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Misc. Erotica काजल, दीवाली और जुए का खेल (completed)
#20
सबने बूट के बाद 3-3 ब्लाइंड भी चल दी..

अगली ब्लाइंड की बारी काजल की थी...केशव ने 100 के बदले सीधा 500 की ब्लाइंड चल दी..

हैरान होते हुए बिल्लू ने भी 500 की ब्लाइंड चल दी..

पर गणेश इस बार डर सा गया...उसने अपने पत्ते उठा कर देखे...10 नंबर था उसका सबसे बड़ा...उसने बुरा सा मुँह बनाते हुए पॅक कर दिया.

केशव ने फिर से 500 की ब्लाइंड चली..अब तो बिल्लू ने भी अपने पत्ते उठा लिए...उसके पास सबसे बड़ा पत्ता बादशाह था...उसने रिस्क लेना सही नही समझा और पेक कर दिया..

उसके पेक करते ही केशव खुशी से चिल्ला उठा : "देखा काजल, मैने कहा था...आप जीत गयी...''

पैसे भले ही ज़्यादा नही आए थे...पर पहली जीत थी वो काजल की, दोनों मन ही मन खुश हो गए की उनका टोटका काम कर गया

अब तो काजल भी केशव की कपड़े बदलने वाली बात को सही मान रही थी, उसने कल भी यही कपड़े पहने थे और जीत रही थी...और अभी से पहले दूसरे कपड़े मे वो हार रही थी, पर कल वाले कपड़े पहनते ही वो फिर से जीत गयी...

केशव ने बीच मे रखे सारे पैसे अपनी तरफ खिसका लिए..

और साथ ही साथ सारे पत्ते भी उठा कर वापिस गड्डी में लगा दिए..अभी तक किसी ने भी काजल के पत्ते देखे नही क्योंकि सामने से शो ही नही माँगा गया था..

केशव ने काजल के पत्ते उठाए और गड्डी में डालने से पहले उन्हे देखा.

वो थे 2,5, 7

इतने छोटे पत्ते और वो भी बिना कलर के...उसने उपर वाले का शुक्र मनाया की सामने से किसी ने शो नही माँगा , वरना ये गेम भी वो हार जाते...क्योंकि उसे पूरा विश्वास था की दोनो में से किसी ना किसी के पत्ते तो उससे बड़े ही होते...

पर ऐसा क्यों हुआ....वो तो समझ रहा था की काजल के कपड़े बदल लेने के बाद वो जीतेगा ...पर उसका ये टोटका काम क्यो नही आया...ये उसकी समझ में नहीं रहा था .

उसने मन ही मन कुछ सोच लिया और अगली गेम शुरू हुई.

और पत्ते बाँटने के बाद 2-2 ब्लाइंड चली गयी , पर इस बार केशव ने तीसरी ब्लाइंड चलने से पहले ही काजल के पत्ते उठा कर देख लिए.

काजल के पास थे 9,गुलाम और बादशाह

वो भी बिना कलर के..

पर फिर भी उसने रिस्क लेते हुए 200 की चाल चल दी.

गणेश : "क्या हुआ केशव...पिछली बार तो 500 की ब्लाइंड चल रहा था...और अब जीतने के बाद 100 से आगे ही नही बड़ा...सीधा चाल चल दी...''

केशव कुछ नही बोला...वो तो अपनी केल्कुलेशन मे लगा हुआ था.

पर चाल बीच मे चुकी थी, इसलिए गणेश ने अपने पत्ते उठा कर देखे...और देखने के साथ ही चाल चल दी.

बिल्लू ने अपने पत्ते देखे और उसने भी मंद-2 मुस्कुराते हुए चाल चल दी.

केशव ने तो ब्लफ खेला था..उसके पास वैसे भी चाल चलने लायक पत्ते नही थे...उसने फ़ौरन पेक कर दिया..

अब खेल शुरू हुआ बिल्लू और गणेश के बीच...दोनो चाल पर चाल चल रहे थे...और आख़िर मे जब बीच मे लगभग 6 हज़ार रुपय इकट्ठे हो गये तो बिल्लू ने शो माँग लिया...

गणेश ने अपने पत्ते सामने फेंके..

वो थे 3,4,5 की सीक़वेंस..

उसे देखते ही बिल्लू ठहाका लगाकर हंस दिया...उसने अपने पत्ते सामने फेंक दिए

उसके पास थे 9,10,11 की सीक़वेंस.
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RE: काजल, दीवाली और जुए का खेल - by Jyoti Singh - 12-01-2019, 09:43 PM



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