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Adultery जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी
बोल चाहिए 


[Image: Mom-7.jpg]





" बोल चाहिए "

 
लेकिन जिस  तरह से उसने आँखे नचाके , अपने मस्त उभारों को और उभार के ये सवाल पूछा था ,ये मुश्किल था समझना की वो   सवाल अधखाये सेब के लिए पूछ रही है  अपने गदराये जोबन के लिए ,

[Image: boobs-Guddi-745ad842aa8d645cda1058e7b124c33d.jpg]
 
" बोल चाहिए ,मुंह खोल के बोल तभी दूंगी। "

हंस के वो बोली।
 
" हाँ चाहिए " बस उनके मुंह से निकल गया।
 
"लालची ,देती हूँ। "
 
और बचा खुचा सेब मंजू बाई ने एक बारगी ही  अपने मुंह में पुश कर दिया ,सब का सब मुंह के अंदर और कुछ देर तक चुभलाती रही।
 
फिर जब तक उन्हें कुछ समझ में आये ,मंजू बाई ने कस के उन्हें अपनी बांहों में जकड लिया।
 
ब्लाउज फाड़ते मंजू बाई के बड़े बड़े कड़े कड़े उरोज अब सीधे बरछी की तरह उनकी छाती में धंस रहे थे।
 
मंजू बाई अपने बंद होंठ उनके होंठो पे रगड़ रही थी और साथ में मंजू बाई का एक हाथ उनके नितंबों पे कस के दबोचता , उंगली उनके मांसल मुलायम नितंबों में धंसाता ,
 
और फिर मंजू बाई की  मोटी रसीली जीभ सीधे जबरदस्ती उनके मुंह को खोलती अंदर ,
 
 
जैसे किसी कुँवारी तड़पड़ाती ,छटपटाती कच्ची कली की बंद चूत में जबरदस्ती मोटा लन्ड पेल दे।
 
 
[Image: kiss-16790459.gif]
 
उनके होंठ खुल गए थे और मंजू बाई के भी।
 
अधखाया , थूक में लिसड़ा , जूठा ,कुचा कुचाया , सेब के टुकड़े मंजू बाई के मुंह से सीधे उनके मुंह में।
 
मंजू बाई की जीभ ठेल रही थी ,एक एक अधखाया सेब का टुकड़ा सीधे उनके मुंह में साथ में मंजू बाई का सैलाइवा ,
 
चूमने चूसने और उनके सीने पर अपने जोबन जोर जोर से रगड़ने के साथ , अब मंजू बाई की जाँघे भी चारो ओर से ,
 
उसका भरतपुर , सीधे उनके खड़े खूंटे को  रगड़ता ,दरेरता।
 
उन्होंने अपने को पूरी तरह मंजू बाई के हवाले कर दिया था।
 
चार पांच मिनट तक ,
 
और उस के बाद जैसे ही  मंजू बाई ने उन्हें दबोचा था वैसे ही छोड़ दिया ,हाँ छोड़ने के पहले उसने ढेर सारा सैलाइवा इनके मुंह पे गाल पे लपेट दिया।
,
और दूर खड़ी हो के एक पल मुस्कराती रही ,फिर आँख नचा के बोली।
 
" थोड़ी देर तुम ने झाड़ लिया ,अब मैं झाड़ती हूँ ,दोनों मिल के ,... तो फिर जल्दी हो जाएगा , वरना तो वैसे बहुत टाइम लगेगा। मैं झाड़ती हूँ तू डस्टिंग कर ले बस फटाक से हो जाएगा। "
 
और ये कह के मंजू बाई ने उनके हाथ से झाड़ू ले लिया , और झुक के ,... झुकने के पहले उसने अपनी साड़ी पेटीकोट एडजस्ट किया ,ऊपर सरकाया खूब ऊपर।

[Image: Manju-Bai-6.jpg]
 
सिर्फ उसकी मांसल कसी कसी पिण्डलियां दिख रही थीं बल्कि केले के तने ऐसी चौड़ी ,चिकनी ,मखमली जाँघों का भी काफी हिस्सा।
 
 
वो झुक के झाड़ू लगा रही थी लेकिन इनकी निगाहें तो बस उसके उठे हुए चूतड़ों पर और उससे भी ज्यादा ,
 
मंजू बाई के निहुरने से ,पेड़ की डाली से लदे झुके फल की तरह ,मंजू बाई के गदराये उभारों पर एकदम चिपकी थीं।
 
मंजू बाई ने उन देखते हुए देखा , लेकिन बजाय बुरा मानने के जोर से मुस्करायी ,बोली ,
 
 
" चाहिए " मंजू बाई की निगाहें इस समय सीधे उभारों की तरफ थी ,इशारा बहुत साफ़ था।

[Image: Boobs-jethani-Champa-18010724-2338528170...4516-n.jpg]
 
अबकी बिना किसी झिझक के  उनके मुंह से निकल गया ,हाँ चहिये।
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" चल देती हूँ ,लेकिन पहले मिल के जल्दी काम ख़तम करते हैं , मैं झाड़ती हूँ तू डस्टिंग कर ले , पक्का। "
 
उनकी निगाहे कुछ देर तक मंजू बाई के उठे चूतड़ों और झुके उभारो पर चिपकी रही फिर वो डस्टिंग करने में लग गए।
 
डस्टिंग करते करते उनकी निगाह पिक्चर फ्रेम पे पड़ी जिसमें गुड्डी की तस्वीर लगी थी। 

[Image: hot-sale-all-match-model-soft-dress-nips...40x640.jpg]

वो उसे झाड़  रहे थे की पीछे से काम ख़तम कर के मंजू बाई भी आगयी।
 
" बड़ा पटाखा माल है ,कौन है ये। "


 
" मेरी बहन है ,छोटी। गुड्डी।

उन्होंने बोल दिया।
 
" कबूतर तो बड़े मस्त हैं इसके , खूब दबाये  होंगे तूने।



मंजू बाई ने अपना फैसला सुनाया और उन्हें खींच के किचेन की ओर ले गयी जहाँ बचा खुचा काम  उनका इन्तजार  कर रहा था।
 
मंजे हुए बर्तन धुलने के लिए पड़े थे।  नल खोल के उन्होंने बर्तन धोने शुरू  कर दिए और वहीँ  सिंक के पास सिल पर बैठकर मंजू बाई बर्तनो को पोंछ  सुखा  के रखने लग गयीं और उनको चिढाते हुए बोला ,
 
कुछ चहिए तो खुल के मांग लेना चाहिए।


[Image: mom.jpg]

बड़े लिचरस अंदाज में वो बोली।
 
मंजू बाई ने उनकी चोरी पकड़ ली थी ,जिस तरह बरतन धुलते हुए चोरी चोरी मंजू बाई के ब्लाउज फाड़ते , झांकते उभारो को वो चोरी चोरी देख रहे थे।
 
" तो दे दे ना

आखिरी कटोरी धुल के उसे पकड़ाते वो बोले। अब धीरे धीरे ,मंजू बाई की संगत में ये खेल सीख रहे थे।
 
" ऐसे थोड़ी मिलेगा "  

अंदाज से कटोरी पकड़ते ,झुक के अपने दोनों कबूतरों के दर्शन उन्हें कराते ,मंजू बाई बोली।
 
अब  वो जाके उसके पास वो खड़े हो गए और उसकी आँख में आँख डाल के  साफ़ साफ़ बोले ,
 
" तो बोल कैसे मिलेगा ?"
 
मंजू बाई का भी काम ख़तम होगया था। ठसके से उनका सर पकड़ के बोली ,
 
" अरे मुन्ना , कुछ मिनती करो ,हाथ पैर जोड़ो ,मान मनौवल करो ," 


और ये बोलते हुए उनकी लुंगी बनी साडी को कमर तक उठा के ,उनकी कमर में लपेट दिया।
 
मंजू बाई नीचे उतर आयी थी ,उनके बगल में खड़ी।
 
खूंटा अब एकदम बाहर खुल्लम खुला।

[Image: cock-20514937.jpg]

खूब कड़क।


 
मंजू बाई की निगाहें एकदम उसपर गड़ी रहीं ,फिर अचानक उसने अपनी मुट्ठी में उसे दबोच लिया।
 
" हथियार तो जबरदस्त है।  मस्त ,खूब कड़ा। "
 
हलके से दबाते हुए वो बोली, फिर धीरे धीरे मुठियाने लगी और मुठियाते हुए एक झटके में सुपाड़ा खोल दिया।
 
उसकी ओर आँख मार के मंजू बाई , हलके से मुस्कराते बोली ,
 
" बहुत भूखा लग रहा है। चाहिए क्या कुछ इसको ?"


[Image: holding-cock-tumblr-o050lrr-Zd-H1uk76xgo1-400.gif]
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ANUSHKA IS ASHWIN'S SWEET WIFE - by ashw - 05-04-2019, 06:02 AM
RE: जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी - by komaalrani - 02-09-2019, 11:10 AM



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