12-01-2019, 04:27 PM
(This post was last modified: 21-11-2023, 04:57 PM by badmaster122. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
रात को मैं, बहु और शमशेर डिनर करने के बाद बिस्तर पे बैठे बातें कर रहे थे।।।
शमशेर - लगता है आज सारी रात पावर नहीं आएगी, बहु को कैंडल के रौशनी में डिनर बनाने में काफी तकलीफ हुई होगी न?
सरोज - नहीं अंकल मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं हुई, इस मोहल्ले में शम को लाइट जाना तो आम बात है।
मै - हाँ शमशीर, हमारे घर का पावर बैकअप भी ख़राब पड़ा है कल मैं उसे बाजार में ठीक कराने की कोशिश करता हूं, देखो अब तो सारे कैंडल भी ख़तम हो जाएंगे। बहु और कैंडल हैं?
सरोज - नहीं बाबूजी।। और कैंडल नहीं है।
शमशेर - (मुझे आँखों से इशारा करते हुए।। ) शायद बहु बहुत ज़्यादा कैंडल यूज करती है।। (शमशेर जानबूझ कर डबल मीनिंग में बातें की)
सरोज - हाँ अंकल मैं तो बहुत सारे कैंडल यूज करती हू।।। कैंडल भी पतले हैं तो ज्यादा देर तक नहीं चलते।। मोटा होता तो अच्छा होता
मैन - बहु तुम्हे मोटा कैंडल चाहिए तो मैं ला दूंगा।
शमशेर - मेरा कैंडल बहुत मोटा है बहु तुम्हे चाहिए तो मैं दे दूंगा।। मेरा मतलब मुझे घर से लाना होगा।।
शमशेर - वैसे बहु तुम कैंडल के अलावा और क्या-क्या यूज करती हो? (शमशेर फिर से गन्दी टॉक करते हुए।।)
सरोज - अंकल जी में।। ज्यादा तो कैंडल ही यूज करती हूँ कभी कभी किचन में अपना मोबाइल भी यूज कर लेती हूं।। उसमे टोर्च है न।।
शमशेर - बहु।।। तुम बाबूजी का मोबाइल क्यों नहीं यूज करती।।? वो बड़ा भी है और उसकी रौशनी भी ज्यादा है।
शमशेर - वैसे बहु तुम्हे मोबाइल से ज्यादा मजा आता है या कैंडल से?? मेरा मतलब आसान क्या है?
शमशेर इस बार काफी खुल के डबल मीनिंग क्वेश्चन किया, और मुझे लगा शायद बहु को भी समझ आने लगा की क्या ये डबल मीनिंग बातें हो रही है।। लेकिन फिर भी बहु शायद जानबूझ कर बोली।।
सरोज - अंकल जी।। मुझे तो कैंडल यूज करने में ज्यादा मजा आता है।।
बहु के मुँह से ऐसी बात सुन कर मेरा लंड खड़ा हो चूका था।। मैंने भी अपनी तरह से डबल मीनिंग जोड़ने के कोशिश की।।
मै - बहु क्या तुम रात में भी कैंडल उसे करती हो।।।?
सरोज - हाँ बाबूजी मैं रात में मोटा कैंडल यूज करती हूँ ताकि देर तक चले।। वरना मुझे अँधेरे में डर लगता है।
मै - कोई बात नहीं बहु आज तो मैं तुम्हारे साथ ही सोउंगा तो आज तुम्हे किसी मोटे कैंडल की जरुरत नहीं पडेगी।।
कुछ देर बात करने के बाद शमशेर सोने चला गया। मैं और बहु बैडरूम में आ गये।। बैडरूम में आने के साथ ही बहु ने मेरी तरफ प्यासी नज़रों से देखते हुए एक मादक अंगडाई ली। मैंने अपनी नज़र बहु के चेहरे से हटा कर उसके बड़े बूब्स को देखने लगा, उसकी अंगडाई देख कर ऐसा लगता था मानो बहु के दोनों चूचियां ब्लाउज का बटन तोड़ के बाहर आ जाएंगी। बहु ने अपना पल्लू निचे गिरा दिया और बोली।।
सरोज - बाबूजी आज कितनी गर्मी है कमरे में।।
मै बहु के नाभि देखने लगा, पल्लू उतरने से उसकी पेट पूरी नंगी हो चुकी थी और उसके गोरे पेट् और कमर अन्धेर में भी चमक रहे थे। मैंने भी अपनी टीशर्ट उतारते हुए कहा।।
मै - हाँ बहु बहुत गर्मी है।। ( बहु के नंगी पेट देखकर लोअर में मेरा लंड खड़ा था।।)
सरोज - पता नहीं कब लाइट आएगी।। (बहु ने अपने ब्लाउज के ३ बटन खोल दिए )
मै - (मैं बहु की क्लीवेज को देखता रहा।।उसकी चूचियां ब्रा के अंदर से बाहर निकल आयीं थी।।) बहु।। तुम साड़ी में बहुत अच्छी लगती हो।।
सरोज - सच बाबूजी।। क्या अच्छा लगता है?
शमशेर - लगता है आज सारी रात पावर नहीं आएगी, बहु को कैंडल के रौशनी में डिनर बनाने में काफी तकलीफ हुई होगी न?
सरोज - नहीं अंकल मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं हुई, इस मोहल्ले में शम को लाइट जाना तो आम बात है।
मै - हाँ शमशीर, हमारे घर का पावर बैकअप भी ख़राब पड़ा है कल मैं उसे बाजार में ठीक कराने की कोशिश करता हूं, देखो अब तो सारे कैंडल भी ख़तम हो जाएंगे। बहु और कैंडल हैं?
सरोज - नहीं बाबूजी।। और कैंडल नहीं है।
शमशेर - (मुझे आँखों से इशारा करते हुए।। ) शायद बहु बहुत ज़्यादा कैंडल यूज करती है।। (शमशेर जानबूझ कर डबल मीनिंग में बातें की)
सरोज - हाँ अंकल मैं तो बहुत सारे कैंडल यूज करती हू।।। कैंडल भी पतले हैं तो ज्यादा देर तक नहीं चलते।। मोटा होता तो अच्छा होता
मैन - बहु तुम्हे मोटा कैंडल चाहिए तो मैं ला दूंगा।
शमशेर - मेरा कैंडल बहुत मोटा है बहु तुम्हे चाहिए तो मैं दे दूंगा।। मेरा मतलब मुझे घर से लाना होगा।।
शमशेर - वैसे बहु तुम कैंडल के अलावा और क्या-क्या यूज करती हो? (शमशेर फिर से गन्दी टॉक करते हुए।।)
सरोज - अंकल जी में।। ज्यादा तो कैंडल ही यूज करती हूँ कभी कभी किचन में अपना मोबाइल भी यूज कर लेती हूं।। उसमे टोर्च है न।।
शमशेर - बहु।।। तुम बाबूजी का मोबाइल क्यों नहीं यूज करती।।? वो बड़ा भी है और उसकी रौशनी भी ज्यादा है।
शमशेर - वैसे बहु तुम्हे मोबाइल से ज्यादा मजा आता है या कैंडल से?? मेरा मतलब आसान क्या है?
शमशेर इस बार काफी खुल के डबल मीनिंग क्वेश्चन किया, और मुझे लगा शायद बहु को भी समझ आने लगा की क्या ये डबल मीनिंग बातें हो रही है।। लेकिन फिर भी बहु शायद जानबूझ कर बोली।।
सरोज - अंकल जी।। मुझे तो कैंडल यूज करने में ज्यादा मजा आता है।।
बहु के मुँह से ऐसी बात सुन कर मेरा लंड खड़ा हो चूका था।। मैंने भी अपनी तरह से डबल मीनिंग जोड़ने के कोशिश की।।
मै - बहु क्या तुम रात में भी कैंडल उसे करती हो।।।?
सरोज - हाँ बाबूजी मैं रात में मोटा कैंडल यूज करती हूँ ताकि देर तक चले।। वरना मुझे अँधेरे में डर लगता है।
मै - कोई बात नहीं बहु आज तो मैं तुम्हारे साथ ही सोउंगा तो आज तुम्हे किसी मोटे कैंडल की जरुरत नहीं पडेगी।।
कुछ देर बात करने के बाद शमशेर सोने चला गया। मैं और बहु बैडरूम में आ गये।। बैडरूम में आने के साथ ही बहु ने मेरी तरफ प्यासी नज़रों से देखते हुए एक मादक अंगडाई ली। मैंने अपनी नज़र बहु के चेहरे से हटा कर उसके बड़े बूब्स को देखने लगा, उसकी अंगडाई देख कर ऐसा लगता था मानो बहु के दोनों चूचियां ब्लाउज का बटन तोड़ के बाहर आ जाएंगी। बहु ने अपना पल्लू निचे गिरा दिया और बोली।।
सरोज - बाबूजी आज कितनी गर्मी है कमरे में।।
मै बहु के नाभि देखने लगा, पल्लू उतरने से उसकी पेट पूरी नंगी हो चुकी थी और उसके गोरे पेट् और कमर अन्धेर में भी चमक रहे थे। मैंने भी अपनी टीशर्ट उतारते हुए कहा।।
मै - हाँ बहु बहुत गर्मी है।। ( बहु के नंगी पेट देखकर लोअर में मेरा लंड खड़ा था।।)
सरोज - पता नहीं कब लाइट आएगी।। (बहु ने अपने ब्लाउज के ३ बटन खोल दिए )
मै - (मैं बहु की क्लीवेज को देखता रहा।।उसकी चूचियां ब्रा के अंदर से बाहर निकल आयीं थी।।) बहु।। तुम साड़ी में बहुत अच्छी लगती हो।।
सरोज - सच बाबूजी।। क्या अच्छा लगता है?