12-01-2019, 10:12 PM
मै - बहु जब तुम्हे रशेस हो तो रात को सोते वक़्त सब उतार दिया करो। लड़कियों का बदन बहुत नाज़ुक होता है इसलिए रशेस होना बहुत कॉमन हो जाता है।
सरोज - मैं तो कपडे उतार के सोती हूं।। देखिये अभी भी मैंने बस ब्रा और पैन्टी ही पहनी है
मै - बहु मैं इनको भी उतारने को कह रहा हूं।। तुम्हे पूरी तरह से नंगी सोना चाहिए कुछ दिन। आज तो लाइट भी नहीं है, गर्मी भी बहुत है और तुमने भीगी पैन्टी पहनी है।। तुम उतार दो बहु
बहु मेरी बात सुन अपनी ब्रा उतार दी।। और अपनी पैन्टी हाथ में लेकर मुझे दीखाते हुए बोली।।
सरोज - ये लिजीये बाबू जी मैंने अपनी पैन्टी उतार दिया।।
बहु के पैन्टी हाथ में देख मैं पूरी तरह से एक्साइटेड हो गया। मैं अपनी लोअर और अंडरवियर खोल बिस्तर के नीचे गिरा दिया और एक हाथ से लंड को पकड़ सहलाने लगा।
मैने बहु के हाथ से पैन्टी ले ली और उसके गिली पैन्टी को सूँघने (स्मेल) लगा।
सरोज - ये क्या कर रहे हैं बाबूजी?
मै - बहु तुम्हारी पैन्टी से कुछ अजीब सी स्मेल आ रही है।।
सरोज - ओह बाबूजी फेंकिये न ।।। (बहु ने अपनी पैन्टी मेरे हाथ से लेकर नीचे फेंक दिया और शीट के अंदर अपना चेहरा ढक लीया)
सरोज - बाबू जी।।। ये शीट के अंदर कैसी स्मेल है?
मुझे रिलीज़ हुआ की मैंने लंड सहलाते-सहलाते अपने लंड का स्किन नीचे खोल दिया था और मेरे लंड की स्मेल फैल् गई थी।
मै - बहु वो मुझे गर्मी लग रही थी तो मैंने अपनी लोअर और अंडरवियर उतार दी है।।
सरोज - ओह्ह बाबूजी आपको भी ज्यादा गर्मी लग रही है? ठीक किया आपने न जाने कबतक लाइट आएगी।। लेकिन ये स्मेल क्यों है?
मै- वो बहु।।।।। जैसे तुम्हारे पैन्टी से स्मेल आ रही थी न। वैसे ही जब मैंने अपनी अंडरवियर उतार दी तो आ रही है।। ये देखो ठीक वैसी ही स्मेल मेरे हाथ से भी आ रही होगी (मैंने अपना हाथ लंड से हटा कर बहु के तरफ बढ़ाया)
सरोज - (बहु मेरे हाथ को स्मेल करते हुए। ) हाँ बाबूजी।। ये तो वैसे ही स्मेल है।। लेकिन ये आपके हाथ से क्यों? इसका मतलब आप अपने हाथ से क्या कर रहे थे।।
मै - अरे बहु वो मैंने जो अंडरवियर उतारा तो साथ में वूऊ।।।आआ।।। मेरा मतलब।।। ओ।।।। स्किन खुल गया और फिर हाथ लगाने से स्मेल मेरे हाथ में भी आ गई।
सरोज - ओह बाबूजी।। आपको दर्द तो नहीं हुआ।।??
मै - नहीं बहु।।
मै - बहु एक बात पूछूँ?
सरोज - हाँ बाबूजी पूछिये
मै - तुम्हारी पैंटी गिली क्यों थी।। ? और तुम्हारी पेंटी में स्मेल कैसी थी?
सरोज - (शर्माते हुए।) ओह प प।। वो ऐसा ही होता है।। वहां नीचे स्मेल तो होती है न जैसे आपकी है।। तो पेंटी में भी वही स्मेल थी।।
मै - (बहु का जवाब सुनकर मैं तेज़ी से लंड हिलाने लगा, और भारी सां लेते हुए फिर से पूछा) क्या तुम नीचे अभी भी गिली हो।।??
सरोज - (शर्माते हुए ) जी बाबूजी।।
मै - क्या तुम्हारे नीचे ज्यादा पानी आ रहा है या कम?
सरोज - जी बाबूजी ज्यादा आ रहा है।।
मै - ओह्ह्ह बहु।। अपना एक हाथ नीचे ले जाओ और अंदर से पानी पोंछ लो
सरोज - क्यों बाबूजी?
मै - बहुउउउउउउउउ जैसा मैं कह रहा हूँ करो।।
सरोज - ठीक है बाबूजी।। (बहु ने अपना हाथ अपने बुर पे ले गई और २ उँगलियों से पानी को साफ़ कर अपना हाथ बाहर ले आयी)
मैने पहले बहु का हाथ पकड़ क़रीब से स्मेल किया और फिर उसकी बुर के पानी से चिपचिपे ऊँगली को मुह में ले चाटने लगा।।
सरोज - आआह बाबूजी ये क्या कर रहे हैं??
मै- बहु।। मैं सोच रहा था की जब इसकि स्मेल इतनी अच्छी है तो इसे चाटने में कितना मजा आयेगा।।
सरोज - बाबूजी।। ये आप क्या कह रहे है।। आपने मेरे वहां के पानी को चाटा।। ओहः
मै - हाँ बहु तुम्हारे बुर का पानी चाटने में बहुत मजा आ रहा है बहु।।
सरोज - मैं तो कपडे उतार के सोती हूं।। देखिये अभी भी मैंने बस ब्रा और पैन्टी ही पहनी है
मै - बहु मैं इनको भी उतारने को कह रहा हूं।। तुम्हे पूरी तरह से नंगी सोना चाहिए कुछ दिन। आज तो लाइट भी नहीं है, गर्मी भी बहुत है और तुमने भीगी पैन्टी पहनी है।। तुम उतार दो बहु
बहु मेरी बात सुन अपनी ब्रा उतार दी।। और अपनी पैन्टी हाथ में लेकर मुझे दीखाते हुए बोली।।
सरोज - ये लिजीये बाबू जी मैंने अपनी पैन्टी उतार दिया।।
बहु के पैन्टी हाथ में देख मैं पूरी तरह से एक्साइटेड हो गया। मैं अपनी लोअर और अंडरवियर खोल बिस्तर के नीचे गिरा दिया और एक हाथ से लंड को पकड़ सहलाने लगा।
मैने बहु के हाथ से पैन्टी ले ली और उसके गिली पैन्टी को सूँघने (स्मेल) लगा।
सरोज - ये क्या कर रहे हैं बाबूजी?
मै - बहु तुम्हारी पैन्टी से कुछ अजीब सी स्मेल आ रही है।।
सरोज - ओह बाबूजी फेंकिये न ।।। (बहु ने अपनी पैन्टी मेरे हाथ से लेकर नीचे फेंक दिया और शीट के अंदर अपना चेहरा ढक लीया)
सरोज - बाबू जी।।। ये शीट के अंदर कैसी स्मेल है?
मुझे रिलीज़ हुआ की मैंने लंड सहलाते-सहलाते अपने लंड का स्किन नीचे खोल दिया था और मेरे लंड की स्मेल फैल् गई थी।
मै - बहु वो मुझे गर्मी लग रही थी तो मैंने अपनी लोअर और अंडरवियर उतार दी है।।
सरोज - ओह्ह बाबूजी आपको भी ज्यादा गर्मी लग रही है? ठीक किया आपने न जाने कबतक लाइट आएगी।। लेकिन ये स्मेल क्यों है?
मै- वो बहु।।।।। जैसे तुम्हारे पैन्टी से स्मेल आ रही थी न। वैसे ही जब मैंने अपनी अंडरवियर उतार दी तो आ रही है।। ये देखो ठीक वैसी ही स्मेल मेरे हाथ से भी आ रही होगी (मैंने अपना हाथ लंड से हटा कर बहु के तरफ बढ़ाया)
सरोज - (बहु मेरे हाथ को स्मेल करते हुए। ) हाँ बाबूजी।। ये तो वैसे ही स्मेल है।। लेकिन ये आपके हाथ से क्यों? इसका मतलब आप अपने हाथ से क्या कर रहे थे।।
मै - अरे बहु वो मैंने जो अंडरवियर उतारा तो साथ में वूऊ।।।आआ।।। मेरा मतलब।।। ओ।।।। स्किन खुल गया और फिर हाथ लगाने से स्मेल मेरे हाथ में भी आ गई।
सरोज - ओह बाबूजी।। आपको दर्द तो नहीं हुआ।।??
मै - नहीं बहु।।
मै - बहु एक बात पूछूँ?
सरोज - हाँ बाबूजी पूछिये
मै - तुम्हारी पैंटी गिली क्यों थी।। ? और तुम्हारी पेंटी में स्मेल कैसी थी?
सरोज - (शर्माते हुए।) ओह प प।। वो ऐसा ही होता है।। वहां नीचे स्मेल तो होती है न जैसे आपकी है।। तो पेंटी में भी वही स्मेल थी।।
मै - (बहु का जवाब सुनकर मैं तेज़ी से लंड हिलाने लगा, और भारी सां लेते हुए फिर से पूछा) क्या तुम नीचे अभी भी गिली हो।।??
सरोज - (शर्माते हुए ) जी बाबूजी।।
मै - क्या तुम्हारे नीचे ज्यादा पानी आ रहा है या कम?
सरोज - जी बाबूजी ज्यादा आ रहा है।।
मै - ओह्ह्ह बहु।। अपना एक हाथ नीचे ले जाओ और अंदर से पानी पोंछ लो
सरोज - क्यों बाबूजी?
मै - बहुउउउउउउउउ जैसा मैं कह रहा हूँ करो।।
सरोज - ठीक है बाबूजी।। (बहु ने अपना हाथ अपने बुर पे ले गई और २ उँगलियों से पानी को साफ़ कर अपना हाथ बाहर ले आयी)
मैने पहले बहु का हाथ पकड़ क़रीब से स्मेल किया और फिर उसकी बुर के पानी से चिपचिपे ऊँगली को मुह में ले चाटने लगा।।
सरोज - आआह बाबूजी ये क्या कर रहे हैं??
मै- बहु।। मैं सोच रहा था की जब इसकि स्मेल इतनी अच्छी है तो इसे चाटने में कितना मजा आयेगा।।
सरोज - बाबूजी।। ये आप क्या कह रहे है।। आपने मेरे वहां के पानी को चाटा।। ओहः
मै - हाँ बहु तुम्हारे बुर का पानी चाटने में बहुत मजा आ रहा है बहु।।