16-09-2019, 09:07 AM
उनका ख्याल दूसरी ओर चला गया ,
गीता की ओर ,मंजू बाई की बेटी।
गुड्डी से मुश्किल से साल भर ही तो बड़ी होगी , और साल भर पहले उसकी शादी भी होगयी और अब बच्चा भी
और वो गुड्डी को छोटा ,... सच में वो तो कब से ,
फिर एक बार मंजू बाई की ओर उनका ध्यान लौट गया।
काम वाली है तो लेकिन , ... देह कितनी मस्त है ,उसके गदराये जोबन ,कितना मजा आएगा ,...
और मजा कितना देती है , उनकी निगाह घड़ी की ओर पड़ी।
नहीं ठीक नहीं होगी ,
सोचा उन्होंने लेकिन मन में मंजू और गीता ही घूम रही थीं ,
एक बार फिर खाली बीयर का मग उन्होंने भर लिया ,लबालब ,
उनकी ऊँगली मग के हैंडल पर टहल रही थी ,किसी किशोरी के उभारों ऐसा गढ़ा था ,
गीता के भी तो ऐसे ही ,
और मंजू बाई क्या कह रही थी , दूध छलछलाता रहता है।
सच में सीधे ब्रेस्ट से दूध , ...
नहीं नहीं झटके दे कर उन्होंने वो ख्याल अपने मन से निकाला और बार में बियर का मग खाली कर दिया।
घर में पूरा सन्नाटा था।
और सुबह तक कोई आने वाला नहीं था ,सुबह क्या ९-१० बजे तक।
फिर एक बार मंजू की शक्ल ,
फिर उन्हें याद आया की मंजू के यहां जाना तो पडेगा ,उसे बोलना होगा न की सुबह नहीं आना है।
अब तक कह आते तो ,
कुछ समझ में नहीं आ रहा था ,उन्होंने मग तीसरी बार भर लिया।
और मग खाली करते उन्होंने फैसला कर लिया था ,
मंजू बाई के यहाँ तो वो जाएंगे लेकिन अंदर नहीं ,बाहर से ही उसे बुलाकर बता देंगे।
निकलते समय उन्हें याद आया की उन्हें ' ग्रीन सिगनल " तो मिल गया है ,
ऊपर से कल से उनका एकदम तन्नाया,...
उन्होंने बाहर ताला बंद करते समय सर झटका ,
कुछ भी हो बस उसके घर के अंदर नहीं जाएंगे तो कुछ नहीं होगा ,बस बता के चले आएंगे।
बियर का कुछ कुछ असर हो रहा था उनके ऊपर।
गीता की ओर ,मंजू बाई की बेटी।
गुड्डी से मुश्किल से साल भर ही तो बड़ी होगी , और साल भर पहले उसकी शादी भी होगयी और अब बच्चा भी
और वो गुड्डी को छोटा ,... सच में वो तो कब से ,
फिर एक बार मंजू बाई की ओर उनका ध्यान लौट गया।
काम वाली है तो लेकिन , ... देह कितनी मस्त है ,उसके गदराये जोबन ,कितना मजा आएगा ,...
और मजा कितना देती है , उनकी निगाह घड़ी की ओर पड़ी।
नहीं ठीक नहीं होगी ,
सोचा उन्होंने लेकिन मन में मंजू और गीता ही घूम रही थीं ,
एक बार फिर खाली बीयर का मग उन्होंने भर लिया ,लबालब ,
उनकी ऊँगली मग के हैंडल पर टहल रही थी ,किसी किशोरी के उभारों ऐसा गढ़ा था ,
गीता के भी तो ऐसे ही ,
और मंजू बाई क्या कह रही थी , दूध छलछलाता रहता है।
सच में सीधे ब्रेस्ट से दूध , ...
नहीं नहीं झटके दे कर उन्होंने वो ख्याल अपने मन से निकाला और बार में बियर का मग खाली कर दिया।
घर में पूरा सन्नाटा था।
और सुबह तक कोई आने वाला नहीं था ,सुबह क्या ९-१० बजे तक।
फिर एक बार मंजू की शक्ल ,
फिर उन्हें याद आया की मंजू के यहां जाना तो पडेगा ,उसे बोलना होगा न की सुबह नहीं आना है।
अब तक कह आते तो ,
कुछ समझ में नहीं आ रहा था ,उन्होंने मग तीसरी बार भर लिया।
और मग खाली करते उन्होंने फैसला कर लिया था ,
मंजू बाई के यहाँ तो वो जाएंगे लेकिन अंदर नहीं ,बाहर से ही उसे बुलाकर बता देंगे।
निकलते समय उन्हें याद आया की उन्हें ' ग्रीन सिगनल " तो मिल गया है ,
ऊपर से कल से उनका एकदम तन्नाया,...
उन्होंने बाहर ताला बंद करते समय सर झटका ,
कुछ भी हो बस उसके घर के अंदर नहीं जाएंगे तो कुछ नहीं होगा ,बस बता के चले आएंगे।
बियर का कुछ कुछ असर हो रहा था उनके ऊपर।