13-09-2019, 06:38 PM
श्लोक राजवीर से- सच बताऊं तो जीजाजी, मुझे नहीं पता था कि आपने अपने साथ घटी हुई घटनाओं को कहानी बनाकर किसी सेक्स कहानी वेबसाइट पर डाला हुआ था। बस नाम बदल कर हूबहू वही बातें और वही घटनाएं जो हमारे साथ हुईं। मुझे उस वक़्त आप पर बहुत गुस्सा आया कि आपने इसे कहानी बना कर पूरी दुनिया को परोस दिया और मैंने आनन-फानन में अजय से मना किया कि ये हम नहीं है। केवल इत्तेफाक से इस कहानी और कम्पनी की शुरुआत में समानता है। फिर मैं अपने कमरे में आ गया।
मैंने तृप्ति दीदी से इसके बारे में फोन पर बात की और बात करने पर पता चला कि उन्हें आपके याराना कहानी लिखने का पता है।
उन्होंने मुझे समझाया और सामान्य होने में भी मदद की क्योंकि इससे हमारे वास्तविक जीवन पर कोई प्रभाव नहीं था, बात भी सच ही लगी क्योंकि वास्तविक पहचान बदली हुई थी। लेकिन जो सवाल अजय का था उसका सही जवाब देना मुश्किल काम था क्योंकि उस कहानी में मैंने अपनी बहन के पति के साथ अदला-बदली करके चुदाई की थी। मैं कैसे स्वीकर करता कि मैं बहनचोद हूं और मेरी बीवी सीमा ने भी मेरे जीजू के साथ चुदाई की है!
मगर अजय के साथ गहरी दोस्ती ने यह असलियत उसके सामने स्वीकार करना आसान किया। अब अजय पुरानी कम्पनी पूरी तरह से छोड़कर मेरे साथ हमारी कम्पनी में आ गया था। हम अपनी तरह एक ही केबिन में बैठते थे।
श्लोक- अजय! आज एक दोस्त से मैं अपना राज बांटने जा रहा हूं। वह याराना वाली कहानी हमारी ही है ... भाई बहन जीजा सलहज की चुदाई तक!
(राजवीर के शब्दों में- पाठकों को बता दूं कि यह घटना होने तक याराना का तीसरा दौर XOSSIPY नहीं डाला गया था क्योंकि इसी वक्त उपासना-विक्रम वाला किस्सा जो कि याराना का तीसरा दौर में लिखा गया है, मेरे और तृप्ति के जीवन में घट रहा था।)
अजय यह सुनकर आश्चर्य चकित हो गया। कुछ देर चुप रहने के बाद बोला- वाह यार... श्लोक क्या मजे किए हैं जीवन में तुमने! मैंने जब XOSSIPY पर याराना कहानी पढ़ी थी तो सच में मन में आया था कि लाइफ हो तो ऐसी। जब कहानी इतनी उत्तेजक थी तो असल में क्या माहौल रहा होगा यार!
यह बोलते-बोलते अजय तालियां बजाने लगा और खुशी से मेरे गले लग गया...
मैंने तृप्ति दीदी से इसके बारे में फोन पर बात की और बात करने पर पता चला कि उन्हें आपके याराना कहानी लिखने का पता है।
उन्होंने मुझे समझाया और सामान्य होने में भी मदद की क्योंकि इससे हमारे वास्तविक जीवन पर कोई प्रभाव नहीं था, बात भी सच ही लगी क्योंकि वास्तविक पहचान बदली हुई थी। लेकिन जो सवाल अजय का था उसका सही जवाब देना मुश्किल काम था क्योंकि उस कहानी में मैंने अपनी बहन के पति के साथ अदला-बदली करके चुदाई की थी। मैं कैसे स्वीकर करता कि मैं बहनचोद हूं और मेरी बीवी सीमा ने भी मेरे जीजू के साथ चुदाई की है!
मगर अजय के साथ गहरी दोस्ती ने यह असलियत उसके सामने स्वीकार करना आसान किया। अब अजय पुरानी कम्पनी पूरी तरह से छोड़कर मेरे साथ हमारी कम्पनी में आ गया था। हम अपनी तरह एक ही केबिन में बैठते थे।
श्लोक- अजय! आज एक दोस्त से मैं अपना राज बांटने जा रहा हूं। वह याराना वाली कहानी हमारी ही है ... भाई बहन जीजा सलहज की चुदाई तक!
(राजवीर के शब्दों में- पाठकों को बता दूं कि यह घटना होने तक याराना का तीसरा दौर XOSSIPY नहीं डाला गया था क्योंकि इसी वक्त उपासना-विक्रम वाला किस्सा जो कि याराना का तीसरा दौर में लिखा गया है, मेरे और तृप्ति के जीवन में घट रहा था।)
अजय यह सुनकर आश्चर्य चकित हो गया। कुछ देर चुप रहने के बाद बोला- वाह यार... श्लोक क्या मजे किए हैं जीवन में तुमने! मैंने जब XOSSIPY पर याराना कहानी पढ़ी थी तो सच में मन में आया था कि लाइफ हो तो ऐसी। जब कहानी इतनी उत्तेजक थी तो असल में क्या माहौल रहा होगा यार!
यह बोलते-बोलते अजय तालियां बजाने लगा और खुशी से मेरे गले लग गया...