13-09-2019, 06:13 PM
उपासना की चुदाई की अगली सुबह जब मैं उठा तब उपासना मेरे साथ उनके बेडरूम में पूरी तरह नंगी पड़ी हुई थी। खिड़की से हल्का सा प्रकाश आ रहा था जिसमे मैं उपासना के गोरे रंग के चमकते हुए नंगे बदन को देख सकता था। यह दृश्य बिल्कुल उसी तरह था जिस तरह कि उपासना और विक्रम ने एक झूठी घटना को मुझे अदला-बदली में शामिल करने के लिए गढ़ा था। लेकिन जहां उस वक्त में मुझे अपनी आंखें खोलते ही एक घबराहट का अहसास हुआ था वहां उस घबराहट की जगह मन्द मुस्कराहट ने ले ली थी।
सुबह उठकर हम चारों यानि विक्रम-उपासना और मैं तथा तृप्ति एक साथ नाश्ते की टेबल पर मिले। जहां एक दूसरे ने हमारे इस नए जीवन का स्वागत मुस्कराहट के साथ किया।
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सुबह उठकर हम चारों यानि विक्रम-उपासना और मैं तथा तृप्ति एक साथ नाश्ते की टेबल पर मिले। जहां एक दूसरे ने हमारे इस नए जीवन का स्वागत मुस्कराहट के साथ किया।
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