02-09-2019, 10:19 PM
(19-08-2019, 09:12 AM)Bindas baba Wrote: कोमल जी मे आप का लिखने के कला का बहुत बड़ा प्रशंसक रहा हु।आप ने इस कहानी को xossip पर लिख रही थी ।मगर ओ अचानक से बंद हो गया और ये कहानी अधूरी रही।आप ने इस कहानी को फिर से लिख रही है ।मेरा ये विचार था कि आप इस कहानी को उस जगह से लिखती जहाँ से xossip बंद हुआ था।
बात आपकी एकदम सही है , शुरू में मेरा भी यही विचार था , लेकिन
एक तो एकदम बीच से शुरू करने से एकदम अचानक लगता और बहुत से लोग उसका सिर पैर नहीं जोड़ पाते , जिस फोरम में मैं लिख रही थी , उसके आखिरी दिनों में , एकदम आलमोस्ट रोज मैं पोस्ट कर रही थी , कहानी में एक नया मोड़ भी मैं ले आयी की कहानी को फोरम के बंद होने के पहले मैं बंद कर दूँ , उसको एक लॉजिकल एन्ड पहुंचा दूँ , हालाँकि उसमें बहुत से प्रसंग छूट जाते , लेकिन कोई रास्ता भी नहीं था। अगर फोरम दो चार दिन बाद भी बंद होता तो मैं कहानी को ख़तम कर देती। कहानी का वो अंत मैं लिख चुकी थी पर जब पोस्ट करने गयी तो फोरम बंद हो चुका था , उसमे बहुत से हिस्से कहानी में बदलाव लेकर मैं ख़तम कर रही थी।
लेकिन वो हुआ नहीं।
अब दो बातें हुईं , एक तो मुझे लगा की आखिरी के दिनों के पोस्ट बहुत से लोगों ने नहीं पढ़ा , क्योंकि मैं हर दिन पोस्ट कर रही थी , दूसरी अब जब कहानी का अंत फिर से लिखना है तो जिन प्रसंगों को मैंने छोड़ दिया है , उसे भी जोड़ कर लिखूं तो ज्यादा उचित होगा। अगर वो कहानी मैं शुरू करूँ और दो पोस्ट में ख़तम कर दूँ तो अजीब लगेगा।
लेकिन एक सवाल फिर भी रह जाता है , मैं वहां से शुरू कर के ओर्जिनल रूप में पोस्ट कर सकती थी।
पर उसी समय मैंने 'मोहे रंग दे ' शुरू कर दी , जो एकदम अलग ढंग की है।
फिर एक दो फोरम में जो पोस्ट किया वो फोरम भी बंद हो गए , एकदम हताशा की स्थिति थी , पुराने फोरम में हर पोस्ट के बाद दस हजार व्यूज कॉमन थे , लेकिन अभी भी ,... कमेंट्स की भी ,... क्योंकि लिखने और पढ़ने वाले सब बिखर गए।
लिखने में मेहनत भी लगती है टाइम भी ,
फिर जोरू का गुलाम पिक्चर्स के साथ किसी भी फोरम पर नहीं थी , इसलिए मैंने सोचा की भले पीडीफ जौनपुर कृपा से उपलब्ध है लेकिन हर पाठक उसे नहीं पढ़ता , और पिक्चर्स के साथ कहानी का मज़ा अलग है ,
और सिर्फ मेरी यह कहानी नहीं , बहुत से लेखकों की कहानी इस फोरम में फिर से पोस्ट हो रही है ,
मुझे विशवास है आप परस्थिति को समझ सकेंगे।
और यह भी विशवास है की आप अपना स्नेह और साथ उसी तरह देंगे ,