13-09-2019, 06:46 PM
अब मैंने संगीता से बात करना बंद कर दिया। सबके सामने जब वो कुछ कहती तो बिना कुछ बोले गर्दन हिलाक़र उसकी बात का जवाब दे देता ताकि सीमा और अजय को हमारे बीच चल रहे इस विवाद का पता न चले।
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अगले दिन संगीता मेरे पास आकर बोली- यार श्लोक ऐसे कैसे चलेगा? तुमने तो बात ही करना बंद कर दिया। जब ये शुरू हुआ था तो ऐसा थोड़ी न था कि हम कुछ भी करवा सकते हैं?
श्लोक- बात ये हुई थी कि हारने वाले को एक बात जीतने वाले की माननी होगी। अब मुझे चॉकलेट नहीं चाहिए। मुझे तुम्हारे होंठों का रस पीना है।
संगीता- यार ये गलत है। सीमा और अजय को पता चला तो?
श्लोक- यार दोस्त हैं हम। इतना तो चलता है और उन्हें कौन बताएगा जो उनको पता लगेगा इस बाते के बारे में? न तुम बताने वाली हो और न मैं बताने वाला हूं. फिर उनको कैसे पता लग जायेगा कि मैंने तुम्हारे होंठों पर किस किया है!
संगीता को एकदम से पता नहीं क्या हुआ कि उसने बिना कुछ कहे एकदम से मेरे गालों पर एक चुम्बन किया और भाग गई। इससे मुझे अपनी जीत का अहसास हुआ। मगर गालों पर चुम्बन लेने से मेरा मकसद पूरा नहीं होने वाला था, इसलिए मैं उसके पीछे गया।
वो एक तरफ जाकर खड़ी थी।
मैं बोला- ये तो बेइमानी है, मुझे तुम्हारे होंठों का रस चाहिए था और तुम ऐसे गाल पर सूखी सी पप्पी देकर भाग आईं? ये तो बहुत नाइंसाफी है। मैं तुमसे कभी बात करूंगा ही नहीं, तुम चाहे कुछ भी कहो।
इतना कहना था कि संगीता मेरे पास आई और अपने होंठों को मेरे होंठों से लगा दिया और आंखें बंद कर लीं।
मैंने उसके होंठों को चूसना शुरू किया और एक लम्बा चुम्बन उसे किया। उसके गोरे गाल शर्म से लाल हो गये थे।
सीमा और अजय के आने के डर से वो वहां से निकल गयी।
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अब अगले दिन से मैंने नोटिस किया कि संगीता अब अपने हाथ पर निशान बनाना भूलने लगी थी। जिसका मतलब साफ था कि अब मेरी प्लानिंग कामयाब हो चुकी थी और मौका पाकर मैं संगीता के होंठों का रस पीने लग जाता था। अब वो भी मेरा साथ देने लग जाती थी।
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अगले दिन संगीता मेरे पास आकर बोली- यार श्लोक ऐसे कैसे चलेगा? तुमने तो बात ही करना बंद कर दिया। जब ये शुरू हुआ था तो ऐसा थोड़ी न था कि हम कुछ भी करवा सकते हैं?
श्लोक- बात ये हुई थी कि हारने वाले को एक बात जीतने वाले की माननी होगी। अब मुझे चॉकलेट नहीं चाहिए। मुझे तुम्हारे होंठों का रस पीना है।
संगीता- यार ये गलत है। सीमा और अजय को पता चला तो?
श्लोक- यार दोस्त हैं हम। इतना तो चलता है और उन्हें कौन बताएगा जो उनको पता लगेगा इस बाते के बारे में? न तुम बताने वाली हो और न मैं बताने वाला हूं. फिर उनको कैसे पता लग जायेगा कि मैंने तुम्हारे होंठों पर किस किया है!
संगीता को एकदम से पता नहीं क्या हुआ कि उसने बिना कुछ कहे एकदम से मेरे गालों पर एक चुम्बन किया और भाग गई। इससे मुझे अपनी जीत का अहसास हुआ। मगर गालों पर चुम्बन लेने से मेरा मकसद पूरा नहीं होने वाला था, इसलिए मैं उसके पीछे गया।
वो एक तरफ जाकर खड़ी थी।
मैं बोला- ये तो बेइमानी है, मुझे तुम्हारे होंठों का रस चाहिए था और तुम ऐसे गाल पर सूखी सी पप्पी देकर भाग आईं? ये तो बहुत नाइंसाफी है। मैं तुमसे कभी बात करूंगा ही नहीं, तुम चाहे कुछ भी कहो।
इतना कहना था कि संगीता मेरे पास आई और अपने होंठों को मेरे होंठों से लगा दिया और आंखें बंद कर लीं।
मैंने उसके होंठों को चूसना शुरू किया और एक लम्बा चुम्बन उसे किया। उसके गोरे गाल शर्म से लाल हो गये थे।
सीमा और अजय के आने के डर से वो वहां से निकल गयी।
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अब अगले दिन से मैंने नोटिस किया कि संगीता अब अपने हाथ पर निशान बनाना भूलने लगी थी। जिसका मतलब साफ था कि अब मेरी प्लानिंग कामयाब हो चुकी थी और मौका पाकर मैं संगीता के होंठों का रस पीने लग जाता था। अब वो भी मेरा साथ देने लग जाती थी।
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