Thread Rating:
  • 4 Vote(s) - 3 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Romance रंडी से प्यार
#11
अध्याय 6
“हम्म्म्म इतने दिन तक कहा थे तुम लोग ,इन्फेक्शन फैलने लगा है ,चलो कोई बात नही सही समय में आये हो मेरे पास ..”
डॉ ने x-ray की रिपोर्ट देखकर कहा ..
“वो सर हम किसी दूसरे के पास इलाज करवा रहे थे लेकिन ..”
“ठीक है कोई बात नही ,ठीक तो तुम हो जाओगी लेकिन दवाइया सही समय में लेना और थोड़ा आराम भी जरूरी है ,तुम्हारे फेफड़े में इन्फ़ेक्सन है सही समय में मेरे पास आ गए वरना और भी बढ़ सकता था ..”
डॉ ने एक बार फिर से हमे देखा,काजल बड़े ही प्रेम भाव से मुझे देख रही थी ..
“ऐसे क्या लगती है ये तुम्हारी “डॉ का ये सवाल हम दोनो को ही चौका दिया ..
“बहन”
“दोस्त “
हम दोनो ने एक साथ कहा,मैंने बहन कहा था वही काजल ने दोस्त ...डॉ हँस पड़ा 
“अच्छा पहले ये डिसाइड कर लो फिर बताना …”मैंने पहली बार काजल को यू शर्माते हुए देखा था ,
“कोई भी हो अच्छा किया की तुम इसे यंहा लेकर आ गए “


*************
“कितने पैसे लिए डॉ ने और दवाइयों के कितने पैसे हुए …”
काजल वँहा से निकलने के बाद काजल ने बहुत ही बेसब्री के साथ कहा ,
“अरे तुम्हे क्या करना है ,अभी मेरे पास है कुछ पैसे ,और दवाइयां भी एक महीने चल जाएगी “
वो थोड़े गंभीर होकर मुझे देखने लगी ..
“क्या हुआ ..”
“जानते हो ना की मैं किसी का अहसान नही रखती ..तुम्हारे पैसे मैं चुका दूंगी ”
‘तुम्हे किसने कहा की मैं अहसान कर रहा हु ,इसके बदले मैं कुछ तो लूंगा …”
काजल की नजर मुझपर जम गई थी ,उसे शायद यकीन नही हो रहा था की मैं ऐसा कुछ कह रहा हु ..
“हा भई मेरा एग्जाम आने वाला है तो मैं तुम्हारी चुप्पी लूंगा ताकि मैं अच्छे से पढ़ सकू ..”
वो खिलखिलाई ,उसका चहरा अजीब तरह से खिल गया था ,लगा जैसे कुछ मुराद पूरी हो गई हो ..
“वो तो नही हो पायेगा रे मेरे से ,चल मुझे अपने उस डिब्बे में फ़िल्म लगा के दे देना तब मैं चुप रहूंगी ..”
वो फिर से खिलखिलाई ,साथ ही मैं भी मुस्कुरा उठा,
जीवन में मैं किसी भी लड़की के इतने करीब कभी नही रहा,अब हु तो एक ऐसे लड़की के करीब जो दूसरी लड़कियों से बहुत ही अजीब है ,लेकिन काजल जैसी भी थी मुझे पसंद आ रही थी,
5 दिन बीत चुके थे,काजल ने 1 महीने रेस्ट करने की सोची थी ,उसके 5 दिन बीत चुके थे,उसकी हालत भी थोड़ी सम्हाली थी,उसे खांसी के दौरे आते तो उसकी हालत ही खराब हो जाती लेकिन बाकी समय वो ठीक ही रहती थी ,उसने मेरा लेपटॉप चालू करना और फ़िल्म लगाना भी सिख लिया था ,जब मैं कभी अपना लेपटॉप छोड़कर लाइब्रेरी जाता तो वो उसमे फ़िल्म देखती और अपने सहेलियों को भी दिखाती ,अब वो जगह मुझे उतनी अजीब नही लगती थी ,कभी कभी चंपा मौसी बुला लेती थी और पोथा पकड़ा देती थी ,मैं तो धीरे धीरे काजल को भी टाइपिंग सीखने की कोशिस कर रहा था,हम दोनो में अच्छी दोस्ती हो गई थी ,और साथ ही आसपास की औरतो के साथ भी ..
बस मुझे उनकी ये हरकत पसंद नही आती की वो मुझे छेड़ते रहते थे,लेकिन अब मैं भी उनकी बातो का आदि होने लगा था ,
15 दिन बाद ही मेरा एग्जाम शुरू था,मैं अधिकतर समय अपने लाइब्रेरी में ही बिताता था …
मैं रात में कमरे में आया ,आते ही काजल ने मुझे पकड़ लिया ..
“कहा था रे तू इतने देर तक साले शकील भाई के लड़के तुझे ढूंढ रहे थे,जाकर मौसी से मिल ले “
“वो मुझे क्यो ढूंढ रहा है ??”
“मुझे क्या पता बस बोले के चिकने को भेज देना “
मैं सर खुजाते हुए मुड़ा ही था की काजल ने मेरा हाथ पकड़ कर अंदर खिंचा और दरवाजा बंद कर दिया ..
“क्या हो गया पागल हो गई है क्या ..”
“सुन मेरी बात ..”
वो मेरे आंखों में देख रही थी ,उसकी बड़ी बड़ी भोली आंखे जैसे मेरी आंखों में कुछ ढूंढ रही हो ..
“कही तूने कोई लोचा तो नही किया ना ..”उसकी आवाज में एक स्वाभाविक डर था ,
“नही क्यो ??”
“कुछ नही शकील भाई बुला रहा है ना तेरे को ,इसलिए “
उसका यू मेरे लिए चिंता करना मुझे ना जाने क्यो लेकिन बहुत ही भा गया ,मेरे होठो में एक मुस्कुराहट सी आ गई ..
“क्या हुआ अब हँस क्यो रहा है चल जा ..”
“बस तुझे अपने लिए चिंता करते देख अच्छा लगा ..”
वो भी मुस्कुराई और मेरे बाजू को अपने हाथ से मारा ..
“चूतिये ..तेरा उधार बचा है ना इसलिए कही कुछ हो गया तो किसे लौटाऊंगी ..”
“अच्छा ये बात है ..”
हम दोनो की आंखे जो मिली ना जाने दिल के किसी कोने में जैसे कोई तार ही झनझना उठा था,मैं एक अजीब सी खामोशी का अहसास करने लगा,लगा मानो उन आंखों के सिवा दुनिया में कोई और शय ही नही बचा हो,आंखे उसकी आंखों में गुम सी हो गई थी ,उसकी सांसे तेज हो गई थी ,ना मालूम क्यो मैं भी अपनी सांसों पर को काबू नही पा सक रहा था ,ऐसा लगा की मैं उसके पास खिंचा जा रहा हु,हमारी सांसे एक दूसरे से टकरा रही थी ,उसने मुझे धक्का दिया और मुड़कर खड़ी हो गई ,ना जाने वो मुझसे अपना चहरा क्यो छिपा रही थी ..
“चल जा तू मौसी देख रही होगी ..”
“हा हा ..”मैं बुरी तरह से हड़बड़ाया हुआ सा भागा,मुझे क्या हुआ था क्यो ये समय रुक सा गया था मैं समझ ही नही पा रहा था लेकिन एक अजीब सी उमंग मेरे अंदर दौड़ गई थी ,और इन्ही सब अहसास की वजह से मैं डर सा गया था …

इधर .काजल मेरे जाने के बाद मुस्कुराई थी लेकिन उसकी आंखों में कुछ आंसू भी आ गए थे,उसने अपना सर हिलाया मानो खुद से ही नही कह रही हो ...

“कहा था रे तू ..”
“वो मौसी कालेज गया था “
“हम्म्म्म जा शकील भाई को तुझसे कुछ काम है बुलाया है ..”
मैं उन्हें देखता ही रहा 
“कहा ..??”
वो मुस्कुराई और एक लड़के की तरफ इशारा किया,उसने मुझे अपने साथ आने का इशारा किया,उसने मुझे एक जीप में बिठाया और हम वँहा से चल दिए …
**************
Like Reply


Messages In This Thread
RE: रंडी से प्यार - by Chutiyadr - 12-01-2019, 06:02 PM
RE: रंडी से प्यार - by nts - 13-11-2020, 02:36 PM



Users browsing this thread: 4 Guest(s)