19-09-2019, 09:15 PM
Update 3
राहुल- आइ आम सॉरी राधिका जी मैं बस मज़ाक कर
रहा हूँ. आप सच में बहुत बहादुर हैं.
मैं आपको सचमुच सल्यूट करता हूँ.
अगर आप जैसी लड़की रहे और जिसका ऐसा इरादा हो तो
गुंडे बदमाश तो किसी को भी छेड़ने की ग़लती नही
करेंगे.
निशा- अरे सर आप राधिका को नही जानते इसने बड़े
बड़े किस्से किए हैं. मैं इसे 8 साल से जानती हूँ.
अभी तक जिसने भी इसे प्रपोज़ या छेड़ा है इसने तो
उसकी पूरी बॅंड बजा डाली है.
राहुल- भाई अभी तो मैं थोड़ी देर फ्री हूँ आप
चाहे तो इनका किस्सा हमे बता सकती हैं.
राधिका- हम गैर लोगों को अपनी बात बताना
ज़रूरी नही समझते. इतना कहकर राधिका निशा को चलने का इशारा करती हैं.
निशा- यार प्लीज़ रुक ना क्यों तू हर बात को
सीरियस्ली लेती है. निशा के बोलते ही राधिका अपनी सीट पर दुबारा बैठ जाती हैं.
निशा- जानते हो साहब ....
राहुल- प्लीज़ निशा जी आप मुझे साहब मत कहिए आप मुझे राहुल बुला सकती हैं.
निशा- ओके राहुल जी एक बार जब मैं इसके साथ
सिनिमा से आ रही थी तभी आकाश मेरे कॉलेज का ही लड़का है वो राधिका को बहुत प्यार करता था. बेचारा सुबह शाम रात दिन राधिका का ही नाम लेता था. एक दिन उसके दोस्तों ने कह दिया अरे प्यार
करता है तो जा कर प्रपोज़ कर दे ना. पता चला कि
तू उसका नाम लेता रह जाएगा और कोई और उसको
पटा कर ब्याह रचा लेगा.
बस फिर क्या था वो बस इनको प्रपोज़ करने की ग़लती
कर बैठा जानते हो राहुल इसने उसका क्या जवाब
दिया...........
बस फिर क्या था वो बस इनको प्रपोज़ करने की ग़लती
कर बैठा जानते हो राहुल इसने उसका क्या जवाब
दिया...........
आकाश- राधिका मैं तुमसे बहुत प्यार करता
हूँ. मैं तुम्हारे लिए पागल जैसे यहाँ से वहाँ ,वहाँ से यहाँ दिन रात भटकता रहता हूँ. प्लीज़ राधिका मेरी इस बीमारी का इलाज़ तुम ही कर
सकती हो .मैं तुम्हारे प्यार में इस कदर पागल हो चुका हूँ की मुझे तुम्हारे सिवा कुछ दिखाई नही देता राधिका आइ लव यू.
राधिका- अच्छा तो आप मेरे प्यार में पागल हो
गये हैं. मेरे साथ चलिए मैं आपकी बीमारी
हमेशा के लिए ठीक कर देती हूँ.
फिर क्या था राधिका ने एक नंबर पर कॉल किया और उसकी बाइक पर बैठ गयी.
राहुल- फिर क्या हुआ...
ये महारानी उस बेचारे को सचमुच पागल खाने ले कर चली गयी उसको वहाँ भरती करने के लिए. इस लिए उसने पागल खाने वालों के अड्रेस्स पर फोन किया था.
राहुल- हा ....हा.........हा मेरी हँसी नही रुक रही
निशा जी .......फिर क्या हुआ उसके साथ...हा.हा..
निशा- जब वो वही पहुचि तो दो कॉन्स्टेबल उनके
तरफ आते दिखाई दिए. अभी भी आकाश को कुछ
समझ नही आ रहा था कि राधिका उसको कहाँ ले जा
रही है.
पहला आदमी- अरे मेडम आपने ही हमें
फोन किया था क्या.
राधिका- हाँ. आकाश की ओर इशारा करते हुए ये ही
हैं वो भाई साहब. इतना सुनते ही दोनो आदमी उसको लगभग घसीटते हुए वॉर्ड में ले जाते हैं और एलेक्ट्रिक शॉक उसके ब्रेन में फिट कर
देते हैं. आकाश को सब समझ आ जाता है की मैं सचमुच पागल खाने आ गया हूँ.
बस फिर क्या था आकाश ज़ोर ज़ोर से कहता है कि मैं
पागल नही हूँ .
दूसरा आदमी- हर पागल यही बोलता है. चिंता मत
कर दो तीन शॉक में तेरा दिमाग़ कुछ सही हो जाएगा.
इतना कहकर वो दोनो उसका हाथ पैर बाँध देते
हैं और एलेक्ट्रिक शॉक का 2 - 3 झटका देते हैं. और आकाश बेहोश हो जाता है.
फिर राधिका ऑटो पकड़ कर घर चली आती है और
आकाश कैसे भी करके दो तीन घंटे में भाग
कर वापस आ जाता है.
राहुल- हा. ........हा....... हा.... यार राधिका आप तो
सचमुच कमाल हो.
अब बेचारा जब भी इसको देखता हैं उल्टे पाँव
भागता हैं.
तभी राहुल के मोबाइल पर एक कॉल आता है.....
राहुल कॉल रिसेव करता है और उधर से आवाज़ आती
है- राहुल कहाँ पर हो यार मैं तुम्हें
ढूँढ रहा हूँ मुझे तुमसे एक बात करनी
हैं.कॉल उसके बेस्ट फ्रेंड विजय का था और राहुल
अपना अड्रेस उसे बता देता है और उधर से जवाब आता है की मैं थोड़े देर में तुम्हारे पास आरहा हूँ. इतना कहकर राहुल फोन रख देता है.
मोनिका- तुम अब पूरे 32 साल के हो गये हो और इतनी ही चुदाई का शोक है तो क्यों नही कर लेते
शादी. अरे 3, 4 साल बाद तो कोई तुमको अपनी लड़की भी नही देगा. तुमसे कोई लड़की शादी भी नही करेगी.
विजय- हँसते हुए अरे मेरी रांड़ तो तू है ना अपनी
चूत देने के लिए. तू भी तो पूरे 30 साल की हो गयी
है और अब तो तू पूरी चीज़ बन गयी है.
मोनिका- रहने दो ज़्यादा मस्का मत लगाओ और जो
करना है वो जल्दी से कर लो. मुझे घर भी जाना
है.
विजय- तो चल जल्दी से अपने सारे कपड़े उतार कर पूरी नंगी हो जा.आज तो मैं तेरी अच्छे से लूँगा.
मोनिका- ये भी कोई बात हुई क्या. जब देखो कपड़े निकालो. अरे क्या कोई ऐसे ही चुदाई करता है क्या.ज़रा धीरे धीरे मुझे अपनी बाहों में लेकर मुझसे कुछ बातें करो, फिर मेरे जिस्म से खेलो, थोड़ा मुझसे प्यार करो फिर देखना मैं ऐसी आग लगूंगी कि तुम भी क्या याद करोगे.
विजय- ऐसा क्या मेरी रंडी तो फिर मैं अभी आता
हूँ. आज तो तेरी चूत और गान्ड रगड़ रगड़ कर
चोदुन्गा.
इतना कहकर विजय दूसरे कमरे में चला जाता है और कुछ देर बाद उसके हाथ में एक इंजेक्षन
लेकर वापस मोनिका के पास आता है. मोनिका
इंजेक्षन को देखकर बोखला जाती है और विजय से
कहती है..
मोनिका- ये क्या कर रहे हो तुम. मुझे जिसका डर
था वही हुआ.
''दर-असल जो इंजेक्षन विजय के हाथ में था वो कोई
दवाई नही थी बल्कि ड्रग्स का इंजेक्षन था. विजय
ड्रग्स का अडिक्ट था. और वो ड्रग्स का भी बिज्निस चलाता था.''
विजय- बस एक बार मैं ये इंजेक्षन ले लू तो फिर
देखना आज मेरी तेरी चूत कैसे फाड़ता हूँ.
मोनिका- नही विजय ये तुम ठीक नही कर रहे हो.
ड्रग्स लेने के बाद तो तुम पूरे जानवर बन जाते हो.तुम्हें ये भी होश नही रहता है कि मुझपर क्या बीतती है. तुम बहुत ज़्यादा वाइल्ड हो जाते हो. मुझे तो तुमसे कभी कभी डर लगता है.
विजय- अरे मेरी रंडी तुझे तो वाइल्ड सेक्स बहुत
पसंद है ना. परेशान मत हो मैं तेरी आराम से मारूँगा. इतना कहकर विजय मोनिका के दोनो बूब्स को अपने हाथों में लेकर मसल देता है और मोनिका के मूह से ज़ोर से चीख निकल जाती है.
मोनिका- आआआ..................हह. प्लीज़
विजय मैं कहीं भागी तो नही जा रही ना ज़रा आराम से दबाओ ना.
विजय- एक हाथ से मोनिका के बूब्स दबाता है और
दूसरे हाथ में इंजेक्षन लेकर खड़ा रहता हैं.
विजय- चल आज तू ही लगा दे मुझे ये नसीला
इंजेक्षन. तू लगाए गी तो दर्द कम होगा.
मोनिका- प्लीज़ विजय क्यों नही तुम ड्रग्स को छोड़ देते हो. जानते हो ना ये कितना ख़तरनाक है.
विजय- अरे मेरी जान शराब और शबाब का नशा तो आदमी कभी भी नही छोड़ सकता. जिसको ये दोनो की आदत पड़ गयी वो इन दोनो का गुलाम बन जाता है.
और विजय मोनिका को इशारा करता है. मोनिका आकर उसे उसके हाथों में ड्रग्स का इंजेक्षन लगा देती है.
थोड़ी देर तक उसे कोई होश ही नही रहता फिर वो
धीरे धीरे होश में आने लगता है और मोनिका को अपने पास आने का इशारा करता है.
मोनिका- प्लीज़ विजय ज़रा आराम से करना. मुझे
बहुत डर लगता है जब तुम ड्रग्स लेकर मेरे साथ सेक्स करते हो तो.
विजय- विजय की आँखे एक दम लाल हो चुकी थी और
वो मोनिका के दोनो बूब्स को अपने हाथों में
एकदम ज़ोर से डाबा देता है और मोनिका के
मूह से एक दर्द भरी सिसकारी निकल जाती है.
विजय- कसम से तेरा बूब्स कितना मस्त है लगता है
इन्हें खा जाउ. साली पूरे 38 साइज़ के गोल गोल हैं.
फिर अपने दोनो हाथ बढ़ा कर मोनिका की साड़ी के उपर से ही उसके दोनो निपल्स को अपनी चुटकी में लेकर ज़ोर ज़ोर से मसल्ने लगता हैं.
मोनिका- प्लीज़ विजय होश में करो ना. मुझे आज तुम्हारी नियत कुछ ज़्यादा ही खराब लग रही है.सच में तुम्हें दर्द देने में पता नही क्या मज़ा मिलता है.
विजय- तू सही कह रही है जब तक औरत चीखती नही है मुझे ज़रा भी मज़ा नही आता. इतना कहकर विजय मोनिका की साड़ी का पल्लू को खींचने लगता है और कुछ देर में वो उसके जिस्म से अलग कर देता है..
मोनिका- क्या बात है आज कोई दूसरी आइटम तो नही मिल गयी ना तुझे जो तेरा लंड आज सोने का नाम ही नही ले रहा है. इतना कहकर मोनिका उसके लंड को अपने हाथ में पकड़ लेती है.
विजय- ज़्यादा बक बक मत कर समझी, नही तो जानती
है ना मैं तुझे कजिरि के पास भेज दूँगा फिर साली कोसते रहना ज़िंदगी भर अपने आप को .
मोनिका कजरी का नाम सुनते ही उसके रौन्ग्ते खड़े हो जाते हैं और एकदम से सहम जाती है............
मोनिका- देख विजय तू मुझे जान से मार दे मगर मुझे उसके पास भेजने की बात मत किया कर.
विजय- अरे तू इतना डरती क्यों है वो तेरी चूत की सारी
खुजली हमेशा हमेशा के लिए मिटा देगी. तुझे
भी तो एक साथ 8, 10 लंड लेने में मज़ा आएगा.
राहुल- आइ आम सॉरी राधिका जी मैं बस मज़ाक कर
रहा हूँ. आप सच में बहुत बहादुर हैं.
मैं आपको सचमुच सल्यूट करता हूँ.
अगर आप जैसी लड़की रहे और जिसका ऐसा इरादा हो तो
गुंडे बदमाश तो किसी को भी छेड़ने की ग़लती नही
करेंगे.
निशा- अरे सर आप राधिका को नही जानते इसने बड़े
बड़े किस्से किए हैं. मैं इसे 8 साल से जानती हूँ.
अभी तक जिसने भी इसे प्रपोज़ या छेड़ा है इसने तो
उसकी पूरी बॅंड बजा डाली है.
राहुल- भाई अभी तो मैं थोड़ी देर फ्री हूँ आप
चाहे तो इनका किस्सा हमे बता सकती हैं.
राधिका- हम गैर लोगों को अपनी बात बताना
ज़रूरी नही समझते. इतना कहकर राधिका निशा को चलने का इशारा करती हैं.
निशा- यार प्लीज़ रुक ना क्यों तू हर बात को
सीरियस्ली लेती है. निशा के बोलते ही राधिका अपनी सीट पर दुबारा बैठ जाती हैं.
निशा- जानते हो साहब ....
राहुल- प्लीज़ निशा जी आप मुझे साहब मत कहिए आप मुझे राहुल बुला सकती हैं.
निशा- ओके राहुल जी एक बार जब मैं इसके साथ
सिनिमा से आ रही थी तभी आकाश मेरे कॉलेज का ही लड़का है वो राधिका को बहुत प्यार करता था. बेचारा सुबह शाम रात दिन राधिका का ही नाम लेता था. एक दिन उसके दोस्तों ने कह दिया अरे प्यार
करता है तो जा कर प्रपोज़ कर दे ना. पता चला कि
तू उसका नाम लेता रह जाएगा और कोई और उसको
पटा कर ब्याह रचा लेगा.
बस फिर क्या था वो बस इनको प्रपोज़ करने की ग़लती
कर बैठा जानते हो राहुल इसने उसका क्या जवाब
दिया...........
बस फिर क्या था वो बस इनको प्रपोज़ करने की ग़लती
कर बैठा जानते हो राहुल इसने उसका क्या जवाब
दिया...........
आकाश- राधिका मैं तुमसे बहुत प्यार करता
हूँ. मैं तुम्हारे लिए पागल जैसे यहाँ से वहाँ ,वहाँ से यहाँ दिन रात भटकता रहता हूँ. प्लीज़ राधिका मेरी इस बीमारी का इलाज़ तुम ही कर
सकती हो .मैं तुम्हारे प्यार में इस कदर पागल हो चुका हूँ की मुझे तुम्हारे सिवा कुछ दिखाई नही देता राधिका आइ लव यू.
राधिका- अच्छा तो आप मेरे प्यार में पागल हो
गये हैं. मेरे साथ चलिए मैं आपकी बीमारी
हमेशा के लिए ठीक कर देती हूँ.
फिर क्या था राधिका ने एक नंबर पर कॉल किया और उसकी बाइक पर बैठ गयी.
राहुल- फिर क्या हुआ...
ये महारानी उस बेचारे को सचमुच पागल खाने ले कर चली गयी उसको वहाँ भरती करने के लिए. इस लिए उसने पागल खाने वालों के अड्रेस्स पर फोन किया था.
राहुल- हा ....हा.........हा मेरी हँसी नही रुक रही
निशा जी .......फिर क्या हुआ उसके साथ...हा.हा..
निशा- जब वो वही पहुचि तो दो कॉन्स्टेबल उनके
तरफ आते दिखाई दिए. अभी भी आकाश को कुछ
समझ नही आ रहा था कि राधिका उसको कहाँ ले जा
रही है.
पहला आदमी- अरे मेडम आपने ही हमें
फोन किया था क्या.
राधिका- हाँ. आकाश की ओर इशारा करते हुए ये ही
हैं वो भाई साहब. इतना सुनते ही दोनो आदमी उसको लगभग घसीटते हुए वॉर्ड में ले जाते हैं और एलेक्ट्रिक शॉक उसके ब्रेन में फिट कर
देते हैं. आकाश को सब समझ आ जाता है की मैं सचमुच पागल खाने आ गया हूँ.
बस फिर क्या था आकाश ज़ोर ज़ोर से कहता है कि मैं
पागल नही हूँ .
दूसरा आदमी- हर पागल यही बोलता है. चिंता मत
कर दो तीन शॉक में तेरा दिमाग़ कुछ सही हो जाएगा.
इतना कहकर वो दोनो उसका हाथ पैर बाँध देते
हैं और एलेक्ट्रिक शॉक का 2 - 3 झटका देते हैं. और आकाश बेहोश हो जाता है.
फिर राधिका ऑटो पकड़ कर घर चली आती है और
आकाश कैसे भी करके दो तीन घंटे में भाग
कर वापस आ जाता है.
राहुल- हा. ........हा....... हा.... यार राधिका आप तो
सचमुच कमाल हो.
अब बेचारा जब भी इसको देखता हैं उल्टे पाँव
भागता हैं.
तभी राहुल के मोबाइल पर एक कॉल आता है.....
राहुल कॉल रिसेव करता है और उधर से आवाज़ आती
है- राहुल कहाँ पर हो यार मैं तुम्हें
ढूँढ रहा हूँ मुझे तुमसे एक बात करनी
हैं.कॉल उसके बेस्ट फ्रेंड विजय का था और राहुल
अपना अड्रेस उसे बता देता है और उधर से जवाब आता है की मैं थोड़े देर में तुम्हारे पास आरहा हूँ. इतना कहकर राहुल फोन रख देता है.
मोनिका- तुम अब पूरे 32 साल के हो गये हो और इतनी ही चुदाई का शोक है तो क्यों नही कर लेते
शादी. अरे 3, 4 साल बाद तो कोई तुमको अपनी लड़की भी नही देगा. तुमसे कोई लड़की शादी भी नही करेगी.
विजय- हँसते हुए अरे मेरी रांड़ तो तू है ना अपनी
चूत देने के लिए. तू भी तो पूरे 30 साल की हो गयी
है और अब तो तू पूरी चीज़ बन गयी है.
मोनिका- रहने दो ज़्यादा मस्का मत लगाओ और जो
करना है वो जल्दी से कर लो. मुझे घर भी जाना
है.
विजय- तो चल जल्दी से अपने सारे कपड़े उतार कर पूरी नंगी हो जा.आज तो मैं तेरी अच्छे से लूँगा.
मोनिका- ये भी कोई बात हुई क्या. जब देखो कपड़े निकालो. अरे क्या कोई ऐसे ही चुदाई करता है क्या.ज़रा धीरे धीरे मुझे अपनी बाहों में लेकर मुझसे कुछ बातें करो, फिर मेरे जिस्म से खेलो, थोड़ा मुझसे प्यार करो फिर देखना मैं ऐसी आग लगूंगी कि तुम भी क्या याद करोगे.
विजय- ऐसा क्या मेरी रंडी तो फिर मैं अभी आता
हूँ. आज तो तेरी चूत और गान्ड रगड़ रगड़ कर
चोदुन्गा.
इतना कहकर विजय दूसरे कमरे में चला जाता है और कुछ देर बाद उसके हाथ में एक इंजेक्षन
लेकर वापस मोनिका के पास आता है. मोनिका
इंजेक्षन को देखकर बोखला जाती है और विजय से
कहती है..
मोनिका- ये क्या कर रहे हो तुम. मुझे जिसका डर
था वही हुआ.
''दर-असल जो इंजेक्षन विजय के हाथ में था वो कोई
दवाई नही थी बल्कि ड्रग्स का इंजेक्षन था. विजय
ड्रग्स का अडिक्ट था. और वो ड्रग्स का भी बिज्निस चलाता था.''
विजय- बस एक बार मैं ये इंजेक्षन ले लू तो फिर
देखना आज मेरी तेरी चूत कैसे फाड़ता हूँ.
मोनिका- नही विजय ये तुम ठीक नही कर रहे हो.
ड्रग्स लेने के बाद तो तुम पूरे जानवर बन जाते हो.तुम्हें ये भी होश नही रहता है कि मुझपर क्या बीतती है. तुम बहुत ज़्यादा वाइल्ड हो जाते हो. मुझे तो तुमसे कभी कभी डर लगता है.
विजय- अरे मेरी रंडी तुझे तो वाइल्ड सेक्स बहुत
पसंद है ना. परेशान मत हो मैं तेरी आराम से मारूँगा. इतना कहकर विजय मोनिका के दोनो बूब्स को अपने हाथों में लेकर मसल देता है और मोनिका के मूह से ज़ोर से चीख निकल जाती है.
मोनिका- आआआ..................हह. प्लीज़
विजय मैं कहीं भागी तो नही जा रही ना ज़रा आराम से दबाओ ना.
विजय- एक हाथ से मोनिका के बूब्स दबाता है और
दूसरे हाथ में इंजेक्षन लेकर खड़ा रहता हैं.
विजय- चल आज तू ही लगा दे मुझे ये नसीला
इंजेक्षन. तू लगाए गी तो दर्द कम होगा.
मोनिका- प्लीज़ विजय क्यों नही तुम ड्रग्स को छोड़ देते हो. जानते हो ना ये कितना ख़तरनाक है.
विजय- अरे मेरी जान शराब और शबाब का नशा तो आदमी कभी भी नही छोड़ सकता. जिसको ये दोनो की आदत पड़ गयी वो इन दोनो का गुलाम बन जाता है.
और विजय मोनिका को इशारा करता है. मोनिका आकर उसे उसके हाथों में ड्रग्स का इंजेक्षन लगा देती है.
थोड़ी देर तक उसे कोई होश ही नही रहता फिर वो
धीरे धीरे होश में आने लगता है और मोनिका को अपने पास आने का इशारा करता है.
मोनिका- प्लीज़ विजय ज़रा आराम से करना. मुझे
बहुत डर लगता है जब तुम ड्रग्स लेकर मेरे साथ सेक्स करते हो तो.
विजय- विजय की आँखे एक दम लाल हो चुकी थी और
वो मोनिका के दोनो बूब्स को अपने हाथों में
एकदम ज़ोर से डाबा देता है और मोनिका के
मूह से एक दर्द भरी सिसकारी निकल जाती है.
विजय- कसम से तेरा बूब्स कितना मस्त है लगता है
इन्हें खा जाउ. साली पूरे 38 साइज़ के गोल गोल हैं.
फिर अपने दोनो हाथ बढ़ा कर मोनिका की साड़ी के उपर से ही उसके दोनो निपल्स को अपनी चुटकी में लेकर ज़ोर ज़ोर से मसल्ने लगता हैं.
मोनिका- प्लीज़ विजय होश में करो ना. मुझे आज तुम्हारी नियत कुछ ज़्यादा ही खराब लग रही है.सच में तुम्हें दर्द देने में पता नही क्या मज़ा मिलता है.
विजय- तू सही कह रही है जब तक औरत चीखती नही है मुझे ज़रा भी मज़ा नही आता. इतना कहकर विजय मोनिका की साड़ी का पल्लू को खींचने लगता है और कुछ देर में वो उसके जिस्म से अलग कर देता है..
मोनिका- क्या बात है आज कोई दूसरी आइटम तो नही मिल गयी ना तुझे जो तेरा लंड आज सोने का नाम ही नही ले रहा है. इतना कहकर मोनिका उसके लंड को अपने हाथ में पकड़ लेती है.
विजय- ज़्यादा बक बक मत कर समझी, नही तो जानती
है ना मैं तुझे कजिरि के पास भेज दूँगा फिर साली कोसते रहना ज़िंदगी भर अपने आप को .
मोनिका कजरी का नाम सुनते ही उसके रौन्ग्ते खड़े हो जाते हैं और एकदम से सहम जाती है............
मोनिका- देख विजय तू मुझे जान से मार दे मगर मुझे उसके पास भेजने की बात मत किया कर.
विजय- अरे तू इतना डरती क्यों है वो तेरी चूत की सारी
खुजली हमेशा हमेशा के लिए मिटा देगी. तुझे
भी तो एक साथ 8, 10 लंड लेने में मज़ा आएगा.