12-01-2019, 06:04 PM
अध्याय 8
“क्या हुआ कैसे बुलाया था शकील भाई ने ..”
मेरे आते ही काजल ने मुझे पकड़ लिया था उसके चहरे से अब भी चिंता टपक रही थी …
“कुछ नही ये काम दिया है ..”
वो उस मोटे पुस्तक को देखने लगी ,
“बाप से इतना सारा लिखना होगा तुम्हे ..”
“लिखना नही पढ़ना है मुझे ,एक काम दिया है करने के लिए उसी से सम्बंधित है ..”
उसने मुझे घूरा..
“पागल हो गया है क्या अभी तो तेरी परीक्षा है ना तो ये कब पड़ लेगा..”
मैंने गहरी सांस ली
“हो जाएगा ..ऐसे भी इसमें अच्छे पैसे मिलेंगे “
“अरे पैसे का क्या है जब तू पढ़ लेगा तो कमा लेना ,बहुत बड़ा साहब बनेगा तू ,इतना तो पढ़ता रहता है ..”
उसके भोलेपन पर मुझे थोड़ी हँसी आई ..
“अच्छा और अभी का क्या ,नही कमाऊंगा तो कैसे चलेगा ..”
“मैं..”
वो कुछ बोलने वाली थी की रुक गई ..
“क्या हो गया ??”
“कुछ नही ,मौसी का काम तो है ना उससे तो चल जाएगा तेरा ,,और नही चलेगा तो एक बार मैं ठीक हो जाऊ धंधे चालू हो जाए तो बाकी का मैं चला दूंगी ..”
उसकी बात से मैं मुस्कुराया ,मैंने इस गरीब लड़की के दिल में छुपी सच्चाई और हिम्मत पर प्रेम से भर गया था,ये अपना जिस्म बेच कर मेरे खर्च चलाने की बात कर रही थी ,जो शायद उसके जीवन की एक मात्रा कमाई हो वो मुझपर खर्च करने को तैयार थी …
“और बदले में मुझसे क्या लेगी ..”मैंने मुस्कुराते हुए कहा
“हम्म्म्म”वो सोचने की एक्टिंग कर रही थी
“तू मुझे ऐसे ही फ़िल्म दिखाना और हा खाना बनाकर खिला दिया करना “वो खिलखिलाते हुए मेरे बाजू में आकर बैठ गई थी …
मैं उसकी इस निर्दोष खूबसूरती को देख रहा था,
“और ..बस इतना ही “
“ह्म्म्म तू बड़ा इंजीनियर बन जा सूत समेत सब वसूल लुंगी ..”
उसने प्यार से मेरे बालो को सहलाया लेकिन उसकी बात में एक शरारत थी ,मैं उसके चहरे को घूरने लगा,फिर से वो मुझे बेहद ही तीव्रता से आकर्षित कर रही थी ,उसकी आंखे भी मेरे चहरे पर टिकी थी ,माहौल में फिर से एक अजीब सी शांति फैल गई थी की उसने मेरे गालो पर हल्की सी चपत लगा दी ,
“चल खाना बन गया है ,और साहब बनने की लिए खाना और पढ़ना दोनो ही पड़ता है ..”वो मुस्कुराते हुए उठी ,मैं भी मुस्कराने लगा ,लेकिन फिर मेरे दिमाग में डॉ की बात आयी ,15-20 दिन 14 हजार …
“क्या हुआ कैसे बुलाया था शकील भाई ने ..”
मेरे आते ही काजल ने मुझे पकड़ लिया था उसके चहरे से अब भी चिंता टपक रही थी …
“कुछ नही ये काम दिया है ..”
वो उस मोटे पुस्तक को देखने लगी ,
“बाप से इतना सारा लिखना होगा तुम्हे ..”
“लिखना नही पढ़ना है मुझे ,एक काम दिया है करने के लिए उसी से सम्बंधित है ..”
उसने मुझे घूरा..
“पागल हो गया है क्या अभी तो तेरी परीक्षा है ना तो ये कब पड़ लेगा..”
मैंने गहरी सांस ली
“हो जाएगा ..ऐसे भी इसमें अच्छे पैसे मिलेंगे “
“अरे पैसे का क्या है जब तू पढ़ लेगा तो कमा लेना ,बहुत बड़ा साहब बनेगा तू ,इतना तो पढ़ता रहता है ..”
उसके भोलेपन पर मुझे थोड़ी हँसी आई ..
“अच्छा और अभी का क्या ,नही कमाऊंगा तो कैसे चलेगा ..”
“मैं..”
वो कुछ बोलने वाली थी की रुक गई ..
“क्या हो गया ??”
“कुछ नही ,मौसी का काम तो है ना उससे तो चल जाएगा तेरा ,,और नही चलेगा तो एक बार मैं ठीक हो जाऊ धंधे चालू हो जाए तो बाकी का मैं चला दूंगी ..”
उसकी बात से मैं मुस्कुराया ,मैंने इस गरीब लड़की के दिल में छुपी सच्चाई और हिम्मत पर प्रेम से भर गया था,ये अपना जिस्म बेच कर मेरे खर्च चलाने की बात कर रही थी ,जो शायद उसके जीवन की एक मात्रा कमाई हो वो मुझपर खर्च करने को तैयार थी …
“और बदले में मुझसे क्या लेगी ..”मैंने मुस्कुराते हुए कहा
“हम्म्म्म”वो सोचने की एक्टिंग कर रही थी
“तू मुझे ऐसे ही फ़िल्म दिखाना और हा खाना बनाकर खिला दिया करना “वो खिलखिलाते हुए मेरे बाजू में आकर बैठ गई थी …
मैं उसकी इस निर्दोष खूबसूरती को देख रहा था,
“और ..बस इतना ही “
“ह्म्म्म तू बड़ा इंजीनियर बन जा सूत समेत सब वसूल लुंगी ..”
उसने प्यार से मेरे बालो को सहलाया लेकिन उसकी बात में एक शरारत थी ,मैं उसके चहरे को घूरने लगा,फिर से वो मुझे बेहद ही तीव्रता से आकर्षित कर रही थी ,उसकी आंखे भी मेरे चहरे पर टिकी थी ,माहौल में फिर से एक अजीब सी शांति फैल गई थी की उसने मेरे गालो पर हल्की सी चपत लगा दी ,
“चल खाना बन गया है ,और साहब बनने की लिए खाना और पढ़ना दोनो ही पड़ता है ..”वो मुस्कुराते हुए उठी ,मैं भी मुस्कराने लगा ,लेकिन फिर मेरे दिमाग में डॉ की बात आयी ,15-20 दिन 14 हजार …
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प्यार या धोखा
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