19-09-2019, 09:01 PM
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Introduction
कहते हैं कि वक़्त से बड़ी ताक़त इस दुनिया में और कोई नही हैं. वक़्त के आगे बड़ी से बड़ी चट्टान भी झुक जाती है तो इंसान क्या चीज़ हैं.जो इंसान अगर वक़्त की कद्र करता हैं वो ही इंसान दुनिया में अपना वजूद कायम रख पाता हैं. एक बार जो वक़्त निकल गया वो कभी वापस नही आता मगर कुछ नसीब वाले इंसानो को ही वक़्त और किस्मत दोनो मिलती हैं. और वो ही इंसान सफलता के बुलांदियों को छूते हैं. मगर कुछ ऐसे भी इंसान है जो वक़्त के हाथों मजबूर और कठपुतलती मात्र बनकर रह जाते हैं.ऐसा ही कुछ मेरे साथ भी हुआ था. मैं भी वक़्त के हाथों एक खिलोना बनकर बस रह गया.
कहते हैं कि वक़्त से बड़ी ताक़त इस दुनिया में और कोई नही हैं. वक़्त के आगे बड़ी से बड़ी चट्टान भी झुक जाती है तो इंसान क्या चीज़ हैं.जो इंसान अगर वक़्त की कद्र करता हैं वो ही इंसान दुनिया में अपना वजूद कायम रख पाता हैं. एक बार जो वक़्त निकल गया वो कभी वापस नही आता मगर कुछ नसीब वाले इंसानो को ही वक़्त और किस्मत दोनो मिलती हैं. और वो ही इंसान सफलता के बुलांदियों को छूते हैं. मगर कुछ ऐसे भी इंसान है जो वक़्त के हाथों मजबूर और कठपुतलती मात्र बनकर रह जाते हैं.ऐसा ही कुछ मेरे साथ भी हुआ था. मैं भी वक़्त के हाथों एक खिलोना बनकर बस रह गया.