14-09-2019, 06:38 PM
इधर अब मुझे संगीता और अजय को अपनी ताकत का अंदाजा कराना था। संगीता भी मेरी चुदाई के धक्कों से एक बार छूट गई किंतु मैंने उसकी छूट के बावजूद भी अपने जोरदार धक्के उसकी चूत में चालू ही रखे। संगीता की चूत से फच-फच-फच की जोरदार आवाजें आने लगीं और करीब अगले 15 मिनट के अंदर वह मेरी जोरदार चुदाई से दो बार और झड़ी। किन्तु मेरा अंतिम चरम-सुख अभी भी दूर था।
इधर अजय और सीमा भी अपनी थकान उतार कर बैठ गए और हमारी चुदाई का घमासान देखने लगे। करीब उसके 5 मिनट बाद जब मैंने सीमा और अजय को देखा कि वह हमारी चुदाई घमासान को देख रहे हैं तो मुझे यह देखकर काफी उत्तेजना हुई कि एक पति अपनी पत्नी की चुदाई होते हुए कैसे देख रहा है और एक बीवी अपनी सहेली की चुदाई अपने पति के लंड से अपनी ही आंखों के सामने कैसे देख रही है। इस उत्तेजना से आखिर में मेरा गति वेग बढ़ गया और मैंने अपने अंदर का गर्म लावा संगीता की चूत में उड़ेल दिया। संगीता की चूत मेरे लन्ड की चोटों से बाहर तक लाल हो गई थी। अब निढाल होकर गिरने की बारी हमारी थी। करीब 10 मिनट तक सांसें सामान्य होने के बाद अजय ने तालियां बजाकर मुझे विजेता घोषित किया।
सीमा अबकी बार चहक उठी।
मैंने कहा- विजेता केवल मैं नहीं विजेता संगीता भी है, जिसने की इतनी देर तक की असामान्य चुदाई का सामना बिना किसी विरोध के इतनी देर तक किया है। जैसे मैं जीता हूं उसी तरह संगीता भी विजयी है। यानि हम दोनों ही जोड़ें विजेता हैं अतः इस खेल में कोई नहीं हारा। सब जीते हैं।
सीमा- हां बस यह हुआ कि हमें अपने पतियों के अलावा पराए मर्दों ने भी चोद लिया।
संगीता- यार सीमा, तेरे पति की एक्सप्रेस ट्रेन तो वास्तव में बहुत तेज निकली।
इस पर दोनों हंसने लगीं और उनकी हंसी का साथ हम लेते हुए हम चारों भी हंसने लगे।
इस तरह पहली बार हमने एक दूसरे की बीवियों की चुदाई की।
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जब रात में बीयर उतरी और हमने खाना खाया तो दोनों की बीवियों ने ऐसा व्यवहार नहीं किया कि उनके साथ कुछ गलत हो गया। वह सामान्य थी क्योंकि उनके मन में कहीं न कहीं हम दोनों के लिए प्यार तो पनप ही रहा था। मतलब कि हमारी अदला-बदली की चुदाई उनके लिए सामान्य थी। और हमारे लिए उनकी चुदाई सामान्य। अतः इस तरह हमारी बीवियों की अदला-बदली करने की शुरुआत हुई और हमने अपने इस जीवन का भरपूर आनंद उठाना शुरू कर दिया और अभी भी इस जीवन को भोग रहे हैं।
इधर अजय और सीमा भी अपनी थकान उतार कर बैठ गए और हमारी चुदाई का घमासान देखने लगे। करीब उसके 5 मिनट बाद जब मैंने सीमा और अजय को देखा कि वह हमारी चुदाई घमासान को देख रहे हैं तो मुझे यह देखकर काफी उत्तेजना हुई कि एक पति अपनी पत्नी की चुदाई होते हुए कैसे देख रहा है और एक बीवी अपनी सहेली की चुदाई अपने पति के लंड से अपनी ही आंखों के सामने कैसे देख रही है। इस उत्तेजना से आखिर में मेरा गति वेग बढ़ गया और मैंने अपने अंदर का गर्म लावा संगीता की चूत में उड़ेल दिया। संगीता की चूत मेरे लन्ड की चोटों से बाहर तक लाल हो गई थी। अब निढाल होकर गिरने की बारी हमारी थी। करीब 10 मिनट तक सांसें सामान्य होने के बाद अजय ने तालियां बजाकर मुझे विजेता घोषित किया।
सीमा अबकी बार चहक उठी।
मैंने कहा- विजेता केवल मैं नहीं विजेता संगीता भी है, जिसने की इतनी देर तक की असामान्य चुदाई का सामना बिना किसी विरोध के इतनी देर तक किया है। जैसे मैं जीता हूं उसी तरह संगीता भी विजयी है। यानि हम दोनों ही जोड़ें विजेता हैं अतः इस खेल में कोई नहीं हारा। सब जीते हैं।
सीमा- हां बस यह हुआ कि हमें अपने पतियों के अलावा पराए मर्दों ने भी चोद लिया।
संगीता- यार सीमा, तेरे पति की एक्सप्रेस ट्रेन तो वास्तव में बहुत तेज निकली।
इस पर दोनों हंसने लगीं और उनकी हंसी का साथ हम लेते हुए हम चारों भी हंसने लगे।
इस तरह पहली बार हमने एक दूसरे की बीवियों की चुदाई की।
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जब रात में बीयर उतरी और हमने खाना खाया तो दोनों की बीवियों ने ऐसा व्यवहार नहीं किया कि उनके साथ कुछ गलत हो गया। वह सामान्य थी क्योंकि उनके मन में कहीं न कहीं हम दोनों के लिए प्यार तो पनप ही रहा था। मतलब कि हमारी अदला-बदली की चुदाई उनके लिए सामान्य थी। और हमारे लिए उनकी चुदाई सामान्य। अतः इस तरह हमारी बीवियों की अदला-बदली करने की शुरुआत हुई और हमने अपने इस जीवन का भरपूर आनंद उठाना शुरू कर दिया और अभी भी इस जीवन को भोग रहे हैं।