08-09-2019, 02:27 AM
Update 47
रेशमा की गंद मे लंड डालने से पहले उसको तैयार भी करना था
मैं ने हाथ पर तेल डालकर लंड पर तेल लगाने को कहा.
रेशमा अपनी गंद मे उंगली डाल कर गंद का छेद खोल रही थी.
मैं ने भी अपने लंड पर तेल लगाने लगा.
उसको भी सब कुछ पता था सेक्स के खेल के बारे में
पर उसका हज़्बेंड ने उसको कुछ पूछा ही नही
मेरे कहते ही देखो कैसे तैयार हो रही है
लोग आग लगाने के लिए तेल डालते है. और मैं हमारी अंदर की आग को शांत करने को तेल लगा रहा
हूँ
दोनो आग मे कितना फरक होता है. एक जलने से दर्द होता है और दूसरी बदन की आग बुझने से
सुकून मिलता है
बदन की आग मे हर कोई जलना चाहता .आज रेशमा मेरे साथ जलने को तैयार हुई थी.
रेशमा को ज़्यादा दर्द देने के मूड मे नही था. जिस से मैं ने अपने लंड को अच्छे से चिकना किया.
हम दोनो अपने काम मे लगे हुए थे. रेशमा ने अपनी गंद चिकनी कर ली और मैं ने अपने लंड
को तेल से नहला दिया.
मेरा लंड तेल लगते ही चमकने लगा .जिस देख कर रेशमा खुद को रोक नही पाई और मेरे लंड को
अपने हाथो मे पकड़ के सहलाने लगी.
रेशना के नरम हाथो मे मेरा सख़्त लंड आते ही रेशमा के बदन मे 440 का झटका लगा.
ये तो शुरुआत है
मेरे झटके पड़ेंगे तब ये 440 के झटके को रेशमा भूल जाएगी.
रेशमा ने मेरे लंड को अपने हाथो से सहलाने के बाद घोड़ी बन गयी. और अपना मुँह
बेड पर रखे हुए पिल्लो मे रख दिया.
मैं रेशमा के पीछे आ गया .और रेशमा की गंद को देखने लगा.
रेशमा के गोरे गोरे चूतड़ पर एक थप्पड़ मारा. जिस से रेशमा के बदन मे हलचल होने
लगी.
मैं ने लंड को उसके चूतड़ पर मारना शुरू किया.जिस से रेशमा को अच्छा लगने लगा.
दोनो चूतड़ पर कभी थप्पड़ तो कभी लंड मारने लगा .जिस से रेशमा को मज़ा आने लगा.
रेशमा की गंद फूली हुई नही थी क्यूँ कि इस पे अभी तक मेहनत नही की थी.
पहली बार मैं मेहनत करने वाला हूँ.
मैं लंड को दोनो चूतड़ के दरार मे फँसा कर रगड़ने लगा.इस से रेशमा गरम होने लगी.
रेशमा को इस से मज़ा आने लगा ,क्यूँ कि लंड चूत और गंद दोनो से रगड़ रहा था.
रेशमा को मज़ा देने के बाद मैं रेशमा को दर्द देने के लिए तैयार हो गया.
लंड को रेशमा के गंद के छेद पर रख दिया ,लंड को अपनी गंद पर फील करते रेशमा का बदन
कापने लगा.
मेरे लंड की गर्मी अपनी गंद के छेद पे महसूस करते रेशमा को गुदगुदी हो ने लगी.
लंड की मोटाई और लंबाई का अहसास गंद को कराने का समय आ गया था.
लंड का टोपा गंद के छेद मे जाने को तैयार था.
पर इतनी भी जल्दी क्या है. पहले ग्रीन सिंगल तो मिल जाए.
लंड को अंदर ना डालने से रेशमा पलट गयी. और मेरी तरफ देख कर अंदर डालने को कहा.
ट्रेन को सिंगल मिलते ही पहला झटका मारने का समय आ गया था .
रेशमा की पतली कमर को एक हाथ से पकड़ कर लंड ज़्यादा तेल से फिसल ना जाए इस लिए एक हाथ से लंड
को पकड़ कर रखा.
रेशमा ने अपनी गंद को दिला छोड़ दिया ,और मैं ने पहला झटका मार कर लंड का टोपा रेशमा
की गंद मे फिट कर दिया.
लंड के टोपे को गंद ने कस के पकड़ लिया .ऐसा लग रहा था की टोपा कहीं गायब हो गया हो.
टोपा अंदर जाते ही रेशमा ने गंद टाइट कर ली. जिस से टोपा गंद मे फस गया.
रेशमा को अपनी गंद पे जलन होने लगी.
ऐसा मीठा दर्द रेशमा खाने को तैयार थी.
मैं ने दूसरा झटका मारने की जगह ज़ोर लगा कर टोपा बाहर निकाल लिया.
पट्च की आवाज़ करके लंड रेशमा की गंद से बाहर आ गया.जैसे की बॉटल का ढक्कन निकलता है
वैसे ही लंड निकल गया.
लंड बाहर निकलते ही गंद का छेद बंद होने लगा था कि तेल की बॉटल का मुँह गंद मे डाल दिया .
और तेल को रेशमा की गंद मे अंदर तक पिचकारी मारने लगा.
ऐसा करते ही रेशमा ने अपनी गंद ढीली कर दी. तेल गंद के अंदर तक जाने लगा. क्यूँ कि बॉटल पर मैं
प्रेशर दे रहा था
फिर बॉटल की जगह वापस लंड रेशमा की गंद पर लगा दिया. और फिर से शुरुआत करने लगा
मेरे ऐसा करने से रेशमा को ज़्यादा दर्द नही होगा .और उसकी चीखे नही निकलेंगी.
रेशमा का जो मैं ख़याल रख रहा था वो रेशमा को पसंद आया.
पार्टनर की खुशी का ध्यान रखना भी ज़रूरी होता है.
पहला झटका धीरे से मारने के साथ ही टोपा गंद मे फिसल कर अंदर चला गया.
मे बी इस बार रेशमा को ज़्यादा दर्द नही हुआ होगा.
रेशमा ने अपने मुँह पर कपड़ा बाँध रखा था और पूरा चेहरा पिल्लो मे दबा रखा था.
ना रेशमा का चेहरा देख सकता था और ना रेशमा की चीखे सुन पा रहा था.
टोपा अंदर जाते ही मैं ने दोनो हाथ से कमर पकड़ कर दूसरा झटका मारा.
इस बार लंड ऐसी जगह गया था वहाँ अब तक कोई नही गया था.
आधा लंड रेशमा की कुवारि गंद मे चला गया.
लंड अंदर जाते ही रेशमा ने गंद टाइट कर के ढीली कर दी. टाइट इस लिए कि ताकि मैं और अंदर ना जा
सकूँ .और ढीली इस लिए कि ताकि वो अपना दर्द कम कर सके.
रेशमा को आज पूरा सुख मिलने वाला था.
गंद मे लंड पर्फेक्ट फिट हो चुका था. लंड पर गंद ने अपना दबाव बनाए रखा था.
रेशमा अपना एक हाथ नीचे से अपनी चूत पर ले जाके सहलने लगी.
रेशमा की चीख मुझे सुनाई नही दी. पर उसके बदन मे हो रही हलचल हुई वो मुझे बता रही
थी उसको दर्द हो रहा है.
मैं अपने हाथ को उसके पेट पर घुमाने लगा ताकि उसका दर्द थोड़ा कम हो सके.
अभी तो आधा लंड अंदर गया था जिस से उसको ज़्यादा दर्द नही हो रहा था.
वहाँ तक मैं ने तेल डाल रखा था
रेशमा अपनी चूत को लगातार सहला रही थी.
उसके ऐसे सहलाने से लग रहा था कि उसका पानी निकल जाएगा.
पहले तो रेशमा दर्द कम करने के लिए चूत सहला रही थी. पर अब वो अच्छा लगने से पानी
निकालना चाहती थी.
ये बात मेरे दिमाग़ मे आते ही मैं ने ये मोका सही समझा.
रेशमा लगातार अपनी चूत सहला रही थी जैसे कि उसका पानी निकलने वाला हो.
वो ऐसे मोड़ पे थी जहाँ पर चूत सहलाना रोक नही सकती थी
इसी का फ़ायदा उठा कर मैं ने एक झटके मे पूरा लंड अंदर डालने वाला स्ट्रोक लगाया.
लंड गंद को चीरता हुआ अंदर चला गया.
गंद की चिरने से रेशमा के बदन मे दर्द होने लगा.
रेशमा के मुँह से दबी हुई चीख सुनाई दी.
मे बी रेशमा की आँखो से पानी निकल रहा हो
मेरे लंड मे भी दर्द होने लगा. गंद बहुत टाइट थी.
मेरा ऐसा हाल था तो रेशमा का क्या हाल हो रहा होगा.
रेशमा ने दर्द की वजह से अपनी चूत को सहलाना बंद करके अपने हाथ से दबा दिया था.
ऐसे तो रेशमा को बहुत दर्द होगा.
मुझे कुछ तो करना होगा. मैं ने रेशमा का हाथ उसकी चूत से हटा दिया और अपनी 2 उंगली उसकी
चूत मे डाल कर ज़ोर से अंदर बाहर करने लगा.
रेशमा ने बेड को कस के पकड़ रखा था. पर वो ज़्यादा चीख नही रही थी.
रेशमा ऐसी हालत मे थी जहाँ पर उसे दर्द हो रहा था और चूत का पानी ना निकलने से बेचैनी
हो रही थी.
जितनी जल्दी पानी निकल जाएगा उतनी जल्दी उसका दर्द कम होगा.
रेशमा का पानी निकलने का नाम नही ले रहा था.
ऐसे मे मैं ने अपनी उंगली अंदर बाहर करने की गति बढ़ा दी. और रेशमा का पानी निकालने लगा.
पानी निकलते ही रेशमा का बदन हल्का हो गया और लंड को रेशमा की गंद मे हिलाने को मदद हुई.
गंद मे लंड हिलने से रेशमा की गंद मे सुकून के साथ दर्द होने लगा.
मैं थोड़ा उपर हो गया जिस से अंदर थोड़ा बाहर निकालते तेल डाल कर फिर अंदर कर लिया.
रेशमा को मेरे ऐसा करने से थोड़ा दर्द हुआ पर ये तो होना ही था.
मैं ने धीरे धीरे अपना आधा लंड बाहर निकाला और तेल लंड पर डाल कर फिर अंदर पुश किया.
फिर से लंड को थोड़ा ज़्यादा बाहर निकाल कर तेल के साथ अंदर पेल दिया.
लंड बाहर निकालते समय रेशमा गंद ढीली कर देती जिस से लंड बाहर निकल जाता और उसके टाइट करने
से पहले लंड अंदर डाल देता
रेशमा की गंद मे थोड़ी देर दर्द होगा पर फिर मज़ा आएगा
रेशमा की मदमस्त गंद को मारने मे मुझे मज़ा आएगा इस मे कोई डाउट नही था.
रेशमा की गंद मे लंड पूरा बाहर निकाल कर अंदर डालने लगा जिस से गंद मे लंड के लिए अच्छी
ख़ासी जगह बन गयी.
रेशमा का दर्द भी कम हो गया था. रेशमा ने अपने हाथ ढीले छोड़ दिए.
मेरे बार बार लंड बाहर निकाल कर अंदर डालने सेरेशमा का बदन कभी ढीला तो कभी टाइट हो जाता.
रेशमा को मेरा ऐसे धीरे धीरे गंद मे जगह बनाना अच्छा लगने लगा
रेशमा को अपनी गंद चुदाई मे मज़ा मिले इसी की पूरी कोशिस कर रहा था
रेशमा का दर्द कम हुआ ऐसा मुझे फील होते ही मैं मे गंद मारना शुरू किया.
गंद मारना शुरू होते ही रेशमा ने गंद ढीली छोड़ दी और मेरा साथ देने लगी.
मैं थोड़ी देर धीरे धीरे गंद मे लंड पेलने लगा
गंद मे मेरे हल्के हल्के धक्के से रेशमा को ज़्यादा मज़ा मिलने लगा.
ऐसा मज़ा वो भी मुझसे पा कर रेशमा खुश थी.
रेशमा की गंद मे लंड डालने से पहले उसको तैयार भी करना था
मैं ने हाथ पर तेल डालकर लंड पर तेल लगाने को कहा.
रेशमा अपनी गंद मे उंगली डाल कर गंद का छेद खोल रही थी.
मैं ने भी अपने लंड पर तेल लगाने लगा.
उसको भी सब कुछ पता था सेक्स के खेल के बारे में
पर उसका हज़्बेंड ने उसको कुछ पूछा ही नही
मेरे कहते ही देखो कैसे तैयार हो रही है
लोग आग लगाने के लिए तेल डालते है. और मैं हमारी अंदर की आग को शांत करने को तेल लगा रहा
हूँ
दोनो आग मे कितना फरक होता है. एक जलने से दर्द होता है और दूसरी बदन की आग बुझने से
सुकून मिलता है
बदन की आग मे हर कोई जलना चाहता .आज रेशमा मेरे साथ जलने को तैयार हुई थी.
रेशमा को ज़्यादा दर्द देने के मूड मे नही था. जिस से मैं ने अपने लंड को अच्छे से चिकना किया.
हम दोनो अपने काम मे लगे हुए थे. रेशमा ने अपनी गंद चिकनी कर ली और मैं ने अपने लंड
को तेल से नहला दिया.
मेरा लंड तेल लगते ही चमकने लगा .जिस देख कर रेशमा खुद को रोक नही पाई और मेरे लंड को
अपने हाथो मे पकड़ के सहलाने लगी.
रेशना के नरम हाथो मे मेरा सख़्त लंड आते ही रेशमा के बदन मे 440 का झटका लगा.
ये तो शुरुआत है
मेरे झटके पड़ेंगे तब ये 440 के झटके को रेशमा भूल जाएगी.
रेशमा ने मेरे लंड को अपने हाथो से सहलाने के बाद घोड़ी बन गयी. और अपना मुँह
बेड पर रखे हुए पिल्लो मे रख दिया.
मैं रेशमा के पीछे आ गया .और रेशमा की गंद को देखने लगा.
रेशमा के गोरे गोरे चूतड़ पर एक थप्पड़ मारा. जिस से रेशमा के बदन मे हलचल होने
लगी.
मैं ने लंड को उसके चूतड़ पर मारना शुरू किया.जिस से रेशमा को अच्छा लगने लगा.
दोनो चूतड़ पर कभी थप्पड़ तो कभी लंड मारने लगा .जिस से रेशमा को मज़ा आने लगा.
रेशमा की गंद फूली हुई नही थी क्यूँ कि इस पे अभी तक मेहनत नही की थी.
पहली बार मैं मेहनत करने वाला हूँ.
मैं लंड को दोनो चूतड़ के दरार मे फँसा कर रगड़ने लगा.इस से रेशमा गरम होने लगी.
रेशमा को इस से मज़ा आने लगा ,क्यूँ कि लंड चूत और गंद दोनो से रगड़ रहा था.
रेशमा को मज़ा देने के बाद मैं रेशमा को दर्द देने के लिए तैयार हो गया.
लंड को रेशमा के गंद के छेद पर रख दिया ,लंड को अपनी गंद पर फील करते रेशमा का बदन
कापने लगा.
मेरे लंड की गर्मी अपनी गंद के छेद पे महसूस करते रेशमा को गुदगुदी हो ने लगी.
लंड की मोटाई और लंबाई का अहसास गंद को कराने का समय आ गया था.
लंड का टोपा गंद के छेद मे जाने को तैयार था.
पर इतनी भी जल्दी क्या है. पहले ग्रीन सिंगल तो मिल जाए.
लंड को अंदर ना डालने से रेशमा पलट गयी. और मेरी तरफ देख कर अंदर डालने को कहा.
ट्रेन को सिंगल मिलते ही पहला झटका मारने का समय आ गया था .
रेशमा की पतली कमर को एक हाथ से पकड़ कर लंड ज़्यादा तेल से फिसल ना जाए इस लिए एक हाथ से लंड
को पकड़ कर रखा.
रेशमा ने अपनी गंद को दिला छोड़ दिया ,और मैं ने पहला झटका मार कर लंड का टोपा रेशमा
की गंद मे फिट कर दिया.
लंड के टोपे को गंद ने कस के पकड़ लिया .ऐसा लग रहा था की टोपा कहीं गायब हो गया हो.
टोपा अंदर जाते ही रेशमा ने गंद टाइट कर ली. जिस से टोपा गंद मे फस गया.
रेशमा को अपनी गंद पे जलन होने लगी.
ऐसा मीठा दर्द रेशमा खाने को तैयार थी.
मैं ने दूसरा झटका मारने की जगह ज़ोर लगा कर टोपा बाहर निकाल लिया.
पट्च की आवाज़ करके लंड रेशमा की गंद से बाहर आ गया.जैसे की बॉटल का ढक्कन निकलता है
वैसे ही लंड निकल गया.
लंड बाहर निकलते ही गंद का छेद बंद होने लगा था कि तेल की बॉटल का मुँह गंद मे डाल दिया .
और तेल को रेशमा की गंद मे अंदर तक पिचकारी मारने लगा.
ऐसा करते ही रेशमा ने अपनी गंद ढीली कर दी. तेल गंद के अंदर तक जाने लगा. क्यूँ कि बॉटल पर मैं
प्रेशर दे रहा था
फिर बॉटल की जगह वापस लंड रेशमा की गंद पर लगा दिया. और फिर से शुरुआत करने लगा
मेरे ऐसा करने से रेशमा को ज़्यादा दर्द नही होगा .और उसकी चीखे नही निकलेंगी.
रेशमा का जो मैं ख़याल रख रहा था वो रेशमा को पसंद आया.
पार्टनर की खुशी का ध्यान रखना भी ज़रूरी होता है.
पहला झटका धीरे से मारने के साथ ही टोपा गंद मे फिसल कर अंदर चला गया.
मे बी इस बार रेशमा को ज़्यादा दर्द नही हुआ होगा.
रेशमा ने अपने मुँह पर कपड़ा बाँध रखा था और पूरा चेहरा पिल्लो मे दबा रखा था.
ना रेशमा का चेहरा देख सकता था और ना रेशमा की चीखे सुन पा रहा था.
टोपा अंदर जाते ही मैं ने दोनो हाथ से कमर पकड़ कर दूसरा झटका मारा.
इस बार लंड ऐसी जगह गया था वहाँ अब तक कोई नही गया था.
आधा लंड रेशमा की कुवारि गंद मे चला गया.
लंड अंदर जाते ही रेशमा ने गंद टाइट कर के ढीली कर दी. टाइट इस लिए कि ताकि मैं और अंदर ना जा
सकूँ .और ढीली इस लिए कि ताकि वो अपना दर्द कम कर सके.
रेशमा को आज पूरा सुख मिलने वाला था.
गंद मे लंड पर्फेक्ट फिट हो चुका था. लंड पर गंद ने अपना दबाव बनाए रखा था.
रेशमा अपना एक हाथ नीचे से अपनी चूत पर ले जाके सहलने लगी.
रेशमा की चीख मुझे सुनाई नही दी. पर उसके बदन मे हो रही हलचल हुई वो मुझे बता रही
थी उसको दर्द हो रहा है.
मैं अपने हाथ को उसके पेट पर घुमाने लगा ताकि उसका दर्द थोड़ा कम हो सके.
अभी तो आधा लंड अंदर गया था जिस से उसको ज़्यादा दर्द नही हो रहा था.
वहाँ तक मैं ने तेल डाल रखा था
रेशमा अपनी चूत को लगातार सहला रही थी.
उसके ऐसे सहलाने से लग रहा था कि उसका पानी निकल जाएगा.
पहले तो रेशमा दर्द कम करने के लिए चूत सहला रही थी. पर अब वो अच्छा लगने से पानी
निकालना चाहती थी.
ये बात मेरे दिमाग़ मे आते ही मैं ने ये मोका सही समझा.
रेशमा लगातार अपनी चूत सहला रही थी जैसे कि उसका पानी निकलने वाला हो.
वो ऐसे मोड़ पे थी जहाँ पर चूत सहलाना रोक नही सकती थी
इसी का फ़ायदा उठा कर मैं ने एक झटके मे पूरा लंड अंदर डालने वाला स्ट्रोक लगाया.
लंड गंद को चीरता हुआ अंदर चला गया.
गंद की चिरने से रेशमा के बदन मे दर्द होने लगा.
रेशमा के मुँह से दबी हुई चीख सुनाई दी.
मे बी रेशमा की आँखो से पानी निकल रहा हो
मेरे लंड मे भी दर्द होने लगा. गंद बहुत टाइट थी.
मेरा ऐसा हाल था तो रेशमा का क्या हाल हो रहा होगा.
रेशमा ने दर्द की वजह से अपनी चूत को सहलाना बंद करके अपने हाथ से दबा दिया था.
ऐसे तो रेशमा को बहुत दर्द होगा.
मुझे कुछ तो करना होगा. मैं ने रेशमा का हाथ उसकी चूत से हटा दिया और अपनी 2 उंगली उसकी
चूत मे डाल कर ज़ोर से अंदर बाहर करने लगा.
रेशमा ने बेड को कस के पकड़ रखा था. पर वो ज़्यादा चीख नही रही थी.
रेशमा ऐसी हालत मे थी जहाँ पर उसे दर्द हो रहा था और चूत का पानी ना निकलने से बेचैनी
हो रही थी.
जितनी जल्दी पानी निकल जाएगा उतनी जल्दी उसका दर्द कम होगा.
रेशमा का पानी निकलने का नाम नही ले रहा था.
ऐसे मे मैं ने अपनी उंगली अंदर बाहर करने की गति बढ़ा दी. और रेशमा का पानी निकालने लगा.
पानी निकलते ही रेशमा का बदन हल्का हो गया और लंड को रेशमा की गंद मे हिलाने को मदद हुई.
गंद मे लंड हिलने से रेशमा की गंद मे सुकून के साथ दर्द होने लगा.
मैं थोड़ा उपर हो गया जिस से अंदर थोड़ा बाहर निकालते तेल डाल कर फिर अंदर कर लिया.
रेशमा को मेरे ऐसा करने से थोड़ा दर्द हुआ पर ये तो होना ही था.
मैं ने धीरे धीरे अपना आधा लंड बाहर निकाला और तेल लंड पर डाल कर फिर अंदर पुश किया.
फिर से लंड को थोड़ा ज़्यादा बाहर निकाल कर तेल के साथ अंदर पेल दिया.
लंड बाहर निकालते समय रेशमा गंद ढीली कर देती जिस से लंड बाहर निकल जाता और उसके टाइट करने
से पहले लंड अंदर डाल देता
रेशमा की गंद मे थोड़ी देर दर्द होगा पर फिर मज़ा आएगा
रेशमा की मदमस्त गंद को मारने मे मुझे मज़ा आएगा इस मे कोई डाउट नही था.
रेशमा की गंद मे लंड पूरा बाहर निकाल कर अंदर डालने लगा जिस से गंद मे लंड के लिए अच्छी
ख़ासी जगह बन गयी.
रेशमा का दर्द भी कम हो गया था. रेशमा ने अपने हाथ ढीले छोड़ दिए.
मेरे बार बार लंड बाहर निकाल कर अंदर डालने सेरेशमा का बदन कभी ढीला तो कभी टाइट हो जाता.
रेशमा को मेरा ऐसे धीरे धीरे गंद मे जगह बनाना अच्छा लगने लगा
रेशमा को अपनी गंद चुदाई मे मज़ा मिले इसी की पूरी कोशिस कर रहा था
रेशमा का दर्द कम हुआ ऐसा मुझे फील होते ही मैं मे गंद मारना शुरू किया.
गंद मारना शुरू होते ही रेशमा ने गंद ढीली छोड़ दी और मेरा साथ देने लगी.
मैं थोड़ी देर धीरे धीरे गंद मे लंड पेलने लगा
गंद मे मेरे हल्के हल्के धक्के से रेशमा को ज़्यादा मज़ा मिलने लगा.
ऐसा मज़ा वो भी मुझसे पा कर रेशमा खुश थी.