने में भी नही सोचा था कि तुम मेरे लिए इतना सब कुछ..............

राहुल- तुम्हारे सिवा हैं की कौन मेरा जो मैं अब इतना भी नही कर सकता.

राधिका उसको अपने सीने से लगा लेती हैं. और अपना होन्ट राहुल के होंठ पर रखकर एक प्यारा सा किस देती है. आइ लव यू राहुल.वादा करो मेरा साथ तुम कभी नही छोड़ोगे .

राहुल- वादा करता हूँ राधिका ये हाथ मरते दम तक नही छोड़ूँगा. अब तो बस मुझे तुम्हारे लिए ही जीना हैं. तुमने ही तो मुझे जीना सिखाया हैं.

राधिका- मैं भी अब तुम्हारा साथ कभी नही छोड़ूँगी राहुल. चाहे कुछ भी हो जाए हमारा प्यार अब कभी कम नही होगा.

थोड़ी देर में वो नाश्ता करती हैं फिर राहुल राधिका को अपने गोद में उठाकर अपने रूम में ले जाता हैं.

राहुल- तुम्हारे लिए मैने कुछ प्रेज़ेंट भी लिया है, चलो चलकर दिखलाता हूँ.

राधिका- अब भी कुछ बाकी हैं क्या, इतना सब कुछ तो तुमने मुझे दिया ही हैं, अब क्या देने चाहते हो राहुल, जितना मैने सोचा था तुमने उससे कहीं ज़्यादा मुझे दिया है.

राहुल उसे एक बड़ा सा गिफ्ट पॅक देता हैं और राधिका को खोलने को बोलता हैं. वही पर एक बर्तडे केक भी रखा हुआ था कुछ देर में राधिका वो केक कटती हैं और फिर राहुल को अपने हाथों से खिलाती हैं.

राधिका फिर वो गिफ्ट पॅक खोलती हैं तो उसमें तीन साड़ी, और दो सूट थे. वो खुशी से राहुल को अपने गले लगा लेती हैं.

राधिका- इतने कपड़े खरीदने की क्या ज़रूरत थी राहुल, ये सब मुझे नही चाहिए राहुल. मुझे बस तुम्हारी ज़रूरत हैं.

राहुल- नही राधिका ऐसी बात नही हैं बस मेरा दिल किया ,और हां किसी के दिए गिफ्ट को मना नही करनी चाहिए.

राधिका- मुझे तुम्हारा गिफ्ट बहुत पसंद आया राहुल. आज का दिन मैं यादगार बनाना चाहती हूँ राहुल. हर एक पल मैं तुममें खोना चाहती हूँ.

राहुल- अब अपनी आँखें बंद करो मैं तुम्हें कुछ और भी देना चाहता हूँ.

राधिका भी चुप चाप अपनी आँखें बंद कर लेती हैं और राहुल अपने पॉकेट में से एक हीरे की अंगूठी निकालकर उसकी उंगली में पहना देता हैं. फिर वो उसे अपनी आँखें खोलने को बोलता हैं.

राधिका को तो जैसे विश्वास ही नही होता कि राहुल उसके लिए इतना सब कुछ कर सकता हैं. वो बस एक टक राहुल की आँखों में देखती रह जाती हैं.

राधिका भी उसके सीने से लग जाती हैं और फिर वो उसके लब चूम लेती हैं.

राधिका- मुझे तो विश्वास ही नही हो रहा हैं राहुल कि मेरा बर्तडे ऐसे भी कोई मुझे विश करेगा.

राधिका भी अब राहुल के करीब आती हैं और फिर धीरे से राहुल को बोलती हैं.

राधिका- मुझे और भी एक गिफ्ट चाहिए राहुल, बोले दोगे.

राहुल- अगर जान मग़ोगी तो भी दे दूँगा बोलो मेरी जान अब क्या चाहिए.

राधिका-राहुल अब मैं लड़की से औरत बनना चाहती हूँ. प्लीज़ मना मत करना मैं आज अपने आपको तुम्हारे हवाले करना चाहती हूँ. प्लीज़ राहुल मुझे पूरी तरह से अपना बना लो.

राहुल- ठीक हैं अगर यही तुम्हारी ख्वाहिश हैं तो आज मैं तुम्हें मना नही करूँगा. आज हमारा मिलन होगा,मगर जानती हो इसमें तुम्हें दर्द भी होगा, और मैं तुम्हारी आँखों में आँसू नही देख सकता.

राधिका- मैं तुम्हारी खातिर सब तकलीफें हंस कर सह लूँगी . मैं तैयार हूँ राहुल. मुझे बस तुम्हारा प्यार चाहिए.

थोड़ी देर मे राहुल बाहर चला जाता हैं और फिर आते वक्त वो अपने कमरे का दरवाजा बंद कर देता हैं. और राधिका के करीब चला जाता हैं.

अपने हाथ में एक लाल गुलाब लेकर राधिका को देता हैं और प्यार से कहता हैं आइ लव यू राधिका.

राहुल- विल यू लव मी???

राधिका एक दम से उसे अपने सीने से लगा लेती हैं और खुशी से उसके आँख से आँसू आ जाते हैं.

राधिका- अपनी जान से ज़्यादा तुम्हें चाहती हूँ राहुल, मर जाउन्गि मगर तुम्हारे उपर आँच तक नही आने दूँगी.

थोड़ी देर तक वो दोनो एक दूसरे की आँखों में देखते हैं और फिर राधिका और राहुल बेड पर जाकर बैठ जाते हैं.

राधिका- आओ राहुल मेरे एकदम करीब आओ ना, मुझे हमेशा हमेशा के लिए अपना बना लो.

राहुल भी धीरे से राधिका के करीब आता हैं और उसकी गर्देन को चूम लेता हैं और वो फिर फिर बहुत धीरे धीरे वो अपने होंठ और जीभ उसकी गर्देन पर फिराने लगता हैं. अब राधिका भी धीरे धीरे मदहोश होने लगती हैं. फिर वो अपने होंठो को राधिका के होंठो पर रख देता हैं और फिर धीरे धीरे चूसना चालू कर देता हैं. कुछ देर तक वो राधिका के उपर उसके होंठो को चूस्ता हैं फिर धीरे से नीचले होंठ को भी चूसना शुरू कर देता हैं.

राधिका भी आपी आँखें बंद कर लेती हैं और वो राहुल में पूरी तरह खो जाती है. काफ़ी देर तक वो एक दूसरे के होंठ को चूमते हैं. फिर राधिका अपना हाथ बड़ा कर राहुल के हाथ में दे देती हैं और वो धीरे धीरे उसको हरकत देनी शुरू कर देती हैं. राहुल अब भी राधिका का होंठ चूस रहा था.

अब राधिका धीरे धीरे उसके हाथ को बढ़ाते हुए अपने चेहरे से लेजाति हैं और फिर गर्देन से होते हुए अपने सीने पर रख देती हैं और फिर अपना हाथ का दबाव तेज़ कर देती हैं.

राहुल भी अब राधिका के सीने पर हाथ रखकर उसे धीरे धीरे फिराने लगता हैं. कुछ देर में राधिका के निपल्स एकदम हार्ड होने लगते हैं और वो भी जोश में आने लगती हैं.

राहुल एकदम धीरे धीरे अपनी उंगली राधिका के निपल्स पर फिरा रहा था, और राधिका भी धीरे धीरे सिसकारी लेती जा रही थी उसकी आँखें एक दम लाल हो गयी थी. हवस सॉफ उसकी आँखों में छलक रही थी. राधिका अपने होंठ एक बार फिर राहुल के होंठो पर रख देती हैं और खूब तेज़ी से उसे चूसना चालू करती हैं. पहले धीरे धीरे फिर बहुत तेज़ी से अपने जीभ से उसके होंठों को चाटती हैं.

कुछ देर के बाद राहुल फिर से अपने होंठ राधिका की गर्देन पर रख देता हैं फिर धीरे से वो अपने होंठ फिराते हुए राधिका की गर्देन के पीछे से होता हुआ उसके पीठ तक चाट ता हैं. राधिका की आँखे अपने आप ही बंद होने लगती हैं. फिर वो उसका दुपट्टा उसके जिस्म से अलग कर देता हैं.

राधिका भी अब बिस्तेर पर लेट जाती हैं और राहुल को अपने उपर आने का इशारा करती हैं. राहुल जैसे ही राधिका के उपर आता हैं वो एक बार कस कर राधिका के निपल्स को अपने हाथो की दोनो उंगलियों से मसल देता हैं. और राधिका के मूह से आआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह........ की कराह एक बार फिर निकल जाती हैं.

राहुल- क्या हुआ राधिका अभी तो आपके बूब्स को हल्का से मसला हैं तो आप इतना चीख रहीं हैं.अगर पूरे बदन को मैं रागडूंगा तो आपका क्या हाल होगा.

राधिका- राहुल मैं तो यही चाहती हूँ कि तुम मुझपर कोई तरस मत खाओ. जितनी बेहरमि से तुम मुझे रगड़ना चाहते हो रगड़ डालो. मेरी परवाह बिल्कुल मत करो.

राहुल- अरे आप तो हमारी जान हैं, और हमारी जान को तकलीफ़ होगी तो हमे भी दुख होगा. लेकिन क्या करे ये खेल ही ऐसा हैं इसमें जितना तकलीफ़ होती हैं उतना ही मज़ा आता हैं और मैं अपनी जान को आज पूरा जन्नत का मज़ा देना चाहता हूँ. बोलो दोगि ना मेरा पूरा साथ.

राधिका- हां राहुल मरते दम तक दूँगी, तुम्हारे दिल में जो आए तुम मेरे साथ करो ,मैं तुम्हें किसी भी चीज़ के लिए मना नही करूँगी. तुम्हारी मैं सारी इक्छाये पूरी करूँगी.

राहुल- फिर से उसके हाथ को अपने हाथ में ले लेता हैं और उसपर अपना जीभ फिराने लगता है. राधिका फिर से तड़प उठती हैं.

फिर वो राधिका को अपने उपर आने को बोलता हैं. और राहुल नीचे लेट जाता हैं. राधिका भी अब अपनी जीभ उसकी गर्देन पर रख देती हैं और धीरे धीरे वो नीचे की ओर बढ़ती हैं. फिर राधिका उसे शर्ट के बटन को अपने मूह में फँसाकर धीरे धीरे एक एक करके अपनी उंगली की मदद से खोलना चालू करती हैं.

कुछ देर में राहुल का शर्ट पूरा खुल जाता है. फिर राहुल उसे अपने जिस्म से अलग कर देता हैं. अब वो बनियान में था. राधिका को शरारत सुझति हैं और वो राहुल के लंड को पॅंट के उपर से ही पकड़ लेती हैं. राहुल के मूह से तेज़्ज़ सिसकारी निकल पड़ती हैं. और राधिका मुस्कुरा देती हैं.

फिर वो धीरे से झुक कर अपने होंठ उसके पेंट के हुक पर रख देती हैं और फिर अपने हाथ लेजा कर खोल देती हैं और राहुल की ज़िप को अपने दांतो से खींचकर धीरे धीरे उसके पेंट की चैन को खोलती हैं. थोड़ी देर में उसका ज़िप पूरा खुल जाता हैं.

फिर अपने दोनो हाथ सरका कर राहुल की पेंट को उससे अलग कर देती हैं. अब राहुल सिर्फ़ अंडरवेर और बनियान में था. फिर राधिका उसके उपर झुककर अपनी पूरी जीभ उसके होंठ से लेकर उसके पाँव तक पूरा फिराती हैं. राहुल मस्ती में अपनी आँखें बंद कर लेता हैं. उसे इतना मज़ा आ रहा था कि लगा कि उसे जन्नत मिल गयी हो.

फिर वो राधिका को अपने नीचे लेटा देता हैं वो फिर से अपने जीभ राधिका के मूह में डाल देता हैं. कुछ देर तक ऐसे चूसने के बाद वो धीरे धीरे चाट ते हुए उसकी गर्देन से होते हुए उसके निपल्स के उपर अपनी जीभ रख देता हैं. राधिका की भी मस्ती में आँख बंद होने लगती हैं. फिर वो कुछ देर ऐसे ही चाट ता हैं फिर उसकी लेफ्ट चुचि को अपने दाँत में कसकर काट देता हैं और राधिका के मूह से सिसरी निकल जाती हैं.

राधिका- आउच.................... क्या राहुल धीरे से नही काट सकते थे क्या, मारूँगी अगर दुबारा ऐसा किए तो.............लेकिन सच तो ये था कि राधिका की चूत पूरी गीली होने लगी थी. उसे लग रहा था कि उसकी पैंटी भीग गयी हैं.

फिर राहुल अपने दोनो हाथ राधिका के बूब्स पर रखकर उसे कस कर मसल देता हैं.

राहुल- राधिका कसम से ये तुम्हारे बूब्स बहुत खूबसूरत हैं. जी करता हैं इन्हे ऐसे ही प्यार करूँ.

राधिका- तो करो ना राहुल मैने तुम्हें कब रोका हैं. जब तक तुम्हारा जी ना भरे इन्हें ऐसे ही मसलो.

फिर वो राधिका को उठाता हैं और उसका सूट को धीरे धीरे उपर करने लगता हैं. राधिका भी अपने हाथ उपर कर देती हैं और राहुल धीरे धीरे सूट राधिका के जिस्म से अलग कर देता हैं. अब राधिका सिर्फ़ वाइट ब्रा में राहुल के सामने थी.

राहुल बड़े गौर से राधिका को घूर कर देखता हैं. और उसके ऐसे देखने से राधिका भी शरमा जाती हैं.

राधिका- ऐसा क्या देख रहे हो राहुल. मुझे शरम आ रही हैं.

राहुल- कसम से राधिका जितनी खूबसूरत तुम हो उतना ही तुम्हारा बदन. मैने आज तक ऐसा हुस्न कभी नही देखा. तुम तो बूढ़ो का भी खून गरम कर सकती हो.

फिर वो नीचे झुक कर राधिका के बूब्स को अपने हाथों में कसकर मसल देता हैं. राधिका की चूत से लगातार पानी रुकने का नाम ही नही ले रहा था.

फिर वो उसके पाजिमी का नाडा खोल देता हैं और उसे भी धीरे धीरे सरका कर राधिका के जिस्म से अलग कर देता हैं. अब राधिका सिफ्र ब्रा और पैंटी में थी. नीचे उसने काली वाइट पैंटी पहनी थी. राहुल फिर से उसके सर से लेकर पाँव तक अपनी पूरा जीभ फिराता हैं और राधिका की सिसकारी बढ़ने लगती हैं.

राधिका- राहुल प्लीज़ जल्दी करो ना नही तो मैं मर जाउन्गि. प्लीज़ अब मुझे बर्दास्त नही हो रहा.
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Isi Ka Naam Zindagi - by thepirate18 - 19-09-2019, 08:59 PM
RE: वक़्त के हाथों मजबूर - by thepirate18 - 19-09-2019, 10:00 PM
RE: Isi Ka Naam Zindagi - by thepirate18 - 17-02-2020, 09:45 AM
RE: Isi Ka Naam Zindagi - by Abr Roy - 26-07-2021, 04:42 PM
RE: Isi Ka Naam Zindagi - by koolme98 - 21-09-2022, 06:28 PM



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